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बिटकॉइन से होने वाले नुकसान

बिटकॉइन से होने वाले नुकसान
Chia Cryptocurrency: बिटकॉइन, डॉगकॉइन के बाद अब इस इको-फ्रेंडली क्रिप्टोकरेंसी का है जलवा
टेस्ला (Tesla) के फैसले का क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ा असर दिखा। इससे पहले जब टेस्ला ने ग्राहकों से बिटकॉइन (Bitcoin) में पेमेंट लेने की बात कही थी, तब इसकी कीमतों में बड़ा उछाल आया था। कंपनी ने कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में ज्यादा ऊर्जा की खपत से पर्यावरण (environment) को होने वाले नुकसान की वजह से अपना फैसला वापस ले रही है। इसके अलावा टेस्ला ने बिटॉइन में अपना निवेश भी घटाया। इसका असर बिटकॉइन की कीमत पर पड़ा।

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बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)

जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या बिटकॉइन से होने वाले नुकसान आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?

इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से बिटकॉइन से होने वाले नुकसान खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।

बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क

इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।

इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं बिटकॉइन से होने वाले नुकसान लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।

मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क

बिटकॉइन पूरी बिटकॉइन से होने वाले नुकसान तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता बिटकॉइन से होने वाले नुकसान है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाने के इरादे से लॉन्च किया गया था। लेकिन, हर क्रांति के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी — क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की देन है। आज, यहां आप पढ़ेंगे क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से मिलकर बनीं है।

क्रिप्टोकरेंसी पैसे के लिए एक नया सेंट्रलाइज्ड सिस्टम बिटकॉइन से होने वाले नुकसान डिफाइन करती है। इस सिस्टम में ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं। फलस्वरूप, समय और रिसॉर्स दोनों की बचत होती है।

क्रिप्टोकरेंसी किसी विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की जरूरत के बगैर, दो पार्टी के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाती है।

क्योंकि यह थर्ड-पार्टी मिडिएटर का उपयोग नहीं करती है, दो ट्रांजेक्शन करने वाली पार्टियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर, स्टैंडर्ड मनी ट्रांसफर की तुलना में ज्यादा फास्ट होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से लाभ मिल सकता है। बिटकॉइन से होने वाले नुकसान क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू पिछले एक दशक में आसमान छू गई है, एक पॉइंट पर तो यह लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बेहद अस्थिर हैं। बिटकॉइन से होने वाले नुकसान दुनिया भर में 24×7 इस पर ट्रेडिंग चलती रहती है। अक्सर, किसी भी देश में नियामक कार्रवाई की फुर्ती से कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसी तरह, अटकलें कीमतों को बढ़ा सकती हैं।

एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो किसी को भी, कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, होने की वजह से इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में सरकारें एक मत नहीं है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है।

मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीदारी जैसी नापाक गतिविधियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए एक लोकप्रिय उपकरण बन गई है। कुछ रिपोर्ट्स ने डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। क्रिप्टोकरेंसी भी हैकर्स की पसंदीदा बन गई है जो उनका इस्तेमाल हानिकारक गतिविधियों के लिए करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी क्रैश करने से निवेशकों को लगा था बड़ा झटका, जानिए कितना हुआ नुकसान

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  • बीते हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में 63 फीसदी तक गिरावट आई थी।
  • क्रिप्टोकरेंसीज का बाजार पूंजीकरण1.49 लाख करोड़ डॉलर रह गया है।
  • क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट से इसके एक्सचेंजों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ा।

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निवेशकों को 830 अरब डॉलर की चपत
इससे निवेशकों को 830 अरब डॉलर का बिटकॉइन से होने वाले नुकसान नुकसान हुआ था। इस बड़ी गिरावट के बाद सभी क्रिप्टोकरेंसी का बाजार पूंजीकरण (Market capitalization) घटकर अब 1.49 लाख करोड़ डॉलर रह गया है। ज्यादा वॉल्यूम और सेल ऑर्डर (Sell Order) के चलते दुनिया के कई एक्सचेंजों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। इनमें बिनानंस (Binance), वजीरएक्स (WaxirX), वोयागर (Voyager) और कॉइनबेस (Coinbade) शामिल हैं।

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2- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर निगरानी के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है. यानी अगर आप Zebpay, Unocoin और Coinsecure जैसे बिटकॉइन एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदते हैं और आपके साथ कोई फ्रॉड होता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. इसमें कोई आपकी मदद नहीं करेगा. आरबीआई कई बार कह चुका है कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें.

बिटकॉइन का बुलबुला: तीन माह में बिटकॉइन के मूल्य में 18 लाख रुपए की गिरावट, उतार-चढ़ाव तेज होने से डिजिटल मुद्रा के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ रहा

डिजिटल या आभासी मुद्रा-क्रिप्टोकरेंसी का विस्तार आश्चर्यजनक है। एकसाल पहले वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप पर 6000 करेंसी लिस्टेड थी। आज 11145 हैं। उनका कुल मार्केट पूंजीकरण 2.44 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर आज 11.86 लाख करोड़ रुपए हो गया है। डिजिटल करेंसी की 63% ट्रेडिंग संस्थाएं और कंपनियां कर रही हैं। इसके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी के बाजारों में जबर्दस्त उथल पुथल मची है। इससे डिजिटल करेंसी के ध्वस्त होने की आंशकाओं ने जन्म लिया है।

बिटकॉइन का मू्ल्य अप्रैल में 47 लाख रुपए से घटकर मई में 22 लाख रुपए रह गया था। आज यह 29 लाख रुपए के आसपास है। 29 जुलाई को तो बिटकॉइन का बाजार मूल्य 21 लाख रुपए पर आ गया था। हर गिरावट से सवाल उठता है कि गिरावट कितनी बदतर हो सकती है। क्रिप्टोकरेंसी में दांव पर बहुत कुछ लगा है। बिटकॉइन से होने वाले नुकसान बिटकॉइन की गिरावट पर ट्रेडर्स भारी लेनदेन कर रहे हैं। करेंसी के धराशायी होने पर क्रिप्टो अर्थव्यवस्था बैठ जाएगी। डिजिटल रूप से बिटकॉइन बनाने वाले माइनर्स को नए कॉइन दिए जाते हैं। यदि मुद्रा में भारी गिरावट आएगी तो वे कॉइन बनाना बंद कर देंगे। निवेशक भी बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी से छुटकारा पा लेंगे। डेटा फर्म चेन एनालिसिस के फिलिप ग्रेडवैल का कहना है, ताजा हलचल ने दर्शाया है कि बाकी डिजिटल करेंसी भी बिटकॉइन का अनुसरण करेंगी।

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