सक्सेसफुल ट्रेडर्स

Difference Between Investor and Trader in Hindi
Investor and Trader in Hindi :- जब भी स्टॉक मार्किट में प्रॉफिट gain करने की बात आती है तो Investor and Trader का जिक्र तो जरुर होता हैं और इसके साथ में एक उलझन भी होता है की ये Investor and Trader एक ही होतें हैं या अलग – अलग. एक ही होतें हैं तो इनके दो – दो नाम क्यों होतें हैं और अलग – अलग होतें है तो कैसे? आपको बहुत Confusion लग रहा होगा लेकिन चिंता मत कीजिये.
आज हम आपकी सारी उलझन को दूर करने वालें है, तो आप इस पोस्ट को पूरा जरुर पढियेगा क्योकिं स्टॉक मार्किट में success पाने के लिए Investor and Trader के बीच अच्छी जानकारी होना बहुत जरुरी है. तभी तो आप तय कर पाएंगे की आपके लिए ज्यादा प्रॉफिट क्या हो सकता है Investor बना या Trader बना, चलिए शुरू करतें हैं और जानते हैं Investment और Trading के जरिये Investor and Trader के बारें में…
Investor and Trader in Hindi
तो दोस्तों Investment और Trading ये दो different method होतें हैं स्टॉक मार्किट में प्रॉफिट कमाने के लिए. दोनों ही मेथड में स्टॉक मार्किट में भाग ले करके प्रॉफिट गेन करने का प्रयास किया जाता है लेकिन दोनों तरीकों को काफी अंतर होता है कुछ इस तरह.
अगर ट्रेंडिंग और इन्वेस्टिंग के पीरियड को देखें तो ट्रेडिंग में स्टॉक को बहुत ही कम समय के लिए होल्ड किया जाता है और ये समय एक हफ्ता भी हो सकता है, तो अक्सर केवल एक दिन भी क्योकिं ट्रेडर Short Term में भी मिलने वाले हाई लाभ तक ही स्टॉक को होल्ड करना पसंद करतें हैं यानि ट्रेडिंग का पीरियड बहुत ही short होता है. जबकि इन्वेस्टिंग इससे बहुत ही अलग है क्योंकि इसमें Investor उद्देश्य स्टॉक को खरीदने और होल्ड रखने का होता हैं यानि long term तक जिसमे कुछ सालों का समय भी हो सकता है, तो उससे कई ज्यादा लम्बा समय भी हो सकता है यानि इन्वेस्टिंग मेथड में पीरियड काफी लम्बा होता है.
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तो इन्वेस्टर long period के लिए स्टॉक होल्ड कर के बड़ा रिटर्न लेने में रुचि रखते हैं, तो ट्रेडर्स को राइजिंग और कॉलिंग दोनों तरह के मार्केट में मिलने वाले शॉट लेकिन फ्रिक्वेंट प्रॉफिट यानी कि जल्दी-जल्दी छोटे-छोटे बेनिफिट इंजॉय करना पसंद आता है कैपिटल ग्रोथ के पॉइंट ऑफ यू से देखे तो ट्रेडर्स की नजर मार्केट स्टाफ के प्राइस मोमेंट पर रहती है अगर प्राइस हाई हुआ तो ट्रेडर्स स्टॉक्स को सेल कर देंगे यानी ट्रेडिंग में टाइमिंग काफी काफी बड़ा रोल है जो कैपिटल ग्रोथ को अफेक्ट करता है जबकि इन्वेस्टिंग में क्वॉलिटी स्टोक्स को बहुत सालों तक होल्ड करके कैपिटल ग्रोथ की जाती है, क्योंकि इन्वेस्टर को कंपाउंडिंग इंटरेस्ट और डिविडेंड के जरिए प्रॉफिट बनाना पसंद आता है.
रिस्क फैक्टर की बात करें तो यूँ तो स्टॉक मार्किट एक रिस्क मार्किट ही है जिसमे चाहे इन्वेस्टिंग की बात हो या ट्रेडिंग की रिस्क तो बना ही रहता है लेकिन ट्रेडिंग में ये रिस्क इन्वेस्टिंग से काफी ज्यादा होता है क्योंकि short टाइम में प्राइस कभी भी हाई और लो हो सकतें है और होते भी हैं वहीँ इन्वेस्टिंग में रिस्क होता तो है लेकिन काफी कम इसलिए शॉर्ट term में मिलने वाले return भी कम ही होते हैं लेकिन अगर लम्बे समय तक होल्ड रखा जाए तो compunding इंटरेस्ट और डिविडेंड के जरिये मिलने वालें return काफी ज्यादा हो सकते हैं.
वोर्किंग स्टाइल पर गौर करें तो ट्रेडर्स और इन्वेस्टर का वोर्किंग स्टाइल एक दूसरे से अलग होता है. ट्रेडर्स को one day गेम खेलना पसंद होता है तो इन्वेस्टर को टेस्ट मैच खेलना पसंद होता है. ट्रेडर्स को Quick Result attract करतें है तो इन्वेस्टर को Slow इन study का फार्मूला सही लगता है. ट्रेडर्स मार्किट को सिख कर सही समय पर हाई प्रॉफिट पर ध्यान देते हैं. तो इन्वेस्टर्स स्टॉक को एनालाइज कर के बेस्ट स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना प्रेफर करते हैं लेकिन अगर सही टाइम मिस हो जाए तो loss होने के चांसेस काफी बढ़ सकते हैं क्योंकि ट्रेडर्स कंपनी के प्रजेंट परफॉर्मेंस को देखते हुए बाय एंड सेल करते हैं जबकि इन्वेस्टर्स को ट्रेंड्स से कोई मतलब नहीं होता.
उन्हें वैल्यू में इन्वेस्ट करना होता है और long पीरियड के लिए इन्वेस्ट कर के अपने पास होल्ड किए हुए स्टॉक्स पर नजर रखना उनका काम होता है उनमें पेशेंस काफी होता है इसलिए वह स्टाफ को उसके पोटेंशियल तक पहुंचने तक इंतजार करते हैं और जब डिसाइड प्रॉफिट तक पहुंचने पर ही स्टोक्स को सेल करते हैं. अब अगर यह देखें कि कौन ज्यादा स्मार्ट है या किसको ज्यादा प्रॉफिट होता है तो भाई ये कहना तो मुस्किल होगा क्योकिं ट्रेडर और इन्वेस्टर दोनों का तरीका अलग होता है और वोर्किंग स्टाइल भी एक दूसरे के अपॉजिट होता है हां लेकिन उन दोनों का गोल एक ही होता है प्रॉफिट कमाना और प्रॉफिट earn करना.
तो इसका मतलब यह हुआ कि इन दोनों में से जिसने अपना गोल पा लिया यानी डिसाइड प्रॉफिट earn कर लिया वही सक्सेसफुल है जी हां और फिर ये आपकी चॉइस भी तो है कि आपको क्या पसंद है शॉर्ट टर्म में स्मॉल प्रॉफिट के जरिए वेल्थ बनाना या long टर्म पेशेंट के स्टॉक को होल्ड करके ज्यादा हाई प्राइस पर सेल करके वेल्थ जनरेट करना इसलिए आपके लिए जो करना इंटरेस्टिंग और आसान रहे आप वह कर सकते हैं चाहे इन्वेस्टिंग हो या ट्रेडिंग बस स्टॉक मार्किट से प्रॉफिट gain करने का पूरा उद्देश्य होना चाहिए.
तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और हमारे ब्लॉग पर आए हैं तो ऐसी जानकारियां पाना चाहते हैं तो सब्सक्राइब कर दीजिए जो साइड में घंटा दिख रहा है उसे दबा दीजिये और बताइए की आज का ये जानकारी आपको कैसा लगा तो चलिए अब मिलते है एक और नए पोस्ट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद!
सक्सेसफुल ट्रेडर्स
बिना डाइट के हुईं फैट से फिट
सोशल मीडिया पर अपने वर्कआउट की झलक शेयर कर हाल ही में अनिता ने लिखा था- ‘आपको बस एक्टिव रहना है। ये हो गया है लेकिन अभी भी एक रास्ता तय करना है। जीरो डाइट पर ध्यान दें! मैं सब कुछ खाती हूं।’ अनीता ने अपने फिटनेस का वीडियो दिखाया, जिसमें वो बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन को करीब से दिखा रही हैं।
अनीता हस्सनंदनी ने फिट होने के लिए कठिन डाइट का इस्तेमाल नहीं किया और ना ही खाना-पीना छोड़ा. उनकी फिटनेस जर्नी जीरो डाइट पर थी. एक्ट्रेस ने कैप्शन में लिखा, “आपको बस रुकना नहीं चाहिए, चलते रहना है. अभी भी एक लंबा सफर है. जीरो डाइट के साथ आगे बढ़ रही। मैं सब कुछ खाती हूं। उन्होंने आईस्क्रीम, पिज्जा, बर्गर और फ्रेंच फ्राइज के इमोजी भी बनाए हैं।
ट्रांसफॉर्मेशन वीडियो शेयर कर फैंस को हैरान कर दिया है। वीडियो में एक्ट्रेस का पहले और अब का फिगर देखा जा सकता है। बेटे को जन्म देने के बाद अनीता हस्सनंदनी काफी मोटी हो गई थीं। हालांकि, अब वह एकदम फिट हो गई हैं। उनका ट्रांसफॉर्मेशन गजब का है।
अनिता के शोज
मॉडलिंग में सक्सेसफुल करियर बनने वाली अनीता ने ‘कभी सौतन कभी सहेली’ (2001) से टीवी की दुनिया में कदम रखा था। ‘काव्यांजलि’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कसम से’ में काम कर चुकीं अनीता ‘ये है मोहब्बतें’ में शगुन का किरदार निभाकर फेमस हुई थीं। उन्होंने ‘कुछ तो है’ (2003), ‘ये दिल’ (2003), कृष्णा कॉटेज (2004), ‘सिलसिले’ (2005), ‘रागिनी एमएमएस 2’ (2014), ‘हीरो’ (2015) जैसी फिल्मों में भी काम किया है।
2013 में की शादी
काव्यांजलि (2005-06) के सेट पर अनीता और एजाज खान के रिलेशनशिप की खबरें आई थीं। लेकिन कुछ सालों तक डेटिंग के बाद इनका ब्रेकअप हो गया। अनीता ने 14 अक्टूबर, 2013 को बिजनेसमैन रोहित रेड्डी से शादी की थी।
40 की उम्र में बनीं मां
अनीता उन एक्ट्रेसेस में से हैं जिन्होंने लेट प्रेग्नेंसी को तवज्जो दी और 40 साल की उम्र में मां बनीं। 9 फरवरी 2021 को उन्होंने बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम उन्होंने आरव रखा है। अनीता प्रेग्नेंसी के बाद ही मैटरनिटी ब्रेक पर रहीं। अब खुद को फिट करने के बाद वो काम पर वापस लौटी हैं।
बिहार की मिट्टी में है उर्वरकता : डॉ पवन अग्रवाल
पटना के मौर्य होटल में बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन की 12वीं सालाना जेनरल मीटिंग का भव्य आयोजन किया गया था, जहां बिहार सरकार के मिनिस्टर ऑफ इंडस्ट्रीज सय्यद शाहनवाज हुसैन चीफ गेस्ट के रूप में मौजूद थे वहीं इंटरनेशनल सक्सेसफुल ट्रेडर्स मोटिवेशनल स्पीकर डॉ पवन अग्रवाल की स्पीच ने सभी को प्रभावित किया।
सय्यद शाहनवाज हुसैन भी डॉ पवन अग्रवाल के फैन रहे हैं। उनकी मोटिवेशनल स्पीच को वे सुनते आए हैं। पवन अग्रवाल ने मराठी टोपी पहनाकर सय्यद शाहनवाज हुसैन का सम्मान किया। बिहार में जिस तरह सय्यद शाहनवाज हुसैन उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं यह युवाओं के लिए स्कोप है। अब बिहार बदल रहा है, बेहतर हो रहा है।
हर प्रोग्राम तभी सक्सेसफुल होता है जब उसमें चार अच्छे लोग होते हैं इस बार इस प्रोग्राम में शाहनवाज हुसैन, डॉ पवन अग्रवाल के साथ चार्ली चैप्लिन द्वितीय हिरो राजन कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होने भी अपनी बातों से तमाम इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स के लोगों को मोटिवेट किया, जिसकी तारीफ सभी ने की। राजन कुमार चार्ली चैप्लिन 2 तो हैं ही, एंकर भी हैं अब धीरे धीरे उन्होंने मोटिवेशनल स्पीकर के रुप में भी काम करना शुरू किया है।
डॉ पवन अग्रवाल की दो दिवसीय पटना यात्रा कमाल की रही, जिस दौरान कई आईपीएस, आईएएस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और भविष्य में और भी प्रोग्राम में भाग लेने के लिए इनवाइट किया।
बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन ने डॉ पवन अग्रवाल की होर्डिंग्स पूरे पटना शहर में लगवाई, जिससे हॉल खचाखच भर गया और जिसने भी डॉ पवन अग्रवाल की मोटिवेशनल स्पीच को सुना सब उनके फैन हो गए।
*डॉ पवन अग्रवाल के बारे में*
विश्वविख्यात मुम्बई के डब्बावालों पर पीएचडी कर चुके डॉ पवन अग्रवाल एक अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर हैं। उनकी कार्यशैली उनके नाम के अनुरूप है, वह पवन की तरह गतिमान रहते हैं, उनके पैर जमीन पर नहीं पड़ते हैं, पटना से लौटते ही वह गोवा निकल गए जहां उनका कार्यक्रम है। देश विदेश की कई कंपनियों के लिए वह मोटिवेशनल स्पीच देते हैं। जीते जी एक मिसाल हैं डॉ पवन अग्रवाल। एजीआई अग्रवाल इंस्टिट्यूट के फॉउंडर प्रेसीडेंट डॉ पवन अग्रवाल 5 हजार बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बिहार के लिए बहुत कुछ करने का जज़्बा रखने वाले डॉ पवन अग्रवाल के नाम पर बिहार में लाइब्रेरी भी चलती है।
2 दिवसिय बिहार दौरे पर गए डॉ पवन अग्रवाल ने फ़िल्म अभिनेता राजन कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार पुत्र राजन कुमार वाकई बिहार के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और उनकी इसी कर्मठता को देखते हुए मैं उनकी मुहिम में शामिल होता हूँ। चाहे वह सीनियर आईपीएस, आई ए एस अधिकारी हों, राजनेता हों या आम लोग हों, बिहार में जिस तरह से लोग फ़िल्म इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर “डॉक्टर डब्बावाला” को चाहते हैं, उससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
*बॉलीवुड से भी गहरा कनेक्शन*
हिंदी फिल्म नमस्ते बिहार, शहर मसीहा नहीं के प्रेजेंटर डॉ पवन अग्रवाल का बॉलीवुड से भी गहरा कनेक्शन है। फुर्सत के लम्हों में वह खुद भी गाना गाते हैं। कई फंक्शन में वह स्टेज संभालते हुए नजर आते हैं। एक संजीदा विचार के धनी डॉ पवन अग्रवाल को पटना काफी रास आया। पटना में उनके दो दिन शानदार और यादगार गुजरे। कई लोगों से मिलना जुलना हुआ, उन्होंने बिहारी व्यंजन का लुत्फ सक्सेसफुल ट्रेडर्स सक्सेसफुल ट्रेडर्स उठाया। साथ मे हीरो राजन कुमार हों तो बात ही कुछ और होती है, इस बार की यात्रा में पवन अग्रवाल ने बिहार को बहुत करीब से महसूस किया।
list of textile industry in surat
सूरत का सबसे बड़ा टेक्सटाइल मॅन्युफॅक्चरर इंडस्ट्री – अजमेरा फॅशन
सूरत टेक्सटाइल मॅन्युफॅक्चरर इंडस्ट्री- अजमेरा फॅशन
फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.
चाणक्य ने ये बात लगभग 2000 साल पहले कही थी, उस काल में companies नहीं होती थीं, वरना शायद चाणक्य यही बात companies के लिए भी कहते.
क्योंकि जिस तरह एक अच्छे व्यक्ति को हर जगह पसंद किया जाता है उसी तरह अच्छी कम्पनीज को भी हर जगह सराहा जाता है. यही कारण है कि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में अगर आप अच्छा काम करते हैं तो आप किसी एक geography में सीमित नहीं रह जाते.
अमेरिकन कम्पनी गूगल ने लोगों को सर्च solution दिया और आज पूरी दुनिया गूगल यूज करती है सिर्फ अमेरिका नहीं.
Tata Tea आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में consume की जाती है.
और आज इस विडियो में मैं आपको सूरत की उस कम्पनी के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसकी अच्छाई उसे कुछ ही सालों में गुजरात से पूरे भारत और फिर दुनिया के 30 सक्सेसफुल ट्रेडर्स से अधिक देशों में पहचान दिला चुकी है.
जी हाँ, दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ सूरत के सबसे बड़े और भरोसेमंद Textile Manufacturer Ajmera Fashion की
क्यों सूरत की इस कंपनी से दुनिया भर से लोग जुड़ रहे हैं ?
आज अजमेरा फैशन क्यों इतनी सक्सेसफुल है ?
क्यों आज इसके फाउंडर अजय अजमेरा जी फोर्ब्स जैसी दुनिया की प्रतिष्ठित मैगजीन में फीचर हो रहे हैं?
क्यों ये कम्पनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हर बड़ा अवार्ड जीत रही है ?
और क्यों दुनियाभर के कपड़ा व्यापरी इस कम्पनी से जुड़ रहे हैं ?
ये जानने के लिए हमें इसकी जड़ों को यानी इसकी फाउंडेशन को समझना होगा. इसके बाद जानना होगा कि ये कम्पनी ऐसा क्या कर रही है कि आज 50,000 से भी अधिक रिटेलर्स अपनी क्लोथिंग merchandise के लिए इस पर rely कर रहे हैं.
दोस्तों, Ajmera Fashion की शुरुआत 2011 में यानी लगभग 11 साल पहले हुई लेकिन इसकी जडें 30 साल पुरानी हैं. क्योंकि आज से लगभग 30 साल पहले 1992 में अजमेरा फैशन के फाउंडर एंड CEO Mr. Ajay Ajmera ने सूरत के कपड़ा बाज़ार में कदम रखा था.
सूरत टेक्सटाइल मॅन्युफॅक्चरर इंडस्ट्री
उन्होंने लगभग 20 साल तक टेक्सटाइल इंडस्ट्री में छोटे से छोटा और बड़ा से बड़ा काम किया और industry को in and out पूरी तरह से समझ लिया.
और जैसा की Canadian writer Malcolm Gladwell अपने famous 10,000 hour rule में कहते हैं – किसी भी skill को master करने के लिए 10,000 घंटे की deliberate practice की ज़रुरत होती है.
Ajay Ajmera जी ने टेक्सटाइल बिजनेस की स्किल को सीखने-समझे और उसे practically implement करने में अपने ज़िन्दगी के 20 बेशकीमती साल लगा दिये, और 50,000 घंटे से भी अधिक समय देखर टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी हर एक बारीकी सीख ली.
जाहिर है जब आप की नेट प्रैक्टिस अच्छी हो तो मैदान में भी आपके चौके-छक्के मारने के चांसेस बढ़ जाते हैं. और जब 2011 में अजय जी अपनी कम्पनी अजमेरा फैशन के साथ बिजनेस के मैदान में उतरे तो उन्होंने भी चौके -छक्कों की झड़ी लगा दी और कुछ ही सालों में Ajmera Fashion को सूरत के सबसे कामयाब टेक्सटाइल Manufacturers में से एक बना दिया.
लेकिन जैसा कि कहते हैं- It’s easier said than done! ये सब करना इतना आसान नहीं था. इसके लिए ज़रुरत थी कड़ी मेहनत और एक सॉलिड टीम की.
अजय जी ने सबसे पहले अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए सूरत के कपड़ा बाज़ार में मौजूद cream talent को अपने साथ जोड़ा और अपने ग्राहकों को बेस्ट प्रोडक्ट एंड सर्विसेज देने पर पूरा फोकस रखा.
इस दौरान अजय जी का एक ही मंत्र था – “Quality भी, Quantity भी”
Ajmera Fashion ने शुरुआत से ही textile manufacturing से जुडी हर एक SOP यानी Standard Operating Procedures को फॉलो किया. रॉ मटेरियल की खरीदारी से सक्सेसफुल ट्रेडर्स लेकर finished goods के शिपमेंट तक हर स्तर पर quality सुनिश्चित की गयी. साथ-साथ अजमेरा फैशन अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी भी बढ़ाती गई. और आज यह कम्पनी 10 lacs pieces per month की प्रोडक्शन क्षमता हासिल कर चुकी है.
इसके अलावा अजमेर फैशन ने फैशन के लेटेस्ट ट्रेंड्स को समझने के लिए designers की एक कोर टीम तैयार की जो भारत के हर एक स्टेट के फैशन को closely follow करती है और उसी हिसाब से लेटेस्ट प्रोडक्ट्स डिजाईन करती है. इसका सीधा फायदा होलसेलर्स और रिटेलर्स को होता है क्योंकि अच्छी क्वालिटी और मनपसन्द डिजाईन के कारण अजमेरा फैशन के प्रोडक्ट्स आसानी से बिक जाते हैं.
अच्छी क्वालिटी, अच्छी क्वांटिटी और अच्छी डिजाईन जब तीनो चीज एक ही जगह मिलने तो स्वाभाविक है ग्राहक ऐसी जगह आना पसंद करेंगे.
पर अजमेरा फैशन इतने पर ही नहीं रुकने वाली थी. साड़ियों से शुरुआत करने वाली यह कम्पनी पहले लेडीज वियर के तमाम प्रोडक्ट्स जैसे कि – लहंगा, सलवार-सूट, gowns, इत्यादि को अपने प्रोडक्ट लिस्ट में ऐड करती गई और जब women’s wear की रेंज कम्प्लीट हो गई तब कम्पनी ने Men’s wear और किड्स वियर की तमाम offerings अपने प्रोडक्ट कैटलॉग में ऐड कर ली.
यानी धीरे-धीरे करके अजमेरा फैशन एक छत के नीचे हर तरह के प्रोडक्ट्स manufacture करने लगी.
और अगर आप इस industry से हैं तो समझ सकते हैं कि एक होलसेलर या रिटेलर के लिए ये कितनी बड़ी सुविधा थी. And obviously,
अजय अजमेरा जी ने जानबूझ कर ये कदम उठाया क्योंकि अपने अनुभव के कारण वे अपने ग्राहकों की इस नीड को अच्छी तरह समझते थे.
इसके अलावा एक और बड़ी चीज जिसे वो समझते थे और जो इंडस्ट्री में एक game changer साबित हुई और सूरत के कपड़ा बाज़ार को हिला कर रख दिया वो थी – Manufacturer और रिटेलर के बीच की कड़ी होल्सेर्स और ट्रेडर्स को हटा कर सीधा रिटेलर्स को माल देना, वो भी उसी रेट पर जिसपर वे बड़े-बड़े होलसेलर्स और ट्रेडर्स को देते थे.
ये एक क्रांतिकारी कदम था क्योंकि इसने अचानक ही मुनाफा काफी बढ़ा दिया. उदाहरण के लिए
मन लीजिये कोई होलसेलर अजमेर फैशन से 100 रु में एक साड़ी लेता था और रिटेलर को 125 रु में बेचता था. इसके बाद रिटेलर उसमे अपना मुनाफा जोड़ कर 150 रु में बेचता था.
यानी रिटेलर को 25 रु का लाभ मिलता था.
लेकिन अजमेरा फैशन के इस बोल्ड स्टेप के बाद रिटेलर को वही साड़ी 100रु में मिल जाती है और यदि वो उसे अब भी 150 रु का बेचता है तो उसका मुनाफा सीधा 25 रु से बढ़ कर 50 रु हो गया. यानी मुनाफा डबल!
और शायद यही सबसे बड़ा कारण है कि आज सूरत की इस कंपनी से दुनिया भर से लोग जुड़ रहे हैं.
यदि आप भी कपड़ों के व्यापारी हैं या इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो एक बार अजमेरा फैशन ज़रूर पधारें
हमें यकीन है कि हज़ारों व्यवसाइयों की तरह आप भी अजमेरा फैशन के साथ जुड़ कर अपना मुनाफा बढ़ा पायेंगे.
✅Call or Whats App – +91 6358863681 , +91 9998994692
✅Ajmera Fashion. D-5491, 3rd Floor, Lift No.15, Raghukul Textile Market, Ring Road, Surat, Gujarat, India – 395002 Email – [email protected]