तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है

Share market में Intraday trading क्या होता है?
अगर आप शेयर बाजार पर अपने शेयर को buy या sell करते रहते हैं। तो, आप में से बहुत सारे लोगों ने Intraday ट्रेडिंग के बारे में तो जरूर सुना होगा। आपने से बहुत सारे लोग Intraday trading के बारे में जानकारी भी रखते होंगे।
लेकिन, आज का हमारा यह पोस्ट उन सारे लोगों के लिए है जो intraday ट्रेडिंग तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है के बारे में नहीं जानते हैं।या उन्हें शेयर मार्केट के बारे में इतनी अधिक जानकारी नहीं है। वास्तव में Intraday trading का अर्थ शेयर मार्केट में एक ही दिन में शेयर खरीद करके उसे बेचना होता है।
आज के हमारे इस पोस्ट में हम आप लोगों को Intraday trading क्या होती है? इसके कौन-कौन से जोखिम हो सकते हैं? इनके बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
Intraday Trading क्या होता है? – What is Intraday Trading in Hindi
Intraday Trading का अर्थ एक ही दिन के भीतर शेयर या स्टॉक खरीद-फरोख्त करना यानी कि share को खरीद करके बेचना शामिल होता है।
Intraday trading में निवेशक एक ही दिन के भीतर में stock या share खरीदते हैं। उसके बाद Stock Exchange बंद होने से पहले उसे बेचनी होती है। इस तरह की trading को Intraday ट्रेडिंग कहा जाता है।
संक्षेप में समझे तो जिस दिन आपने day trading के लिए stock या शेयर खरीदते हो, तो आपको वह शेयर उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले square off यानी कि बेचना होता है। साधारण दिनों में day trading सुबह 9:15 से शुरू हो करके शाम में 3:30 बजे तक किया जा सकता है।
Intraday trading करने का मुख्य उद्देश्य, किसी भी तरह के स्टॉक किया शेयर में निवेश करना नहीं होता है। बल्कि, डे ट्रेडिंग के दौरान शेयर खरीद करके Stock Exchange के index पर होने वाले तेजी और मंदी से मुनाफा कमाना होता है। क्योंकि शेयर मार्केट दिन भर के अंतराल में कई बार ऊपर और नीचे चढ़ता एवं उतरता है। इसमें आप सुबह शेयर खरीद करके शाम तक उसे बेच सकते हैं। इस तरह से आप Intraday Trading के जरिए मुनाफा कमा सकते हो। हमसे एक उदाहरण के जरिए समझाना चाहते हैं।
मान गया कि कोई कंपनी XYZ के शेयर सुबह 9:15 पर ₹101 प्रति शेयर पर खुलती है। आपने Intraday Trading के जरिए एक ही दिन में शेयर खरीदने एवं बेचने का फैसला किया है। आपने 10 शेयर खरीदे। जिसकी कीमत 10×101 = 1010₹ होती है, लेकिन day trading के दौरान XYZ कंपनी के शेयरों में उछाल आता है। और किसी भी अंतराल पर उस कंपनी के शेयर की कीमत ₹120 तक पहुंच जाते हैं। तो , आप मुनाफे के साथ इसे बेच सकते हैं। इस संदर्भ में आपको 10×120 = 1200₹ मिलते हैं आपका लाभ 1200₹-1010₹=₹190 होता है।
यानी कि 1 दिन में होने वाले share trading के दौरान ही आपको अपने पूरे शेयर जिसे आपने खरीदा है उसे बेचने होते हैं। Stock Exchange 3:30 बजे तक खुला हुआ होता है। तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है आपको स्टॉक एक्सचेंज बंद होने से पहले उसे बेचना होता है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह ऑटोमेटिक closing कीमत पर बिक जाती है। और आपके पैसे आपके अकाउंट पर ट्रांसफर हो जाते हैं।
इसके अलावा तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है भी दूसरे सारे बहुत से विकल्प मौजूद है, जैसे कि मान लिया जिस दिन आपने शेयर खरीदा है। उस दिन शेयर की कीमत लगातार घटती जा रही हो। और आप उससे मुनाफा कमाने के बारे में सोच तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है रहे हैं। आपने जो शेयर खरीदा है वह intraday trading के लिए खरीदा है। ऐसे में बहुत से broker अपने निवेशकों को यह सुविधा देते हैं कि वह अपने शेयर को holdings पर रख सकते हैं। जब उनकी कीमतों पर सुधार हो तब उन्हें दोबारा से बेच सकते हैं।
Intraday Trading करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होती है?
Intraday Trading करने के लिए आपको शेयर मार्केट की निम्नलिखित चीजों की जरूरत पड़ सकती है। जिसे हमने सूचीबद्ध तरीके से नीचे बताने की कोशिश की है।
- SEBI के दिशा निर्देश अनुसार शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपके पास में Demat account होना जरूरी है। account के साथ-साथ आपके पास में trading account होना भी जरूरी है।
- Trading account लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि, आपके ब्रोकर द्वारा intraday trading के दौरान खरीदी के शेयर को होल्डिंग में रखने की सुविधा प्रदान करती हो।
- मुनाफे को अपने बैंक अकाउंट पर ट्रांसफर करने के लिए आपके ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आपका बैंक अकाउंट नंबर जुड़ा हुआ होना चाहिए।
ऐसे तो नियमित शेयर बाजार में निवेश करने के मुकाबले intraday trading ज्यादा जोखिम भरा होता है। क्योंकि इस तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है सौदे में आपको आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को एक ही दिन के अंदर में खरीदना और बेचना होता है। चाहे इस सौदे में आपको फायदा हो या नुकसान।आपको डे ट्रेडिंग करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है, नुकसान से बचने के लिए आपको विशेष रूप से इस तरह की ट्रेडिंग की बुनियादी बातों को समझना जरूरी होता है।
Technical analysis – तकनीकी विश्लेषण का उपयोग
अधिकतर लोग जो Intraday trading करते हैं, वे लोग ज्यादातर तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं। यह निर्धारित करने के लिए कि कब मार्केट की स्थिति के मुताबिक अपनी पोजीशन लॉन्ग या शॉर्ट (buy and sell) करना है, इसके बारे में शोध एवं तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं।
जब intraday trading पर लाभ कमाने की बात आती है तो आपको बहुत से शोध की आवश्यकता होती है। सूट के लिए आपको कुछ indicator chart का पालन करना होता है। Indicator chart से हमारा मतलब है, की intraday trading ग्राफ चार्ट, जिसमें आप किसी भी शेयर के उतार चढ़ाव यानी कि तेजी और मंदी शेयर के मूल्य में होने वाली गिरावट एवं तेजी की स्थिति को दर्शाता है। हालांकि यह indicator chart पूरी तरह से सही जानकारी उपलब्ध तो नहीं कराता है। लेकिन आप पुराने डाटा का इस्तेमाल करके शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का आकलन आसानी से कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के हमारे इस पोस्ट से आपने यह सीखा कि share market पर Intraday Trading क्या होती है? Intraday Trading पर आपको कौन-कौन से जोखिम उठाने पड़ सकते हैं? इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कौन-कौन सी चीजों की जरूरत तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है पड़ सकती है।Intraday trading आप किस तरह से कर सकते हैं? इसके बारे में हमने आप सभी को जानकारी दी है। उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे द्वारा दी गई है जानकारी पसंद आई होगी, अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ, रिश्तेदारों के साथ, और कलीग्स के साथ social media पर शेयर भी कर सकते हैं। इससे संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल है तो आप ही से कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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शेयर बाजार के संकेत समझने में माहिर है यह महिला विश्लेषक
शेयर बाजार का विश्लेषण करना आसान काम नहीं है. कई बार इसमें माहिर खिलाड़ी भी गच्चा खा जाते हैं. निवेशकों को उनके पैसे पर रिटर्न जरूर मिलना चाहिए.
प्रभुदास लीलाधर की वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक वैशाली पारेख का फोकस ग्राहकों को शानदार रिटर्न देने पर होता है. उनका मानना है कि निवेशकों को उनके पैसे पर रिटर्न जरूर मिलना चाहिए.
कैसे जुड़ा शेयर बाजार से नाता?
वैशाली को शुरू से ही शेयर बाजार में दिलचस्पी थी. उन्होंने 10 साल पहले अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने कहा, "मेरे बॉस ने हमेशा मुझे आगे बढ़ाया. मैने तकनीकी विश्लेषण में विशेष रुचि बनाई. यह काफी बड़ा फील्ड है और इसके लिए जुनून जरूरी है."
तकनीकी चार्ट्स की माहिर
ज्यादातर तकनीकी चार्ट्स सही दिशा बताते हैं. पारेख के अनुसार, ये आपको सटीक जानकारी देते हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों को अनुशासन बनाए रखना चाहिए और सही समय पर शेयर बेचने से हिचकना नहीं चाहिए. निवेश से पहले निवेशकों का होमवर्क करना बेहद जरूरी है.
इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश देगा फायदा
पारेख के अनुसार, अभी बाजार काफी अस्थिर है और इसमें गिरावट का दौर जारी है. पारेख बड़ी बातें करना पसंद नहीं करती. वे इंफ्रा शेयरों के प्रति आश्वस्त हैं और अशोक लेलैंड, श्रीराम ट्रांसपोर्ट, इंद्रप्रस्था गैस और एमजीएल अपनी पसंद बताती हैं.
क्या है चुनौती?
पुरुष प्रधान सेक्टर में एक दशक लंबे करियर के बाद वैशाली का मानना है कि महिलाओं के लिए काम में अच्छा होना सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, "मेरे पुरुष साथियों ने कभी मुझे हतोत्साहित नहीं किया. उन्होंने मुझे आगे ही बढ़ाया है. जरूरी है कि आप कई चीजों में माहिर बनें."
कहां से मिलती है प्रेरणा?
पारेख दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे को अपना आदर्श मानती है. इसके अलावा वे भारत के वॉरेन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की भी प्रशंसक हैं.
महिला की वित्तीय स्वतंत्रता के क्या मायने?
पारेख के अनुसार, आज के समय में महिलाओं के लिए वित्तीय रूप से आत्म तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है निर्भर होना जरूरी है. युवा महिलाओं को अपनी पहचान बनाने की कोशिश करनी चाहिए. उनका कहना है - अपने लक्ष्य और मिशन पर केंद्रित रहें और सपनों को हकीकत में बदलने की कोशिश करते रहें.
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जीरा वायदा - दिसम्बर 22 (NJEc1)
कीमतों को समर्थन मिलने के बाद जीरा कल -0.52% की गिरावट के साथ 25635 पर बंद हुआ, क्योंकि आपूर्ति कम देखी गई थी क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में उच्च कीमतों की उम्मीद.
जीरा कल 0.64% बढ़कर 23650 पर बंद हुआ। आपूर्ति कम होने के कारण जीरा की कीमतें बढ़ीं क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में अधिक कीमतों की उम्मीद में स्टॉक रोके रखा था। महीने.
जीरा कल 3.53% की तेजी के साथ 23445 पर बंद हुआ। गुजरात और राजस्थान के बाजारों में आवक कम रहने से जीरा की कीमतें बढ़ी। बड़े व्यापारी और स्टॉकिस्ट कीमतों में और बढ़ोतरी की आशंका में.
तकनीकी सारांश
जीरा वायदा परिचर्चा
जीरे मे अब सारी और संगीन तेजी दीपावली के बाद आयेगी और वो उतराण तक रहेगी, जुलाई, ओगसट मे सामान्य तेजी आ सकति है, लेकिन वो टीकाउ नहि रहेगी, बाद मे फीर से मंदी आ सकति है.
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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प्रभाव विश्लेषण क्या है?
हर निर्णय के परिणाम होते हैं। जब नेता उन पर विचार नहीं करते हैं, तो परिणाम सर्वथा विनाशकारी हो सकते हैं। अप्रत्याशित, अक्सर नकारात्मक, निर्णयों के निहितार्थ पर ध्यान केंद्रित करके, प्रभाव विश्लेषण परिवर्तन के संभावित परिणामों की पहचान कर सकता है और संगठनों को सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकता है
यह लेख बताता है कि प्रभाव विश्लेषण क्या है, इसे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में कैसे लागू किया जा सकता है, और आवश्यकता प्रबंधन सॉफ्टवेयर इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया का समर्थन क्यों कर सकता है।
प्रभाव विश्लेषण समझाया गया
प्रभाव विश्लेषण, जिसे परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण के रूप में भी जाना जाता है, का वर्णन पहली बार 1996 में अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजीनियरों रॉबर्ट एस। अर्नोल्ड और शॉन ए। बोहनेर ने अपनी पुस्तक सॉफ्टवेयर रखरखाव में किया था। पुस्तक में, अर्नोल्ड और बोहनेर ने कहा कि प्रभाव विश्लेषण "एक परिवर्तन के संभावित परिणामों की पहचान करने या परिवर्तन को पूरा करने के लिए संशोधित करने की आवश्यकता का अनुमान लगाने" के बारे में है।
व्यवहार में, प्रभाव विश्लेषण व्यावसायिक गतिविधियों, निर्भरता और बुनियादी ढांचे का विस्तृत अध्ययन है। यह बताता है कि महत्वपूर्ण उत्पादों और सेवाओं को कैसे वितरित किया जाता है और समय के साथ एक विघटनकारी घटना के संभावित प्रभाव की जांच करता है।
अर्नोल्ड और बोहनेर के अनुसार, प्रभाव विश्लेषण के तीन मुख्य प्रकार हैं:
पता लगाने योग्यता प्रभाव विश्लेषण
ट्रैसेबिलिटी प्रभाव विश्लेषण आवश्यकताओं, विनिर्देशों, डिजाइन तत्वों और परीक्षणों के बीच संबंधों को पकड़ता है, एक आरंभिक परिवर्तन के दायरे को निर्धारित करने के लिए उनके संबंधों का विश्लेषण करता है। मैन्युअल रूप से यह निर्धारित करना कि किसी परिवर्तन से क्या प्रभावित होगा, जटिल परियोजनाओं में अत्यधिक समय लेने वाला हो सकता है, जहाँ आवश्यकताएँ प्रबंधन सॉफ़्टवेयर आता है (इसके बारे में बाद में इस लेख में)।
निर्भरता प्रभाव विश्लेषण
इस प्रकार के प्रभाव विश्लेषण का उपयोग प्रणाली पर प्रभाव की गहराई को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
अनुभवात्मक प्रभाव विश्लेषण
संगठन में विशेषज्ञों के पूर्व अनुभव को ध्यान में रखते हुए, अनुभवात्मक प्रभाव विश्लेषण अध्ययन करता है कि भविष्य में क्या हो सकता है यह निर्धारित करने के लिए अतीत में समान परिस्थितियों में क्या हुआ।
दृश्य-प्रभाव-विश्लेषण
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में प्रभाव विश्लेषण
प्रभाव विश्लेषण हमेशा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है क्योंकि इसके रचनाकारों ने मूल रूप से इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर सिस्टम के उन हिस्सों की भविष्यवाणी करने के लिए किया था जो सिस्टम में बदलाव से प्रभावित हो सकते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की वास्तविकता यह है कि सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रिया के सभी चरणों में परिवर्तन होते हैं। हालांकि, आमतौर पर हर परिवर्तन अनुरोध को स्वीकार करना संभव और उचित नहीं है। ऐसा करने से बड़ी देरी हो सकती है, बजट बढ़ सकता है और वांछित परिणाम देने में विफलता भी हो सकती है।
प्रभाव विश्लेषण सॉफ्टवेयर परियोजना प्रबंधन को यह तय करने में मदद करता है कि सॉफ्टवेयर सिस्टम के अन्य हिस्सों पर परिवर्तन अनुरोध के प्रभाव के बारे में उन्हें सूचित करके परिवर्तन अनुरोध स्वीकार करना कब संभव है। सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रिया के दौरान प्रभाव विश्लेषण करने से विकास की कुल तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है लागत में वृद्धि हो सकती है, लेकिन अतिरिक्त खर्च को आसानी से उचित ठहराया जा सकता है।
प्रभाव विश्लेषण का संचालन कैसे करें?
क्योंकि सभी संगठन अलग हैं, प्रभाव विश्लेषण करने का कोई निर्धारित तरीका नहीं है। सामान्य तौर पर, प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया जा सकता है, लेकिन अधिक चरणों को जोड़ना, उनका क्रम बदलना और, कुछ मामलों में, चरणों को हटाना भी पूरी तरह से संभव है।
1. तैयार करें
प्रभाव विश्लेषण की सफलता काफी हद तक पिछली तैयारी पर निर्भर करती है। प्रस्तावित परिवर्तन के बारे में आपको आवश्यक सभी जानकारी तक पहुंच रखने वाले लोगों की एक अच्छी टीम इकट्ठा करें और वरिष्ठ प्रबंधन से अनुमोदन प्राप्त करें। आपको तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप प्रभाव विश्लेषण के साथ क्या हासिल करना चाहते हैं, इसलिए इसके उद्देश्यों, लक्ष्यों और दायरे को परिभाषित करना सुनिश्चित करें। यदि आपके संगठन में नौकरी के लिए सही लोगों की कमी है, तो प्रभाव विश्लेषण को किसी तीसरे पक्ष को आउटसोर्स करना संभव है।
2. जानकारी एकत्र करें
अगला, प्रस्तावित परिवर्तन से प्रभावित उच्च-स्तरीय क्षेत्रों पर विचार-मंथन करें, जैसे कि विभाग की रणनीति, ग्राहक समूह और व्यावसायिक प्रक्रियाएं, और विश्लेषण करने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र करें। यदि आप जानते हैं कि परिवर्तन कई विभागों को प्रभावित करेगा, तो उनकी सूची बनाएं। जानकारी एकत्र करने के दो सामान्य तरीके हैं: प्रश्नावली और डेटा एकत्र करने वाले साक्षात्कार। प्रत्येक के कुछ फायदे और नुकसान होते हैं, यही वजह है कि वे अक्सर संयुक्त होते हैं।
3. एकत्रित जानकारी का मूल्यांकन करें
अंत में, एकत्रित जानकारी का मूल्यांकन करने का समय आ गया है। अपने आप से पूछें कि परिवर्तन के सबसे बड़े लाभ और नकारात्मक परिणाम क्या होंगे और पता करें कि उनसे सबसे प्रभावी ढंग से कैसे निपटें। एक प्रभाव विश्लेषण रिपोर्ट में अपने निष्कर्षों को सारांशित करें। रिपोर्ट को एक कार्यकारी सारांश के साथ शुरू करना चाहिए और अन्य बातों के अलावा डेटा और मूल्यांकन, निष्कर्षों का सारांश, और वसूली के लिए सिफारिशों को इकट्ठा करने के लिए उपयोग की जाने वाली पद्धतियों का वर्णन करना चाहिए।
परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण करने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास
हालांकि प्रभाव विश्लेषण पर विशेषज्ञों के अनुभव को केवल कुछ बुलेट बिंदुओं में बदलना असंभव है, परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण करने के लिए कुछ सर्वोत्तम प्रथाएं हैं जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए।
- मात्रात्मक (मौद्रिक) प्रभावों और गुणात्मक प्रभावों के बीच अंतर करना उपयोगी है।
- प्रत्येक प्रभाव विश्लेषण के दायरे को बारीकी से परिभाषित करना कभी न भूलें।
- एक प्रभाव विश्लेषण परियोजना टीम की स्थापना करें जो प्रभाव विश्लेषण के दायरे में सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती है।
- यदि आपने प्रभाव विश्लेषण के लिए लिखित कार्यकारी प्रतिबद्धता प्राप्त की है तो लोगों को शामिल करना हमेशा आसान होता है।
- एंड-टू-एंड ट्रैसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकता प्रबंधन सॉफ्टवेयर टूल का लाभ उठाएं।
परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण के लिए एक आवश्यकता प्रबंधन उपकरण का उपयोग करना
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि प्रभाव विश्लेषण जिम्मेदार आवश्यकताओं के प्रबंधन का एक प्रमुख पहलू है क्योंकि यह प्रस्तावित परिवर्तन के निहितार्थों की एक सटीक समझ प्रदान करता है, जिससे सभी को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है।
समस्या यह है कि मैन्युअल रूप से एक आवश्यकता के जीवन का वर्णन और ट्रैकिंग, इसकी अवधारणा से, विनिर्देश और विकास के माध्यम से, और इसकी तैनाती के लिए हजारों कलाकृतियों के साथ जटिल परियोजनाओं पर लगभग असंभव है।
आवश्यकताएँ प्रबंधन उपकरण जैसे Visure आवश्यकताएँ प्रत्येक आवश्यकता के स्रोत की पहचान करना आसान बनाती हैं और सभी परिवर्तन ट्रैक करेंउन्हें प्रभावित कर रहा है, एंड-टू-एंड सुनिश्चित करता है पता लगाने की क्षमता और प्रभाव विश्लेषण के लिए सटीक और प्रलेखित जानकारी प्रदान करना।
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आज हम आपको फंडामेंटल स्टॉक के बारे में | तो बने रहे हमारे पेज पर |
फंडामेंटल एक ऐसा स्टॉक हे जो आपको व्यवसाय में मदद रूप हो सकते हे या आपको किसीभी चीज में मदद के सहारे चलता हे इसी लिए फंडामेंटल दवरा उसकी निति बदल सी जाने लगती है इसी लिए इस स्टॉक को मदद के रूप में जना जाता है |
एक स्टॉक के फंडामेंटल ऐसे कारक हैं जिन्हें अंतर्निहित कंपनी के मूल्य या व्यवसाय के रूप में मूल्य में योगदान करने के लिए माना जाता है। बुनियादी बातों में मापने योग्य, मात्रात्मक डेटा (जैसे नकदी प्रवाह और ऋण-से-इक्विटी अनुपात) और गुणात्मक, स्थितिजन्य कारक (जैसे व्यवसाय मॉडल और प्रतिस्पर्धी) शामिल हो सकते हैं।
मौलिक विश्लेषण की मुख्य धरना किया है |
मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्य नहीं देता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं | इसी लिए व्यापारी लोग मानते है की कोई स्टॉक में सटीक के रूप में मूलयवान होते है | और व्यापारी इसमें बहुत सारा इन्वेस्ट करते है ताकि उसकी निवेश बढ़े |
तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ निवेश करना चुन सकता है कि लंबी अवधि में कीमत में वृद्धि होगी क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।
मौलिक विश्लेषण की मुख्य धारणा क्या है?
मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं (नीचे इस पर और अधिक)।|
मौलिक विश्लेषण किसके लिए उपयोग किया जाता है?
किसी कंपनी के आंतरिक मूल्य की अधिक सटीक तस्वीर प्राप्त करने के लिए निवेशक और संस्थान अक्सर मौलिक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ इसमें निवेश करना चुन सकते हैं कि यह लंबी अवधि में कीमत तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है में वृद्धि करेगा क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।
मौलिक विश्लेषण तकनीकी विश्लेषण से कैसे भिन्न है?
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, मौलिक विश्लेषण इस धारणा पर आधारित है कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। क्योंकि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं, इसलिए प्रवृत्ति मूल्यांकन और पैटर्न मान्यता के आधार पर व्यापारिक निर्णय सर्वोत्तम होते हैं। जो व्यापारी तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं, वे अपना अधिकांश शोध समय कैंडलस्टिक चार्ट और ऐतिहासिक डेटा को देखने में बिताते हैं, ताकि कंपनी-विशिष्ट मेट्रिक्स जैसे नकदी प्रवाह और आय वृद्धि का मूल्यांकन करने के बजाय भविष्यवाणियां की जा सकें।