स्टॉक एक्सचेंज की पसंद

Stock Exchange क्या है कार्य और कैसे काम करता है | Stock Exchange in Hindi
Stock Exchange Kya Hai in Hindi: आज के इस लेख के द्वारा हम आपको शेयर मार्केट के Stock Exchange के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Exchange क्या है इन हिंदी, स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है, भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं और स्टॉक एक्सचेंज का कार्य क्या है.
Stock Exchange एक Organized मार्केट होता है, जहाँ हर समय क्रेता और विक्रेता उपलब्ध होते हैं. स्टॉक एक्सचेंज में कई सारी कंपनियां लिस्ट होती हैं और निवेशक Companies के शेयर या प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें, क्योंकि इसमें आपको स्टॉक एक्सचेंज से सम्बंधित अनेक प्रकार की जानकारी मिलने वाली है.
तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना समय गंवाए – शेयर एक्सचेंज क्या है हिंदी में.
स्टॉक एक्सचेंज क्या है (Stock Exchange in Hindi)
स्टॉक एक्सचेंज दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है एक स्टॉक और दूसरा एक्सचेंज. किसी कंपनी के शेयर या बांड को स्टॉक कहा जाता है और एक्सचेंज का मतलब खरीदना और बेचना होता है. स्टॉक एक्सचेंज को इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं.
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा स्थान होता है जहाँ पर निवेशक या ट्रेडर शेयर, बांड या सरकारी प्रतिभूतियाँ को खरीदते या बेचते हैं.
निवेशक केवल उन्हीं कंपनी के शेयर को खरीद या बेच सकते हैं जो कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं. स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI होता है. स्टॉक एक्सचेंज सेबी के नियमों के अंतर्गत ही काम करते हैं.
जब किसी कंपनी को फण्ड जुटाने के लिए शेयर बाजार में पैसा उठाना होता है तो कम्पनी को पहले खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना होता है जिससे कि निवेशक कंपनी के शेयरों में निवेश कर सके.
जब कंपनी पहली बार अपने शेयर को शेयर बाजार में लाती ही तो उसे IPO (Initial Public offering) कहते हैं. स्टॉक एक्सचेंज में शेयर के अलावा बांड, म्यूच्यूअल फण्ड, सरकारी प्रतिभूतियाँ आदि में भी ट्रेडिंग की जाती है.
एक निवेशक स्टॉक एक्सचेंज से सीधे शेयर नहीं खरीद सकता है. निवेशक को शेयर खरीदने के लिए किसी ब्रोकर से अपना Demat Account और Trading Account खुलवाना होता है, जिसके जरिये निवेशक शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकता है. सभी स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते हैं.
भारत में स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (History of Stock Exchange in Hindi)
दुनिया में सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज सन 1602 में Dutch East India Company के द्वारा नीदरलैंड में स्थापित किया गया था. आज इसे Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है. यह विश्व का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है.
भारत की बात करें तो भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज Bombay Stock Exchange है, जिसकी स्थापना 1875 में मुंबई में हुई थी. BSE पुरे एशिया का भी सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है.
आज के समय में स्टॉक्स एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के द्वारा होता है लेकिन पहले के समय में जब इंटरनेट नहीं था तब स्टॉक्स एक्सचेंज कागजों के द्वारा होता था. अगर कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता था तो उसे एक सर्टिफिकेट मिलता है जो इस बात का प्रमाण रहता था कि निवेशक के पास कंपनी के शेयर हैं.
हालाँकि कागजी कारवाही में लगभग 6 महीनों का समय लग जाता था स्टॉक एक्सचेंज करने में इसलिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की शुरुवात हुई. अब स्टॉक एक्सचेंज का सारा काम कंप्यूटराइज्ड किया जाता है.
स्टॉक एक्सचेंज के कंप्यूटराइज्ड होने से कई लोगों ने शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया, क्योंकि कागजों की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम सुरक्षित है.
स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है
स्टॉक एक्सचेंज निवेशक और कंपनी के बीच में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है. जब कंपनी को फण्ड जुटाने के लिए पैसों की जरुरत होती है तो वह कुछ अपने कुछ प्रतिशत शेयर आम जनता के लिए सार्वजनिक करती है.
कंपनी को शेयर सार्वजनिक करने के लिए पहले खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना होता है, एक बार कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है तो निवेशक ब्रोकर के द्वारा कंपनी के शेयर में ट्रेडिंग कर सकते हैं. जो ब्रोकर होता है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है. एक निवेशक सीधे तौर पर स्टॉक एक्सचेंज से शेयर नहीं खरीद सकता है.
शेयर बाजार में हर समय शेयर खरीदने और बेचने के लिए अनेक सारे लोग उपलब्ध होते हैं. जब कोई निवेशक शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है तो वह अपने आर्डर को लगा देता है. फिर स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम स्वतः ही खरीदने और बेचने वाले को Match करवाकर Order Complete कर देता है.
स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के तरीके
स्टॉक एक्सचेंज में दो प्रकार से निवेश किया जाता है –
#1 – प्राइमरी मार्केट
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को मार्केट में लाती है तो उसे IPO कहा जाता है. निवेशक जब कंपनी के IPO को खरीदता है तो उसे प्राइमरी मार्केट में खरीदना पड़ता है. मतलब कि प्राइमरी मार्केट में वह किसी अन्य निवेशक से कंपनी के शेयर को नहीं खरीद रहा है. प्राइमरी मार्केट में ही शेयर या प्रतिभूतियों का निर्माण होता है.
#2 – सेकेंडरी मार्केट
वास्तव में सेकेंडरी मार्केट को ही शेयर बाजार कहा जाता है. सेकेंडरी मार्केट में निवेशक कंपनियों को शामिल किये बिना शेयर में ट्रेड करते हैं. यानि कि सेकेंडरी मार्केट ऐसा मार्केट होता है जहाँ पर निवेशक सीधे तौर पर कंपनी से शेयर नहीं खरीदते हैं, कंपनियों के शेयरों को उन्हें अन्य निवेशकों से खरीदना पड़ता है.
भारत में मुख्य स्टॉक एक्सचेंज (Stocks Exchange in India)
भारत में मुख्य तौर पर दो स्टॉक एक्सचेंज हैं –
- BSE (Bombay Stocks Exchange)
- NSE (National Stocks Exchange)
#1 – BSE (Bombay Stocks Exchange)
BSE यानि कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत ही नहीं बल्कि पुरे एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. BSE दुनिया का दसवां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है.
BSE की स्थापना 1875 में हुई थी. BSE की शुरुवात भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर मुंबई में बरगद के एक पेड़ के नीचे हुई थी. उस पेड़ के नीचे कुछ लोग एकत्र होकर शेयरों की लेन – देन करते थे. धीरे – धीरे लोगों की संख्या बढ़ने लगी तो शेयरों की लेन – देन के लिए एक नया स्थान खोजा गया जो दलाल स्ट्रीट के नाम से प्रसिद्ध हुआ. BSE की स्थापना प्रेमचंद रायचंद के द्वारा 300 लोगों के साथ मिलकर की गयी थी.
BSE का सूचकांक (Index) Sensex है, जिसकी शुरुवात 1986 में हुई थी. BSE के प्रदर्शन को सेंसेक्स के द्वारा ही मापा जाता है. अगर सेंसेक्स बढ़ता है तो इसका मतलब है कि BSE में रजिस्टर कंपनियों के शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहें हैं. और यदि सेंसेक्स घटता है तो इसका मतलब है कि BSE में रजिस्टर कंपनियों के प्रदर्शन में गिरावट आई है. Sensex के प्रदर्शन को BSE में रजिस्टर Top 30 कंपनियों के आधार पर निर्धारित किया जाता है.
शेयर बाजार को पसंद आया RBI का फैसला, सेंसेक्स 300 अंक से ऊपर, निफ्टी 14700 के पार
आज सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन यानी बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की घोषणाओं से पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का स्टॉक एक्सचेंज की पसंद प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 125.55 अंकों की तेजी के साथ 49326.94 के स्तर पर
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन यानी बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की घोषणाओं से पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 125.55 अंकों की तेजी के साथ 49,326.94 के स्तर पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27.50 अंक की बढ़त के साथ 14,711.00 के स्तर पर खुला।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किया। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट स्टॉक एक्सचेंज की पसंद को चार फीसद, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद, बैंक रेट को 4.25 पर बनाए रखा है।
मंगलवार को सेंसेक्स 42.07 अंक ऊपर 49201.39 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 45.70 अंक की मामूली तेजी के साथ 14683.50 के स्तर पर बंद हुआ था। पिछले कारोबारी दिन सेंसेक्स 77.68 अंकों की तेजी के साथ 49237.00 के स्तर, वहीं निफ्टी 5.40 अंक की मामूली तेजी के साथ 14643.20 के स्तर पर खुला था।
आज शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयरों में नेस्ले इंडिया, बजाज ऑटो, एनटीपीसी, मारुति, इंडसइंड बैंक, इंफोसिस, रिलायंस और आईटीसी के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर लाल निशान पर खुले।
Stock Exchange क्या है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है [2022] (What is Stock Exchange In Hindi)
Stock Exchange क्या है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है (What is Stock Exchange In Hindi) पसंद आयी होगी अगर अभी भी आपका कोई सवाल है Stock Exchange Kya Hai Yah Kaise Kaam Karta Hai , Sensex And Nifty Kya Hai: नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताऊंगा की निफ़्टी और सेंसेक्स क्या है निफ़्टी और सेंसेक्स की गणना कैसे होती है हम अक्सर न्यूज़ चैनल पर सुनते है की आज Nifty 100 Point ऊपर बढ़ गया आज Sensex 200 Point नीचे गिर गया क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि निफ़्टी क्या है सेंसेक्स क्या है यह रोज़ाना न्यूज़ में क्यों रहते है
निफ़्टी और सेंसेक्स क्या है यह जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए की स्टॉक एक्सचेंज क्या है अगर आपको स्टॉक एक्सचेंज के बारे में नहीं पता है तो मेरी ये वाली पोस्ट स्टॉक एक्सचेंज क्या है पढ़ सकते है तो चलिए जानते है What is Sensex and Nifty in Hindi. (Sensex And Nifty Kya Hai)
स्टॉक एक्सचेंज क्या है – What is Stock Exchange In Hindi
What is Stock Exchange In Hindi |स्टॉक एक्सचेंज क्या है – Stock Exchange Kya Hai
Stock Exchange वो जगह है जहां सभी कंपनिया लिस्टेड होती है स्टॉक एक्सचेंज किसी कंपनी और निवेशक के बीच में मध्यस्थ का काम करते है जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा उठाना होता है तो वह कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है जिससे की लोग उस कंपनी में निवेश कर सके।
जब कंपनी पहली बार अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाती है तो इस प्रक्रीया को आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) कहते है। आईपीओ में निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदता है उसके बाद एक निवेशक किसी दूसरे निवेशक से शेयर खरीदता और बेचता है। स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, डिबेंचर, म्युचअल फण्ड, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है
कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक एक्सचेंज से Share खरीद नहीं सकता है बल्कि ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है और उस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को Buy और Sell करना होता है सभी ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर होते है
स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास – Stock Exchange History
दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज सन 1602 में Dutch East India Company द्वारा Netherland में स्थापित किया गया था जिसे आज Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है।
पुराने समय में स्टॉक मार्किट में लेन देन सर्टिफिकेट के रूप में होता था लेकिन वर्तमान समय में इंटरनेट के उपयोग से इलेट्रॉनिक तरीके से शेयर्स को ख़रीदा और बेचा जाता है
भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India
भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान में भी कार्यरत है
इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.
NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था
NSE में लगभग 2000 कम्पनिया लिस्टेड है NSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Nifty 50 है NSDL NSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है
NSE के बारे में ज्यादा जानकारी NSE की वेबसाइट https://www.nseindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।
BSE (Bombay Stock Exchange): BSE भारत का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है BSE की शुरुआत 1875 में हुयी थी भारत में सर्वप्रथम Equity Derivatives ट्रेडिंग की शुरुआत BSE ने की थी
BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है BSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Sensex 30 है CDSL BSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है
BSE के बारे में ज्यादा जानकारी BSE की वेबसाइट https://www.bseindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।
MCX (Multi Commodity Exchange): MCX एक कमोडिटी एक्सचेंज है MCX में मुख्य रूप से Bullion में ही ट्रेड होता है जिसका अर्थ है की इसमें केवल कमोडिटी जैसे: Gold, Silver, Crudeoil, Zinc etc ट्रेड होती है।
MCX के बारे में ज्यादा जानकारी MCX की वेबसाइट https://www.mcxindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।
NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange): NCDEX भी एक कमोडिटी एक्सचेंज है लेकिन इसमें केवल Agriculture Commodity ही ट्रेड की जाती है जैसे: चना, दाल, जीरा, सोया बीन etc ट्रेड होती है।
NCDEX के बारे में ज्यादा जानकारी NCDEX की वेबसाइट https://www.ncdex.com/ से प्राप्त कर सकते है।
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – Stock Exchange Work
जब भी कोई Buyer या Seller ट्रेड प्लेस करते है तो वह ट्रेड सीधा ब्रोकर से होता स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर तक जाता है स्टॉक एक्सचेंज एक ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है जो ऑर्डर पर काम करने वाला आटोमेटिक मैचिंग सिस्टम है इस सिस्टम में जो भी व्यक्ति या कंपनी ट्रेड प्लेस कर रहा है उसकी पहचान जाहिर नहीं होती है।
किसी भी समय बाजार में एक शेयर को खरीदने या बेचने के लिए बहुत सारे लोग उपस्थित होते है ऐसे में जिस व्यक्ति ने पहले आर्डर प्लेस किया है उसका आर्डर पहले ख़रीदा या बेचा जायेगा लेकिन अगर कोई निवेशक पहले आर्डर की तुलना में कम कीमत डालता है तो उसके आर्डर को पहली Priority दी जाएगी
जब भी कोई निवेशक किसी शेयर कोई खरीदने या बेचने की इच्छा जाहिर करता है और अपने आर्डर को लगा देता है तो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम अपने आप खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलवाकर आर्डर को कम्पलीट कर देता है
मार्किट में शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे यह बात इससे निर्धारित होती है की मार्किट में बेचने वाले ज्यादा है या खरीदने वाले ज्यादा है अगर खरीदने वाले ज्यादा है तो शेयर ऊपर जायेगा और अगर बेचने वाले ज्यादा है तो शेयर नीचे जायेगा।
स्टॉक मार्किट मैं कोई शेयर खरीदने पर हाथो हाथ डीमैट अकाउंट में नहीं आता है क्योंकि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज टी+2 रोलिंग सेटलमेंट का उपयोग करते है जिसका अर्थ है की आज ख़रीदा हुआ शेयर तीसरे दिन डीमैट अकाउंट में आयेगा।
उम्मीद करता हु आपको मेरी पोस्ट Stock Exchange क्या है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है (What is Stock Exchange In Hindi) पसंद आयी होगी अगर अभी भी आपका कोई सवाल है Stock Exchange Kya Hai Yah Kaise Kaam Karta Hai से जुड़ा हुआ तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज: UP में PM पद के लिए मोदी को नहीं मिले 50 फीसदी मत
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज सर्वे (पीएसई) के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बनी हुई है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस सबसे बड़े राज्य में उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में 50 फीसदी मत भी हासिल नहीं हुए.
सुरेंद्र कुमार वर्मा
- नई दिल्ली,
- 21 सितंबर 2018,
- (अपडेटेड 21 सितंबर 2018, 10:46 PM IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश में बनी हुई है. इंडिया टु़डे ग्रुप और एक्सिस माई इंडिया की ओर से कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (पीएसई) सर्वे के अनुसार राज्य में मोदी को बतौर प्रधानमंत्री 48 फीसदी लोग पसंद करते हैं और 2019 में अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश में संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद मोदी बतौर प्रधानमंत्री की पसंद के रूप में PSE सर्वे में 50 फीसदी समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे. मध्य प्रदेश में अगले प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें 56 फीसदी लोगों का समर्थन मिला था. बनारस मोदी को संसदीय चुनावी क्षेत्र है.
अगले प्रधानमंत्री के रूप में मध्य प्रदेश में 56 फीसदी मत के अलावा मोदी को छत्तीसगढ़ में 59, राजस्थान में 57 और कर्नाटक में 55 फीसदी मत हासिल हुए थे. अब तक 7 राज्यों से सर्वे के जरिए रुझान आ चुके हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस-माई-इंडिया पीएसई सर्वे उत्तर प्रदेश के 80 संसदीय क्षेत्रों में लिए गए टेलीफोन साक्षात्कारों पर आधारित है. उत्तर प्रदेश के लिए सर्वे में कुल 30,400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. ये सर्वे 15 सितंबर से 19 सितंबर के बीच किया गया.
सर्वे में मोदी के इतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की जनता ने अगले प्रधानमंत्री पद के लिए 22 फीसदी मत दिया है. जबकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस मामले में 7 फीसदी और मायावती को 9 फीसदी मत हासिल हुए हैं.
मोदी सरकार से यूपी में 51 फीसदी संतुष्ट
राज्य में मोदी सरकार के कामकाज को लेकर कराए गए सर्वे में 51 फीसदी लोग संतुष्ट हैं, लेकिन 16 फीसदी लोगों ने इसे ठीक-ठाक बताया. इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि 28 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं.
उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ का साथ दिया है. 43 फीसदी लोगों ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में योगी को ही चुना है. जबकि 29 फीसदी लोगों ने अखिलेश यादव को अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद बताया है, जबकि 18 फीसदी लोग मायावती के साथ हैं.
37 फीसदी योगी सरकार से असंतुष्ट
प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर कराए गए सर्वे में 41 फीसदी लोग संतुष्ट है, जबकि 20 फीसदी लोग इसे ठीक-ठाक मानते हैं, लेकिन 37 फीसदी लोग योगी सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं.
राज्य में सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी को होने वाले नुकसान को लेकर कराए गए सर्वे पर 47 फीसदी लोगों ने माना कि इसका असर बीजेपी को पड़ सकता है, जबकि 32 फीसदी लोगों को ऐसा नहीं लगता और शेष 21 फीसदी लोग पता नहीं श्रेणी में शामिल हैं.
कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राफेल डील को लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी है, लेकिन सर्वे में 79 फीसदी लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. जिन वोटरों को राफेल डील के बारे में जानकारी है, उनमें से 82 फीसदी का कहना है कि केंद्र सरकार को इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए कि फ्रांस से राफेल विमान कितने में खरीदा गया.
अनोखा बार: स्टॉक एक्सचेंज के नशे में स्टॉक एक्सचेंज की पसंद डुबोकर परोसी जाती है शराब
मुंबई का 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' एक ऐसा बार है जहां ड्रिंक्स की क़ीमत उसकी डिमांड के आधार पर कम या ज़्यादा होती हैं। स्टॉक एक्सचेंज की तर्ज पर यह बार ग्राहकों को ड्रिंक्स ऑर्डर करते वक़्त स्टॉक मार्केट के मज़े देता है।
क्या सोचकर शुरू किया ऐसा बार?
अमरीका में 'ब्रू एक्सचेंज ब्रिवरी' में फॉरवर्ड स्टॉक बुकिंग से मुंबई के मिहिर देसाई को प्रेरणा मिली। उन्होंने अमित सिंह के साथ मिलकर रियल टाइम स्टॉक एक्सचेंज के आधार पर 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' की शुरुआत की।
मिहिर ने बीबीसी को बताया, “यह भारत का पहला एसा पब है जहां ड्रिंक्स की क़ीमत उसकी डिमांड और सप्लाई के आधार पर तय होती है।”
मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉंम्पलेक्स में स्थित इस पब के इंटीरियर में पुराने टेलीफ़ोन, दीवारों पर बुल की सजावट है। बार की एक दीवार को शेयर मार्केट में बोले जाने वाले शब्दों से भी सजाया गया है।
बार में लगे एलसीडी स्क्रीन्स पर ड्रिंक्स के मार्केट का हाल देखा जा सकता है। बढ़ती और कम होती क़ीमतों को दिखाती यह स्क्रीन्स पर ग्राहकों की नज़र रहती है। वह कीमत देख कर रियल टाइम में अपने स्टॉक-ड्रिंक्स की ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ऐप से भी कर सकते हैं ऑर्डर
मिहिर ने कहते हैं, “ड्रिंक्स की डिमांड और सप्लाई की जानकारी रियल टाइम में मिले इसलिए एक खास सॉफ़्टवेयर बनाया गया है, अल्गोरीदम पर आधारित यह सर्वर बेस्ड सॉफ्टवेयर ग्राहक के आर्डर को तुरंत अपडेट कर देता है। पब का एक खास ऐप भी बनाया गया है। पब मे बैठे ग्राहक ऐप के द्वारा भी ड्रिंक्स आर्डर कर सकते हैं।”
हर ड्रिंक की एक बेस प्राइस होती है और अगर कोई ड्रिंक का बड़ा ऑर्डर आ जाता है तो स्वाभाविक तौर से उस ड्रिंक की क़ीमत बढ़ जाती है।
मिहिर ने बताया कि कुछ ड्रिंक्स की कीमतें 17 रूपए तक भी कम हो चुकी हैं। रोज़ बार स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट क्रैश होता है ताकि हर ग्राहक अपने पसंदीदा ड्रिंक्स कम कीमतों पर ख़रीद सके। इस के बाद फ़िर बेस प्राइस से मार्केट शुरू होता है।
अगर कोई ड्रिंक का भाव बहुत बढ़ जाता है तो ग्राहक लोकल ब्रांड ऑर्डर कर देते हैं और विदेशी ब्रांड की क़ीमतें कम होने का इंतज़ार करते हैं।
मिहीर का मानना है की उनका कॉन्सेप्ट लोगों को पसंद है क्योंकि, 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' में ग्राहक हमेशा जीतते हैं और मज़े भी लेते हैं क्योंकि उन्हें ड्रिंक्स की क़ीमतों पर खुद नियंत्रण करने का मौका मिलता है।
मिहिर अब जल्द ही दिल्ली, पुणे, बंगलौर और सिंगापुर में अपनी और शाखाएं शुरू करेंगे।
मुंबई का 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' एक ऐसा बार है जहां ड्रिंक्स की क़ीमत उसकी डिमांड के आधार पर कम या ज़्यादा होती हैं। स्टॉक एक्सचेंज की तर्ज पर यह बार ग्राहकों को ड्रिंक्स ऑर्डर करते वक़्त स्टॉक मार्केट के मज़े देता है।
क्या सोचकर शुरू किया ऐसा बार?
अमरीका में 'ब्रू एक्सचेंज ब्रिवरी' में फॉरवर्ड स्टॉक बुकिंग से मुंबई के मिहिर देसाई को प्रेरणा मिली। उन्होंने अमित सिंह के साथ मिलकर रियल टाइम स्टॉक एक्सचेंज के आधार पर 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' की शुरुआत की।
मिहिर ने बीबीसी को बताया, “यह भारत का पहला एसा पब है जहां ड्रिंक्स की क़ीमत उसकी डिमांड और सप्लाई के आधार पर तय होती है।”
मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉंम्पलेक्स में स्थित इस पब के इंटीरियर में पुराने टेलीफ़ोन, दीवारों पर बुल की सजावट है। बार की एक दीवार को शेयर मार्केट में बोले जाने वाले शब्दों से भी सजाया गया है।
हर वक्त रख सकते हैं क़ीमत पर नज़र
बार में लगे एलसीडी स्क्रीन्स पर ड्रिंक्स के मार्केट का हाल देखा जा सकता है। बढ़ती और कम होती क़ीमतों को दिखाती यह स्क्रीन्स पर ग्राहकों की नज़र रहती है। वह कीमत देख कर रियल टाइम में अपने स्टॉक-ड्रिंक्स की ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ऐप से भी कर सकते हैं ऑर्डर
मिहिर ने कहते हैं, “ड्रिंक्स की डिमांड और सप्लाई की जानकारी रियल टाइम में मिले इसलिए एक खास सॉफ़्टवेयर बनाया गया है, अल्गोरीदम पर आधारित यह सर्वर बेस्ड सॉफ्टवेयर ग्राहक के आर्डर को तुरंत अपडेट कर देता है। पब का एक खास ऐप भी बनाया गया है। पब मे बैठे ग्राहक ऐप के द्वारा भी ड्रिंक्स आर्डर कर सकते हैं।”
हर ड्रिंक की एक बेस प्राइस होती है और अगर कोई ड्रिंक का बड़ा ऑर्डर आ जाता है तो स्वाभाविक तौर से उस ड्रिंक की क़ीमत बढ़ जाती है।
इनका मार्केट रोज होता है क्रैश
मिहिर ने बताया कि कुछ ड्रिंक्स की कीमतें 17 रूपए तक भी कम हो चुकी हैं। रोज़ बार स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट क्रैश होता है ताकि हर ग्राहक अपने पसंदीदा ड्रिंक्स कम कीमतों पर ख़रीद सके। इस के बाद फ़िर बेस प्राइस से मार्केट शुरू होता है।
अगर कोई ड्रिंक का भाव बहुत बढ़ जाता है तो ग्राहक लोकल ब्रांड ऑर्डर कर देते हैं और विदेशी ब्रांड की क़ीमतें कम होने का इंतज़ार करते हैं।
मिहीर का मानना है की उनका कॉन्सेप्ट लोगों को पसंद है क्योंकि, 'द बार स्टॉक एक्सचेंज' में ग्राहक हमेशा जीतते हैं और मज़े भी लेते हैं क्योंकि उन्हें ड्रिंक्स की क़ीमतों पर खुद नियंत्रण करने का मौका मिलता है।
मिहिर अब जल्द ही दिल्ली, पुणे, बंगलौर और सिंगापुर में अपनी और शाखाएं शुरू करेंगे।