नौसिखिया निवेशक के लिए एक गाइड

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
इस कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलिकन वैली के एंजेल इनवेस्टर बालाजी श्रीनिवास ने कहा कि यह अद्भुत फैसला है. अब उन सभी इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी के तौर पर इसमें सक्षम हैं. हाल में दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी में काफी तेजी देखी गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में निवेशकों के बीच इसने काफी दिलचस्पी पैदा की है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के आरबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज बिटकॉइन किस देश की करेंसी है कर दिया था.

बिटकॉइन माइनिंग

Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना

Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना

As a nation, we can’t afford to have a scenario where this category of investment exists unregulated.

Bitcoin Declared Legal Currency in El Salvador : अल सल्वाडोर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था. अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है. अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई.

अब कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा

राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.

The #BitcoinLaw has been approved by a supermajority in the Salvadoran Congress.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर बिटकॉइन किस देश की करेंसी है है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो बिटकॉइन किस देश की करेंसी है आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी बिटकॉइन किस देश की करेंसी है है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर बिटकॉइन किस देश की करेंसी है पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

बिटकॉइन का मालिक कौन है? बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?

बिटकॉइन का मालिक कौन है?- एक और नए लेख में आपका स्वागत है. उम्मीद है कि आप हमारा पहला लेख क्रिप्टोकरेंसी क्या है पढ़ लिए होंगे. यहां पर आपको यह जानने को मिला होगा कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्रिप्टोकरेंसी का कैसे Value बढ़ता है या घटता है. हाउ टो इन्वेस्ट इन क्रिप्टोकरेंसी. यदि अभी तक आपने उसी को नहीं देखा तो एक बार उसको देख लीजिए, तो आपको और भी अच्छे से समझने के लिए आसानी होगी.

आज हम बात करने वाले हैं बिटकॉइन का मालिक कौन है और हेलो हां सर किस देश की करेंसी है. परंतु बिटकॉइन का मालिक कौन है यह जाने से पहले हमको यह जानना पड़ेगा बिटकॉइन क्या होती है. तो आइए देख लेते हैं की बिटकॉइन क्या होती है?

बिटकॉइन का मालिक कौन है

Uses of Bitcoin in Hindi

जैसे कि आपको पता होगा डिजिटल लेन देन के लिए हम Phone Pay, Google Pay, Paytm जैसे सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं. जिसके बिटकॉइन किस देश की करेंसी है माध्यम से हम ऑनलाइन से किसी भी व्यक्ति के पास आसानी से कितना भी रुपए भेज सकते हैं. यहां पर यह वाक्य हमें किसी के पास पैसा भेजने के लिए उसके पास फिजिकली जाना नहीं पड़ा और कुछ ही सेकंड में उनको पैसा ट्रांसफर कर दिए.

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बिटकॉइन का मालिक कौन है

यदि हम बिटकॉइन का जन्मदाता/मालिक/पिता/बाप का बात करें तो इसका उत्तर होगा सतोशी नाकामोतो(Satoshi Nakamoto). 9 जनवरी 2009 को बिटकॉइन का आविष्कार हुआ था और सतोशी नाकामोतो इसका आविष्कार किया था.

जैसे क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन किस देश की करेंसी है बिटकॉइन किस देश की करेंसी है के अंदर बिटकॉइन का कहानी अजूबा है ठीक है से बिटकॉइन के आविष्कार के पीछे उनका निर्माता का कहानी भी इंटरेस्टिंग है. परंतु यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है, सतोशी नाकामोतो एक इंसान है या एक टीम! किसी किसी ने यह दावा किया कि उन्होंने सतोशी नाकामोतो को देखा है तो किसी ने यह बोलते हैं कि उनको आज तक कोई भी नहीं देखा या उनका घर उनका पता किसी को भी पता नहीं है.

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डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital बिटकॉइन किस देश की करेंसी है Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस बिटकॉइन किस देश की करेंसी है एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण बिटकॉइन किस देश की करेंसी है के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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