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आय के कई स्रोतों के प्रकार

आय के कई स्रोतों के प्रकार
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आय के 8 प्रकार के बारे में आपको पता होना चाहिए

एक सतर्क वित्तीय कमाई आपको वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर सकती है। हालांकि, कई आय स्रोत होना वित्तीय स्वतंत्रता के बहुतायत स्तर तक पहुंचने के लिए अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण है। पैसा बचाना अच्छा है और निश्चित रूप से जरूरी है, लेकिन यह बड़े लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए बढ़ावा नहीं देता है। यदि आप कई आय स्रोत को स्थापित करने में सक्षम हैं तो आप अपने वित्तीय प्रयासों को पूरा करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे, भले ही उनमें से एक विफल हो जाए, दुर्भाग्य से। यदि आप वित्तीय स्वतंत्रता की ओर अग्रसर होना चाहते हैं, तो शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका इसके बारे में सीखना और पढ़ना है। इस लेख में, हम पढ़ने जा रहे हैं आय के 8 प्रकार के बारे में जो आपको पता होना चाहिए.

आय के 8 प्रकार

Earned Income

अर्जित आय, आय के स्रोत का सबसे सामान्य रूप है। यह वह धन है जो हम अपने प्रयास और समय के बदले में प्राप्त करते हैं, जैसे हमारा पारिश्रमिक या हमारी नौकरी से वेतन। भले ही आप अंशकालिक नौकरी कर रहे हों, जब तक आप पैसे के लिए अपना समय व्यतीत करते हैं, यह अर्जित आय की श्रेणी में आता है। आजकल अर्जित आय का सबसे आम उदाहरण फ्रीलांसिंग है।

Profit Income

लाभ आय मूल रूप से व्यवसाय के काम करने के तरीके से काम करती है। आप मूल रूप से आपकी लागत की तुलना में उच्च दर पर उत्पाद बेचते हैं। यह आय की दूसरी सबसे आम धारा है। अर्जित आय के विपरीत, यह आपके प्रयास और समय पर निर्भर नहीं करता है। यह आर्थिक रूप से फायदेमंद और आशाजनक है। हालांकि, इसमें एक निश्चित मात्रा में वित्तीय जोखिम है। पर्याप्त शोध करना सुनिश्चित करें और साथ में आने वाले जोखिमों की गणना करें।

ब्याज आय वह धन है जो आप अपनी संपत्ति को उधार देकर और ब्याज वसूल कर कमाते हैं या यह एक सावधि जमा या बचत खाते से हो सकता है। यह आय का एक बड़ा स्रोत है और इसमें न्यूनतम जोखिम है। यदि आप आय की एक धारा चाहते हैं जहां आपको बहुत अधिक प्रयास करने की आवश्यकता नहीं है, तो ब्याज आय आपके लिए एकदम सही है। यह उन सभी की सबसे कम रिटर्न वाली धारा की तरह लग सकता है, हालांकि, लंबे समय में, यह अंतिम आय होगी जिसके बारे में हम में से अधिकांश केवल सपना देख सकते हैं।

Residual Income

अवशिष्ट आय एक प्रकार की निष्क्रिय आय है। इस प्रकार की आय में, आपके द्वारा बनाया गया उत्पाद आपके लिए धन का उत्पादन जारी रखता है। अवशिष्ट आय प्राप्त करने के कुछ सबसे आसान तरीके - एक पुस्तक या पाठ्यक्रम बेचना, एक सहयोगी होना, एक पॉडकास्ट लॉन्च करना और एक YouTube चैनल शुरू करना।

किराये की आय वह धन है जो आप किसी संपत्ति या संपत्ति को किराए पर देकर कमाते हैं। यह शब्द काफी आत्म-व्याख्यात्मक है। यह आय स्पष्ट है और शायद सबसे विश्वसनीय में से एक है। हालांकि, दोष यह है कि आपको संपत्ति या किराए पर लेने योग्य संपत्ति का मालिक होना चाहिए। किराये की आय के लिए आपको निवेश करने की आवश्यकता है। लेकिन, अगर आप संतुष्ट नहीं हैं या यह आपके उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है, तो आप इसे बेचने का विकल्प चुन सकते हैं।

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Royalty Income

रॉयल्टी आय किसी उत्पाद, विचार या आय के कई स्रोतों के प्रकार अवधारणा का उपयोग करके पैसा कमाने के बारे में है जो आपके पास है। धन कमाने के लिए आपको थका देने वाला व्यवसाय करने की आवश्यकता नहीं है। आय के कई स्रोतों के प्रकार आपको बस इतना करना है कि उन्हें अपना विचार या उत्पाद उधार दें, और इसके लिए कमाएं। कुछ अद्भुत उदाहरण मैकडॉनल्ड्स, जोलीबी या 7-11 हैं। इन ब्रांडों के मालिकों को भुगतान मिलता है क्योंकि लोग पैसा कमाने के लिए उनकी प्रक्रियाओं, लोगो और व्यावसायिक नाम का उपयोग कर रहे हैं। व्यवसायों के अलावा, रॉयल्टी छवियों, मूल संगीत और उत्पाद, पुस्तकों और वीडियो पर भी लागू होती है।

लाभांश आय निष्क्रिय आय का एक स्रोत है। यह ब्याज आय की तरह है लेकिन थोड़ा बेहतर है। इस मामले में, आप एक कंपनी के शेयरधारक हैं और साथ ही कंपनी में निवेश किए गए धन से कमाते हैं। क्या आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि लाभांश क्या हैं? यह वह पैसा है जो आप सार्वजनिक रूप से निवेश की गई कंपनियों से इसका एक हिस्सा खरीदने के लिए कमाते हैं। इसमें शामिल होने का सबसे आसान और सरल तरीका PSEi (फिलीपींस स्टॉक एक्सचेंज) है।

Capital Gains

पूंजीगत लाभ वह आय है जो आप मूल्यवान संपत्ति या सामान खरीदने और बेचने के लिए कमाते हैं। यह बहुत कुछ व्यवसाय की तरह है, असमानता यह है कि आप कम कीमत वाले उत्पाद के बजाय अपनी कार या वेबसाइट जैसी कीमती संपत्तियों को फ़्लिप कर आय के कई स्रोतों के प्रकार रहे हैं। यह शब्द निवेश बाजार में सामान्य है; हालाँकि, यह केवल स्टॉक एक्सचेंज और म्यूचुअल फंड तक सीमित नहीं है। यह किसी उत्पाद में निवेश करने या कम कीमत पर खरीदने का एक कार्य है जिसमें इसे उच्च लागत पर बेचने के उद्देश्य से किया जाता है। यह तब तक कुछ भी हो सकता है जब तक यह खरीदने और बेचने से पूंजी पैदा करने की बात करता है।

आय के कई स्रोतों के प्रकार

आय वह धन या समान मूल्य की वस्तु है जो किसी व्यक्ति या व्यवसाय को सेवा, उत्पाद या निवेश प्रदान करने से प्राप्त होती है। व्यक्ति के जीवन में दिन-प्रतिदिन के खर्चों के लिए आय आवश्यक है। आय के स्रोत पेशे और उम्र के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, निवेश, सामाजिक प्रतिभूतियां, पेंशन बुजुर्गों के लिए आय हैं।

Income

वेतनभोगी पेशेवरों के लिए, मासिक वेतन आय का स्रोत है। व्यवसायों के लिए,आय खर्चों का भुगतान करने के बाद की आय है औरकरों. व्यक्ति दैनिक कमाई के माध्यम से आय प्राप्त करते हैंआधार और निवेश करके। लाभांश भी आय हैं। अधिकांश देशों में, सरकार व्यक्ति को दी जाने से पहले आय पर कर लगाती है। इन आयकरों से प्राप्त होने वाले राजस्व का आय के कई स्रोतों के प्रकार उपयोग सरकार द्वारा देश और राज्य के बजट के लाभ के लिए किया जाता है।

आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) नौकरी के अलावा अन्य स्रोतों से आय को कॉल करती है, जैसे कि 'अनर्जित आय' के रूप में निवेश।

आय के प्रकार

आय के प्रकारों का उल्लेख नीचे किया गया है:

1. कर योग्य आय

वह आय जो एक व्यक्ति को मजदूरी, आय के कई स्रोतों के प्रकार वेतन, ब्याज, लाभांश, व्यावसायिक आय, पेंशन,राजधानी एक कर वर्ष के दौरान कमाई माना जाता हैकरदायी आय संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में।

नीचे कुछ अन्य आय का उल्लेख किया गया है जिन पर कर लगाया जाएगा:

  • किराए से आय
  • खेती
  • मत्स्य पालन आय
  • बेरोजगारी मुआवजा भुगतान आय
  • पूँजी विकल्प
  • जुआ आय
  • वस्तु विनिमय आय
  • जूरी ड्यूटी पे

2. आय कर से छूट

कर से छूट प्राप्त आय में ट्रेजरी प्रतिभूतियों, नगरपालिका से आय शामिल हैबांड.

3. कम दरों पर कर आय

कम दरों पर कर की जाने वाली आय में योग्य लाभांश शामिल हैं,पूंजीगत लाभ जो दीर्घकालिक, सामाजिक सुरक्षा आय आदि हैं। हालांकि, ध्यान दें कि सामाजिक सुरक्षा आय कई बार कर योग्य होती है जो कि एक वर्ष के दौरान आपको प्राप्त होने वाली अन्य आय की राशि पर निर्भर करती है।

4. प्रयोज्य आय

डिस्पोजेबल आय से तात्पर्य उस राशि से है जो आपने अपने करों का भुगतान करने के बाद छोड़ी है। इस आय को तब आवश्यकताओं की खरीद पर खर्च किया जाता है।

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भारत सरकार की आय और व्यय के स्रोत क्या हैं

भारत सरकार ने 2017-18 के बजट में बताया था सरकार की कुल आय 2146735 करोड़ थी जबकि वित्तीय घाटा 5,46,532 करोड़ , राजस्व घाटा 3,आय के कई स्रोतों के प्रकार 21,163 करोड़ और प्राथमिक घाटा 23,544 करोड़ रुपये था l इन तीनों घाटों से स्पष्ट है कि सरकार की आय उसके व्यय से कम थी| सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए हीनार्थ प्रबंधन (Deficit Financing) का सहारा लेती है|

हम सभी को पता है कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ की सरकार लोगों के कल्याण को अधिकत्तम करने के लिए काम करती है न कि लाभ को अधिकत्तम करने के लिए | इसी कारण सरकार को कई ऐसी योजनाओं को शुरू करना पड़ता है जो कि धन अर्जन के हिसाब से तो बहुत ही फिसड्डी साबित होती हैं लेकिन जन कल्याण के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| इन जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही सरकार के वित्तीय घाटे में कोई कमी नही आ रही हैl सरकार ने सन 2017-18 के बजट में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2% पर रखने का लक्ष्य रखा है जबकि 2018-19 में इसे 3% के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है l

इस लेख में हमने आम लोगों और विद्यार्थियों की जानकारी के लिए यह बताने का प्रयास किया है कि आखिर सरकार किन किन माध्यमों से धन कमाती है और किन किन मदों पर खर्च करती है l

सरकार की आय (बजट 2017-18) के स्रोत निम्न हैं : (100 पैसे की आय के हिसाब से)

1. उधारी और अन्य देनदारियां . 19 पैसे
2. निगम-कर (कंपनी कर) . 19 पैसे
3. आय कर . 16 पैसे
4. संघ उत्पाद शुल्क . 14 पैसे
5. सेवा कर और अन्य कर . 10 पैसे
6. गैर कर आय . 10 पैसे
7. सीमा-शुल्क . 9 पैसे
8. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां . 3 पैसे

SOURCES OF REVENUE

नोट: यहाँ पर यह बात ध्यान रखने वाली है कि “उधारी और अन्य देनदारियां” को सरकार की आय के रूप में दिखाया गया है जबकि ये सब सरकार के लिए बाहर से लिया गया कर्ज होता है जो कि सरकार को बाद में ब्याज सहित चुकाना पड़ता है l इस प्रकार हम देखते हैं कि सरकार की शुद्ध आय 81पैसे है जबकि उधारी से प्राप्त आय 19 पैसे हैl

सरकार के व्यय (बजट 2017-18) के स्रोत निम्न हैं : (100 पैसे के व्यय के हिसाब से)

1. करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा . 24 पैसे
2. ब्याज भुगतान . 18 पैसे
3. अन्य खर्चे . 13 पैसे
4. केन्द्रीय कृत योजनाओं पर व्यय* . 11 पैसे
5. सब्सिडी . 10 पैसे
6. केंद्र प्रायोजित योजनाएं . 10 पैसे
7. रक्षा व्यय . 9 पैसे
8. वित्त आयोग और अन्य स्थानान्तरण..5 पैसे

SOURCES OF EXPENDITURE IN INDIA

नोट: “केन्द्रीय कृत योजनाओं पर व्यय” में उन योजनाओं पर किये गए व्यय को शामिल किया जाता है जो कि 100% केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों से चलायी जातीं हैं जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र के साथ-साथ राज्य भी वित्तीय सहायता देते हैं l

इस प्रकार ऊपर दिए गए आंकड़ों से एक बात तो साफ हो जाती है कि सरकार की आय की दो मुख्य मदें हैं, केंद्र द्वारा वित्त आयोग की सिफारिस के आधार पर “राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता” और केंद्र सरकार द्वारा लिए गए उधार पर दिया जाने वाला “ब्याज भुगतान” जबकि दूसरी ओर यह भी एक सत्य है कि सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी उसके द्वारा लिया गया “ऋण” है |

सार्वजनिक आय के स्रोत

sarvajanik aay ke srot;सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के किये जाने वाले कार्यों मे दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। इन कार्यों को संपन्न करने के लिये अत्यधिक मात्रा मे धन की आवश्यकता आय के कई स्रोतों के प्रकार होती है, जिसे सरकार विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करती है, इन्ही स्त्रोतों को सार्वजनिक आय का स्त्रोत कहा जाता है।

सार्वजनिक आय के स्रोतों को मोटे रूप मे दो भागों मे विभाजित किया जा सकता है--

(अ) कर आय

कर सार्वजनिक आय का सबसे प्राचीनतम स्त्रोत है। आज भी सार्वजनिक आय का अधिकांश भाग करों के रूप मे ही प्राप्त किया जाता है। कर राज्य की अनिर्वाय रूप से चुकायी जाने वाली राशि है। सरकार करों से प्राप्त इस राशि को जन कल्याण संबंधी कार्यों पर व्यय कर देती है।

सामान्यतया कर दो प्रकार के होते है--

1. प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर वह होता है, जिसका भार वही व्यक्ति वहन करता है जिस पर वह लगाया जाता है, अर्थात् कराघात व करापात एक ही व्यक्ति पर होता है। ऐसे करों मे आय कर मूल्य कर, संपत्ति कर, उपहार कर, व्यय कर आदि शामिल है।

2. अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर वह होता है जिसका भुगतान एक व्यक्ति द्वारा किया जाता है, पर भार किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वहन किया जाता है। इस तरह के करों मे बिक्री कर तथा उत्पादन कर शामिल है। इस कर को विक्रेता तथा उत्पादक से वसूल किया जाता है, पर वे इसे ग्राहक तथा उपभोक्ता से वसूल कर लेते है।

(ब) गैर-कर आय

वे समस्त आय के स्रोत जो कर की श्रेणी मे नही आते उन्हे गैर-कर आय मे शामिल किया जाता है। राज्य के कार्य क्षेत्र मे विस्तार के साथ-साथ आय के गैर-कर स्त्रोतों मे भी वृद्धि हुई है। सरकार के गैर-कर आय के स्रोतों का वर्मन इस प्रकार है--

1. शुल्क अथवा फीस

राज्य समाज आय के कई स्रोतों के प्रकार को कुछ सेवाएं प्रदान करता है, जिसके बदले वह पूर्ण अथवा आंशिक लागत प्राप्त करता है। इसे शुल्क कहा जाता है। इस प्रकार के भुगतान अनिर्वाय होते है। आय के कई स्रोतों के प्रकार जैसे काॅलेजों मे ली जाने वाली फीस, कोर्ट फीस, रजिस्टेशन फीस आदि।

कर और शुल्क मे अंतर है। कर व्यक्तियों से बिना सुविधा के भी वसूल किये जाते है, जबकि शुल्क सुविधाओं का पारिश्रमिक होता है।

2. लाइसेन्स शुल्क

शुल्क का भुगतान उस समय किया जाता है जबकि व्यक्ति शासकीय सेवाओं का उपयोग करता है, परन्तु लाइसेन्स शुल्क तब देना होता है, जब किसी कार्य को सरकार स्वयं न करके अपने कार्य का संपादन किसी व्यक्ति अथवा संस्था को सौंप देती है। ऐसी दशा मे कार्य करने वाले व्यक्ति से लाइसेंस शुल्क वसूल किया जाता है।

3. जुर्माना एवं संपत्ति जप्त करना

यह सरकार की आय का प्रमुख स्त्रोत नही है। इस स्त्रोत से सरकार को पर्याप्त आय प्राप्त नही होती है। इस प्रकार की क्रियाओं से सरकार को उसी दशा मे आय प्राप्त होती है, जब कोई व्यक्ति सरकारी नियमों एवं कानूनों का उल्लंघन करता है। व्यक्ति बार-बार इस प्रकार की वारदातों को न करे, इसलिए उस पर जुर्माना लगा दिया जाता है अथवा उस व्यक्ति की संपत्ति जप्त कर ली जाती है।

4. विशेष निर्धारण

विशेष निर्धारणों से सरकार को प्रत्यक्ष आय प्राप्त होती है। ये निर्धारण किसी विशेष व्यक्ति की सुविधा पर नही बल्कि जब परिस्थितियों मे सुधार करना होता है, उस दशा मे विशेष निर्धारणों से आय प्राप्त की जाती है।

5. सार्वजनिक उपक्रम

सरकार द्वारा जनहित की दृष्टि से ऐसे उद्योगों का संचालन किया जाता है जो आय के कई स्रोतों के प्रकार जोखिमपूर्ण तथा लाभप्रद नही होते। जोखिमपूर्ण उद्योगों के अलावा सरकार ऐसे उद्योगों का संचालन भी करती है जिनसे सरकार को लाभ भी प्राप्त होता है। इस तरह सार्वजनिक उपक्रम भी सरकार की आय प्राप्ति के मूख्य स्त्रोत है।

6. उपहार एवं अनुदान

उपहार से अभिप्राय ऐसे भुगतान से है, जो कि स्वेच्छा से किया जाता है। कुछ व्यक्ति दानशील प्रवृत्ति के होते है जो कि अस्पताल बनवाने, स्कूल खोलने धर्मशाला बनवाने, गरीबों को सहायता प्रदान आदि कार्यों के लिये सरकार को उपहार या दान देते है। उदाहरण के लिए कोरोना महामारी से निपटने मे, रतन टाटा, मुकेश अंबानी, अक्षय कुमार इत्यादि द्वारा दिया गया अनुदान।

इसके साथ-साथ केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को अनुदान दिया जाता है। वर्तमान मे ऐसा अनुदान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रचलन मे है। विकसित राष्ट्र अविकसित राष्ट्रों को तकनीकी शिक्षा, उद्योगों, सामाजिक कार्यों आदि के क्षेत्रों को विकसित करने के लिये अनुदान प्रदान करते है।

सरकार द्वारा महसूल का इस्तेमाल उन वस्तुओं के उपभोग पर किया जाता है जिनके उपभोग से सामाजिक बुराइयों को बल मिलता है, अनैतिकता बढ़ती है, स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है एवं कुशलता मे कमी आती है। महसूल लगाने से ऐसी वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती है जिसके कारण उपभोग मे कमी आती है। ऐसी वस्तुओं मे मादक वस्तुएं शामिल है।

9. सरकारी संपत्ति

सार्वजनिक संपत्ति पर सरकार का अधिकार होता है। इन संपत्ति मे प्राकृतिक संपदा (भूमि, वन, खान) शामिल है। सरकार अपनी इस संपत्ति को ठेकों आदि पर देकर लगान या राॅयल्टी प्राप्त करती है। इसके अलावा सरकार संपत्ति को विक्रय कर के भी धन प्राप्त कर सकती है।

10. पत्र मुद्रा छापकर

किसी भी देश मे नोट निर्गमन का अधिकार सरकार को प्राप्त होता है। हमारे देश मे नोट निर्गमन का यह कार्य रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है। जब सरकार के व्यय प्राप्त आय से पूरे नही हो पाते तो सरकार नये नोट छापकर इन व्ययों को पूरा करती है। नये नोटों के निर्गमन से सरकार की आय बढ़ती है।

उपरोक्त आय के स्रोतों से यह स्पष्ट होता है कि कर ही सरकारी आय प्राप्ति के सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। कुछ अर्थशास्त्र ऋण तथा नोट निर्गमन को सरकारी आय का स्त्रोत नही मानते, क्योंकि ऋणों को मय ब्याज सरकार को लौटाना पड़ता है एवं नोट निर्गमन अप्रत्यक्ष कर का ही दूसरा रूप है।

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