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फाइनेंस कितने प्रकार का होता है

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finance kya hota hai

प्रॉपर्टी पर लोन

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फाइनेंस कितने प्रकार का होता है

मान लें कि आप 24 महीनों की अवधि के लिए रु. 2 लाख का लोन लेते हैं. पहले छह महीनों के लिए, आप नियमित समान मासिक किश्त (ईएमआई) का भुगतान करते हैं. अब तक, आपने फाइनेंस कितने प्रकार का होता है रु. 50,000 का रीपेमेंट किया होगा.

अचानक से, आपको रु. 50,000 की जरूरत पड़ जाती है. आपको बस माय अकाउंट (हमारे कस्टमर पोर्टल) पर जाना है और अपने फ्लेक्सी टर्म लोन अकाउंट से रु. 50,000 निकालना है. तीन महीने बाद, आपको रु. 1,00,000 का बोनस मिलता है और आप अपने फ्लेक्सी टर्म लोन का पार्ट-पेमेंट करना चाहते हैं. इस बार, आपको बस माय अकाउंट में जाना है और अपने फ्लेक्सी टर्म लोन का पार्ट पेमेंट करना है.

इस दौरान, आपका ब्याज अपने आप एडजस्ट हो जाता है, और आप किसी भी समय केवल बकाया राशि पर ही ब्याज का भुगतान करते हैं. आपकी ईएमआई में मूलधन और एडजस्ट किया गया ब्याज दोनों शामिल होता है.

दूसरे पर्सनल लोन के विपरीत, आपके फ्लेक्सी टर्म लोन अकाउंट में भुगतान करने या राशि निकालने के लिए कोई फीस/ दंड/ शुल्क नहीं लिया जाता है.

आज की लाइफस्टाइल के हिसाब से खर्चों को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में यह प्रकार सबसे बेहतर है.

फ्लेक्सी हाइब्रिड लोन

यह हमारे पर्सनल लोन का एक अन्य प्रकार है जो बिल्कुल फ्लेक्सी टर्म लोन की तरह काम करता है. एकमात्र अंतर यह है कि, लोन की अवधि के आधार पर लोन की शुरुआती अवधि के लिए आपकी ईएमआई में केवल लागू ब्याज शामिल होगा. शेष अवधि के लिए, ईएमआई में ब्याज और मूलधन दोनों घटक शामिल होते हैं.

यहां क्लिक करें​​​ ​​​​ हमारा फ्लेक्सी हाइब्रिड लोन कैसे काम करता है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए.

टर्म लोन

यह किसी अन्य रेग्युलर पर्सनल लोन की तरह ही होता है. आप एक निश्चित राशि उधार लेते हैं, जिसे समान मासिक किश्तों में बांट दिया जाता है, और उन किश्तों में मूलधन और लागू ब्याज दोनों शामिल होते हैं.

आपके लोन की अवधि पूरी होने से पहले टर्म लोन का पुनर्भुगतान करने पर शुल्क लिया जाता है.

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यह 30 वर्षों तक की लंबी अवधि के साथ आता है, जिसे आप अपनी ज़रूरतों के अनुरूप बना सकते हैं और पुनर्भुगतान को अनुकूल बना सकते हैं. आदर्श पुनर्भुगतान फाइनेंस कितने प्रकार का होता है अवधि जानने के लिए, सुनिश्चित करें कि होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करें यह सटीक परिणामों की गारंटी देता है और इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान है. इसके अलावा, पीएमएवाय लाभार्थी लोन पर अधिक किफायती ब्याज़ का लाभ उठाने के लिए रु. 2.76 लाख तक के देय ब्याज़ फाइनेंस कितने प्रकार का होता है पर 6.50% तक की सीएलएसएस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.

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finance kya hota hai-फाइनेंस क्या होता है ?

finance kya hota hai/what is finance

finance kya hota hai

नमस्ते दोस्तों। आज हम finance kya hota hai(what is finance) के बारे में जानेंगे। और साथ ही हम जानेंगे की फाइनेंस कितने प्रकार के होते है। आपने कईबार finance ये शब्द सुना होगा। लेकिन ज्यादातर आपको इसके बारे में पता ही नहीं है। आज के ज़माने में सबसे ज्यादा फाइनेंस ही इम्पोर्टेन्ट है। क्युकी फाइनेंस से बड़ी बड़ी कंपनी संभाली जाती है।

अभी के टाइम पर तो फाइनेंस फाइनेंस कितने प्रकार का होता है फाइनेंस कितने प्रकार का होता है को समझना काफी मदतगार होगा। क्युकी दिन में कही न कही आपका सामना फाइनेंस से होता ही होगा। हर चीज में फाइनेंस होता है। अगर फाइनेंस आप सिख गये तो आपको जिंदगी में आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता। तो चलिए समझते है की आखिर ये finance kya hota hai /what is finance .

what is finance /finance kya hota hai

सबसे पहले आपको बतादु finance ये शब्द फ्रेंच से आया है। हिंदी में इसका फाइनेंस कितने प्रकार का होता है सरल अर्थ है वित्त या पूंजी। जहा पर पैसो की बात होती है। वह फाइनेंस का विषय होता है। तरसल में पैसो के मैनेजमेंट को ही फाइनेंस कहा जाता है। जैसे आपको अगर व्यापार करना है। और आप कहिसे लोन लेकर आपने व्यापर शुरू करते है।

और व्यापार में लगने वाली सामग्री ,पैसो की देखरेख ,पैसो का मॅनॅग्मेंट को फाइनेंस ही संभालता है। उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करना भी एक फाइनेंस ही होता है। फाइनेंस देखा जाये तो सब जगह जुड़ा हुआ है। जैसे की बैंक ,लोन ,शेयर मार्किट ,इन्वेस्टमेंट ,कैपिटल मार्किट ,डेबिट ,क्रेडिट इन सब जगह से फाइनेंस जुड़ा हुआ है।

सरल हिंदी में कहा जाये तो अपने या अपने व्यापार के पैसो का प्रबंधन करना फाइनेंस कहलाता है।

types of finance

finance ke prakar /फाइनेंस के प्रकार

फाइनेंस के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

  1. personal finance /पर्सनल फाइनेंस
  2. corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस
  3. public finance /पब्लिक फाइनेंस

तो चलिए इन तीनो को सरल भाषा में विस्तार में समझते है। ताकि आपको और भी फाइनेंस समझ में आ जाये।

१.personal finance /पर्सनल फाइनेंस

पर्सनल फाइनेंस का हिंदी में मतलब होता है व्यक्तिगत वित्त। यानि की व्यक्ति अपने हिसाब से अपने पैसो के मैनेज करता है। उसके खर्चे उसके पर्सनल जो भी होते है। उनको सहितरह से सम्भालना इसेही पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने ज्ञान के हिसाब से ही अपने वित्त को सम्भलता है। हर व्यक्ति का अलग अपना अपना फाइनेंस होता है। उसेही व्यक्तिगत फाइनेंस कहा जाता है।

२.corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस

कोप्रोरेट फाइनेंस को सरल हिंदी में निगम वित्त कहा जाता है। कॉर्पोरेट फाइनेंस में कंपनी ,इंस्टिट्यूट या फिर प्रॉपर्टी आती है। जैसी की कोई कंपनी अपने कंपनी के लिए पैसो का मैनेजमेंट करती है।

कंपनी के पैसो का सही तरह से इन्वेस्टमेंट करती है। उसेही corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस कहा जाता है। कंपनी अपने भविष्य के लिए कोई भी फाइनेंसियल कदम उठती है। जैसे लोन लेंना ,पैस को इन्वेस्ट करना ,और कंपनी को ग्रोथ में लाना। इसेही कॉरपरेट फाइनेंस कहा जाता है।

३.public finance /पब्लिक फाइनेंस

पब्लिक फाइनेंस को हिंदी में लोक वित्त कहा जाता है। जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है। पब्लिक फाइनेंस मतलब लोगो का पैसा। इसका डायरेक्ट सम्बन्ध सरकार से आता है। जैसे की सरकार को अपना शासन सँभालने के लिए पैसो की जरुरत तो होती है।

तो सरकार ये पैसा लोगो से टैक्स के रूप में वसुंल करती है। उसेही public finance /पब्लिक फाइनेंस कहा जाता है। पब्लिक फाइनेंस को फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा मैनेज किया जाता है। देश के विकास के लिए फाइनेंस मिनिस्टर को फंडिंग की जरुरत होती है। तो सरकार टैक्स के माध्यम से ही पैसा जमा करती है। और फिर बजेट के हिसाब से ही फाइनेंसियल प्लानिंग की जाती है।

सरकार के टैक्स के बारे में जानकारी देखने के लिए आप incometaxindia.gov.in पर जाकर देख सकते है।

निष्कर्ष

अभी हमने जाना की finace kya hota hai/what is finance .और types of finance. फाइनेंस का कुल मिलके के पैसे से डायरेक्ट सम्बन्ध आता है। जहा पैसो का जीकर होता है। वह फाइनेंस होता है। फाइनेंस से ही पैसे कला सही से मैनेजमेंट किया जाता है। तो फाइनेंस की समझना आज के युग में बहुतही महत्वपूर्ण है।

यकीं है की आपको finance kya hota hai(what is finance) के बारे में विस्तार में समझ आगया होगा। और आपको इस पोस्ट से कुछ फ़ायदेमंद बात सीखने को मिली होगी। अगर आपको आज की ये finance की पोस्ट अछि लगी हो तो कृपया इस पोस्ट को अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

और ऐसेही फाइनेंस के विषय में जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग (website) को सब्सक्राइब जरूर कर लेना। ताकि नए पोस्ट आने पर आपको पढ़ने को मिल सके। और फाइनेंस के विषय में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। धन्यवाद !

Finance क्या है? भारत की बेस्ट फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?

Finance

क्या आप जानते है कि Finance क्या हैं? अगर आप नही जानते है तो में इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं। फाइनेंस कितने प्रकार के होते है? और भारत की प्रमुख फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?

फाइनेंस शब्द फ्रेंच भाषा से लिया गया है। इस शब्द का उपयोग 18 सदी के आरंभ में शुरू किया गया था। फाइनेंस को हिंदी भाषा में वित्त कहां जाता है।

Finance क्या हैं?

Table of Contents

फाइनेंस एक ऐसा जरिया है जिसके माध्यम से आप कोई कम करने या अपना खुद का नया बिजनेस शुरू करना चाहते है तो उसके पूंजी फाइनेंस कितने प्रकार का होता है को सही इस्तेमाल कर सके। आज के समय में होने वाला खर्चा और भविष्य में होने वाले संभावित खर्च के लिए की गई बचत फाइनेंस मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।

Finance कितने प्रकार के होते है?

फाइनेंस तीन प्रकार के होते हैं।।

Personal Finance:

इसके अंतर्गत उस वित्त को लिया जाता है फाइनेंस कितने प्रकार का होता है जिसे व्यक्ति अपने परिवार के लिए एकत्रित करता है या अपने निजी रूप से इसका इस्तेमाल करता है यह वित्त पारिवारिक आय और बचत का माध्यम होता है जो परिवार की आवयश्कताओं पर निर्भर करता है यह वित्त निजी खर्च से लेकर बचत को प्रोत्साहन देता है।
इसलिए इसे निजो वित्त भी कहते हैं। यह परिवार के प्रमख का दायित्व है जिसे मुखिया के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। यह बजट की भांति ही रहता है जो आवश्यकता के अनुसार ही लिया जाता है।

Coroprate Finance

इस वित्त का प्रयोग बड़ी बड़ी कम्पनियों में किया जाता है अर्थात यह वित्त बड़ी बड़ी कम्पनियों में पूंजी के रूप में किया जाता है जिससे पूंजी निर्माण अर्थात पूंजी सरंचना का कार्य किया जाता है यह वित्त बड़े बड़े फाइनेंस कितने प्रकार का होता है पूंजीपतियों के माध्यम से कार्य मे लाया जाता है। इसके माध्यम से जो पूंजी तैयार की जाती है उसे कम्पनी अपने छोटे छोटे भागों में बांटती है जिसे शेयर कहते हैं। यह शेयर कारपोरेट वित्त को बढ़ावा देते हैं।
कॉरपोरेट वित्त का कार्य पूंजी विनियोजन से लेकर बैंकिंग विनियोजन तक का कार्य करता है।

Public Finance

ऐसा वित्त जो सरकार के आंकलन में अपनी आय व खर्च का प्रबंधन करता है तथा सरकार के माध्यम से या सरकार की निगरानी में रखा जा सकता है वह लोक वित्त कहलाता है इसे सर्वाजनिक वित्त भी कहते हैं। इसे सरकार राजस्व ओर अन्य सार्वजनिक माध्यम से एकत्रित करती है यह समस्त सार्वजनिक कार्यों के लिए एकत्रित किया जाता है जिसका मूल्यांकन सरकार के माध्यम से सम्पन्न होता है।

भारत में प्रमुख फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?

इस फाइनेंस में बैंक, NBFC company और Small Finance Bank आता है। तो चलिए जानते है कि वो कौनसी कंपनियां है:-

  1. Bajaj Finance Limited
  2. HDFC Finance
  3. LIC Housing Finance Limited
  4. Mahindra Financial Service Limited
  5. Muthoot Finance Limited
  6. TATA Capital Financial Service Limited
  7. HDB Finance Services
  8. Aditya Birla Finance Limited
  9. Kotak Mahindra Prime Limited
  10. Indian Railway Finance Corporation Limited
  11. L&T Infrastructure Finance Corporation Limited
  12. Shriram Transport Finance Company Limited
  13. Shriram City Union Finance Limited
  14. Rural Electrification Corporation Limited
  15. Cholamandalam Finance

Finance लेने के क्या फ़ायदे है?

Finance के कई फायदे हैं और आज के डिजिटल युग में लोगों में Online Finance का एक अलग ही क्रेज बढ़ रहा है। Finance के कुछ मुख्य फायदे इस आर्टिकल में हम आगे जान लेते हैं।

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