आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं

सावधान! फर्जी बैंकिंग ऐप से हो रहे हैं फ्रॉड, जानिए बचने के तरीके
कोरोना के समय में पिछले कुछ महीनों से बैंकिंग फ्रॉड के नए नए मामले सामने आ रहे हैं. साइबर अपराधी बड़े ही शातिराना अंदाज में आपको चूना लगाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बैंक अकाउंट को लेकर सावधान रहें.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Oct 2020 10:59 PM (IST)
कोरोना महामारी की वजह से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई, कई कारोबार ठप हो गए. मार्केट पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है. हालांकि इस दौरान ऑनलाइन मार्केट में काफी बूम आया है. आजकल ज्यादातर काम ऑनलाइन तरीके से किए जा रहे हैं. शॉपिंग, पढ़ाई, या फिर बैंक और पेमेंट से जुड़े काम भी ऑनलाइन हो रहे हैं. ऐसे में कई तरह के ऑनलाइन फ्रॉड भी होने लगे हैं. पिछले कुछ महीनों में तरह तरह के बैंकिंग फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों को फ्रॉडस्टर अपना निशाना बना रहे हैं. ऐसे में आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है. आप अपनी बैंक डिटेल्स और पेमेंट करते वक्त सतर्क रहें. हालांकि बैंक, आरबीआई, एनपीसीआई भी अपने कस्टमर्स को अलर्ट करती रहती हैं.
फर्जी बैंक ऐप और बैंक कर्मचारी बनकर कर रहे हैं फ्रॉड
इन दिनों फ्रॉडस्टर्स नए नए तरीकों से लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. फोन कॉल करके, स्कैमर, फिशिंग ईमेल और एसएमएस के जरिए लोगों के अकाउंट से पैसा उड़ा रहे हैं. आजकल फर्जी बैंक ऐप बनाकर यूजर्स को उसका लिंक भेजते हैं फिर उस लिंक के जरिए ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. कई बार यूजर्स उनकी झांसे में आकर बताई गई फर्जी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं. इसके बाद साइबर फ्रॉडस्टर्स उनके खातों में सेंध लगाकर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं. इतना ही नहीं ये साइबर क्रिमिनल्स खुद को बैंक ऑफिसर, आरबीआई ऑफिसर, इनकम टैक्स ऑफिसर बताकर भी लोगों को चूना लगा रहे हैं.
NPCI ने कस्टमर्स के लिए जारी किया अलर्ट
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हाल ही में नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानि NPCI ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को सतर्क किया किया था.
फ्रॉड से बचने के तरीके
1- अपने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं करें. 2- फोन पर आने वाले OTP, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस आईडी और पिन की डिटेल किसी दूसरे के साथ शेयर न करें. 3- सिम स्वैप या स्पूफिंग जैसे फ्रॉड से बचने के लिए अपने बैंकिंग डिटेल किसी भी नंबर पर शेयर न करें. 4- सिक्योर पेमेंट गेटवे के जरिए पेमेंट करें. 5- सोशल मीडिया पर किसी तरह की ट्रांजैक्शन डिटेल शेयर न करें. 6- अगर आपके बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन या फ्रॉड हुआ है तो आप तुरंत इसकी सूचना संबंधित बैंक को दें.
Published at : 18 Oct 2020 10:59 PM (IST) Tags: online payments Digital Payments digital card tips Bank Fraud Cyber Crime online banking RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi
विदेशी मुद्रा में लिवरेज क्या है
लिवरेज में फोरेक्स व्यापारी के धन का दलाल के क्रेडिट के आकार का अनुपात है। दूसरे शब्दों में, संभावित रिटर्न को बढ़ाने के लिए लीवरेज एक उधार ली गई पूंजी है। विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने का आकार आमतौर पर कई बार निवेश की गई पूंजी से अधिक होता है.
सभी कंपनियों में उत्तोलन का आकार निश्चित नहीं है, और यह एक निश्चित विदेशी मुद्रा दलाल द्वारा प्रदान की गई व्यापारिक स्थितियों पर निर्भर करता है.
तो, विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने का एक तरीका है एक व्यापारी के लिए बहुत बड़ी मात्रा में व्यापार से वह होगा, केवल अपने व्यापार पूंजी का सीमित मात्रा का उपयोग कर.
ठीक लगा?
आजकलमार्जिन ट्रेडिंग, के कारण, प्रत्येक व्यक्ति को विदेशी मुद्रा बाजार के लिए उपयोग किया है जो बाजार पर ऋण या उत्तोलन द्वारा अटकलों को भेजा है, पूंजी की एक निश्चित राशि (मार्जिन) है कि बनाए रखने के लिए आवश्यक है के लिए दलाल द्वारा प्रदान की व्यापार की स्थिति.
लेकिन रुको-वहां और अधिक के लिए व्यापार का लाभ उठाने के बारे में पता है .
कैसे सर्वश्रेष्ठ उत्तोलन स्तर का चयन करने के लिए
जो सबसे अच्छा उत्तोलन स्तर है? - सवाल का जवाब यह है कि यह निर्धारित करने के लिए जो सही उत्तोलन स्तर है कठिन है.
रूप में यह मुख्य रूप से व्यापारी की ट्रेडिंग रणनीति और आगामी बाजार चाल की वास्तविक दृष्टि पर निर्भर करता है यही है, sखोपड़ी और व्यापारियों को उच्च लाभ उठाने का उपयोग करने की कोशिश, के रूप में वे आम तौर पर जल्दी ट्रेडों के लिए देखो, लेकिन स्थिति व्यापारियों के रूप में, वे अक्सर कम लाभ उठाने की राशि के साथ व्यापार .
तो, क्या उत्तोलन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए उपयोग करने के लिए? - बस ध्यान रखें कि विदेशी मुद्रा व्यापारियों का लाभ उठाने के स्तर का चयन करना चाहिए कि उंहें सबसे अधिक आरामदायक बनाता है.
IFC मार्केट्स 1:1 से 1:400 का लाभ उठाने की पेशकश । आमतौर पर विदेशी मुद्रा बाजार में 1:100 उत्तोलन स्तर व्यापार के लिए सबसे इष्टतम उत्तोलन है । उदाहरण के लिए, यदि $1000 निवेश किया गया है और उत्तोलन 1:100 के बराबर है, तो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध कुल राशि $100.000 के बराबर होगी । अधिक ठीक कह रही है, का लाभ उठाने के कारण व्यापारियों को उच्च मात्रा में व्यापार कर रहे हैं । छोटे पूंजी वाले निवेशकों मार्जिन पर व्यापार (या लाभ उठाने के साथ) पसंद है, क्योंकि उनके जमा पर्याप्त व्यापार की स्थिति को खोलने के लिए पर्याप्त नहीं है.
के रूप में यह ऊपर उल्लेख किया गया था विदेशी मुद्रा में सबसे लोकप्रिय लाभ उठाने 1:100 है.
तो उच्च उत्तोलन के साथ समस्या क्या है? -खैर, उच्च उत्तोलन, आकर्षक होने के अलावा बहुत जोखिम भरा भी है । विदेशी मुद्रा में उत्तोलन उन व्यापारियों है कि ऑनलाइन व्यापार के लिए नए चेहरे है और सिर्फ बड़े उपयोग करना चाहते हैं, बड़े मुनाफे बनाने की उंमीद के लिए वास्तव में बड़े मुद्दों का कारण हो सकता है, जबकि तथ्य यह आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं है कि अनुभवी नुकसान के रूप में अच्छी तरह से भारी होने जा रहे है उपेक्षा.
उत्तोलन जोखिम का प्रबंधन कैसे करें
तो, जबकि उत्तोलन संभावित मुनाफे में वृद्धि कर सकते हैं, यह भी क्षमता के रूप में अच्छी तरह से नुकसान बढ़ाने के लिए है, यही वजह है कि आप ध्यान से अपने व्यापार खाते पर लाभ उठाने की राशि का चयन करना चाहिए । लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हालांकि इस तरह से व्यापार सावधान जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता होती है, कई व्यापारियों हमेशा लाभ उठाने के साथ व्यापार के लिए निवेश पर अपने संभावित लाभ में वृद्धि.
यह व्यापार परिणामों पर विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए काफी संभव है । सबसे पहले, यह तर्कसंगत नहीं है कि पूरे संतुलन व्यापार, यानी अधिकतम व्यापार की मात्रा.
वह सब कुछ नहीं है .
इसके अलावा, विदेशी मुद्रा दलालों आमतौर पर रोक घटाने के आदेश है कि व्यापारियों को और अधिक प्रभावी ढंग से जोखिम का प्रबंधन करने में मदद कर सकते है जैसे महत्वपूर्ण जोखिम प्रबंधन उपकरण प्रदान करते हैं.
यहां बुनियादी का लाभ उठाने के जोखिम ठीक से प्रबंधन अंक हैं:
- ट्रेलिंग स्टॉप का उपयोग करना,
- पदों को रखते हुए छोटे
- और प्रत्येक स्थिति के लिए पूंजी की मात्रा सीमित.
तो, विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है और उचित प्रबंधन के साथ लाभ.
ध्यान रखें कि उत्तोलन पूरी तरह से लचीला है और प्रत्येक व्यापारी की जरूरतों और विकल्पों के लिए अनुकूलन योग्य है.
अब विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने की एक बेहतर समझ है, पता कैसे व्यापार का लाभ उठाने के एक उदाहरण के साथ काम करता है.
विदेशी मुद्रा व्यापार के बारे में गलत धारणाओं
विदेशी मुद्रा एक रूले खेल हैं जहां कुछ लोगों बहुत जीत हे और दूसरे खोते है।.
विदेशी मुद्रा एक रूले नहीं है क्योंकि मुद्रा मूल्य में उतार चढ़ाव के मूल में कुछ सिद्धांत होते हैं. सबसे पहले, मुद्रा की कीमत अपने देश के आर्थिक प्रदर्शन पर निर्भर करता है।दूसरी बात, यह वरीयताओं और विदेशी मुद्रा खिलाड़ियों . की उम्मीदों से जुड़ा हुआ है. यह सभी प्रोग्नोसिस जोएक विषय है.उद्देश्य कारकों के बजाय भिन्न युक्तबाजार विश्लेषण करके आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं साबित कर दिया है .
यह आमतौर पर जोखिम किसी भी व्यावसायिक गतिविधि का एक अंतर्निहित हिस्सा है कि आजकल स्वीकार कर लिया है. तुम हमेशा एक सौदा से योजना बनाई परिणाम नहीं ले सकता हैलेकिन यह व्यापार में शामिल होने के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा है. जटिलता और बाजार के व्यवहार का अप्रत्याशित प्रकृति के कारण यह नुकसान भुगतना करने के लिए आसान है और वहाँ कभी नहीं है एक 100% विश्वास है कि परिणाम सकारात्मक होने जा रहा है।कई आधुनिक संचार प्रौद्योगिकियों और शक्तिशाली विश्लेषणात्मक सॉफ्टवेयर संकुल के लिए यह बहुत आसान पहुँच के बावजूद वित्तीय बाजार में काम से दूर रख रहे हैं.
यह भी अच्छी तरह से कभी अपरिहार्य है की योजना बनाई है और वास्तविक परिणाम के बीच विचलन कि व्यावसायिक गतिविधियों में से किसी में भाग लिया है, जो हर किसी के लिए जाना जाता है. आर्थिक या राजनीतिक परिवर्तन की तरह अप्रत्याशित है, लेकिन अभी भी बहुत प्रभावशाली कारकों के सभी प्रकार हैं, प्राकृतिक आपदाओं और कई और अधिक. इस प्रकार, यह माना जा सकता है कि जोखिम किसी भी गतिविधि का हिस्सा है. एकमात्र तरीका जोखिम से बचने के लिए कुछ नहीं करना है.
एक व्यापारी की जीत दूसरे की हानि है.
किसी भी तरह से विदेशी मुद्रा बाजार में सभी खिलाड़ियों कीमत में उतार चढ़ाव से लाभ बनाने के लिए मांग कर रहे हैं. ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुद्रा विनिमय आपरेशनों अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग कर रहे हैं(निर्यातकों, आयातकों, बड़े निवेशकों और अन्य). इन खिलाड़ियों के लिए अल्पकालिक परिवर्तन महत्वपूर्ण नहीं हैं।इस तरह के आपरेशनों के मुख्य ग्राहकों कंपनियों निर्यात और आयात कर रहे हैंविदेश में अपने उत्पादों की बिक्री, वे देश की मुद्रा प्राप्त करते हैं जहां बिक्री होती है. इस पैसे के उत्पादन में निवेश करने के लिए वे देश की मुद्रा की जरूरत है, जहां उत्पादन स्थित है. ऐसी कंपनियों के आदेशों के तहत बैंकों (या दलाल) रूपांतरणों को अंजाम। क्योंकि मुद्राओं एक अस्थायी बाजार दर पर आसानी से दूसरे में परिवर्तित किया जा सकता है, ऐसे संचालन खुद को लाभ का एक स्रोत बन सकते हैं. फिर भी, किसी भी वित्तीय बाजार संसाधनों के पुन: आबंटन की एक जगह है.
करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होंगे?
करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है मुद्रा की अदला बदली. जब दो देश/ कम्पनियाँ या दो व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा करने के लिए आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली करने का समझौता करते हैं तो कहा जाता है कि इन देशों में आपस में करेंसी स्वैप का समझौता किया है.
विनिमय दर की किसी भी अनिश्चित स्थिति से बचने के लिए दो व्यापारी या देश एक दूसरे के साथ करेंसी स्वैप का समझौता करते हैं.
विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”. वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है.
वर्ष 2018 भारत और जापान ने 75 अरब डॉलर के करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये हैं जिससे कि दोनों देशों की मुद्राओं में डॉलर के सापेक्ष उतार चढ़ाव को कम किया जा सके.
इस एग्रीमेंट का मतलब यह है कि भारत 75 अरब डॉलर तक का आयात जापान से कर सकता है और उसको भुगतान भारतीय रुपयों में करने की सुविधा होगी. ऐसी ही सुविधा जापान को होगी अर्थात जापान भी इतने मूल्य की वस्तुओं का आयात भारत से येन में भुगतान करके कर सकता है.
आइये इस लेख में जानते हैं कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं?
करेंसी स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है "मुद्रा की अदला बदली". अपने अर्थ के अनुसार ही इस समझौते में दो देश, कम्पनियाँ और दो व्यक्ति आपस में अपने देशों की मुद्रा की अदला बदली कर लेते हैं ताकि अपनी अपनी वित्तीय जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा किया जा सके.
करेंसी स्वैप को विदेशी मुद्रा लेन-देन माना जाता है और किसी कंपनी के लिए कानूनन जरूरी नहीं है कि वह इस लेन-देन को अपनी बैलेंस शीट में दिखाए. करेंसी स्वैप एग्रीमेंट में दो देशों द्वारा एक दूसरे को दी जाने वाली ब्याज दर फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों प्रकार की हो सकती है.
करेंसी स्वैप से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्या लाभ होंगे?
1. मुद्रा भंडार में कमी रुकेगी: डॉलर को दुनिया की सबसे मजबूत और विश्वसनीय मुद्रा माना जाता है यही कारण है कि पूरे विश्व में इसकी मांग हर समय बनी रहती है और कोई भी देश डॉलर में पेमेंट को स्वीकार कर लेता है.
डॉलर की सर्वमान्य स्वीकारता के कारण जब भारत से विदेशी पूँजी बाहर जाती है या विदेशी निवेशक अपना धन वापस निकलते हैं तो वे लोग डॉलर ही मांगते हैं जिसके कारण भारत के बाजार में डॉलर की मांग बढ़ जाती है जिसके कारण उसका मूल्य भी बढ़ जाता है. ऐसी हालात में RBI को देश के विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर निकालकर मुद्रा बाजार में बेचने पड़ते हैं जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है.
यदि भारत का विभिन्न देशों के साथ आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं करेंसी स्वैप एग्रीमेंट है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में (डॉलर के साथ विनिमय दर में परिवर्तन होने पर) कमी बहुत कम आएगी.
2. करेंसी स्वैप का एक अन्य लाभ यह है कि यह विनिमय दर में परिवर्तन होने से पैदा हुए जोखिम को कम करता है साथ ही यह ब्याज दर के जोखिम को भी कम कर देता है. अर्थात करेंसी स्वैप समझौते से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से राहत मिलती है.
3. वित्त मंत्रायल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और जापान के बीच हुए करेंसी स्वैप समझौते से भारत के कैपिटल मार्केट और विदेशी विनिमय को स्थिरता मिलेगी. इस समझौते के बाद से भारत जरूरत पड़ने पर 75 अरब डॉलर की पूंजी का इस्तेमाल कर सकता है.
4. जिस देश के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट होता है संबंधित देश सस्ते ब्याज पर कर्ज ले सकता है. इस दौरान इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उस वक्त संबंधित देश की करेंसी का मूल्य क्या है या दोनों देशों के बीच की मुद्राओं के बीच की विनिमय दर क्या है.
आइये करेंसी स्वैप एग्रीमेंट को एक उदाहरण आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं की सहायता से समझते हैं;
मान लो कि भारत में व्यापार करने करने वाले व्यापारी रमेश को 10 साल के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है. रमेश किसी अमेरिकी बैंक से आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं 1 मिलियन डॉलर का लोन लेने का प्लान बनाता है लेकिन फिर उसे याद आता है कि यदि उसने आज की विनिमय दर ($1 = रु.70) पर 7 करोड़ का लोन ले लिया और बाद में रुपये की विनिमय दर में गिरावट आ जाती है और यह विनिमय दर गिरकर $1 = रु.100 पर आ जाती है तो रमेश को 10 साल बाद समझौते के पूरा होने पर 7 करोड़ के लोन के लिए 10 करोड़ रूपये चुकाने होंगे. इस प्रकार रमेश को लोन लेने पर बाजार में उतार चढ़ाव के कारण 3 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है.
लेकिन तभी रमेश को एक फर्म से पता चलता है कि अमेरिकी व्यापारी अलेक्स को 7 करोड़ रुपयों की जरूरत है. अब रमेश और अलेक्स दोनों करेंसी स्वैप का एग्रीमेंट करते हैं जिसके तहत रमेश 7 करोड़ रुपये अलेक्स को दे देता है और अलेक्स 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर रमेश को. दोनों के द्वारा समझौते की राशि का मूल्य $1 =रु.70 की विनिमय दर के हिसाब से बराबर है.
अब रमेश, अलेक्स को अमेरिका के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 3%) की दर से 1 मिलियन डॉलर पर ब्याज का 10 साल तक भुगतान करेगा और अलेक्स, रमेश को भारत के बाजार में प्रचलित ब्याज दर (मान लो 6%) के हिसाब से 7 करोड़ रुपयों के लिए ब्याज देगा.
समझौते की परिपक्वता आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं अवधि (date of maturity) पर रमेश, अलेक्स को 1 मिलियन डॉलर लौटा देगा और अलेक्स भी रमेश को 7 करोड़ रुपये लौटा देगा. इस प्रकार के आदान-प्रदान के लिए किया गया समझौता ही करेंसी स्वैप कहलाता है.
इस प्रकार करेंसी स्वैप की सहायता से रमेश और अलेक्स दोनों ने विनिमय दर के उतार चढ़ाव की अनिश्चितता से बचकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर लिया आप विदेशी मुद्रा स्वैप से कैसे बचते हैं है.
समय की जरुरत को देखते हुए भारत ऐसी ही समझौते अन्य देशों के साथ करने की तैयारी कर रहा है. भारत, कच्चा टेल खरीदने के लिए ईरान के साथ ऐसा ही समझौता करने की प्रोसेस में है. अगर भारत और ईरान के बीच यह समझौता हो जाता है तो भारत हर साल 8.5 अरब डॉलर बचा सकता है.
उम्मीद है कि ऊपर दिए गए विश्लेषण और उदाहरण की सहायता से आप समझ गए होंगे कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे किसी अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होते हैं.
उम्मीद से पहले रेपो रेट घटा सकता है आरबीआई
आरबीआई फेडरल रिजर्व के ग्लोबल स्वैप लाइन फैसिलिटी का हिस्सा नहीं है, लेकिन वित्तीय बाजार में फ्रीजिंग जैसी स्थिति से बचने के लिए उभरते देशों के केंद्रीय बैंक के साथ सहयोग करने के लिए वह दरों में कटौती कर सकता है.
कोरोना वायरस के खतरे को कम करने की दिशा में यूएस फेड का यह बेहद चौंकाने वाला और बड़ा फैसला है. इससे अमेरिका ने एसेट्स की खरीद में हजारों बिलियन डॉलर के सस्ते डॉलर फाइनेंशिंग ऑफर से विदेशी अथॉरिटी को पीछे छोड़ दिया है.
विदेशी मुद्रा बाजार में तरलता बनाये रखने के लिए आरबीआई ने पिछले हफ्ते दो अरब डॉलर का स्वैप ऑप्शन कराया था. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "टूर ऑपरेटर, होटल और रेस्टोरेंट चेन का बिजनेस कोरोना की वजह से पटरी से उतर सकता है. अगर ग्राहक नहीं आते तो उनके पेमेंट में दिक्कत हो सकती है."
आरबीआई फेडरल रिजर्व के ग्लोबल स्वैप लाइन फैसिलिटी का हिस्सा नहीं है, लेकिन वित्तीय बाजार में फ्रीजिंग जैसी स्थिति से बचने के लिए उभरते देशों के केंद्रीय बैंक के साथ सहयोग करने के लिए वह दरों में कटौती कर सकता है.
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ कुमारेश रामकृष्णन ने कहा, "इस समय डॉलर की तरलता अधिक जरूरी है लेकिन वित्त वर्ष खत्म होने से पहले बैंकिंग सिस्टम में भी रुपये की पर्याप्त उपलब्धता जरूरी है. रिजर्व बैंक फिर से स्वैप ऑप्शन करा सकता है. कोऑर्डिनेटेड एक्शन के लिए आरबीआई दूसरे उभरते देशों पर नजर बनाये रख सकता है."
कई बैंकर का कहना है कि आरबीआई के पास दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक की तुलना में रेट कट पर फैसला लेने के लिए अधिक वक्त है.
डीबीएस बैंक के कंट्री ट्रेजरर आशीष वैद्य ने कहा, "पिछले 15 दिन में ही स्थितियां बहुत बदली हैं. आम राय दरों में कटौती नहीं करने से अब कटौती की संभावना करने तक पहुंच गयी है. आरबीआई दरों में कमी करने के लिए मॉनेटरी पॉलिसी की तय तारीख का इंतजार कर सकता है."
इंडसइंड बैंक के ट्रेजरर अरुण खुराना ने कहा, "बैंकों का एमसीएलआर पहले से नीचे आ रहा है. सिस्टम में इस समय तकरीबन 1.5 लाख करोड़ रुपये की तरलता है. ऐसे में रेट कट के लिए जल्दबाजी की जरूरत नहीं है."
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