क्या हर निवेश में पैसा बनता है?

SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे और नुकसान से जुड़ी 12 बड़ी बातें
नई दिल्ली. एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी आसान होता है। यह मंथली बचत होती है जो आप हर महीने करते हैं। SIP के जरिए म्यूचुअल फंड पर पैसे लगाने को लेकर लोगों के मन में इससे जुड़ी कुछ गलतफहमियां हैं। एसआईपी से जुड़ी बारीकियों के बारे में कुछ सवाल-जवाब के जरिए बता रहे हैं रेलिगर ब्रोकिंग लिमिटेड भोपाल के डिप्टी मैनेजर जितेंद्र सोनी:
SIP एक निवेश है ?
जवाब - लोग SIP में निवेश करने की सलाह देते हैं। आपको बता दें कि SIP अपने आप में निवेश नहीं है। यह केवल निवेश की विधि है। वास्तविक निवेश म्यूचुअल फंड योजना है। जिसमें आप हर माह एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि SIP में दो अलग- अलग फंड होते हैं। एक SIP और दूसरा म्यूचुअल फंड के लिए, जबकि ऐसा नहीं है।
लंबे समय वाला SIP निवेश फायदे का सौदा होता है ?
जवाब - लंबे समय वाला SIP के म्यूचुअल फंड फायदे का सौदा माना जाता है। क्योंकि इसमें शेयर मार्केट के निचले स्तर और सबसे ऊंचे शेयर का एक औसत रिटर्न बनता है जो लगभग सभी घाटे की भरपाई कर देता है। इसके बाद आपको अच्छा रिटर्न मिल जाता है।
क्या SIP निवेश का सबसे अच्छा तरीका है ?
जवाब - इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका तो नहीं कहा जा सकता। यह नियमित आय वाले लोगों के लिए निवेश का अच्छा तरीका हो सकता है जैसे वेतनभोगी और छोटे कारोबारी जिनकी आय महीने में तय है।
SIP में फंड का चयन कितना महत्वपूर्ण है ?
जवाब - एसआईपी में निवेश करते समय फंड का ध्यान देना होता है। अगर निवेशक 500 रुपए माह निवेश करना चाहता है तो यह बहुत कम राशि होगी। इसमें मिलने वाले रिटर्न भी संतोषजनक नहीं लगता। इसलिए कम से कम 2000 रुपए माह निवेश करना चाहिए।
SIP के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए ?
जवाब - इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का SIP अच्छा तरीका है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में रिस्क भी ज्यादा होता है, लेकिन यहां लाभ की संभावना भी उसी औसत में बढ़ जाती है।
SIP में पैसा कब लगाना चाहिए ?
जवाब - एसआईपी निवेश का एक तरीका है। बाजार का स्तर कुछ भी हो आप इसको जारी रख सकते हैं। अगर मंदी का दौर है उस समय SIP में पैसे लगा रहे हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
डेली SIP में पैसा लगाना सही है या मंथली ?
जवाब - SIP में जरिए म्यूचुअल फंड्स में डेली, मंथली, क्वाटरली निवेश करने का ऑप्शन है। पिछले कुछ वर्षों में जो फैक्ट्स सामने आए हैं उससे पता चलता है कि मंथली SIP के जरिए इन्वेस्ट करना अधिक अच्छा है।
SIP में किस समय पैसा लगाएं कि लाभ अधिक मिले ?
जवाब - किस तारीख में एसआईपी तिथि में पैसा लगाना है, यह कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है। आप अपनी वेतन तिथि के करीब निवेश कर सकते हैं। ऐसे समय में पैसे देने में आपको आसानी होगी।
क्या SIP को बीच में छोड़ सकते हैं, किसी जमा नहीं किया तो क्या होगा ?
जवाब - कानूनी तौर पर फंड देकर SIP को पूरा करना होता है, लेकिन आप चाहें तो कंपनी को लिखित पत्र देकर बीच में रोक सकते हैं। किसी महीने जमा क्या हर निवेश में पैसा बनता है? नहीं किया तो अगले महीने से SIP जाएगी। अगर SIP की डेट पर आपके खाते में उपयुक्त बैंलेस नहीं है तो बैंक चार्ज काट लेगी।
पहले से चल रहे SIP में एकमुश्त राशि निवेश कर सकता हूं क्या ?
जवाब - शेयर बाजार के नीचे होने पर एसआईपी निवेश के लाभ को ऊपर उठाने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। आप एकमुश्त निवेश के लिए एक ही एसआईपी फोलिओ नंबर का उपयोग कर सकते हैं।
इनकम टैक्स में लाभ लेने के लिए SIP कर सकते हैं ?
जवाब - SIP में निवेश की गई राशि पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। इसमें आप सालाना एक लाख की राशि पर छूट पा सकते हैं।
क्या मैं SIP से 3 साल बाद पैसा निकाल सकता हूं ?
जवाब - ईएलएसएस फंड या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में 3 साल के लिए लॉक-इन है। जब आप ईएलएसएस में एसआईपी करते हैं, तो प्रत्येक किस्त को 3 साल तक बंद कर दिया जाना चाहिए।
क्या SIP छोटे निवेशकों के लिए है ?
जवाब - ज्यादातर लोग सोचते हैं कि एसआईपी छोटे निवेशकों के लिए है, यह सच नहीं है। अधिकांश म्यूचुअल फंड एसआईपी किश्त के लिए ऊपरी सीमा नहीं रखते हैं। इसलिए यदि आप चाहते हैं तो 5 या 10 लाख रुपये का मासिक एसआईपी शुरू कर सकते हैं। एसआईपी किस्त के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह के बीच बदलती है।
Mutual Funds: हर महीने करें 3000 रुपये का निवेश आपको बना सकता है करोड़पति, यहां समझे पूरा गणित
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं. एसआईपी के जरिए वह लोग भी बड़ा फंड बना सकते हैं जिनके पास निवेश के लिए बड़ी रकम नहीं है.
By: ABP Live क्या हर निवेश में पैसा बनता है? | Updated at : 27 Jan 2022 10:35 PM (IST)
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड एक लोकप्रिय निवेश ऑप्शन बनता जा रहा है. खासकर म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए लोग निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं. एसआईपी के जरिए वह लोग भी बड़ा फंड बना सकते हैं जिनके पास निवेश के लिए बड़ी रकम नहीं है. आज हम आपको शानदार रिटर्न देने वाली कुछ म्युचुअल फंड स्कीम्स के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले जानते हैं कि यह SIP क्या है.
दरअसल SIP में पैसा हर माह निवेश किया जाता है. SIP में निवेश कभी भी बंद किया जा सकता है, कभी घटाया या बढ़ाया जा सकता है. आप SIP बंद करने के बाद भी उसी स्कीम में क्या हर निवेश में पैसा बनता है? निवेशित बने रह सकते हैं.
अब हम आपको बताएंगे ऐसे तरीके के बारे में जिसमें आप प्रतिदिन 100 रुपये इन्वेस्ट करके करोड़पति बन सकते हैं. इसके लिए आपको इक्विटी मार्केट म्यूचुअल फंड के एसआईपी में निवेश करना होगा. इक्विटी मार्केट के एसआईपी में हर महीने 3 हजार रुपये का निवेश करने पर 10 से 15 प्रतिशत रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.
मान लीजिए कि आपने हर महीने 3 हजार रुपये का निवेश पूरे 30 साल तक के लिए किया तो ऐसे में आपका कुल इन्वेस्टमेंट होगा 10 लाख 95 हजार रुपये. मान लीजिए निवेश किए गए पैसों पर औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिला तो ऐसे में आपको कुल 97.29 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा. यानी आपको कुल 1.08 करोड़ की राशि एकमुश्त मिलेगी.
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बीते कुछ सालों में इक्विटी म्यूचुअल फंड का ट्रैक रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है. कुछ इक्विटी म्यूचुअल फंड ने बीते एक साल में 100 प्रतिशत से भी अधिक का रिटर्न निवेशकों को दिया है.
(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)
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Published at : 27 Jan 2022 10:35 PM (IST) Tags: Mutual Funds mutual funds in India हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
PPF की जगह VPF में निवेश कर डबल करें पैसा, जानिए क्या होता है फायदा
आप चाहें तो ईपीएफ के लिए तय राशि से ज्यादा निवेश कर सकते हैं। इसे ही हम वीपीएफ कहते हैं।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 30, 2021 14:42 IST
PPF की जगह VPF में निवेश कर डबल करें पैसा, जानिए क्या होता है फायदा
हर कोई अपना सुरक्षित भविष्य चाहता है। खासतौर पर बुढ़ापे के उस दौर में जब हमारा शरीर हमें काम करने की अनुमति नहीं देता और जब हम नौकरी नहीं करते हैं तब हम युवावस्था के दौरान जमा की गई पूंजी के सहारे ही अपना जीवन काटते हैं। सरकार ने इसके लिए ईपीएफ यानि कर्मचारी भविष्य निधि की व्यवस्था की है। नौकरीपेशा लोगों की सैलरी में से ईपीएफ के रूप में एक हिस्सा कटता है। यही पैसा जब चक्रवृद्धि ब्याज के सहारे बढ़कर एक बड़ी राशि बनता है, वह रिटायरमेंट राशि के रूप में हमारा सहारा बनता है। ईपीएफ एक तरह से आपका निवेश होता है, जो आप हर महीने करते हैं।
जो लोग ईपीएफ से अलग एक सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं वे पब्लिक प्रोविडेंट फंड का सहारा लेते हैं। इसके लिए उन्हें बैंक या पोस्ट आफिस में या बैंक में पीपीएफ खाता खुलवाकर निवेश करना होता है। लेकिन यदि आप इस झंझट से बचना चाहत हैं कि आपके पास वीपीएफ में निवेश करने का भी विकल्प है। आप चाहें तो ईपीएफ के लिए तय राशि से ज्यादा निवेश कर सकते हैं। इसे ही हम वीपीएफ कहते हैं। खास बात यह है कि पीपीएफ खातों में बिना नौकरीपेशा लोग खुलवा सकते हैं। वहीं वीपीएफ अकाउंट वे लोग ही खुलवा सकते हैं जो नौकरी पेशा हैं और उनका ईपीएफ कटता है।
आइए जाते हैं कि वीपीएफ क्या होता है और इसमें किस तरह से निवेश किया जा सकता है।
क्या है वीपीएफ?
वीपीएफ वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड का स़ंक्षिप्त रूप है। यह ईपीएफ का ही एक विस्तृत रूप है। ऐसे में सिर्फ नौकरीपेशा ही इसका फायदा उठा सकते हैं। साधारण शब्दों में कहें तो जब आप ईपीएफ खाते में एक्स्ट्रा पैसे जमा करवाते हैं तो उसे ही वीपीएफ कहा जाता है। इसके लिए पीपीएफ की तरह अलग से खाता नहीं खुलवाना पड़ता। इसे इस तरह समझते हैं, मान लीजिए आपकी सैलरी से ईपीएफ के 2000 रुपये कटते हैं। आप चाहें तो अपने एचआर से संपर्क कर अपनी योगदान राशि को 5000 कर देते हैं तो एक्स्ट्रा पैसा वीपीएफ होता है। बता दें कि यह ईपीएफ के 12 फीसदी से अलग होता है। ऐसे में यदि आप 5000 रुपये का योगदान करते हैं तो नियोक्ता आपकी बेसिक सैलरी के 12 का ही योगदान करेगा।
सिर्फ नौकरी पेशा को लाभ
इसका फायदा सिर्फ वो ही लोग उठा सकते हैं, जिनका ईपीएफ अकाउंट हो। इसका अलग से कोई अकाउंट नहीं होता है। आपको बस अपने एचआर से संपर्क कर अपने पीएफ अकाउंट में ज्यादा योगदान करने का संकल्प लेना होता है। ऐसे में बिना नौकरीपेशा लोग और असंगठित क्षेत्र के लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।
कितना मिलता है ब्याज?
वीपीएफ दरअसल आपका ईपीएफ खाता होता है। इसका अलग से कोई खाता नहीं होता है। इसलिए इस पर उतना ही ब्याज मिलता है, जितना पीएफ अकाउंट पर मिलता है। जिस साल पीएफ पर ब्याज की जो रेट होती है, उतना ही ब्याज वीपीएफ पर मिलता है। वैसे तो पीएफ की ब्याज की रेट बदलती रहती है, लेकिन फिर भी पीपीएफ अकाउंट से ज्यादा इसमें पैसा मिलता है।
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कैसे खोल सकते हैं वीपीएफ खाता?
इसके लिए कोई खास झंझट करने की आवश्यकता नहीं है। आप आसानी से वीपीएफ में एक्स्ट्रा पैसे निवेश कर सकते हैं, इसके लिए आपको अपनी ऑफिस के एचआर या फाइनेंस टीम से संपर्क करना होगा और वहां वीपीएफ के लिए रिक्वेस्ट दे सकते हैं। इसके बाद आप जितना चाहेंगे उतना अमाउंट वीपीएफ में जुड़ जाएगा।
इस बजट में लगा है झटका
चूंकि पीएफ में योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगता था तब लोग वीपीएफ का भरपूर इस्तेमाल करते थे। लेकिन सरकार ने इस साल के बजट में पीएफ योगदान पर सीमा लगा दी है। सरकार ने इस साल 2.5 लाख रुपये के निवेश की सीमा तय की है। अब इससे अधिक निवेश पर आपको टैक्स देना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम
क्रिप्टोकरेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है.
पिक्साबे से ग्राफिक
यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.
तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं.
ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.
क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है
आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.
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ऐसी ही एक करेंसी है एनएफटी यानी नन फंजिबल टोकन यानी एक ऐसा टोकन जिसकी कॉपी न हो सके. इसे क्या हर निवेश में पैसा बनता है? बेचा और ट्रेड किया जा सकता है. यह इरिथियम ब्लॉकचेन का ही हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने से यह हर किसी के बस का नहीं. दिलचस्प बात यह है कि ये कलाकृतियों के लिए इन दिनों बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं. कई कलाकारों का भाग्य इनकी वजह से ही चमक गया है. उनकी पेंटिंग्स वगैरह की अब कीमत मुंहमांगी मिल रही है.
सरकारों के सामने बड़ी चुनौती
क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.
बॉलीवुड हस्तियां आईं क्रिप्टो करेंसी के साथ
भारत में यूं तो क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आ गई है लेकिन अभी इसमें कोई खास तेजी नहीं आई है. निवेशक अभी थोड़ी ही रुचि दिखा रहे हैं. हां, उन्हें बटकॉयन की आसमान छूती कीमत ललचा भी रही है. सही समझ के अभाव में ज्यादातर अभी इससे दूर ही हैं. लेकिन अब क्रिप्टों करेंसी की कुछ कंपनियां चाहती हैं कि धनतेरस, दीवाली में लोग सोने की बजाय क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी करें. इसके लिए उन्होंने बॉलीवुड की कुछ मशहूर हस्तियों को अपने साथ लिया है और उनके विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. क्रिप्टो एक्स्चेंज कॉयन स्विच कुबेर और कॉयन डीसीएक्स को निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं और भारतीयों को धनतेरस जैसे पर्व पर निवेश करने को कहलवा रही हैं. इन विदेशियों का मानना है कि सलेब्रिटी इंडोरसमेंट से भारत में क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी. बॉलीवुड हस्तियों में अमिताभ बच्चन का मामला कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है. उन्होंने पहले तो रिजर्व बैंक की तरप से बैंक फ्रॉडों से बचने की सलाह का विज्ञापन किया और उसके बाद कॉयनडीसीएक्स की पब्लिसिटी भी की.
क्रिप्टो करेंसी के लिए विदेशों में सलेब्रेटी इंडोरसमेंट सामान्य सी बात हो गई है. फुटबॉल के नामी खिलाड़ी टॉम ब्रैडी, मॉडल जीसेल बंडचेन, पेरिस हिल्टन, किम कार्दश्यान जैसी हस्तियों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए पब्लिसिटी की है. एक सर्वे के मुताबिक वहां 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हस्तियों के कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करेंगे.
क्रिप्टो करेंसी में निवेश करें न करें यह आप के विवेक पर निर्भर करता है. यहां ध्यान रखिये कि इलेक्ट्रॉनिक मनी जितनी तेजी से आती है उतनी ही तेजी से जाती क्या हर निवेश में पैसा बनता है? है. क्रिप्टो करेंसी स्वतः चलने वाली करेंसी है और यह लाखों कंप्यूटरों से होकर गुजरती है. इसमें कोई ठोस आधार नहीं है, न ही इसके पीछे कोई वित्तीय संस्थान है. ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब एलन मस्क ने क्रिप्टो करेंसी पर संदेह जताया था तो उसके भाव औंधे मुंह गिर गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने एक अरब डॉलर से भी ज्यादा पैसा इसमें लगा दिया तो फिर इसमें तेजी आ गई. इसलिए इसमें पैसा लगाने के पहले सोचना जरूरी है. एक बार अगर सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो गई तो फिर यह औंधे मुंह गिर जाएगी. या फिर किसी बड़े हैकर ने अगर इसमें अपना पेंच फंसा दिया तो वह चारों खाने चित्त हो जाएगा.
Investment Tips: 5-10 लाख रुपये हैं, कहां निवेश करें? एफडी के अलावा इन चार विकल्पों में मिलेगा शानदार रिटर्न
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
Investment Tips: अगर आपके पास 5-10 लाख रुपये की एकमुश्त रकम है तो इसे कहां निवेश करेंगे? लंबे समय से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश का बेहतर विकल्प माना जाता रहा है क्योंकि यह सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न देने वाला है. हालांकि इंफ्लेशन को देखते हुए एफडी पर वास्तविक रिटर्न आपका पैसा बढ़ाने की बजाय घटा रहा है. ऐसे में एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यहां ऐसे ही चार निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
Index Funds
अगर आपने स्टॉक्स में निवेश अभी शुरू ही किया है और अपने लिए बेहतर शेयर का चयन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो इंडेक्स फंड्स निवेश का बेहतर विकल्प है. यह उस समय भी बेहतर विकल्प के रूप में है, अगर आप अपने लिए बेहतर म्यूचुअल फंड का चयन नहीं कर पा रहे हैं. इंडेक्स फंड किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है. जैसे कि निफ्टी इंडेक्स 50 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है और निफ्टी इंडेक्स को खरीदने का मतलब है कि निफ्टी के बराबर आपको रिटर्न मिल सकता है.
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Sovereign Gold Bonds
गोल्ड खरीदने का सबसे बेहतर तरीका अब सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स है. यह एक तरह से 999 शुद्धता वाले गोल्ड को डिजिटल तरीके से खरीदने जैसा है और इस पर जो कैपिटल गेन होगा, उस पर टैक्स भी नहीं चुकाना होगा. इसके अलावा 2.5 फीसदी निश्चित ब्याज भी मिलेगा. केंद्रीय बैंक आरबीआई केंद्र सरकार के बिहाफ पर गोल्ड बॉन्ड को कई किश्तों में जारी करती है और इसके जरिए गोल्ड में आप निवेश कर सकते हैं. 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज हर छह महीने पर मिलेगा. इसमें सिर्फ एक ही दिक्कत है कि एसजीबी में निवेश पर 8 साल का लॉक इन है लेकिन अगर पैसों की आपको जरूरत है तो इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने का भी विकल्प है.
REITs
अगर 5-10 लाख में कोई घर नहीं खरीद सकते हैं लेकिन रीयल एस्टेट से जरूर कमा सकते हैं. रीयल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) एक म्यूचुअल फंड की तरह है जिसमें निवेशकों के पैसों का पूल बनाकर पार्क, मॉल जैसी कॉमर्शियल संपत्तियां खरीदी जाती है. यह ऐसी कंपनियां द्वारा लॉन्च किया जाता है जिनके पास कॉमर्शियल संपत्तियां होती हैं या ऑपरेट करती हैं या फाइनेंस करती हैं. इसमें अंडरलाइंग क्या हर निवेश में पैसा बनता है? प्रोजेक्ट्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी और किराए के जरिए पैसे बढ़ते हैं. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. इस विकल्प के जरिए बिना कोई संपत्ति खरीदे एक तरह से आप किसी प्रॉपर्टी के मालिक बनते हैं. हालांकि इसे खरीदते समय सावधानी बरतें क्योंकि अंडरलाइंग एसेट्स अच्छे हैं, तभी आपको फायदा मिलेगा.
सरकारी बचत योजनाएं
सरकारी छोटी बचत योजनाएं भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र (केवीपी) इत्यादि. इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस पर सरकार की गारंटी रहती है, बेहतर दरों पर ब्याज मिलता है और निवेश/मेच्योरिटी पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलता है. इसमें बस लॉक इन पीरियड की दिक्कत आपको दिख सकती है जैसे कि पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन है. हालांकि अगर आप अपने पैसे को डेट में लगाना चाहते हैं तो छोटी बचत योजनाएं शुरुआत के लिए बेहतर है.
(Arricle: Kanika Agarwal, Co-founder of Upside AI, ML-backed PMS Firm)
(यह लेख जानकारी के लिए है और फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सलाहकार से सलाह लें.)