क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा
प्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने यह साफ करने के लिए कहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में वैध है या नहीं. केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और दूसरे डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को रेगुलेट करने के लिए बिल तैयार कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022 में ऐलान किया था कि केंद्र सरकार वर्चुअल एसेट्स पर 30 फीसदी की दर पर बड़ा टैक्स लगाएगी. इन क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? वर्चुअल एसेट्स में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन या NFTs शामिल है. इस क्रिप्टो टैक्स के लिए, बजट 2022 में नए सेक्शन 115BBH को पेश करने का प्रस्ताव किया गया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे वर्चुअल एसेट्स पर इनकम टैक्स लगाया जा सकेगा.
हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने से इसे कानूनी वैधता नहीं मिलती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को संसद में साफ किया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाना देश का सॉवरेन अधिकार होता है. हालांकि, रेगुलेशन पर कोई आधिकारिक बात केवल तभी आएगी, जब मौजूदा समय में चल रही बातचीत पूरी हो जाती है.
बजट 2022 के मेमोरेंडम में कहा गया था कि प्रस्तावित सेक्शन 115BBH सेक्शन का मकसद यह है कि जहां व्यक्ति की कुल आय में किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से कमाई गई इनकम शामिल है, वहां इनकम टैक्स को किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर इनकम टैक्स को 30 फीसदी की दर पर कैलकुलेट करना है.
1 फरवरी को अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा था कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा जारी डिजिटल रूपी को करेंसी के तौर पर मान्यता दी जाएगी. और सरकार 1 अप्रैल से किसी दूसरे निजी डिजिटल एसेट से कमाए गए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी. बजट 2022-23 में वर्चुअल करेंसी पर साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस और मिलने वाले के हाथ में ऐसे तोहफों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है. टीडीएस के लिए सीमा कुछ लोगों के लिए सालाना 50,000 रुपये होगी, जिसमें इंडीविजुअल या HUFs शामिल हैं, जिन्हें आईटी एक्ट के तहत अपने अकाउंट्स को ऑडिट कराने की जरूरत पड़ती है.
क्रिप्टो पर टैक्स कैसे वसूलेगी सरकार? आपको क्या अब पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए हर सवाल का जवाब
क्रिप्टोकरेंसी समेत डिजिटल ऐसेट पर अब भारत में 30 प्रतिशत का कर लगाने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अपने बजट भाषणा में की है। क्रिप्टो पर टैक्स की घोषणा का क्या है मतलब और ये कैसे लगाया जाएगा, जानें हर सवाल का जवाब-
क्रिप्टो पर भारत में लगेगा टैक्स (फाइल फोटो)
Highlights बजट में सभी क्रिप्टो ऐसेट से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की हुई है घोषणा। गिफ्ट में क्रिप्टोकरेंसी लेने पर भी टैक्स देना होगा, डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है।
हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।
यह नहीं, बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया।
सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं। आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते हैं-
क्रिप्टोकरेंसी पर कर कैसे लगेगा, ये कैसे काम करेगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा।
इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना है कि क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।
क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?
नहीं। आपको केवल अपनी आय क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।
लॉन्ग टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।
अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है, तो क्या मुझे टैक्स देना होगा?
नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।
कौन से लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगेगा?
अपने बजट भाषण के तुरंत बाद वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेनदेन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।
क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?
नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।
क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?
नहीं। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।
जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?
इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही हैं इसकी कीमतें?
भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.
बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.
यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.
बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.
बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.
इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.
चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.
इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.
जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क
Cryptocurrency: बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.
Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.
इन खबरों के बाद मार्केट को तो जोरदार झटका पहुंचा ही है लेकिन क्रिप्टो के बाजार में पैसा लगाने वाले भी अब परेशानी में आ गए हैं. इस मसले से जुड़े सभी बड़े सवालों के जवाब हम आपको यहां देने की कोशिश कर रहे हैं.
किस उद्देश्य से लाया जा रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में अब तक कोई नियम-कानून नहीं है. इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसका नाम होगा- क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिय डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इसके तहत रिजिर्व बैंक ऑफ इंडिया एक आधाकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करेगी.
इस बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को लेकर कुछ अपवाद जरूर रखे जाएंगे.
सरकार की घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो मार्केट का क्या हाल है?
जैसे ही सरकार की तरफ से क्रिप्टो बिल को लेकर घोषणा हुई भारत में क्रिप्टो मार्केट धड़ाम से गिरा. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? 15 क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. WazirX के डेटा के मुताबिक, रुपये के संदर्भ में देखे तो बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट आई, इथेरियम में 14 फीसदी, डॉजकोइन में 20 फीसदी से अधिक और पोलकाडॉट में 14 फीसदी की गिरावट आई और डॉलर-पेग्ड टोकन टीथर भी लगभग 17 प्रतिशत नीचे रहा.
सरकार के क्रिप्टो पर विधेयक लाने की घोषणा के बाद बाजार गिरा
विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी की क्या स्थिति है?
क्रिप्टो करेंसी को कई देशों में मान्यता दी गई है तो वहीं अधिकतर देश इस करेंसी की खिलाफ हैं. हाल ही में चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, बांग्लादेश, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.
वहीं अधिकतर देश अभी भी असमंजस की स्थिति में है कि इस करेंसी पर बैन लगना चाहिए या इसे वैध बना देना चाहिए. मध्य अमेरिका का अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टो करेंसी वैध है. रूस में क्रिप्टो करेंसी में निवेश तो कर सकते हैं लेकिन कुछ सामान खरीदने के लिए उसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.
अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में इसे पूरी तरह मान्यता तो नहीं दी गई है लेकिन यहां इस पर कोई पाबंदी भी नहीं है.
क्रिप्टो करेंसी में कितने भारतीय कर चुके हैं निवेश?
क्रिप्टो करेंसी बहुत ही ज्यादा परिवर्तनशील (वोलेटाइल) करेंसी है. ब्रोकर डिस्कवरी और Brokerchooser के मुताबिक भारत में बिटकॉइन ओनर की संख्या 10.07 करोड़ है. इसके अलावा अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया में बैन के बावजूद (1.30 करोड़) लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.
भारत में क्रिप्टो बैन के खिलाफ और पक्ष में क्या तर्क?
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सरकार प्राइवेट क्रिप्टो (e.g: Zcash, Monero, etc) को बैन करने की तैयारी में है. वहीं बिटकॉइन, इथीरियम पब्लिक क्रिप्टो में शामिल है. अब तक बिल पेश नहीं हुआ है इसलिए प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो की बहस से बचना चाहिए.
न्यूज 18 से बातचीत में cashaa के संस्थापक और सीईओ कुमार गौरव ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं होगा क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एक देश के रूप में अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे. हमें इसे उचित नियमों के साथ अपनाना चाहिए."
WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कहा कि "सरकार का रुख पहले जैसा ही लगता है. हमें बिल में दी गई बातों को पढ़ना चाहिए. बिटकॉइन एक पब्लिक ब्लॉकचेन पर एक पब्लिक क्रिप्टो करेंसी है."
इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिप्टो एजुकेशन प्लेटफॉर्म Bitnning के फाउंडर काशिफ रजा ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव जो अब आज हमारे पास है वही पिछली बार भी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल के समान है.''
केवल एक चीज जो क्रिप्टो निवेशकों को डरा रही है, वह है क्लॉज निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में. मूल रूप से अगर हम इसके द्वारा जाते हैं, तो केवल सरकार द्वारा समर्थित करेंसी को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी को नहीं. लेकिन यह अंतिम नहीं है. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और पूरे बिल के आने का क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? इंतजार करना चाहिए".
Unocoin के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ का मानना है-"प्राइवेट क्रिप्टो की परिभाषा कहीं भी उपलब्ध नहीं है, चाहे हम इसे पढ़ने का प्रयास करें. साथ ही सरकार की ओर से आज जो कुछ बातें हमारे पास हैं, उनके बारे में भी यह वही है जो उन्होंने पहले पेश किया था. लगता है कुछ भी नहीं बदला है. हमें इससे संभलकर चलना होगा. यह एक बहुत ही मनमाना शीर्षक है जो पिछली बार था, अब भी वही है. आज जो तीन, चार बातें निकली हैं, उन पर नजर डालें तो ऐसा लग सकता है कि कोई नया बिल नहीं है, यह पुराने जैसा ही है. फिलहाल, हम अभी इसका कोई मतलब नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां, निवेशक निश्चित रूप से आशंकित हैं."
तो अब पेटीएम से भी खरीद सकेंगे बिटकॉइन! जानें कंपनी की क्या है प्लानिंग
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर सकती है.
- Money9 Hindi
- Publish Date - November 4, 2021 / 06:29 PM IST
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम (Paytm) का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर सकती है. हालांकि देश में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. लेकिन जल्द ही वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट किया जा सकता है. कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ओर इशारा किया था. वहीं पेटीएम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मधुर देवड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी नियम साफ नहीं है. सरकार इजाजत देगी तो वह बिटकॉइन को बेचेगी. उन्होंने क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? कहा कि जैसे ही वर्चुअल करेंसी की खरीद और बिक्री देश में पूरी तरह वैध हो जाती है तो पेटीएम इसकी बिक्री पर फोकस करेगी.
देश का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में है पेटीएम
देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का क्रिप्टोकरेंसी पर बयान ऐसे समय आया है जब वह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO (Initial public offer) लाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि पेटीएम का IPO अगले सोमवार यानी 8 नवंबर को खुलेगा. कंपनी शेयर बाजार में IPO के जरिए प्रवेश करने वाली है. कंपनी का IPO करीब 18 हजार करोड़ रुपये का होगा.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में सबसे आगे है भारत
एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में भारत सबसे आगे है. देश में खासकर युवाओं के बीच क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टो करेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता. बता दें कि RBI ने मार्च 2020 में इस पर बैन लगाया था. हालांकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. मार्च 2020 में कोर्ट ने इसे हटा दिया.