भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

2. यूनाइटेड किंगडम
जानिए क्या है CryptoCurrency? Supreme Court के आदेश के बाद भारत में हो गई है वैध
न्यूज – सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। यानी अब देश के सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं। बता दें कि RBI ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन दिया था।
आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है, जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री ने कही यह बड़ी बात, आप भी जाने.
रूसी सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के आधार पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की अवधारणा को मंजूरी दी थी।
नई दिल्ली। रूस जल्द या बाद में भुगतान के साधन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को वैध कर देगा। रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री, डेनिस मंटुरोव, एक शैक्षिक कार्यक्रम में मंच पर आए, जिसमें कहा गया कि सरकार और केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपने लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को हल करने के करीब जा सकते हैं। देश के वित्त मंत्रालय ने फरवरी की शुरुआत में एक विधायी प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो देश में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के केंद्रीय बैंक के अनुरोध के खिलाफ था।
क्रिप्टोकरेंसी का वो नकारात्मक पहलू जिस पर कोई प्रकाश नहीं डाल रहा
क्रिप्टोकरेंसी जब से मार्केट में आया है इसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। दुनिया बिटकॉइन जैसे कई क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने के लिए उत्साहित दिखाई दे रही है। हालांकि, मीडिया केवल क्रिप्टोकरेंसी में अपना अव्वल स्थान बना चुके बिटकॉइन के सकारात्मक पक्ष को दिखाने में व्यस्त है, जबकि इसका एक नकारात्मक पक्ष भी है, जिसपर चर्चा करना अति आवश्यक है। इस लेख में बिटकॉइन के नकारात्मक पक्ष को विस्तार से समझेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या हमें वास्तव में बिटकॉइन को स्वीकार करना चाहिए?
बिटकॉइन की लोकप्रियता इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि 2020 में बिटकॉइन की कीमत चार गुना बढ़ चुकी थी और वर्ष के अंत तक इसकी कीमत 29,000 डॉलर के करीब पहुंच गयी थी। मौजूदा समय में इसकी कीमत 60,290 डॉलर के करीब पहुंच गई है। वैश्विक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी बाजार में साल 2025 तक इसकी कीमत 57 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचने का अनुमान है। समस्या यह है कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार के लिए कोई कानूनी नियम नहीं हैं। यहां तक कि कई देशों की सरकार भी बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय में हैं। यही कारण है कि कोई भी विनियमित वित्तीय संस्थान क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का समर्थन नहीं करता है।
उभरता हुआ खतरा है क्रिप्टोकरेंसी
जब आप भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही पैसे को ट्रैक नहीं कर सकते, तो लोग अवैध लेनदेन के लिए इसका फायदा उठाना शुरू कर देते हैं। डार्क वेब पर इसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, फिरौती की मांग जैसे मामलों के लिए किया जा रहा है। साल 2017 और 2020 के भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही बीच सबसे अधिक क्रिप्टोकरेंसी फंडिंग प्राप्त करने वाले अपराध के उदाहरण देखें, तो इसमें आतंकवादियों की फंडिंग, डार्क वेब पर ड्रग्स और हथियार का क्रय-विक्रय, कई तरह के घोटाले आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्रिप्टो का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों जैसे कि मनी भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही लॉन्ड्रिंग और कर चोरी तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जाता है।
हम देख सकते हैं कि कानून प्रवर्तन और सुरक्षा संगठनों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को एक उभरता हुआ खतरा क्यों माना जाता है। उदाहरण के लिए अगर भारत ने भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही क्रिप्टोकरेंसी को वैध बना दिया तो फिर न तो मनी लॉन्ड्रिंग के स्रोतों का भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही पता चलेगा और न ही आतंकी फंडिग का। पाकिस्तानी आतंकियों के लिए भी फंडिंग के नए रास्ते खुल जाएंगे और अमेरिका तथा अन्य देशों में बैठी भारत-विरोधी ताकतें इसका सबसे अधिक फायदा उठाएंगी तथा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। यही कारण है कि भारत सरकार ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल, “The Cryptocurrency and Regulation of official digital currency Bill 2021” पारित किया था।
इससे मिलेगा वित्तीय अपराधों को बढ़ावा
ब्लॉकचेन एक बेहतरीन तकनीक है और वास्तव में वित्तीय लेनदेन के लिए उपयोगी भी है। हालांकि, यह दिन-प्रतिदिन के लेनदेन को लक्षित नहीं करता है। क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर करता है जो एक पारस्परिक समझौता आधारित Mutual Agreement पर आधारित प्रणाली है। ब्लॉकचेन तकनीक में कई स्थानों पर शेयरिंग और अपडेटिंग की आवश्यकता होती है, जिससे खुदरा लेनदेन के लिए सिस्टम बहुत धीमा हो जाता है।
अगर देखा जाये तो क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से विश्वसनीय नहीं है। नकारात्मक पक्ष सीधे तौर पर किसी भी देश की आंतरिक सुरक्षा को निशाना बनाते हैं। क्रिप्टोकरेंसी की चलन बढने से न सिर्फ देश में आतंकी भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही गतिविधियों के बढने का डर रहेगा, बल्कि हर प्रकार के वित्तीय अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम इस सवाल पर दोबारा विचार करें कि क्या हमें वास्तव में बिटकॉइन को स्वीकार करना चाहिए?
Digital Rupee: बजट 2022 में हुई डिजिटल करेंसी की घोषणा, किस तरह काम करेगी भारत की अपनी डिजिटल करेंसी
आज संसद में हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री (फाइनेंस मिनिस्टर) निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश किया है। इसी बजट में उन्होंने बताया कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अब अगले फाइनैंशियल ईयर (2022-23) में भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। ये वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2022 को शुरू होने वाला है। इससे डिजिटल इकॉनमी और कोरोना से चरमराई भारतीय की वर्तमान स्थिति में मदद मिलेगी।
इससे पहले भी RBI की तरफ से डिजिटल करेन्सी को लेकर एक इशारा आया था, लेकिन सरकार की तरफ से इसकी पहली ऑफिशियल या आधिकारिक घोषणा अब हुई है। इसे CBDC (Central Bank Digital Currency) के नाम से आज के बजट सत्र में पेश किया है।
किस तरह काम करेगा ये डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी ?
सबसे पहले तो ये एक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कानूनी करेंसी या मुद्रा है। जिस तरह भारत में 100, 500, 2000 के नोट वैध या मान्य हैं, वैसे ही ये डिजिटल करेंसी भी एक लीगल (कानूनी) भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही करेंसी है, जिसका उपयोग आप इन नोटों की जगह भी कर सकेंगे। यहां फर्क केवल इतना है कि ये 500, 2000 के नोट एक पेपर की रेगुलर करेंसी, जबकि CBDC डिजिटल करेंसी होगी। साधारण भाषा में कहें तो CBDC वैसी ही मुद्रा या रूपए हैं, जैसे हम अभी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
CBDC एक डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध, भारत की अपनी करेंसी है, जो आगे लेन-देन को और आसान करेगी। RBI के अनुसार, ये अभी मौजूद रेगुलर करेंसी का एक सुरक्षित और आसान विकल्प होगा। हालांकि ये एक क्रिप्टो करेंसी नहीं है और भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही भारत में क्रिप्टो करेंसी मान्य भी नहीं है। साथ ही RBI ने साफ़ किया भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही है कि CBDC एक लीगल करेंसी है, लेकिन ये अन्य वर्चुअल करेंसियों से बिलकुल अलग है।
Cryptocurrency को लेकर केंद्र सरकार लाने जा रही है कानून, जानें दूसरे देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नियम?
नई दिल्ली। केद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश करने वाली है। माना जा रहा है कि इस बिल में प्राइवेट क्रप्टोकरेंसी को बैन किया जा सकता है। या फिर उन्हें रेगुलेट करने के लिए सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। क्रिप्टो बैन की खबर के बाद निवेशकों ने भी अपने पांव पीछे खींचे हैं। जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है?
1. अमेरिका
सबसे पहले बात करते हैं अमेरिका की। US में ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक रूख है। हालांकि, भारत की तरह ही वहां भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच समानांतर नियम चलते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों का रुख एक दूसरे और देश की सरकार से अलग हो सकता है। लेकिन क्रिप्टो पर जब तक वहां के फाइनेंशियल सिस्टम पर बुरा असर नहीं पड़ता, तबतक तो माहौल समर्थन वाला ही है। यहां अलग-अलग बिजनेस के अवसरों को जगह मिलती है, ऐसे में क्रिप्टो पर बैन की बात अभी यहां मुश्किल ही है।