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वैश्विक संकेत

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अंतरराष्‍ट्रीय बाजार जोरदार तेजी

बांग्लादेश में युवा कार्यकर्ता, जलवायु परिवर्तन पर कारगर कार्रवाई की मांग के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं.

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 20 मई को नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि चीन वैश्विक स्वास्थ्य शिखर बैठक का बहुपक्षवाद पर कायम रहकर एकजुटता और सहयोग का शक्तिशाली संकेत भेजने की प्रतीक्षा करता है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मुकाबले में अब विश्व नाजुक वक्त से गुजर रहा है। चीन की आशा है कि वैश्विक शिखर बैठक वैश्विक संकट के निपटारे में जी-20 के महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाकर यथाशीघ्र ही महामारी को पराजित करने और वैश्विक स्वास्थ्य प्रबंधन में विश्वास और प्रेरणा डालेगा और एक साथ मानव स्वास्थ्य समुदाय निर्मित करेगा। (वेइतुंग)

मौजूदा जलवायु कार्रवाई योजनाएँ, वैश्विक तापमान में 'विनाशकारी वृद्धि टालने के लिये अपर्याप्त'

जलवायु परिवर्तन मामलों के लिये यूएन संस्था (UNFCCC) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते के अधिकांश हस्तारक्षरकर्ता देशों द्वारा प्रस्तुत की योजनाओं से, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी अवश्य आएगी, लेकिन ये योजनाएंँ इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये पर्याप्त नहीं हैं.

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में कमी लाने और जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर किये जा रहे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (National Determined Contributions) कहा जाता है.

इन मौजूदा राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं को लागू किये जाने से पृथ्वी के औसत तापमान में कम से कम 2.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने की आशंका है.

आशा की किरण

सभी देशों ने वर्ष 2021 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन के दौरान, अपनी जलवायु कार्रवाई योजनाओं की समीक्षा करने और उन्हें मज़बूत बनाने पर सहमति व्यक्त की थी.

लेकिन अभी तक 193 में से केवल 24 देशों ने ही अपनी योजनाओं में संशोधन किये हैं.

UNFCCC प्रमुख ने कहा, “. यह निराशाजनक है. सरकारों के निर्णय व कार्रवाई को तात्कालिकता के स्तर; हमारे समक्ष वैश्विक संकेत मौजूद ख़तरों की गम्भीरता और तेज़ी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी नतीजों से बचने के लिये बीते जा रहे समय को परिलक्षित करना होगा.”

रिपोर्ट के अनुसार जिन देशों ने अपनी नई योजनाएँ पेश की हैं, उनमें संकल्पों को मज़बूत बनाया गया है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये व अधिक महत्वाकांक्षा दर्शाई गई है, जोकि आशा का परिचायक है.

जीवाश्म ईंधन बिजली संयंत्र ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जक में से एक हैं जो जलवायु परिवर्तन का कारण बनते हैं.

विश्व नेताओं के नाम पुकार

दो सप्ताह से भी कम समय में, मिस्र के शर्म-अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27) आयोजित होगा.

UNFCCC प्रमुख सिमोन स्टीयल ने देशों की वैश्विक संकेत सरकारों से अपनी जलवायु योजनाओं की समीक्षा करने और उन्हें मज़बूत करने की पुकार लगाई है.

इस क्रम में, विज्ञान के नज़रिये से वैश्विक उत्सर्जन में ज़रूरी गिरावट और मौजूदा वास्तविकताओं के बीच की खाई को पाटा जाना होगा.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि कॉप27 एक ऐसा क्षण है जब वैश्विक नेता, जलवायु परिवर्तन से निपटने की कार्रवाई में तेज़ी ला सकते हैं, वार्ताओं से आगे बढ़कर उपाय लागू किये जाने पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं और ऐसे रूपान्तरकारी बदलाव अपना सकते हैं, जोकि जलवायु आपात स्थिति से मुक़ाबले के लिये ज़रूरी हैं.

सिमोन स्टीयल ने राष्ट्रीय सरकारों से आग्रह किया है कि उन्हें कॉप27 के दौरान यह दर्शाना होगा कि पेरिस समझौते को किस तरह क़ानूनों, नीतियों व कार्यक्रमों में समाहित किया जाएगा, और उपाय लागू किये जाने में सहयोग व समर्थन किस तरह सुनिश्चित किया जाएगा.

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वैश्विक बाजार से सकारात्मक संकेत, एशियाई बाजारों में भी उछाल

- अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव

नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। ग्लोबल मार्केट से सोमवार को मजबूती के संकेत नजर आ रहे हैं। एशियाई बाजारों ने भी आज मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की है, लेकिन अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव बना हुआ नजर आ रहा है।

पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी मार्केट उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूती के साथ बंद हुए थे। डाओ जोंस 400 अंक की मजबूती के साथ और नैस्डेक 132 अंक की मजबूती के साथ बंद हुए थे, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,770 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। माना जा रहा है कि भविष्य की आशंका के बावजूद बेहतर जॉब डेटा के कारण अमेरिकी बाजार की मजबूती कायम रही है। पिछले सप्ताह आए अमेरिकी जॉब डेटा उम्मीद से बेहतर रहे हैं।

RBI Article: सात प्रतिशत GDP हासिल करने की ओर बढ़ रहे कदम, महंगाई नरम पड़ने से अर्थव्यवस्था में आया लचीलापन

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मुद्रास्फीति के कम होने के संकेत मिलने के साथ ही घरेलू स्तर पर आर्थिक परिदृश्य के लचीला रहने का अनुमान बढ़ गया है। ऐसे में अर्थव्यवस्था लगभग सात प्रतिशत की जीडीपी हासिल करने की ओर बढ़ रही है। आरबीआई की ओर से जारी बुलेटिन में उम्मीद जताई गई है कि वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 6.1 से 6.3 फीसदी के बीच रह सकता है। हालांकि भारत अब भी वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े नवंबर के अंत तक जारी किए जाएंगे।

विस्तार

मुद्रास्फीति के कम होने के संकेत मिलने के साथ ही घरेलू स्तर पर आर्थिक परिदृश्य के लचीला रहने का अनुमान बढ़ गया है। ऐसे में अर्थव्यवस्था लगभग सात प्रतिशत की जीडीपी हासिल करने की ओर बढ़ रही है। आरबीआई की ओर से जारी बुलेटिन में उम्मीद जताई गई है कि वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 6.1 से 6.3 फीसदी के बीच रह सकता है। हालांकि भारत अब भी वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े नवंबर के अंत तक जारी किए जाएंगे।

नवीनतम आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित लेख एक लेख में यह भी कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण नकारात्मक बना हुआ है। वैश्विक वित्तीय स्थितियां कड़ी हो रही हैं और बाजार में लिक्विडिटी से जुड़ी चुनौतियों के कारण उतार-चढ़ाव बढ़ा है। केंद्रीय बैंक के ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि देश में खुदरा महंगाई दर में कमी दर्ज होने से अर्थव्यवस्था के प्रति मौद्रिक रुख में लचिलापन आने की संभावना बढ़ी है। आर्टिकल में कहा गया है कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत सात फीसदी की जीडीपी हासिल कर सकती है।

Gold-Silver Price Today : मजबूत वैश्विक संकेतों के बाद भी टूटा सोने का रेट

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News18 हिंदी 09-11-2022 News18 Hindi

© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "Gold-Silver Price Today : मजबूत वैश्विक संकेतों के बाद भी टूटा सोने वैश्विक संकेत का रेट"

नई दिल्‍ली. अंतराष्‍ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में आज आया जोरदार उछाल भी भारतीय बाजार में आज यानि मंगलवार, 9 नवंबर को सोने और चांदी को सहारा नहीं दे सकता है. अंतरराष्‍ट्रीय बाजार सोना आज 2 फीसदी से ज्‍यादा उछला है और चांदी का भाव करीब 3 फीसदी तक चढ़ गया है. लेकिन, मल्‍टी कमोडिटी एक्‍सचेंज (MCX) पर सोने का भाव (Gold Rate Today) बुधवार को शुरुआती कारोबार में 0.32 फीसदी टूटा है. वहीं, चांदी का रेट भी आज एमसीएक्‍स पर 0.28 फीसदी टूट गया है.

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