फिएट मनी के फायदे

क्या होती है डिजिटल करेंसी | ई रुपया | E Rupee RBI
E Rupee Digital Currency- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने हाल ही में 01 नवंबर 2022 से, पहली बार डिजिटल करेंसी शुरू करी है| फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल ट्रांसैक्शन के लिए ही चालू किया गया है| देश में आरबीआई की रिटेल डिजिटल करेंसी (ई-रुपया) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने-न रखने का विकल्प होगा| फिएट मनी के फायदे डिजिटल करेंसी (E Rupee) आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा| आइये जानते हैं क्या होती है डिजिटल करेंसी (E Rupee Digital Currency) और कैसे अलग है यह क्रिप्टो करेंसी से (Digital rupee Vs Cryptocurrency):
क्या होती है डिजिटल करेंसी (CBDC)
भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी निविदा (legal tender) के डिजिटल रूप में परिभाषित करता है| सीधे शब्दों में कहें, तो यह फिएट मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, यानी भारतीय रुपया जिसे एक फिएट मुद्रा (भारतीय रूपया) से बदला जा सकता है|
डिजिटल करेंसी के क्या फायदे हैं (Benefit of Digital Currency)
सीबीडीसी के वे सभी फायदे होंगे जो क्रिप्टोकरेंसी और भुगतान के डिजिटल रूपों में होते हैं| एक डिजिटल मुद्रा को कभी भी फाड़ा, जलाया या क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता है| यह खो भी नहीं सकते हैं| नोटों की तुलना में, मुद्रा के डिजिटल रूप की लाइफ इस प्रकार अनिश्चित होगी| लेनदेन लागत को कम करने के अलावा, एक डिजिटल मुद्रा होने से सरकारों के लिए अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले सभी लेनदेन तक पहुंचना आसान हो जाएगा और सरकारों की नज़र से बचना असंभव हो जाएगा| इस प्रकार प्रत्येक लेनदेन को देश के भीतर प्रासंगिक कानूनों के अधीन किया जाएगा|
आरबीआई की डिजिटल करेंसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा शासित होगी इसलिए इस डिजिटल करेंसी (E Rupee) में बिटकॉइन जैसी अन्य डिजिटल मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम बेहद कम होंगें|
आरबीआई ने बार-बार बिटकॉइन, ईथर और अन्य जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंता व्यक्त की है, जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और टैक्स चोरी के लिए किया जा रहा है| अपने स्वयं के सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी E Rupee) की शुरूआत को डिजिटल मुद्रा के लाभों और जोखिमों को पाटने के साधन के रूप में देखा गया है|
कब से शुरू हो रही है भारत की डिजिटल करेंसी (E Rupee)
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के पास रेगुलेटर का सपोर्ट है और यह डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर रहेगा| इसे पेपर करेंसी में बदला जा सकेगा जो आरबीआई की बैलेंस शीट में दिखाई देगा यानि आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी को वैधानिक मान्यता रहेगी| इसे 'इ रूपी'/ E Rupee कहेंगे| यह क्रिप्टो करेंसी नहीं है| यह फियट करेंसी यानि जिस करेंसी का सभी इस्तेमाल करते हैं, उसका डिजिटल रूप है|
दरअसल डिजिटल करेंसी की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2022 को बजट में की थी| उन्होनें ऐलान किया था कि आरबीआई वित्त वर्ष 2022-2023 में सीबीडीसी लांच करेगा| वित्त मंत्री ने कहा था कि यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा और इससे डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा|
रिज़र्व बैंक ने लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से 07 अक्टूबर 2022 को एक कॉन्सेप्ट नोट जारी फिएट मनी के फायदे किया था, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके| 31 अक्टूबर 2022 को आरबीआई ने डिजिटल रूपए की दिशा में आगे बढ़ते हुए होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रूपए के पहले पायलट का ऐलान किया| इस पायलट प्रोजेक्ट में भारत के नौ बैंकों को शामिल किया गया है (E Rupee Bank):
Digitization : भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण
किशन भावनानी। Digitization : वर्ष 1976 में आई फिल्म सबसे बड़ा रुपैया का मज़रूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखा और महमूद द्वारा गाया गीत, ना बीवी ना बच्चा ना बाप बड़ा ना मैया द होल थिंग इस दैट कि भैया सबसे बड़ा रुपैया, इस गीत की एक एक लाइन में इस आधुनिक युग में रुपए के महत्व को गाकर बताया गया है जो हमपर आज 46 साल बाद भी इसकी सच्चाई पर सटीक बैठता है, क्योंकि आज मुद्रा ही सब हो गई है, हर क्षेत्र में मुद्रा का ही बोलबाला है जो हकीकत बन चुका है, परंतु मेरे विचार से यह नहीं होना चाहिए। अगर हम यह गीत सुनेंगे तो हम वर्तमान परिस्थितियों में मेल खाती हुई सच्चाई को महसूस करेंगे। आज भारतीय मुद्रा दो तरह से प्रचलन में हैं। सिक्के और कागजी स्वरूप में,परंतु अंग्रेजों के आने से पहले मुद्रा केवल सिक्के के रूप में ही होती थी। सिक्के के रूप में भी भारतीय मुद्रा में समानता नहीं थी। एक मुद्रा एक स्थान पर तो मान्य थी, लेकिन दूसरे पर नहीं, जैसे हैदराबाद के निजाम के सिक्के अलग थे और सिखों के अलग। यह समानता मुगल लेकर आये और उन्होंने मुद्रा में एकरूपता स्थापित किया। चूंकि 1 नवंबर 2022 को भारतीय मुद्रा प्रणाली को डिजिटल रुपया (ई-रुपया) का आकार दिया गया है इसीलिए आज हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आई जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से इसपर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण (Digitization) की करें तो, भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी, 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की, 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (ई-रुपया)लांच हुआइसको भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी डिजिटल रुपया को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (आरबीआई) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की कि भारतीय रुपये के समानांतर डिजिटल ई-रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया गया है आरबीआई ने कहा हैकि ई-रुपया एक परिवर्तनीय कानूनी निविदा के रूप में कार्य करेगा, जिसके लिए धारकों को बैंक खाता रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
आरबीआई गवर्नर नेबुधवार को बैंकरों के फिएट मनी के फायदे वार्षिक सम्मेलन में कहा,रिजर्व बैंक महंगाई दर पर उसी तरह नजर रख रहा है, जैसे महाभारत में अर्जुन ने एक घूमने वाली मछली की आंख में तीर मारने के लिए ध्यान केंद्रित करते हुए रखी थी।अर्जुन के कौशल की बराबरी कोई नहीं कर सकता, लेकिन हमारी (आरबीआई) अर्जुन की तरह महंगाई दर पर लगातार नजर रखने की कोशिश है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब महंगाई दर काफी तेज है और आरबीआई जल्द ही सरकार को इस संबंध में स्पष्टीकरण देगा विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्कचुकाना पड़ता हैजबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।
साथियों बात अगर हम ई-रुपया के इस्तेमालकी करेंतो आरबीआई की ओर पूर्व में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, सीबीडीसी (डिजिटल रुपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा, इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने के बाद हमको हमारे पास कैश रखने की जरूरत नहीं या कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी। करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक ‘कीÓ के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।
ई-रुपया को हम अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे, इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे। सबसे बड़ी बात इस डिजिटल रुपया का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में होगा। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी। हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव नहीं होगा। साथियों बात अगर हम सीबीडीसी को समझने की करें तो, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है।
यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है। दो तरह की होगी सीबीडीसी,(1)रिटेल जो संभवत सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी(2)होलसेल सीबीडीसी, इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है।थोक खंड के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक आईडीएफसी फस्र्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं।
ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी हमारे लिए बहुत कुछ बदलने वाली है। साथियों बात अगर हम ई रुपया के फायदों की करें तो,देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने के बाद हमको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे बिजनेस में फिएट मनी के फायदे पैसों के लेनदेन का काम होजाएगा आसानसीबीडीसी द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगाचेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट (Digitization) नहीं रहेगा।
डिजिटल रुपया क्या है ? | Know About Digital Rupiya or Digital Currency in Hindi
हम सब डिजिटल युग में जी रहे है। डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। कोविड आने के कारण लोगो की ज़िंदगी में बहुत से बदलाव आए है जैसे लोग अब डिजीटल ट्रांजेक्शन ज्यादा कर रहे है। लोगो का झुकाव अब डिजीटल मुद्रा (Digital Currency) और क्रिप्टो के तरफ हो रहा है। डिजिटल मुद्राओं को लेकर पूरी दुनिया में दिवानगी बढ गई है। भारत सरकार भी डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करण इसी बीत बर्ष में लाने की तैयारी कर रही है। भारत सरकार डिजीटल मुद्रा को डिजिटल रुपया के नाम से जारी करने का प्लान बना रही है। आइए जानते है डिजीटल रुपया क्या है?
डिजीटल रुपया क्या फिएट मनी के फायदे है? (What is Digital rupiya in Hindi?)
भारत सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाली 2022-2023 वित्त वर्ष में डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करणे पेश करने वाली है। डिजीटल रूपया भौतिक रूप से प्रचलित रुपिया को डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा।
वित्त मंत्री द्वारा पेश 2022-23 के आम बजट के अनुसार ‘डिजिटल रुपया’ नामक डिजीटल मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जायेगा और इसे भौतिक मुद्रा यानि रूपया के साथ बदला जा सकेगा।
What is Central Bank Digital currency (CBDC क्या है?)
सीबीडीसी (CBDC) का फुल फार्म सेंट्रल बैंक ऑफ डिजीटल करेंसी) होता है। CBDC किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाने वाला डिजीटल मुद्रा है। इसे डिजीटल फिएट करेंसी या डिजीटल बेस मनी भी कहा जाता है। यह फिएट मुद्रा की तरह है और इसके माध्यम से लेनदेन किया जा सकता है।
CBDC एक केंद्रीय बैंक जारी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, जिसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है।
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Crypto Currency (क्रिप्टो करेंसी)
पिछले एक दशक में प्राइवेट डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट डिजिटल करेंसी किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है जबकि सीबीडीसी किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है। प्राईवेट करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता भी प्रभावित हो सकता हैं,इसी लिए RBI इसका विरोध कर रहा है।
CBDC के आने से फायदा क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 2022-23 के बजट भाषण में कहा CBDC की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि “डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी”।
आसान शब्दों में कहें तो सीबीडीसी एक वाणिज्यिक बैंक के बजाय एक केंद्रीय बैंक यानी RBI द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगा।
Tax on Digital currency or virtual currency in India (डिजीटल करेंसी फिएट मनी के फायदे या वर्चुअल करेंसी पर टैक्स)
प्राईवेट वर्चुअल करेंसी या प्राईवेट डिजिटल करेंसी (जैसे क्रिप्टो करंसी) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर विचार-विमर्श शुरु किया गया है और जो निस्कर्ष आएगा उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे।
बितमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य प्राइवेट डिजिटल Assets पर टैक्सेशन को स्पष्ट किया। उन्होंने प्राइवेट डिजिटल करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की है। डिजीटल एसेट को कर के दायरे में लाने के लिये इस संपत्ति की श्रेणी में एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
डिजिटल रूपया (CBDC) और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्या है?
वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं । लेकिन लोगो को अभी भी कंफ्यूज हैं कि सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी) को सरकार हां कर रही है और साथ ही बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना कर रही है। आइए इन दोनो के बीच के अन्तर को समझते हैं।
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CBDC (Digital currency)
विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल रुपये (Digital currency) की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है। डिजीटल रूपया (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजीटल करेंसी होता है जबकि बिटकॉइन (क्रिप्टो करेंसी) एक प्राईवेट वर्चुअल करेंसी है।
Central Bank Digital currency (CBDC) केंद्रीय बैंक के नियमों के अनुसार होता है जबकि बिटक्वाइन (क्रिप्टो करेंसी) अनियंत्रित होती है।
क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है वहीं डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
डिजिटल रुपये(CBDC) को सेंट्रल सरकार की मान्यता मिली होती है। इसके साथ ही डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है।
ऐसा भी प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए। इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है।
फिएट मनी के फायदे
RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?
- Post author: धन महोत्सव
- Post category: फाइनेंस
- Reading time: 2 mins read
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने कैशलेस और डिजिटल करेंसी के स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया है। जिसके माध्यम से एटीएम, यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के अलावा एक नई करेंसी का जन्म हुआ है जिसे हम क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।
RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होने के कारण इसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है यानी यह डिसेंट्रलाइज है। इस कारण से, क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने का विचार किया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में जाना जाएगा।
यह डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से संपर्क रहित लेनदेन करने के लिए किया जाएगा।
केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में जाना जाएगा।
एक ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी इसे वर्चुअल करेंसी या वर्चुअल मनी भी कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके वॉलेट या हाथ में नहीं दिखेगी लेकिन काम वर्तमान फिजिकल करेंसी जैसा करेंगी।
वर्तमान फिजिकल करेंसी या मनी को फिएट करेंसी (Fiat Currency) कहा जाता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रूप में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त एक डिजिटल मुद्रा होगी। यह एक फिएट मुद्रा के समान है जिसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है।
डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है?
आरबीआई की डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी के बीच मुख्य अंतर यह है कि आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को केंद्रीकृत किया जाएगा यानी इस पर भारत सरकार पर पूर्ण नियंत्रण होगा। जबकि, क्रिप्टो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक विकेन्द्रीकृत मंच है जिसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
डिजिटल रुपये को बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग माना जाएगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इस डिजिटल रुपये को भौतिक रुपये के बराबर माना जाएगा।
डिजिटल रुपया एक वैध मुद्रा मानी जाएगी जबकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को आभासी संपत्ति यानी virtual assets मान लिया गया है, जिसका अर्थ है कि इन मुद्राओं को कानूनी निविदा (Legal Tender) के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए 30% टैक्स में डिजिटल रुपया शामिल है?
नहीं, आरबीआई डिजिटल रुपया यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) 30% टैक्स से मुक्त है। इसके विपरीत, किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30% कर लगाया जाएगा।
सरकार ने टैक्स लगाकर इनडायरेक्ट (अप्रत्यक्ष) रूप से भारत में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता प्रदान कर दी है।
अगर आप किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई कर रहे हैं तो आप 30% टैक्स देकर इसे व्हाइट मनी में बदल सकते हैं।
केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राएं दो रूपों में आती हैं: 1. थोक सीबीडीसी (Wholesale CBDCs) और 2. खुदरा सीबीडीसी (Retail CBDCs)।
थोक सीबीडीसी केंद्रीय बैंक के भंडार की तरह हैं। केंद्रीय बैंक इसका उपयोग धन जमा करने या अंतरबैंक हस्तांतरण को निपटाने के लिए करेंगा।
खुदरा सीबीडीसी केवल उपभोक्ताओं और कंपनियों की ओर से संस्थागत सरकार समर्थित डिजिटल मुद्राओं के समान हैं। खुदरा सीबीडीसी मध्यस्थ जोखिम को खत्म करेंगे।
RBI ब्लॉकचेन तकनीक और अन्य उपकरणों का उपयोग करके एक भारतीय आभासी मुद्रा (Indian virtual currency) जारी करेगा। भारत में लगभग 20 मिलियन क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हैं।
चूंकि भारतीय क्रिप्टो बाजार आधिकारिक तौर पर विनियमित नहीं है, इसलिए डिजिटल संपत्ति की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई राजस्व के अन्य स्रोतों से नहीं की जा सकती है।
आरबीआई की यह डिजिटल करेंसी डिजिटल इकॉनमी को बड़ा बढ़ावा देगी। इसके अलावा, भारतीय वर्चुअल करेंसी अधिक कुशल और लागत प्रभावी होने के कारण मुद्रा प्रबंधन प्रणाली अधिक मजबुत होगी।
आने वाले वर्षों में, आप क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही भारतीय डिजिटल मुद्रा में लेनदेन करके भारी मुनाफा कमा सकते हैं। इस मुद्रा को आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, इसलिए यहां निवेशकों का जोखिम कम होगा।
वहीं, क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों का सौ फीसदी जोखिम होता है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है, इसलिए केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई यह मुद्रा निवेशकों के लिए फिएट मनी के फायदे काफी फायदेमंद होगी।
Cryptocurrency: खेल-खेल में हो रही कमाई! क्रिप्टोकरंसी गेमिंग से ऐसे बना सकते हैं पैसा
एक रिपोर्ट में पता चला है कि ऑनलाइन गेम खेलने वाले 75 परसेंट लोग यही चाहते हैं कि जिस प्लेटफॉर्म पर गेमिंग की सुविधा मिले, उसी प्लेटफॉर्म पर वे क्रिप्टोकरंसी से ट्रेडिंग भी कर सकें. उसी प्लेटफॉर्म पर वे क्रिप्टोकरंसी से खरीद-बिक्री भी कर सकें.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Sep 11, 2021 | 1:10 PM
क्रिप्टोकरंसी से खरीद-बिक्री अब आम बात है. कई बिजनेस आज क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) पर आधारित हैं. इसे देखते हुए गेमिंग इंडस्ट्री (crypto gaming) में भी क्रिप्टोकरंसी या वर्चुअल करंसी का बोलबाला है. यह नई चलन ऑनलाइन गेमिंग की है. ऑनलाइन गेम पहले भी होते थे, लेकिन क्रिप्टोकरंसी का प्रचलन नहीं था. जब से बिटकॉइन और इथर जैसी डिजिटल करंसी बाजार में आई है, तब से ऑनलाइन गेमिंग का दायरा बहुत बढ़ गया है. यह ऐसा प्रचलन है जिसमें क्रिप्टोकरंसी की मदद से ऑनलाइन गेम खेलने के साथ कमाई भी भरपूर कर सकते हैं.
गेमिंग इंडस्ट्री में अब ऐसे-ऐसे गेम बनाए जा रहे हैं जिसे लेने या खेलने के लिए रुपये-पैसे नहीं बल्कि क्रिप्टोकरंसी दी जा सकेगी. गेम ऑनलाइन है तो उसका पेमेंट भी ऑनलाइन क्रिप्टोकरंसी में होगा और पेमेंट के साथ गेम खेलने वाले की कमाई भी खूब होगी. कोरोना काल में दुनिया का शायद ही कोई हिस्सा या बिजनेस हो जो प्रभावित न हुआ हो. लेकिन गेमिंग का धंधा इतना तगड़ा है कि इसमें डबल डिजिट से भी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई. लोग लॉकडाउन में घरों में कैद रहे और वीडियो गेम से दिन काटते रहे. लिहाजा वीडियो गेम की कंपनियों को करोड़ों का फायदा हुआ. इन कंपनियों में सोनी, टेनसेंट, निनटेंडो और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के नाम हैं. कमाई के लिहाज से सोनी ने इन सभी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है.
क्रिप्टो गेमिंग का प्रचलन
दुनिया में जैसे-जैसे कंप्यूटर और मोबाइल गेमिंग (crypto gaming) में बढ़ोतरी हुई है, उसी हिसाब से क्रिप्टो गेमिंग में भी तेजी देखी जा रही है. हालिया ट्रेंड देखें तो क्रिप्टो गेमिंग ने परंपरागत गेमिंग को बहुत हद तक कम कर दिया है. इसकी वजह है कि परंपरागत गेमिंग में खेल के साथ कमाने का मौका नहीं मिलता, लेकिन क्रिप्टोकरंसी गेमिंग में खेलकर खूब पैसे भी कमा सकते हैं. एक रिपोर्ट में पता चला है कि ऑनलाइन गेम खेलने वाले 75 परसेंट लोग यही चाहते हैं कि जिस प्लेटफॉर्म पर गेमिंग की सुविधा मिले, उसी प्लेटफॉर्म पर वे क्रिप्टोकरंसी से ट्रेडिंग भी कर सकें. उसी प्लेटफॉर्म पर वे क्रिप्टोकरंसी से खरीद-बिक्री भी कर सकें.
क्रिप्टो गेमिंग का फायदा
यह बात पहले से जाहिर है कि क्रिप्टोकरंसी की खरीद-बिक्री करने के लिए आपके पास डिजिटल वॉलेट होना चाहिए. यह काम सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज पर किए जा सकते हैं. गेमिंग इंडस्ट्री ने इसी का फायदा उठाया है. कैंडी क्रश या मोनोपॉली गेम खेलने में जैसे कॉइन की कमाई होती है, उसी तरह का हिसाब क्रिप्टो गेमिंग भी किया गया है.
क्रिप्टो गेमिंग (gamefi) में खेलने के साथ क्रिप्टो का बिजनेस भी कर सकते हैं जिससे आपकी कमाई होती है. कैंडी क्रश में जैसे कॉइन मिलता जाता है और उसे स्टोर करते हैं, उसी तरह क्रिप्टो गेमिंग में क्रिप्टोकरंसी मिलती है जिसे ब्लॉकचेन पर जमा किया जा सकता है. फिर इसी ब्लॉकचेन के जरिये उसे बेचा जा सकता है. गेमिंग की क्रिप्टोकरंसी से किसी और क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं और उसे ट्रांसफर कर असली पैसा या फिएट मनी कमा सकते हैं.
कैसे होती है कमाई
इससे गेमिंग इंडस्ट्री को भी फायदा हो रहा है. गेम (gamefi) खेलने वाला व्यक्ति ऑनलाइन गेमिंग में जब भी कोई क्रिप्टो एसेट खरीदता है तो उसका कुछ हिस्सा गेमिंग कंपनी को भी जाता है. एक्सी इनफिनिटी, क्रॉप बाइट्स और गॉड्स अनचेन्ड लोकप्रिय ऑनलाइन गेम हैं जिसे खेलकर आप अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. क्रॉप बाइट्स पूरी तरह से देसी ऑनलाइन गेम है. यह फार्म सिमुलेशन गेम है जिसमें प्लेयर एनएफटी और क्रिप्टो की फिएट मनी के फायदे कमाई कर अपना पोर्टफोलिया बढ़ा सकता है. फिलहाल 80,000 प्लेयर क्रॉप बाइट्स गेम का इस्तेमाल करते हैं. यह ऐसी ऑनलाइन गेम साइट है जिस पर गेमिंग से क्रिप्टो और क्रिप्टो से पैसा कमाने का मौका मिलता है.