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फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?
finance kya hota hai

Finance Kya Hai | फाइनेंस के प्रकार?

आज की पोस्ट के माध्यम से Finance Kya Hai, What is Finance और Types of Finance Hindi की जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं क्योंकि आपने अक्सर समाचार और न्यूज़ चैनलों में इसके अलावा इंटरनेट पर फाइनेंस शब्द के बारे में कई बार सुना होगा |

जहां पर सरकार की तरफ से अक्सर फाइनेंस शब्द का उपयोग किया जाता है जब सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाता है तो उसमें फाइनेंस शब्द का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है वहीं इसके अलावा लोकसभा में भी फाइनेंस एक चर्चा का विषय बना रहता है |

ऐसे में अगर आप फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? जानना चाहते हैं की Finance Kya Hai? What is Finance और फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं वहीं का उपयोग कहां पर किया जाता है और क्यों फाइनेंस शब्द का इतना अधिक इस्तेमाल हो रहा है हम यहां पर संपूर्ण जानकारी इस विषय के ऊपर देंगे |

बहुत से लोगों के मन में फाइनेंस से संबंधित कई प्रकार के महत्वपूर्ण सवाल है ऐसे में हम उन सभी सवालों के जवाब भी इस पोस्ट के माध्यम से देने की पूरी कोशिश करेंगे, जिससे कि जान सकेंगे कि फाइनेंस किया है और इसकी हमारे जीवन में कितने ज्यादा आवश्यकता है |

खास करके अगर आप किसी प्रकार का व्यापार या कोई कंपनी को चलाते हैं तब फाइनेंस के बारे में अच्छी जानकारी होने का भी ज्यादा आवश्यक है जिससे कि आप अपने व्यापार और कंपनी के लिए बेहतर फैसले ले सके |

Table of Contents

Finance Kya Hai ( What is Finance)

यहां पर सबसे पहले हम जानते हैं कि फाइनेंस सबको कहां से लिया गया है जहां पर बताना चाहेंगे कि इसे फ्रेंच भाषा से लिया गया है वही इस शब्द की उत्पत्ति 18 वी सदी के आसपास की गई थी, इसके अलावा हम बताना चाहेंगे कि फाइनेंस शब्द को हिंदी भाषा में वित्त कहते हैं |

इसके साथ ही वित्त का सीधा संबंध पैसे से होता है वही फाइनेंस या फिर वित्त का उपयोग किसी भी प्रकार के पैसों को दर्शाने के लिए किया जाता है या फिर उसके लेनदेन को बताने के लिए फाइनेंस शब्द का उपयोग किया जाता है |

अर्थात इस शब्द का उपयोग किसी भी प्रकार के पैसों के प्रबंधन को अच्छी तरीके से परिभाषित करने के लिए किया जाता है और सबसे अधिक इस्तेमाल इसका सरकारों के द्वारा किया जाता है जिससे कि वह पैसों को और अच्छी तरीके से परिभाषित कर सके |

आप अगर फाइनेंस के बारे में और अधिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं या फिर इसमें किसी प्रकार की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए आपको अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने की जरूरत होती है जहां पर कॉलेज में अर्थशास्त्र को लेकर भी विकल्प उपलब्ध है |

एक बात अच्छी तरीके से हम जानते हैं कि किसी कंपनी या छोटे बड़े व्यापार को सही तरीके से कार्य करने के लिए पूंजी की सबसे फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? ज्यादा आवश्यकता होती है इसके बिना कोई भी व्यापार को चालू रख पाना असंभव है |

फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं?

यहां पर अभी तक Finance Kya Hai? के विषय के ऊपर जानकारी प्रदान की है अभी हम बात करते हैं कि फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं और उनका उपयोग कहां कहां पर किया जाता है जिससे कि इस विषय के ऊपर और बेहतर तरीके से जानकारी मिल पाएगी |

हम बताना चाहेंगे कि कुल मिलाकर तीन प्रकार के फाइनेंस होते हैं और हम यहां पर नीचे के करके इन तीनों प्रकार के फाइनेंस के बारे में विस्तार से बताएंगे कि इनका उपयोग कहां कहां पर किया जाता है |

व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance)

जैसा की उसके नाम से ही जान सकते हैं कि व्यक्तिगत वित्त जो कि किसी व्यक्ति के पैसों के लेनदेन से जुड़ा हुआ विषय है पर्सनल फाइनेंस में किसी व्यक्ति के द्वारा अपने पैसों का लेनदेन और उसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के तरीके को पर्सनल फाइनेंस कहते हैं |

इसके जो पैसे पास में होते हैं उनका सही तरीके से इस्तेमाल करना और उन पैसों के माध्यम से और ज्यादा लाभ उठा पाना उसको पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग तरीका होता है जिसके तहत वह पैसों के माध्यम से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकता है |

लोक वित्त (Public Finance)

पब्लिक फाइनेंस सेक्टर काफी ज्यादा बढ़ा है और इसमें सार्वजनिक प्राधिकरण को शामिल किया जाता है जो कि काफी बड़ा सेक्टर पूरे भारत में है पब्लिक फाइनेंस के अंतर्गत केंद्र सरकार और देश के सभी राज्य सरकार शामिल होती है |

मुख्य रूप से इसमें सरकार की आय और पैसों के लेनदेन से संबंधित सारी गतिविधियां होती है जहां पर सरकार की तरफ से कितने पैसे कमाए गए और कहां-कहां पर उनको खर्च किया गया है यह सारी जानकारी और यह सारी प्रक्रिया पब्लिक फाइनेंस में आती है |

इसके अलावा और भी बहुत सी निजी संस्थान है वह भी पब्लिक फाइनेंस में ही आती है और उन फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? में जितने भी पैसों का लेन-देन होता है वह सभी पब्लिक फाइनेंस के इर्द-गिर्द रहता है वही पब्लिक फाइनेंस में बुनियादी सुविधाएं जैसे कि बिजली, पानी, स्वच्छ, स्वच्छता इस प्रकार की और भी सभी सेवाओं को भी शामिल किया गया है |

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निगम वित्त (Corporate Finance)

कॉरपोरेट फाइनेंस को हिंदी भाषा में निगम वित्त कहते हैं और अधिकांश लोक निगम वित्त के बारे में काफी कम ही जानते हैं इसमें सभी बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है और कंपनियों के पास में जो भी पैसा होता है उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना जिससे कि कंपनी को अधिक से अधिक फायदा पहुंच सके।

Ans. फाइनेस का मतलब वित्त होता है, और हम साधारण भाषा में वित्त को भी फाइनेस कहते है।

Ans. फाइनेस 3 प्रकार के होते है। Personal Finance (व्यक्तिगत वित्त), Corporate Finance (कंपनी वित्त), Public Finance (सार्वजनिक वित्त)

Ans. आजकल तो बाजार में बहत सारी फाइनेस कंपनी है, पर कुछ ऐसी कंपनी है, जो काफी अच्छा काम कर रही है। HDFC.
Bajaj Finance.
Muthoot Finance.
Cholamandalam Finance.
Shriram Transport Finance.
Sundaram Finance.
L&T Finance.
LIC Housing Finance.

निष्कर्ष

हमने यहां पर Finance Kya Hai?, What is Finance और इसी के साथ में Types of Finance Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है वहीं इस विषय के ऊपर और भी किसी प्रकार की जानकारी या कोई सवाल के जवाब जानना चाहते हैं तब हमें नीचे कमेंट के माध्यम से भी बिलकुल आसानी से बता सकते हैं |

finance kya hota hai-फाइनेंस क्या होता है ?

finance kya hota hai/what is finance

finance kya hota hai

नमस्ते दोस्तों। आज हम finance kya hota hai(what is finance) के बारे में जानेंगे। और साथ ही हम जानेंगे की फाइनेंस कितने प्रकार के होते है। आपने कईबार finance ये शब्द सुना होगा। लेकिन ज्यादातर आपको इसके बारे में पता ही नहीं है। आज के ज़माने में सबसे ज्यादा फाइनेंस ही इम्पोर्टेन्ट है। क्युकी फाइनेंस से बड़ी बड़ी कंपनी संभाली जाती है।

अभी के टाइम पर तो फाइनेंस को समझना काफी मदतगार होगा। क्युकी दिन में कही न कही आपका सामना फाइनेंस से होता ही होगा। हर चीज में फाइनेंस होता है। अगर फाइनेंस आप सिख गये तो आपको जिंदगी में आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता। तो चलिए समझते है की आखिर ये finance kya hota hai /what is finance .

what is finance /finance kya hota hai

सबसे पहले आपको बतादु finance ये शब्द फ्रेंच से आया है। हिंदी में इसका सरल अर्थ है वित्त या पूंजी। जहा पर पैसो की बात होती है। वह फाइनेंस का विषय होता है। तरसल में पैसो के मैनेजमेंट को ही फाइनेंस कहा जाता है। जैसे आपको अगर व्यापार करना है। और आप कहिसे लोन लेकर आपने व्यापर शुरू करते है।

और व्यापार में लगने वाली सामग्री ,पैसो की देखरेख ,पैसो का मॅनॅग्मेंट को फाइनेंस ही संभालता है। उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करना भी एक फाइनेंस ही होता है। फाइनेंस देखा जाये तो सब जगह जुड़ा हुआ है। जैसे की बैंक ,लोन ,शेयर मार्किट ,इन्वेस्टमेंट ,कैपिटल मार्किट ,डेबिट ,क्रेडिट इन सब जगह से फाइनेंस जुड़ा हुआ है।

सरल हिंदी में कहा जाये तो अपने या अपने व्यापार के पैसो का प्रबंधन करना फाइनेंस कहलाता है।

types of finance

finance ke prakar /फाइनेंस के प्रकार

फाइनेंस के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

  1. personal finance /पर्सनल फाइनेंस
  2. corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस
  3. public finance /पब्लिक फाइनेंस

तो चलिए इन तीनो को सरल भाषा में विस्तार में समझते है। ताकि आपको और भी फाइनेंस समझ में आ जाये।

१.personal finance /पर्सनल फाइनेंस

पर्सनल फाइनेंस का हिंदी में मतलब होता है व्यक्तिगत वित्त। यानि की व्यक्ति अपने हिसाब से अपने पैसो के मैनेज करता है। उसके खर्चे उसके पर्सनल जो भी होते है। उनको सहितरह से सम्भालना इसेही पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने ज्ञान के हिसाब से ही अपने वित्त को सम्भलता है। हर व्यक्ति का अलग अपना अपना फाइनेंस होता है। उसेही व्यक्तिगत फाइनेंस कहा जाता है।

२.corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस

कोप्रोरेट फाइनेंस को सरल हिंदी में निगम वित्त कहा जाता है। कॉर्पोरेट फाइनेंस में कंपनी ,इंस्टिट्यूट या फिर प्रॉपर्टी आती है। जैसी की कोई कंपनी अपने कंपनी के लिए पैसो का मैनेजमेंट करती है।

कंपनी के पैसो का सही तरह से इन्वेस्टमेंट करती है। उसेही corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस कहा जाता है। कंपनी अपने भविष्य के लिए कोई भी फाइनेंसियल कदम उठती है। जैसे लोन लेंना ,पैस को इन्वेस्ट करना ,और कंपनी को ग्रोथ में लाना। इसेही कॉरपरेट फाइनेंस कहा जाता है।

३.public finance /पब्लिक फाइनेंस

पब्लिक फाइनेंस को हिंदी में लोक वित्त कहा जाता है। जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है। पब्लिक फाइनेंस मतलब लोगो का पैसा। इसका डायरेक्ट सम्बन्ध सरकार से आता है। जैसे की सरकार को अपना शासन सँभालने के लिए पैसो की जरुरत तो होती है।

तो सरकार ये पैसा लोगो से टैक्स के रूप में वसुंल करती है। उसेही public finance /पब्लिक फाइनेंस कहा जाता है। पब्लिक फाइनेंस को फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा मैनेज किया जाता है। देश के विकास के लिए फाइनेंस मिनिस्टर को फंडिंग की जरुरत होती है। तो सरकार टैक्स के माध्यम से ही पैसा जमा करती है। और फिर बजेट के हिसाब से ही फाइनेंसियल प्लानिंग की जाती है।

सरकार के टैक्स के बारे में जानकारी देखने के लिए आप incometaxindia.gov.in पर जाकर देख सकते है।

निष्कर्ष

अभी हमने जाना की finace kya hota hai/what is finance .और types of finance. फाइनेंस फाइनेंस कितने प्रकार का हफाइनेंस कितने प्रकार का होता है? ोता है? का कुल मिलके के पैसे से डायरेक्ट सम्बन्ध आता है। जहा पैसो का जीकर होता है। वह फाइनेंस होता है। फाइनेंस से ही पैसे कला सही से मैनेजमेंट किया जाता है। तो फाइनेंस की समझना आज के युग में बहुतही महत्वपूर्ण है।

यकीं है की आपको finance kya hota hai(what is finance) के बारे में विस्तार में समझ आगया होगा। और आपको इस पोस्ट से कुछ फ़ायदेमंद बात सीखने को मिली होगी। अगर आपको आज की ये finance की पोस्ट अछि लगी हो तो कृपया इस पोस्ट को अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

और ऐसेही फाइनेंस के विषय में जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग (website) को सब्सक्राइब जरूर कर लेना। ताकि नए पोस्ट आने पर आपको पढ़ने को मिल सके। और फाइनेंस के विषय में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। धन्यवाद !

फाइनेंस क्या है? finance meaning, What is Finance in Hindi

फाइनेंस एक बहुत व्यापक शब्द है | Finance एक French शब्द है और इसे हिंदी में पूंजी कहा जाता है | Finance का संबंध पैसों (Money) से होता है | Finance एक आएसी अवधारना है जो हमें अपना पैसा कब कहाँ और कैसे लगाना है | ताकि हमे उसका अच्छा लाभ ययानि मुनाफा मिल सके |

फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार के कार्यों को करने के लिए पैसों का प्रबंध करना होता है | इसे वितियन (Financeing) कहा जाता है |

वितीय ज्ञान क्यों जरूरी होता है? ( What is Finance in Hindi )

Table of Contents

अपने जीवन में उद्देश्यों को पूरा करने तथा उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए फाइनेशियल शिक्षा (Financial Education) का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है | क्यूंकि बहुत से ऐसे लोग है जो बहुत अधिक मुनाफा करते है परंतु उन्हें फाइनेंस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त नहीं होती जिनके कारण कहिन न कहिन वह पीछे रह जाते है और आगे के बारे में भीं सोच पाते |

फाइनेंस का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति ही हमेशा कम ब्याज पर ऋण प्राप्त करना चाहता है और पाने Gnvestment से अधि लाभ की उम्मदी करते है | यह तभी संभव है अगर हमें Financial Education की जानकारी प्राप्त होगी | यह भी कहा जा सकता है की धन के प्रंबधन का ज्ञान ही फाइनेंस होता है |

फाइनेंस कितने प्रकार क होता है?

  • व्यक्तिगत वित (Personal Finance)
  • निगम वित (Corporate Finance)
  • लोक वित (public Finance)

व्यक्तिगत वित क्या होता हैं?

किसी व्यक्ति का पाने निजी काम के लिए पैसों का प्रबंध करना ही व्यक्तिगत वित (Personal Finance) कहलाता है |

प्रत्येक व्यक्ति को यह पता होता है उसे अपना पैसा कैसे और किस तरह के काम में लगाना है और पैसे के हिसाब से अपनी जरूरतों को पूरा करना है | इस प्रकार की प्रक्रिया को हो व्यक्तिगत वित (Personal Finance) कहा जाता है |

व्यक्तिगत फाइनेंस (Personal Finance) के फायदे

  • आपके द्वारा की गई Invest पैसों (Money) की कीमत (Velue) को बढ़ा देती है |
  • व्यक्तिगत फाइनेंस भविष्य में आपके लिए होने वाले खतरों को कम कर देता है |
  • व्यक्तिगत फाइनेंस भविष्य के लिए अच्छा लाभदायक होता है |

निगम वित क्या होता है?

कॉर्पोरेट फाइनेंस पर्सनल फाइनेंस से बिलकुल अलग होता है | कॉर्पोरेट फाइनेंस में किसी कंपनी, समूह, इन्वेस्टमेंट और बचत की प्लानिंग और आजादी की बात की जाती है |

निगम वित (Corporate Finance) के फायदे

  • निगम वित आर्धि व्यवस्था को सुधारने में सहायक होता है |
  • यह व्यवसाय से संबंधित’ फैंसले लेने की क्षमता को बढ़ाता फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? है |

लोक वित क्या होता है?

लोक वित यानि पब्लिक फाइनेंस का अर्थ सार्वजनिक फाइनेंस होता है | पब्लिक फाइनेंस को हिंदी में लोक वित भी कहा जाता है | यह फाइनेंस सरकार से संबंधित या सरकार के लिए होता है | पब्लिक फाइनेंस का अर्थ सार्वजनिक क्षेत्र के फाइनेंस से होता है | सार्वजनिक क्षेत्र के वितीय लेन देन का हिसाब सरकार रखती है |

Classification of Finance

आज के समय में Flipkart, Amazon, Muntra कई तरह की वेबसाइट है जहाँ से कई प्रकार का समान खरीदा जाता है और फाइनेंस कंपनी फाइनेंस करती है | इसमें से एक है ZestMoney.

यदि आप यहाँ से कोई भी समान लेते तो और इनका लोन अमाउंट 3 से 6 महीने में वापिस कर देते है | तो यह कंपनी Zero Percent (0%) pyaj प्याज दर पर फाइनेंस करता है यदि आप लोन चुकाने में अधिक समय लेते है तो आपको ब्याज भी अधिक देना पड़ेगा |

इसी तरह समय के आधार पर फाइनेंस का क्लाससिफिकेशन किया गया है |

Finance Market को दो, भागों में बांटा गया है |

  • Money Market
  • Capital Market

कैपिटल मार्केट में 1 साल के लिए लोन दिया जाता है | जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी पैसों की जरूरतों को पूरा कर सकता है | Home Loan, ऑटो लोन कैपिटल मार्केट में ही आते है |

कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है |

  • Primary Market
  • Secondary Market

Primary Market

इस व्यवस्था में नाइ प्रकार की सुरक्षाओं को शामिल किया जाता है जिस्म Debt और Equity दोनों आते है |

Secondary Market

Secondary Market में पुरानी सुरक्षाओं को शामिल किया जाता है Debt बोर्ड पब्लिक रिपोर्ट Issue किया जाता है इस पुरानी व्यवस्था को खरीदा और बेचा जाता है |

अल्पकालीन वित

कम समय के लिए गये हुये ऋण को अल्पकालीन वित कहते है |

मध्यकालीन वित

जिस ऋण यानि लोन का समय 15 महीने से लेकर 5 वर्ष तक हा होता है उसका मुख्य उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग या प्रॉपर्टी के लिए होता है |

दीर्घकालीन वित

5 साल से अधिक समय के लिए जाने वाले लों को दीर्घकालीन वित कहते है | इस लोन का मुख्य उद्देश्य परिसंपत्तियों का निर्माण करने के लिए होता है |

Finance कंपनी क्या है? फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

Finance का संबध पैसों के प्रंबधन से होता है | कम ब्याज पर लोन प्राप्त करना या अन्य फाइनेंस से संबंधित के करना ही फाइनेंस कंपनी का काम होता है | किसी भी व्यक्ति, कंपनी या सर्कार के लिए निवेश करने का कार्य फाइनेंस कंपनी ही करती है |

भारत की टॉप फाइनेंस कंपनी कौन कौन सी है?

भारत की टॉप फाइनेंस कंपनीयों के नाम इस प्रकर से है |

  • HDFC
  • Bajaj Finance
  • Muthoot Finance
  • LIC Housing Finance
  • HDB Finance Services
  • Sundaram Finance
  • Kotak Mahindra Prime Limited
  • Aditya Birla Finance
  • Shriram City Union Finance Limited
  • Indian Railway Finance Corporation Limited

Finance के फायदे क्या है?

  • फाइनेंस कंपनी में निवेश करके काफी लाभ प्राप्त किया जा सकता है |
  • इसके अलावा पर्सनल फाइनेंस, कॉर्पोरेट फाइनेंस या पब्लिक फाइनेंस से भी बिवेश किया जा सकता है |
  • फाइनेंस की मदद अपने फ्यूचर के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है |

निष्कर्ष

तो दोस्तों अव आप अच्छे से जान गए होंगे की फाइनेंस क्या है? finance meaning, What is Finance in Hindi और फाइनेंस कितने प्रकार का होता है और इसके फायदे क्या होते है और भारत की टॉप फाइनेंस कंपनीयों कौन कौन सी है |

मैं उम्मदी करना हूँ दोस्तों की मेरे द्वारा बताई गई जानकारी फाइनेंस क्या है? What is Finance आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी | दोस्तों यदि आपको मेरे द्वारा बताई गई जानकरी में कुछ समझ न आया हो तो आप हमे कमेंट में पूछ सकते है |

finance kya hota hai-फाइनेंस क्या होता है ?

finance kya hota hai/what is finance

finance kya hota hai

नमस्ते दोस्तों। आज हम finance kya hota hai(what is finance) के बारे में जानेंगे। और साथ ही हम जानेंगे की फाइनेंस कितने प्रकार के होते है। आपने कईबार finance ये शब्द सुना होगा। लेकिन ज्यादातर आपको इसके बारे में पता ही नहीं है। आज के ज़माने में सबसे ज्यादा फाइनेंस ही इम्पोर्टेन्ट है। क्युकी फाइनेंस से बड़ी बड़ी कंपनी संभाली जाती है।

अभी के टाइम पर तो फाइनेंस को समझना फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? काफी मदतगार होगा। क्युकी दिन में कही न कही आपका सामना फाइनेंस से होता ही होगा। हर चीज में फाइनेंस होता है। अगर फाइनेंस आप सिख गये तो आपको जिंदगी में आगे जाने से कोई नहीं फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? रोक सकता। तो चलिए समझते है की आखिर ये finance kya hota hai /what is finance .

what is finance /finance kya hota hai

सबसे पहले आपको बतादु finance ये शब्द फ्रेंच से आया है। हिंदी में इसका सरल अर्थ है वित्त या पूंजी। जहा पर पैसो की बात होती है। वह फाइनेंस का विषय होता है। तरसल में पैसो के मैनेजमेंट को ही फाइनेंस कहा जाता है। जैसे आपको अगर व्यापार करना है। और आप कहिसे लोन लेकर आपने व्यापर शुरू करते है।

और व्यापार में लगने वाली सामग्री ,पैसो की देखरेख ,पैसो का मॅनॅग्मेंट को फाइनेंस ही संभालता है। उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करना भी एक फाइनेंस ही होता है। फाइनेंस देखा जाये तो सब जगह जुड़ा हुआ है। जैसे की बैंक ,लोन ,शेयर मार्किट ,इन्वेस्टमेंट ,कैपिटल मार्किट ,डेबिट ,क्रेडिट इन सब जगह से फाइनेंस जुड़ा हुआ है।

सरल हिंदी में कहा जाये तो अपने या अपने व्यापार के पैसो का प्रबंधन करना फाइनेंस कहलाता है।

types of finance

finance ke prakar /फाइनेंस के प्रकार

फाइनेंस के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

  1. personal finance /पर्सनल फाइनेंस
  2. corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस
  3. public finance /पब्लिक फाइनेंस

तो चलिए इन तीनो को सरल भाषा में विस्तार में समझते है। ताकि आपको और भी फाइनेंस समझ में आ जाये।

१.personal finance /पर्सनल फाइनेंस

पर्सनल फाइनेंस का हिंदी में मतलब होता है व्यक्तिगत वित्त। यानि की व्यक्ति अपने हिसाब से अपने पैसो के मैनेज करता है। उसके खर्चे उसके पर्सनल जो भी होते है। उनको सहितरह से सम्भालना इसेही पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने ज्ञान के हिसाब से ही अपने वित्त को सम्भलता है। हर व्यक्ति का अलग अपना अपना फाइनेंस होता है। उसेही व्यक्तिगत फाइनेंस कहा जाता है।

२.corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस

कोप्रोरेट फाइनेंस को सरल हिंदी में निगम वित्त कहा जाता है। कॉर्पोरेट फाइनेंस में कंपनी ,इंस्टिट्यूट या फिर प्रॉपर्टी आती है। जैसी की कोई कंपनी अपने कंपनी के लिए पैसो का मैनेजमेंट करती है।

कंपनी के पैसो का सही तरह से इन्वेस्टमेंट करती है। उसेही corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस कहा जाता है। कंपनी अपने भविष्य के लिए कोई भी फाइनेंसियल कदम उठती है। जैसे लोन लेंना ,पैस को इन्वेस्ट करना ,और कंपनी को ग्रोथ में लाना। इसेही कॉरपरेट फाइनेंस कहा जाता है।

३.public finance /पब्लिक फाइनेंस

पब्लिक फाइनेंस को हिंदी में लोक वित्त कहा जाता है। जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है। पब्लिक फाइनेंस मतलब लोगो का पैसा। इसका डायरेक्ट सम्बन्ध सरकार से आता है। जैसे की सरकार को अपना शासन सँभालने के लिए पैसो की जरुरत तो होती है।

तो सरकार ये पैसा लोगो से टैक्स के रूप में वसुंल करती है। उसेही public finance /पब्लिक फाइनेंस कहा जाता है। पब्लिक फाइनेंस को फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा मैनेज किया जाता है। देश के विकास के लिए फाइनेंस मिनिस्टर को फंडिंग की जरुरत होती है। तो सरकार टैक्स के माध्यम से ही पैसा जमा करती है। और फिर बजेट के हिसाब से ही फाइनेंसियल प्लानिंग की जाती है।

सरकार के टैक्स के बारे में जानकारी देखने के लिए आप incometaxindia.gov.in पर जाकर देख सकते है।

निष्कर्ष

अभी हमने जाना की finace kya hota hai/what is finance .और types of finance. फाइनेंस का कुल मिलके के पैसे से डायरेक्ट सम्बन्ध आता है। जहा पैसो का जीकर होता है। वह फाइनेंस होता है। फाइनेंस से ही पैसे कला सही से मैनेजमेंट किया जाता है। तो फाइनेंस की समझना आज के युग में बहुतही महत्वपूर्ण है।

यकीं है की आपको finance kya hota hai(what is finance) के बारे में विस्तार में समझ आगया होगा। और आपको इस पोस्ट से कुछ फ़ायदेमंद बात सीखने को मिली होगी। अगर आपको आज की ये finance की पोस्ट अछि लगी हो तो कृपया इस पोस्ट को अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

और ऐसेही फाइनेंस के विषय में जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग (website) को सब्सक्राइब जरूर कर लेना। ताकि नए पोस्ट आने पर आपको पढ़ने को मिल सके। और फाइनेंस के विषय में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। धन्यवाद !

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