ज़ी न्यूज़

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी
नयी दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले साल तक खुद ही डिजिटल करेंसी लांच करेगी, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी।

Youth Trend

RBI Digital Currency : डिजिटल Rupee से भारत में हुई नये युग की शुरुआत, जानें आपको होगा कितना फायदा

RBI Digital Currency : आखिरकार लंबे समय से जिस चीज का इंतजार था वो आज पूरा होने जा रहा है, क्योंकि देश में आज से डिजिटल लेन-देन के नए युग की शुरुआत होगी। दरअसल, केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश की डिजिटल करेंसी यानी ‘डिजिटल रुपया’ (Digital Currency) का पहला पायलट परीक्षण आज से शुरू करने जा रहा है। RBI ने देश के 9 सरकारी और प्राइवेट बैंकों को इस प्रोसेस में शामिल होने की परमिशन दी है। आइये जानते है डिजिटल करेंसी क्या हैं, भारत के पहले डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का आने वाले समय में हम सभी पर इसा क्या प्रभाव पड़ेगा।

RBI Digital Currency : डिजिटल Currency क्या है?

सबसे पहले जानते है कि डिजिटल करेंसी क्या है, बता दें कि Digital Currency भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोटों का ही डिजिटल स्वरूप है। यह कैश और कॉन्टैक्ट लैस पेमेंट मोड होगा, जो यह क्यू-आर कोड और SMS स्ट्रिंग पर आधारित है जो ई-वाउचर के रूप में काम करता है। इसका इस्तेमाल सभी तरह के लेन-देन के लिए किया जा सकेगा। इस सर्विस के तहत यूजर को पेमेंट करने के लिए न तो कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप और न ही इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस की जरूरत होगी। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे। RBI ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-R और CBDC-W में बांटा है। CBDC-W का मतलब होता है होलसेल करेंसी। ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह वैलिड और मान्य होंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।

डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है

  1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए भारत की खुद की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोग्राफी का यूज करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का कंट्रोल नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
  2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
  3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) : सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक भारत की खुद की डिजिटल करेंसी द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।

सेंट्रल बैंक ने कही ये बात

सेंट्रल बैंक ने कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास जगहों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे मिले लेसन और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना की गई है। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सक्सेसफुल रहता है तो दूसरे कई क्षेत्रों में एक्सपेरिमेंटल तौर पर CBCD के इस्तेमाल की शुरूआत की जाएगी। कुछ महीनें के अंदर खुदरा वित्तीय लेन देन में भी Digital Currency के इस्तेमाल की इजाजत दिये जाने की संभावना है।

रिजर्व बैंक ने कही ये बात

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये (E Rupee) के प्रयोग से Securities Market में अंतर बैंकिंग लेन देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। सेटलमेंट की प्रोसेस की लागत भी कम हो सकेगी। RBI ने ये भी बताया कि दूसरे लेन देन में भी थोक लेन देन की तरह Digital Currency का यूज शुरु किया जाएगा। इन फ्यूचर डिजिटल रूपए को भविष्य में विदेशों में भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी वैल्यू करेंसी नोट के बराबर ही होगी। लोग इसको देकर करेंसी नोट भी ले सकेंगे।

क्या digital currency-crypto currency की तरह है?

आपके मन में जरुर ये सवाल होगा कि क्या ये क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करेगा, तो बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह प्राइवेट है। इसकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है। इस पर सरकार या आरबीआई का कंट्रोल नहीं होता है। वहीं RBI की Digital Currency पूरी तरह से वैलिड है क्योंकि इसे खुद आरबीआई ने लॉन्च किया है, जिसे सरकार की मंजूरी है। RBI का रेगुलेशन होने से टेरर फंडिंग, मनी लॉउंड्रिंग की आशंका नहीं रहेगी। क्रिप्टो का भाव घटता बढ़ता रहता है, पर डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं होगा। लोगों को Digital Rupee को फिजिकल करेंसी में भी बदलने की सुविधा मिलेगी। तो इससे ये साफ होता है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी एक जैसे नहीं है।

इन बैंकों को Digital Currency के यूज की मिली परमिशन

जिन बैंको को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर Digital Currency के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है, उसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, YES बैंक, आइडीएफसी बैंक, एचएसबीसी शामिल हैं।

क्या होगा इसका फायदा

बता दें कि e-RUPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह कई सामाजिक कल्याण योजनाओं में मदद कर सकता है। इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, फर्टिलाइजर सब्सिडी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी जैसी योजनाओं में मददगार साबित हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ये निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी अपने वेलनेस और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम्स के हिस्से के रूप में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन का उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है।

Digital Currency के अन्य फायदे

  • Digital Currency का इस्तेमाल बैंकों के बीच होने वाले बड़े लेन देन के लिए किया जा सकेगा।
  • चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन का झंझट खत्म हो जाएगा।
  • Digital Currency जारी होने से पेपर करेंसी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी की प्रिंटिंग का खर्चा भी बचेगा।
  • CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा।CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा।
  • नकली करेंसी का टेंशन भी खत्म होगा।

हमसे जुड़े तथा अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter Sharechat Koo App YouTube Telegram पर फॉलो व सब्सक्राइब करें

जानिए क्या है आरबीआई की डिजिटल करेंसी और कैसे काम करेगी !

रिजर्व बैंक मंगलवार को उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिनकी अपनी डिजिटल मुद्राएं हैं। यानी भारत के पास अब अपना खुद का डिजिटल रुपया होगा। डिजिटल रुपये का एक पायलट प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुका है और वर्तमान में इसका उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों के लेनदेन के लिए किया जा रहा है। फिलहाल होलसेल सेगमेंट में ही डिजिटल रुपये से लेन-देन किया जाएगा। एक महीने में रिटेलर्स के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। वर्तमान में, भारतीय स्टेट बैंक सहित थोक खंड में देश के 9 बैंकों का चयन किया गया है।

डिजिटल करेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे दूसरे देशों में लेन-देन करना और एक बैंक से दूसरे बैंक में लेन-देन करना आसान हो जाएगा। ये बहुत जल्दी काम करेगा। डिजिटल करेंसी को समझने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन और डिजिटल रुपये के बीच के अंतर को समझना होगा। डिजिटल ट्रांजैक्शन वह है जिसमें हम अपना पैसा किसी को डिजिटल माध्यम से देते हैं। या तो दुकानदार या किसी और पर आपका पैसा बकाया है। इसमें हम अपना पैसा डिजिटल रूप से दूसरों को देते हैं। इसे डिजिटल ट्रांजैक्शन कहते हैं जो डिजिटल करेंसी से बिल्कुल अलग है।

डिजिटल करेंसी में आपका रुपया पूरी तरह से डिजिटल होगा। डिजिटल ट्रांजेक्शन में आपका पैसा डिजिटल नहीं होता है, लेकिन जिस तरह से भेजा जाता है वह डिजिटल होता है। डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं होगा क्योंकि आप डिजिटल ट्रांजेक्शन करते समय ही किसी को डिजिटल मनी दे रहे होंगे। भारत के डिजिटल रुपये का स्वरूप अभी निश्चित नहीं है। थोक लेनदेन के लिए वर्तमान में डिजिटल रुपये का उपयोग किया जा रहा है, जिसका एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस काम में 9 बैंक शामिल हैं, जो एक-दूसरे को पैसे ट्रांसफर करते हैं या डिजिटल रुपये के जरिए ट्रांजैक्शन करते हैं।
डिजिटल रुपया क्या है?

जैसा कि नाम से पता चलता है, डिजिटल रुपया आपके बैंक नोट का डिजिटल रूप होगा। डिजिटल रुपये का नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या सीबीडीसी है। यह किसी भी करेंसी नोट का डिजिटल रूप है जो रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा। बैंक नोट भी रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं, इसी तरह रिजर्व बैंक नोटों के बदले डिजिटल रुपये जारी करेगा। जैसे हम किसी को नोट देंगे, वैसे ही डिजिटल रुपए भी देंगे। लेकिन देने का तरीका बिल्कुल अलग होगा। डिजिटल रुपये बैंक नोटों की तरह मैन्युअल रूप से जारी नहीं किए जाएंगे, बल्कि डिजिटल रूप से जारी किए जाएंगे। जैसे मोबाइल से या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए। शायद संदेशों के जरिए दूसरों को भी डिजिटल पैसा दिया जा सकता है। इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
लेन-देन कैसे होगा?

जैसे हम दुकानदार से पूछते हैं कि क्या हम नोट की जगह पेटीएम या गूगल पे से पैसे दे सकते हैं। इसी तरह हम नोटों की जगह अपने खाते से डिजिटल रुपये जारी कर सकेंगे। इसी तरह, हम किसी से भी नोटों के लिए डिजिटल रुपये का आदान-प्रदान कर सकेंगे। डिजिटल रुपये के आने से नोटबंदी खत्म नहीं होगी, बल्कि लोगों को लेन-देन का एक अतिरिक्त साधन मिलेगा। सबसे बड़ा अंतर यह होगा कि हम अपना पैसा अभी खाते में जमा करते हैं या रुपये के बजाय डिजिटल लेनदेन के माध्यम से। डिजिटल करेंसी में रुपए की जगह सिर्फ डिजिटल रुपए ही जमा किए जाएंगे, जो पूरी तरह से डिजिटल होगा।

डिजिटल करेंसी क्या है, जो भारत की आधिकारिक करेंसी हो सकती है

What is a digital currency, which can be the official currency of India

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) सेंट्रल बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी मुद्रा होगी। यह “ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों” पर आधारित होगा। सीधे शब्दों में कहें तो सीबीडीसी भारतीय रुपये का डिजिटल रूप होगा।

2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल मुद्रा के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय वर्ष 2022-23 में डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा और यह भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा होगी। उन्होंने बिटकॉइन जैसी आभासी मुद्राओं से होने वाले मुनाफे पर 30% फ्लैट टैक्स की भी घोषणा की। ये दोनों मुद्दे तब से चर्चा का विषय बने हुए हैं। हालांकि, सरकार ने अधिक जानकारी नहीं दी। तो आइए आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे में बताते हैं।

डिजिटल करेंसी क्या है?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) सेंट्रल बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी मुद्रा होगी। यह “ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों” पर आधारित होगा। सीधे शब्दों में कहें तो सीबीडीसी भारतीय रुपये का डिजिटल रूप होगा। एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करना शुरू कर देता है, तो हम और आप जैसे आम लोग इसे नियमित रुपये की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। डिजिटल रुपया आपके NEFT, IMPS या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा। आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान के लिए कर सकते हैं। आप इसे विदेश भेज सकते हैं। आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं।

इस डिजिटल मुद्रा की आवश्यकता क्यों है?
फिलहाल इस बारे भारत की खुद की डिजिटल करेंसी में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन भारत सरकार डिजिटल करेंसी लॉन्च कर रही है क्योंकि आज डिजिटल करेंसी का जमाना है और भारत किसी भी तरह से दूसरे देशों से पीछे नहीं रहना चाहता। हम सभी की तरह सरकार ने भी माना है कि इस करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सरकार ने वर्चुअल करेंसी के अस्तित्व को नकारने के बजाय अपनी खुद की करेंसी लाने का फैसला किया है। नियमित मुद्रा के विपरीत, आपको डिजिटल मुद्रा को स्थानांतरित करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि यह ब्लॉकचैन आधारित होगा, आप इसे सीधे किसी अन्य व्यक्ति के डिजिटल रुपया वॉलेट में स्थानांतरित कर सकते हैं।

यह बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्रा से भारत की खुद की डिजिटल करेंसी कैसे भिन्न होगा?
डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन और एथेरियम जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी से मौलिक रूप से अलग होगी क्योंकि इसे राज्य द्वारा अनुमोदित किया जाएगा और इसका आंतरिक मूल्य होगा। सरकार बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को आभासी संपत्ति मानती है। इसका मतलब है कि वे कानूनी निविदा नहीं होंगे।

क्या यह पारंपरिक रुपये की जगह लेगा?
इस डिजिटल करेंसी को करेंसी माना जाएगा। इससे सरकार को कम नोट छापने और जालसाजी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। यह “अधिक कुशल और किफायती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली” बनाने में मदद करेगा। नियमित रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को ऑनलाइन लेनदेन के लिए बैंक मध्यस्थों की आवश्यकता नहीं होती है। प्रेषक और प्राप्तकर्ता ब्लॉकचेन का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं और आरबीआई गारंटर होगा।

क्या डिजिटल रुपये के कोई नुकसान हैं?
डिजिटल रुपये का इस्तेमाल हमेशा पैसे के पीछे रहेगा। इसका मतलब है कि सरकार यह ट्रैक कर सकेगी कि आपने पैसे का इस्तेमाल कहां और कैसे किया। इससे गोपनीयता की चिंता बढ़ेगी क्योंकि इसमें शामिल पक्षों के वित्तीय लेनदेन को लीक और दुरुपयोग किया जा सकता है।

डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा?
कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह तभी होगा जब संसद क्रिप्टोकुरेंसी विनियमन और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक पारित करेगी, जो आरबीआई को डिजिटल रुपया जारी करने की शक्ति देगी। इस बिल के संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश होने की संभावना नहीं है। इसे कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही में मानसून या शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

Digital currency RBI: हर महीने पहली तारीख को कई बदलाव होते हैं लेकिन नवंबर महीने की पहली तारीख को भारत की अर्थव्‍यव्‍स्‍था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. RBI अपना खुद का डिजिटल रुपया लॉन्‍च करने जा रहा है. क्‍या इसके बाद नोट छपेंगे? पुराने नोट चलेंगे या नहीं. आइए जानते हैं.

वायरल न्यूज़

Digital rupee rbi in Hindi: भारत भी उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा जिसकी अपनी खुद की डिजिटल करेंसी होगी. जी हां, 1 नवंबर को RBI अपना खुद का डिजिटल रुपया जारी करने जा रही है. हालांकि आपको बता दें अभी ये सिर्फ पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है. डिजिटल करेंसी लाने की बात बजट घोषणा के समय ही हो चुकी थी. उस समय से ही इंतजार हो रहा था कि डिजिटल करेंसी कब आएगी. अब लोगों का इंतजार खत्‍म हो चुका है. क्‍या पायलट प्रोजेक्‍ट में आम लोग इस वर्चुअल करेंसी को खरीद सकते हैं? ये करेंसी कैसी होगी? इसका दाम क्‍या होगा? इस करेंसी की कोई गारंटी भी है या नहीं. जानिए इस लेख में.

कब आएगा Digital Rupee?

रिजर्व बैंक कुल 9 बैंकों के साथ इस करेंसी को लॉन्‍च करने वाला है. डिजिटल रुपी का इस्तेमाल बड़े पेमेंट के लिए होगा. बैंक के मुताबिक, सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जाएगा. महीने भर में रिटेल ट्रांजैक्शन के लिए भी इसका यूज किया जा सकेगा.

क्‍या आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं Digital Rupee?

RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को बताया था कि वह जल्द ही डिजिटल रुपी के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने वाला है. इस पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपये का इस्तेमाल सीमित लोगों तक रखा गया है. इस पायलट प्रोजेक्ट के रिजल्‍ट के आधार पर इसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा. आपको बता दें कि डिजिटल रुपये आने से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम लगेगा.

क्‍या इसके बाद नोट छपेंगे?

सोशल मीडिया के दौर में अफवाहों का बाजार गर्म रहता है, लेकिन आपको बिल्‍कुल भी लोड नहीं लेना है. RBI डिजिटल रुपी लाने के बाद भी नोट छापना जारी रखेगा और बाजार में कैश का सिस्‍टम खत्‍म नहीं होने वाला है और न ही सरकार ने अभी तक ऐसा कुछ कहा है.

वर्चुअल करेंसी को कैसे खरीदें

जिस तरह 10, 20, 50, 100,500, 2000 के नोट होते हैं. उसी वैल्यू (डिनॉमिनेशन) में डिजिटल रुपी भी रहेगी. डिजिटल रुपी कितनी रखी जा सकती है. इसकी सीमा भारत की खुद की डिजिटल करेंसी अभी तय नहीं की गई है. डिजिटल रुपी आपकी जेब में नहीं होगी. इसका इस्‍तेमाल वर्चुअल वर्ल्ड में होगा. आपको बता दें कि इस करेंसी के पीछे RBI की गारंटी होगी यानी कि ये Bitcoin की तरह नहीं होगी. इसे खरीदना पूरी तरीके से सेफ रहेगा.

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

Hit enter to search or ESC to close

अगले साल तक आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी करेगी लांच: वित्त मंत्री

अगले साल तक आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी करेगी लांच: वित्त मंत्री

नयी दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले साल तक खुद ही डिजिटल करेंसी लांच करेगी, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी।

आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी लांच करते ही भारत उन चुनिंदा देशों के सूची में शामिल हो जायेगा , जहां के सेंट्रल बैंक खुद की डिजिटल करेंसी लांच कर चुके हैं। अब भी अधिकतर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लेकर परिकल्पना ही तैयार करने के दौर में हैं।

संसद में आज दिये गये अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि ब्लॉकचेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके आरबीआई 2022-23 की शुरुआत में डिजिटल करेंसी लायेगी। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर विचार कर रही है। हालांकि, निजी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उसका मत भिन्न है।

आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांता दास ने पहले ही कहा है कि मैक्रोइकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही चिंताजनक विषय है।

करीब 80 प्रतिशत से अधिक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लेकर उत्सुक हैं। चीन का डिजिटल आरएमबी किसी बड़ी अर्थव्यवस्था द्वारा जारी की गयी पहली डिजिटल करेंसी है। तजाकिस्तान ने 27 सिंतबर 2021 को फैंटम फांउडेशन के साथ सीबीडीसी लांच करने की घोषणा की थी और नाइजीरिया ऐसा पहला अफ्रीकी देश था, जिसने अपनी सीबीडीसी लांच की थी।

बैंक ऑफ अमेरिका ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी मौजूदा डिजिटल करेंसी से अलग होगी क्योंकि यह किसी वाणिज्यिक बैंक की नहीं बल्कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की जिम्मेदारी होगी और इसीलिए इसमें कोई क्रेडिट या लिक्वि डिटी रिस्क नहीं होगा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सीबीडीसी के लाभ और जोखिम को लेकर एक पेपर भी प्रकाशित किया है।

पहले भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नये नियम आने वाली थी लेकिन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 नहीं पेश किया गया।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये यहां क्लिक करें।

रेटिंग: 4.23
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 609
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *