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डीमैट अकाउंट क्या होता है

डीमैट अकाउंट क्या होता है
शेयर बाजार लुभाता है और खोलना है डीमैट अकाउंट, यहां जानें इसकी एबीसी

Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

क्या होता है डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

क्या सिर्फ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

शेयर बाजार लुभाता है डीमैट अकाउंट क्या होता है और खोलना है डीमैट अकाउंट, यहां जानें इसकी एबीसी

इस सप्ताह के पहले दिन भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Exchange) में तेजी का माहौल है। इससे पहले बीते शुक्रवार को भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का संवेदी सूचकांक (Index) एक हजार अंक से भी ज्यादा चढ़ कर बंद हुआ था। हालांकि, इससे पहले शेयर बाजार में उतार और चढ़ाव का दौर चल रहा है। तब भी इस समय कई अच्छे आईपीओ (IPO) आ रहे हैं। हाल ही में सरकारी कंपनी एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आया था, जिसमें रिकार्ड संख्या में आवेदन मिले थे। आवेदकों में ज्यादातर खुदरा निवेशक (Retail Investor) थे। इनमें से ढेरों निवेशकों ने हाल ही में डीमैट (Demat Account) अकाउंट खुलवाया था।

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शेयर बाजार लुभाता है और खोलना है डीमैट अकाउंट, यहां जानें इसकी एबीसी

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते (Bank Account) की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। हम कह सकते हैं कि डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।

समझदारी से चुनें ब्रोकर

आप ऐसे डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (App or Web based digital broking firms) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है। कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं। ये दोनों फेक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।

बैंक भी देते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा

आपका जिस बैंक में खाता (Bank Account) है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।

पूरी करें कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया

सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Online Customer Onboarding Process) है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।

सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें

आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

अकाउंट डिटेल्स प्राप्त करें

एक बार सत्यापित (After Varification) हो जाने के बाद आपके खाते को आधिकारिक रूप से शेयर ट्रेडिंग (Share Trading) के लिए मंजूरी मिल जाएगी। आपको एक वेलकम किट प्राप्त डीमैट अकाउंट क्या होता है होगी जिसमें अकाउंट डिटेल्स जैसे कि एक यूनिक आईडी और आपके खाते तक पहुंचने के लिए पासवर्ड होगा। आप शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading) करने के लिए तैयार हैं।

पहले ट्रेडिंग से जुड़ी डीमैट अकाउंट क्या होता है बातें जान लें

अंत में, यह आपका पहला ट्रेड करने का वक्त है! चूंकि आप ट्रेडिंग में नए हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप रेफरेंस मटेरियल के माध्यम से जाएं और ट्रेडिंग फंडामेंटल के वेबिनार में भाग लें। जरूरत पड़ने पर आप कई बैंक खातों को ट्रेडिंग खाते से लिंक भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको अपने टाइम-सेंसिटिव ट्रेड्स के लिए तुरंत टॉप-अप में मदद मिलती है। इस नए अकाउंट के साथ, आप निवेश की आदतों विकसित करने और बेहतर आरओआई की यात्रा पर निकले हैं। सुनिश्चित करें कि आप निवेश करते समय अनुशासित रहें और जब तक कि दुनिया लॉकडाउन से वापस आ जाए, अपने निवेश को बढ़ते देखें।

चार्जेस का भी रखें ध्यान

डीमैट अकाउंट खोलना आज की तारीख में काफी आकर्षक काम हो गया है। इसलिए इस क्षेत्र में ढेरों प्लेयर आ गए हैं। शुरूआत में जब डीमैट अकाउंट खुलने शुरू हुए थे तो चार्जेस काफी हाई थे। लेकिन अब कई कंपनियां जीरो फी पर डीमैट अकाउंट खोल रही हैं। ये कंपनियां सिर्फ ट्रेडिंग पर ही थोड़ा सा शुल्क वसूलती है। इस तरह से इनका काम इसी शुल्क से चल जाता है। इसलिए, किसी कंपनी के यहां अकाउंट खुलवाने से पहले इन जार्च की अच्छी तरह से तुलना अवश्य कर लें।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए जरूरी हैं ये दो अकाउंट, जानिये डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account दूसरा Trading Account और डीमैट अकाउंट क्या होता है तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है

नई दिल्‍ली, ब्रांड डेस्‍क। आज के माहौल में सिर्फ पारंपरिक निवेश के विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निर्भर रहना बेवकूफी है। बढ़ती महंगाई ना सिर्फ आपका मुनाफा खा रहा है बल्कि आपकी बचत में सेंध लगा रहा है। ऐसे में डीमैट अकाउंट क्या होता है निवेशक को निवेश का ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो ना सिर्फ महंगाई को मात दे सके बल्कि आपको भविष्य को भी सुरक्षित कर सके। निवेश का यह विकल्प है स्टॉक मार्केट। तकनीक के इस दौर में शेयर बाजार में निवेश बहुत आसान हो गया। एक डीमैट अकाउंट खोलकर आप बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। बैंक खाते की तरह इसमें आपके शेयर जमा होते हैं।

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कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

डीमैट अकाउंट क्या है

जहां आपके शेयर और निवेश कागजात डिजिटल रूप में रखे जाते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है

इसके जरिए आप ट्रेडिंग कर सकते हैं, सिक्योरिटी खरीद सकते हैं, निवेश कर सकते हैं और ये डीमैट अकाउंट से लिंक होता है।

डिपॉजिटरी क्या होते हैं

डिपॉजिटरी वो संस्थाएं होती हैं जहां निवेशकों के सभी निवेश डॉक्यूमेंट सुरक्षित होते हैं। देश में दो डिपॉजिटरी हैं जिन्हें एनएसडीएल और सीडीएसएल के रूप में जाना जाता है। इन संस्थाओं के साथ डिपॉजिरी पार्टिसिपेंट यानि डीपी जुड़े होते हैं जिन्हें हम शेयर ब्रोकर के रूप में भी जानते हैं। ये ग्राहकों को सेवाएं देते हैं और एनएसडील या सीडीएसएल और आम निवेशकों के बीच लिंक का काम करते हैं। उदाहरण के लिए एनएसडील के जुड़े डीपी या Broking फर्म अपने ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं और इन ग्राहकों के निवेश डिजिटल रूप में NSDL में डिपॉजिट होते हैं। वहीं CDSL के साथ जुड़े डीपी अपने ग्राहकों को डीमैट की सुविधा देते हैं और इन निवेश दस्तावेजों को सीडीएसएल के पास सुरक्षित रखते हैं। ध्यान रखें कि डीमैट खाते डिपॉजटरी खोलती है, ब्रोकिंग फर्म या डीपी इसके लिए एक माध्यम होते हैं। जो कि आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की सुविधा देते हैं। 5paisa भी आपके लिए बिना शुल्क, बेहद कम समय में Demat Account खोलता है और साथ ही ब्रोकरेज के लिए आकर्षक दरें भी ऑफर करता है। तो आज ही 5paisa।com पर अपना Demat Account खोलें!

डीमैट अकाउंट क्या होता हैं – What Is Demat Account In Hindi

डीमैट खाते आपके लेन-देन करने का एक बहुत ही सुविधाजनक तरीका है। एक डीमैट खाता धारक के रूप में, आप प्रतिभूति लेनदेन और बैंकिंग लेनदेन दोनों कर सकते हैं। यही कारण है कि एक डीमैट खाता निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। जब आप शेयर बाजार में शेयर खरीदते हैं, तो आप उन्हें अपने डीमैट खाते में रखेंगे। आप अपने डीमैट खाते में डीमैट अकाउंट क्या होता है शेयर प्रमाणपत्र नहीं रख सकते हैं लेकिन आपके पास एक विवरण होगा जो आपको आपके द्वारा रखे गए शेयरों को दिखाता है। यदि आप अपने डीमैट खाते में शेयर रखते हैं, तो आप उन्हें ऑनलाइन बेच सकते हैं। आपको इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण के माध्यम से धन प्राप्त होगा। आप अपने डीमैट खाते का उपयोग म्यूचुअल फंड ऑनलाइन खरीदने के लिए भी कर सकते हैं।

डीमैट खाता कैसे काम करता है

डीमैट खाता व्यापारिक दुनिया में एक लोकप्रिय शब्द है। और यद्यपि यह कोई नया शब्द नहीं है, फिर भी बहुत से लोग नहीं जानते कि इसका क्या अर्थ है। तो डीमैट खाता क्या है? डीमैट अकाउंट को समझने के लिए सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि डीमैट क्या होता है। डीमैट का अर्थ है डिलीवरी बनाम भुगतान। तो, डीमैट खाता एक बैंक में एक खाता है जहां आप अपने शेयर रखते हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं तो आप पहले अपने डीमैट खाते में पैसा जमा करते हैं और फिर आप शेयर खरीद सकते हैं। जब आप अपने शेयर बेचते हैं, तो आप अपने डीमैट खाते से शेयर बेच सकते हैं और पैसा प्राप्त कर सकते हैं। आप किसी भी समय अपने डीमैट खाते की ऑनलाइन जांच कर सकते हैं और इस खाते में जमा किए गए शेयरों की सूची देख सकते हैं।

डीमैट खाता खोलने का निर्णय लेने से पहले, आपके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि खाता आपके लिए क्या कर सकता है और क्या नहीं। यह आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए सही निर्णय लेने में आपकी सहायता करेगा। मूल रूप से दो प्रकार के डीमैट खाते हैं: शेयरों के लिए डीमैट खाता और म्यूचुअल फंड के लिए डीमैट खाता।

डीमैट खाता क्यों महत्वपूर्ण है

डीमैटरियलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो भौतिक प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करती है। शेयर रजिस्टर और सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (सीएसडी) डेटाबेस में बुक एंट्री द्वारा एक डीमैटरियलाइज्ड सिक्योरिटी का प्रतिनिधित्व किया जाता है। अभौतिकीकृत सुरक्षा कोई भौतिक वस्तु नहीं है। प्रतिभूतियों का डीमैटरियलाइजेशन प्रतिभूति बाजार को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। किसी सुरक्षा को अभौतिकीकृत करके, आप अपनी संपत्ति पर बेहतर नियंत्रण रखते हैं। चाहे आप प्रतिभूतियों का व्यापार कर रहे हों, या उनमें निवेश किया हो, आपको एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के साथ एक डीमैट खाता खोलना होगा। डीपी एक बैंक या गैर-बैंक इकाई है जो डीमैटरियलाइज्ड सेवाएं प्रदान करती है।

डीमैट अकाउंट के लाभ

होल्ड सेकुरिटीज

वित्तीय प्रौद्योगिकी के नए युग के लाभों में से एक डीमैटरियलाइज्ड खाता है। डीमैटरियलाइज्ड खाता एक बहीखाता पद्धति है जो प्रतिभूतियों को भौतिक प्रतिभूतियों या प्रमाणपत्रों को स्थानांतरित करने के बजाय एक डेटाबेस में प्रविष्टियों और रिकॉर्ड के रूप में रिकॉर्ड कर सकता है। डीडीए के रूप में भी जाना जाने वाला डीमैटरियलाइज्ड खाता, सभी प्रकार की प्रतिभूतियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह सुविधाजनक, कुशल, तेज और सुरक्षित है। डीडीए प्रतिभूतियों को स्टोर करने और आपकी संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी देने का सबसे अच्छा तरीका है। यह खाते की एक नई शैली है, जो अधिक सुविधाजनक और डीमैट अकाउंट क्या होता है कुशल है।

शेयरों का अंतरण

शेयरों का हस्तांतरण डीमैटरियलाइज्ड खाते के सबसे बड़े लाभों में से एक है। डीमैटरियलाइज्ड खाते में कोई भौतिक स्टॉक ट्रांसफर नहीं होता है। यह पूरी तरह वर्चुअल है। शेयरों के हस्तांतरण से कंपनी के समय और धन की बचत होती है, साथ ही हस्तांतरण शुल्क भी। डीमैटरियलाइज्ड खाता ई-कॉमर्स व्यवसाय का मूल आधार है। डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट ई-कॉमर्स बिजनेस का सबसे बड़ा फायदा है।

शेयरों को स्टोर करने के लिए सुरक्षित

डीमैटरियलाइज्ड खाता ऑनलाइन ब्रोकर सेवाओं का उपयोग करने के लाभों में से एक है। सुरक्षा, भौतिक शेयरों के भंडारण की कोई चिंता नहीं, कम पैकिंग और शिपिंग और भंडारण लागत। आपके शेयर स्टॉक एक्सचेंज में हमेशा उपलब्ध और सुरक्षित रहते हैं। आप इसे जब चाहें तब बेच सकते हैं। आप अपने शेयरों तक तेज और आसान पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।

डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इंडोनेशिया में शेयर ट्रांसफर के फायदों में से एक है। जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं, तो आपसे एक डीमैटरियलाइज्ड खाता खोलने के लिए कहा जाएगा। यह एक विशेष खाता है जिसका उपयोग आप अपने द्वारा खरीदे और बेचे जाने वाले शेयरों को रखने के लिए करते हैं। पारंपरिक खाते की तुलना में डीमैटरियलाइज्ड खाता अधिक सुरक्षित है।

अभौतिकीकृत खाते के बहुत सारे लाभ हैं, जैसे: – खाते की जानकारी ऑनलाइन संग्रहीत की जाती है। – अपने खाते को दूसरे ब्रोकर को ट्रांसफर करना आसान। – आप अपनी खाता गतिविधि पर नज़र रख सकते हैं। – आप किसी भी खाते से शेयर खरीद और बेच सकते हैं। – आप 24 घंटे अपने लेन-देन देख सकते हैं। – आप जब चाहें अपना पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।

विलंबित निपटान के जोखिम को कम करता है

एक डीमैटरियलाइज्ड खाता एक ऐसा खाता है जो एक कस्टोडियन बैंक के पास होता है और भौतिक रूप में नहीं होता है। यह एक ऐसा खाता है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक रूप से कारोबार की जाने वाली संपत्तियों को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। संपत्ति एक केंद्रीकृत खाते में रखी जाती है और भौतिक रूप में नहीं रखी जाती है।

Demat Account के प्रकार

नियमित खाता (Regular Account)

एक नियमित डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जहां ग्राहक के पास बड़ी संख्या में प्रतिभूतियां होती हैं। एक नियमित खाते को मल्टी लेग खाते के रूप में भी जाना जाता है। एक नियमित डीमैट खाता किसी भी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) शाखा में खोला जा सकता है। रेगुलर डीमैट अकाउंट दो तरह के होते हैं: रेगुलर डीमैट अकाउंट (RD): कम से कम 100 सिक्योरिटीज रखने वाले ग्राहक RD अकाउंट खोल सकते हैं। मिनी आरडी खाता: 100 या उससे कम प्रतिभूतियों वाले ग्राहक मिनी आरडी खाता खोल सकते हैं।

नियमित खाता एक डीमैट खाता होता है जो डीमैट खाते--व्यापारिक खाते या डीमैट खाते--पैन खाते जैसे किसी अन्य खाते से जुड़ा नहीं होता है। यह एक एकल डीमैट खाता है जो व्यक्तिगत निवेशकों की प्रतिभूतियों को रख सकता है। ऐसे डीमैट खाते व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और व्यक्तियों के संघों/व्यक्तियों की भागीदारी द्वारा खोले जा सकते हैं जिनका कोई व्यवसाय/पेशा नहीं है।

प्रत्यावर्तनीय खाता (Repatriable Account)

प्रत्यावर्तनीय खाता डीमैट अकाउंट क्या होता है सेबी के अनुसार एक डीमैट खाता है जिसे धन वापस करने की अनुमति है। इस प्रकार के खातों को एनआरई खाते के रूप में भी जाना जाता है। यह एक डीमैट खाता है जो विदेश से धन के प्रत्यावर्तन को स्वीकार करता है। धन की सुरक्षा की दृष्टि से इस प्रकार के खाते बहुत सुरक्षित होते हैं क्योंकि धन केवल खाताधारक को ही या उसके परिजनों को ही हस्तांतरित किया जा सकता है। प्रत्यावर्तनीय खाता विदेश में निवेश करने का एक बहुत ही सुरक्षित तरीका है क्योंकि निवेशक को यकीन है कि अगर वह चाहे तो पैसा वापस भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है। हालांकि, प्रत्यावर्तनीय खाते के लिए कुछ आवश्यकताएं हैं।

गैर-प्रत्यावर्तनीय (Non-Repatriable Account)

एक गैर-प्रत्यावर्तनीय जमा एक डीमैट (डीमैटरियलाइजेशन) खाते में जमा है जिसे एक निवेशक वापस नहीं ले सकता है। इस प्रकार की जमा राशि आमतौर पर भारत और मलेशिया में पाई जाती है। गैर-प्रत्यावर्तनीय जमा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए बहुत उपयोगी हैं, जो एक देश से दूसरे देश में पैसा स्थानांतरित करते समय मुद्रा विनिमय के मुद्दों से बचना चाहते हैं।

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