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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं
भारत में सिर्फ 3 फीसदी निवेश

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Cryptocurrency Exchange पर क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने के लिए कितनी फीस देनी होती है? जानिए

Cryptocurrency Exchange पर क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने के लिए कितनी फीस देनी होती है? जानिए

Cryptocurrency Trading के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज निवेशकों से फीस लेते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट (Cryptocurrency Market) पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से बढ़ा है. अगर भारत की ही बात करें तो 2021 क्रिप्टो बूम लेकर आया है. Bitcoin और Ethereum जैसी पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ निवेशक Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसे कई क्रिप्टो कॉइन में पैसे लगा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में दो तरीके से निवेश होता है. पहला माइनिंग से, दूसरा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर इसमें ट्रेडिंग करके. चूंकि माइनिंग काफी जटिल प्रक्रिया और इससे काफी स्किल और इक्विपमेंट की जरूरत पड़ती है, ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ज्यादातर निवेशकों की पसंद हैं. भारत में भी बहुत से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक्टिव हैं और लाखों निवेशकों को निवेश का प्लेटफॉर्म दे रहे हैं.

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हां, एक्सचेंज पर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग के लिए कुछ फीस देनी पड़ती है. हम यहां आपको बता रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज यूजर्स पर ट्रेडिंग के लिए कैसी-कैसी और कितनी फीस लगाते हैं-

हर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज यह फीस लगाता है. ट्रांजैक्शन फीस इनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है, इससे वो कॉइन्स को खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. अधिकतर एक्सचेंज फीस लेने के एक निश्चित मॉडल के तहत चलते हैं. इसके तहत वो हर ट्रांजैक्शन के लिए पहले से एक निश्चित अमाउंट रखते हैं, जो निवेशकों को चुकानी होती है. किसी यूजर को एक्सचेंज को आखिर में कितना कमीशन चुकाना है, ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम क्या है, या फिर उस एक्सचेंज विशेष से क्या दूसरे फैक्टर्स उसकी फीस पर कोई असर डालते हैं या नहीं. ऐसे में जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं निवेश करने से पहले एक बार निवेशक उस एक्सचेंज की फीस पर अच्छे से जानकारी ले लें.

Cryptocurrency : क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, इसपर ट्रेडिंग के लिए कैसे खोलते हैं अकाउंट? जानें सबकुछ

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Cryptocurrency Exchange : क्रिप्टो एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह होते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से सुर्खियां हासिल की हैं, यहां तक कि जो लोग वर्चुअल करेंसी के कॉन्सेप्ट को लेकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं, वो भी एक बार इसे देखे-जाने बिना नहीं रह पा रहे. सबसे बड़ी बात कि बहुत कम देश ऐसे हैं, जहां पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो को उतनी पॉपुलैरिटी और ग्रोथ मिली है, जितनी इसे भारत में मिली (Cryptocurrency in India) है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो को लेकर 'चिंताएं जताई थीं', लेकिन इसके बावजूद देश में क्रिप्टो का बाजार बड़ा ही हुआ है, खासकर पिछले एक साल में. लेकिन, लेकिन. हमें इसकी ग्रोथ और स्पीड को देखकर ही निवेश करना नहीं शुरू कर देना चाहिए, हमें इस बाजार के हर पहलू को समझना चाहिए. और इसी क्रम में हम इस लेख में आपको क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) के बारे में बता रहे हैं, जो कि क्रिप्टो इकोसिस्टम का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है. ट्रेडिंग में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टो एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता के बीच में इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ की तरह काम करते हैं. इनकी आय के स्रोत कमीशन और ट्रांजैक्शन फीस होती हैं.

एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुविधा उपलब्ध कराने के बदले निवेशक को क्रिप्टो एक्सचेंज को एक फीस देनी होती है.

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बहुत आसान है. लेकिन, ऐसा प्लेटफॉर्म ढूंढने के लिए, जो आपको बेसिक सुविधाएं तो दे ही, कुछ दूसरे बेनेफिट्स भी दे, इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी. मान लीजिए आप देश के पॉपुलर एक्सचेंज WazirX के साथ अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ये स्टेप फॉलो करने होंगे-

- अपने स्मार्टफोन में WazirX ऐप डाउनलोड करिए और इसकी वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- साइन अप के लिए अपनी एक ईमेल आईडी डालिए और एक पासवर्ड सेट करिए.
- आपको इस ईमेल आईडी पर एक ईमेल आएगा, वहां जाइए, उसमें आपको Verify Email का ऑप्शन आएगा, जिसपर क्लिक करिए.
- इसके बाद आपके सामने चेकबॉक्स होगा, जिसपर क्लिक करने से पहले जरूरी है कि आप सभी टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ लें. फिर चेकबॉक्स पर क्लिक करें.

Crypto Exchange: क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं

क्रिप्टोकरेंसी (सांकेतिक तस्वीर)।

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।

भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते। हैं।

डिजिटल करेंसी: खरीदना चाहते हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो जानिए क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना है जरूरी

क्रिप्टोकरेंसी

अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

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अप्रैल में 64,600 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या हैं अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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