विदेशी मुद्रा बाजार

रुपए में बढ़त, पर विदेशी मुद्रा बाजार से दूर आरबीआई
डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही मजबूती के बावजूद रिजर्व बैंक रुपए की बढ़त को थामने के लिए सक्रिय नहीं।
13 अक्टूबर 2010
मुंबई। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही जोरदार मजबूती के बावजूद रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपए की बढत को थामने के लिए सक्रिय नहीं रहा है। बैंक ने अगस्त माह के दौरान रुपए की मजबूती को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
अगस्त माह के दौरान डॉलर के सामने रुपया एक माह पहले की तुलना में 1.4 प्रतिशत मजबूत हुआ। रिजर्व बैंक के मासिक बुलेटिन के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने अगस्त में ढाई अरब रुपए का शेयरबाजारों में निवेश किया। जुलाई में इनका निवेश साढे तीन अरब डॉलर का था।
वर्ष विदेशी मुद्रा बाजार 2009 में रिजर्व बैंक ने रुपए में तीव्र गिरावट को थामने के विदेशी मुद्रा बाजार लिए पांच अरब 80 करोड डॉलर की शुद्ध बिक्री की थी। मार्च 2009 में एक डॉलर की कीमत रिकार्ड 52.20 रुपए तक पहुंच गई थी। किंतु बाद में विदेशी निवेशकों की सक्रियता के बलबूते रुपया फिर मजबूत होने लगा।
इस वर्ष विदेशी कोष 21 अरब 70 करोड डॉलर का निवेश कर चुके हैं। नौ अरब डॉलर का निवेश तो पिछले करीब डेढ माह में ही किया है।
डॉलर के मुकाबले सितम्बर माह के दौरान रुपया करीब छह प्रतिशत मजबूत हुआ है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 44.50 रुपए के आसपास है।
सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा बाजार 10.5 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2011 को समाप्त एक महीने में 10.5 अरब डॉलर घट गया. इसका मुख्य कारण मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव रोकने के लिये केंद्रीय बैंक का नीतिगत हस्तक्षेप था.
aajtak.in
- मुंबई,
- 29 फरवरी 2012,
- (अपडेटेड 29 फरवरी 2012, 10:42 AM IST)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2011 को समाप्त एक महीने में 10.5 अरब डॉलर घट गया. इसका मुख्य कारण मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव रोकने के लिये केंद्रीय बैंक का नीतिगत हस्तक्षेप था.
रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘विदेशी मुद्रा भंडार मार्च 2011 में 304.8 अरब डॉलर था. अगस्त 2011 के अंत में 322.0 अरब डालर हो गया था. लेकिन उसके बाद यह सितंबर 2011 के अंत में घटकर 311.5 अरब डॉलर पर आ गया.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मुख्य कारण उतार-चढ़ाव रोकने के लिये केंद्रीय बैंक का मुद्रा बाजार में नीतिगत हस्तक्षेप था.
Money Market New Timings: RBI ने बदला ट्रेडिंग का समय, सोमवार से सुबह 9 बजे से होगा कामकाज
Market Market Timings Update। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ट्रेडिंग के समय में बदलाव कर दिया है।आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्तीय बाजार के कारोबार का नया टाइम टेबल 18 अप्रैल, सोमवार से लागू होगा। अभी तक कारोबार का समय सुबह 10 बजे से था, लेकिन अब इसे 18 अप्रैल से 9 बजे से ही कर दिया गया है और 3.30 बजे तक जारी रहेगा। RBI ने बाजार के कारोबारी समय में 30 मिनट बढ़ा दिया है। RBI ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि कोविड प्रतिबंधों के खत्म होने और लोगों की आवाजाही पर विदेशी मुद्रा बाजार लगी पाबंदियों को हटाने और कार्यालयों में कामकाज सामान्य होने के चलते सुबह 9 बजे से वित्तीय बाजारों में कारोबार शुरू करने का फैसला लिया गया है।
RBI के मुताबिक अब बदले हुए समय के साथ विदेशी मुद्रा बाजार और सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन संभव होगा। 18 अप्रैल 2022 से विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव, रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव, कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो आदि सहित विदेशी मुद्रा (FCY)/ भारतीय रुपया (INR) ट्रेडों जैसे RBI विनियमित बाजारों में ट्रेडिंग अपने पूर्व-कोविड समय यानी सुबह 10 बजे के बजाय 9:00 बजे सुबह से शुरू होगी
आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया विदेशी मुद्रा बाजार ने 7 अप्रैल को बाजार के कारोबार के घंटे में बदलाव किया विदेशी मुद्रा बाजार था। बाजार का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक बदल दिया गया, जिससे कारोबार के घंटे आधे घंटे कम हो गए, लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद RBI पुराने टाइम टेबल को फिर से लागू कर रहा है।
डॉलर के मुक़ाबले रुपया साढ़े छह माह के निचले स्तर पर
डॉलर की भारी मांग के चलते रुपये को झटका, 14 मार्च के बाद रुपये में सबसे बड़ी गिरावट. The post डॉलर के मुक़ाबले रुपया साढ़े छह माह के निचले स्तर पर appeared first on The Wire - Hindi.
डॉलर की भारी मांग के चलते रुपये को झटका, 14 मार्च के बाद रुपये में सबसे बड़ी गिरावट.
मुंबई: विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी की चिंताओं के बीच रुपये को भारी डॉलर मांग के झटके का विदेशी मुद्रा बाजार सामना करना पड़ा और यह 27 पैसे की भारी गिरावट के साथ साढ़े छह माह के निम्नतम स्तर 65.72 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
यह रुपये में 14 मार्च के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है. उस दिन यह डॉलर के मुकाबले 65.82 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. आठ सितंबर को रुपया एक माह के उच्च स्तर 63.78 रुपये प्रति डॉलर की ऊंचाई को छूने के बाद पिछले 14 कारोबारी सत्रों में 3.04 प्रतिशत अथवा 194 पैसे नीचे आ चुका है.
वैश्विक उतार चढ़ाव बढ़ने के बीच स्थानीय विदेशी मुद्रा बाजार शेयर बाजार में भारी गिरावट आने से भी रुपये पर दबाव बढ़ा. निर्यातकों की मामूली डॉलर की बिकवाली से अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 65.35 रुपये पर मजबूत खुला.
स्थानीय शेयर बाजार की विदेशी मुद्रा बाजार गिरावट के अनुरूप रुपया 65.7550 रुपये के दिन के निम्नतम स्तर को छू गया. कारोबार के अंत में यह 27 पैसे अथवा 0.41 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्शाता 65.72 रुपया प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने अमेरिकी मुद्रा के लिए संदर्भ दर 65.6947 रुपये प्रति डॉलर और 77.3686 रुपये प्रति यूरो निर्धारित की थी.
अंतरमुद्रा कारोबार में रुपये में पौंड के मुकाबले गिरावट आई जबकि जापानी येन और यूरो के मुकाबले इसमें तेजी आई.
गौरतलब है कि भारत सरकार इस वक्त अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट को लेकर जबरदस्त आलोचना झेल रही है. पूर्व वित्त मंत्री व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने एक दिन पहले एक अंग्रेजी दैनिक में लेख लिखकर भाजपा सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि विदेशी मुद्रा बाजार केंद्र सरकार की गलत नीतियों ने अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है.
यशवंत सिन्हा की इस आलोचना के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला है. अर्थव्यवस्था में इस गिरावट के लिए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार माना जा रहा है.
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा लिखते हैं, ‘प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबी को बहुत नज़दीक से देखा है. उनके वित्त मंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देशवासियों को भी इसे उतने ही पास से देखने का मौका मिले… आज भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर क्या है? निजी निवेश इतना कम हो चुका है, जितना पिछले 20 सालों में नहीं हुआ. औद्योगिक उत्पादन ढह चुका है, खेती संकट में है. निर्माण उद्योग जो एक बड़े कार्यबल को नौकरी देता है, मंदी की चपेट में है. बाकी सेवा क्षेत्रों में भी धीमी प्रगति है. निर्यात घट गया है. अर्थव्यवस्था के एक क्षेत्र के बाद दूसरा क्षेत्र मंदी की चपेट में है.’