पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है

अगर आपकी स्कीम बेंचमार्क से भी कम रिटर्न दे रही हैं और आप एक्टीव फण्ड में अधिक एक्सपेंस रेश्यो भी दे रहे हैं तो आपके वास्तविक रिटर्न काफी कम हो सकते हैं।
इंडेक्स फंड्स क्या होते हैं?
इंडेक्स फंड्स ऐसे निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स होते हैं जो बाज़ार के लोकप्रिय इंडेक्सों का अनुकरण (नकल) करते हैं। फंड मैनेजर फंड का पोर्टफोलियो बनाने के लिए उद्योगों और शेयरों का चुनाव करने में सक्रिय भूमिका नहीं निभाता बल्कि केवल उन सभी शेयरों में निवेश करता है जो अनुकरण (नकल) किए जाने वाले इंडेक्स में शामिल हैं। फंड में शेयरों की हिस्सेदारी इंडेक्स में प्रत्येक शेयर की हिस्सेदारी से बहुत हद तक मेल खाती है। यह निष्क्रिय निवेश है, यानि, फंड का पोर्टफोलियो बनाते हुए फंड मैनेजर केवल इंडेक्स की नकल करता है और हर समय उसके इंडेक्स के अनुरूप पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है।
अगर इंडेक्स में शेयर की हिस्सेदारी बदलती है, तो पोर्टफोलियो में उस शेयर की हिस्सेदारी को इंडेक्स के साथ संरेखित रखने के लिए फंड मैनेजर को उसके यूनिट्स खरीदने या बेचने पड़ेंगे। यद्यपि निष्क्रिय प्रबंधन को फ़ॉलो करना आसान है, लेकिन ट्रैकिंग एरर की वजह से फंड हमेशा एक जैसे रिटर्न नहीं देता।
पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है
22 जून, 2010
moneycontrol.com
ये लेख इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कब पढ़ रहे हैं। इस वर्ष अगर आपने म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, पोर्टफोलियो मैनेजमैंट सर्विस के द्वारा केवल दीर्घ अवधि निवेश किया है या फिर खुद शेयरों की खरीद फ़रोख्त की है तो काफ़ी संभावना है कि आपने अभी तक अधिक पैसा नहीं कमाया है। जिस तरह से 2010 में बाज़ार नीचे गिरा है, उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि आपके पोर्टफोलियो मैनेजर ने आपके पोर्टफोलियो के लिये अधिक कुछ नहीं किया होगा। बेहतर मैनेजरों की संख्या पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है का प्रतिशत कुछ कम ही है, और कुछ ने तो स्थिति काफ़ी खराब कर दी है। तो क्या इसका मतलब ये है कि भारत में प्रतिभाशाली फंड मैनेजर नहीं बचे हैं। नहीं, इसका अर्थ ये है कि हमें पारंपरिक तरीकों से स्टॉक्स की खरीद-फरोख्त के तरीकों को बदलने की ज़रूरत है।
इंडेक्स फंड्स क्या होते हैं?
इंडेक्स फंड्स ऐसे निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स होते हैं जो बाज़ार के लोकप्रिय इंडेक्सों का अनुकरण (नकल) करते हैं। फंड मैनेजर फंड का पोर्टफोलियो बनाने के लिए उद्योगों और शेयरों का चुनाव करने में सक्रिय भूमिका नहीं निभाता बल्कि केवल उन सभी शेयरों में निवेश करता है जो अनुकरण (नकल) किए जाने वाले इंडेक्स में शामिल हैं। फंड में शेयरों की हिस्सेदारी इंडेक्स में प्रत्येक शेयर की हिस्सेदारी से बहुत हद तक मेल खाती है। यह निष्क्रिय निवेश है, यानि, फंड का पोर्टफोलियो बनाते हुए पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है फंड मैनेजर केवल इंडेक्स की नकल करता है और हर समय उसके इंडेक्स के अनुरूप पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है।
अगर इंडेक्स में शेयर की हिस्सेदारी बदलती है, तो पोर्टफोलियो में उस शेयर की हिस्सेदारी को इंडेक्स पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है के साथ संरेखित रखने के लिए फंड मैनेजर को उसके यूनिट्स खरीदने या बेचने पड़ेंगे। यद्यपि निष्क्रिय प्रबंधन को फ़ॉलो करना आसान है, लेकिन ट्रैकिंग एरर की वजह से फंड हमेशा एक जैसे रिटर्न नहीं देता।
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Money Manager is a business podcast in Hindi which helps you understand finance better so that you can make better पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है financial decisions. Understand the basics of the stock market, finance management, saving and investment tips, share market, loan, credit cards, cryptocurrency and many other issues related to personal finance every Saturday.
पैसा हर कोई बचाना चाहता है लेकिन बैंक और बाज़ार की टेढ़ी-मेढ़ी बातें सबके गले नहीं उतरतीं. तो मिलिए अपने मनी मैनेजर से जो आपको देंगे पैसा बचाने और इनवेस्ट करने के टिप्स, हर शनिवार आज तक रेडियो पर.
- 2 JUL 2022
क्रिप्टो में आपका पैसा क्यों डूब रहा है?: मनी मैनेजर, Ep 100
क्रिप्टो करेंसीज की दुनिया पूरी तरह से हिली हुई है। आपके क्रिप्टो पोर्टफोलियो की घटती वैल्यू से ये हलचल साफ दिखती होगी। तो क्रिप्टो की दुनिया में हलचल आखिर क्यों है और क्रिप्टो का फ्यूचर क्या सिक्योर है?, मनी मैनेजर में कुछ ऐसे सवालों के जवाब दे रही है क्रिप्टो एंड पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट टीना जैन कौशल।
(iii) Mutual Fund Ratios
म्यूच्यूअल फंड रेश्यो किसी भी म्यूच्यूअल फंड को analyze करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। आपको निम्न रेश्यो म्यूच्यूअल फण्ड को रिव्यु करते समय देखना चाहिए।
अल्फा रेश्यो – ये रेश्यो हमें बताता है पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है कि क्या फंड अपने बेंचमार्क से अधिक रिटर्न बना पा रहा हैं पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है या नहीं? अगर किसी फण्ड का अल्फा रेश्यो 5% हैं तो इसका मतलब हुआ की फण्ड अपने बेंचमार्क से 5% अधिक रिटर्न बना रहा हैं।
अल्फा रेश्यो जितना अधिक होगा उतना अच्छा माना जाएगा। नेगेटिव अल्फा होने का मतलब हैं की फण्ड अपने बेंचमार्क से कम रिटर्न बना कर दे रहा हैं।
बीटा रेश्यो – बीटा रेश्यो आपके फण्ड की वोलैटिलिटी को मापता हैं। आदर्श (standard) बीटा रेश्यो एक माना जाता हैं।
जिस फण्ड का बीटा रेश्यो एक से कम होगा उसकी वोलैटिलिटी कम होगी। जिस फण्ड का बीटा एक से अधिक होगा उसमें अधिक वोलैटिलिटी होती हैं।
(iv) Fund Overlapping
आपके म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो में तीन से पांच स्कीम हो सकती है। हो सकता है कि आपकी एक स्कीम में दूसरी स्कीम के कई स्टॉक समान (common) हो।
उदाहरण के लिए आपकी A स्कीम के पोर्टफोलियो में 10% HDFC बैंक का हिस्सा हैं। आपकी B स्कीम में भी 10% पोर्टफोलियो HDFC बैंक का ही हैं। ऐसी स्थिति में दोनों में कॉमन स्टॉक होने की वजह से इसे फण्ड ओवरलैप कहा जायेगा।
अधिक कॉमन स्टॉक होने से अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम रखने का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता। फण्ड ओवरलैप जितना कम हो उतना अच्छा होता हैं।
आप इस लिंक पर जाकर अपने फण्ड का ओवरलैप चेक कर सकते हैं – Mutual Fund Portfolio overlap check
(v) फण्ड मैनेजर
किसी भी म्यूच्यूअल फंड की अच्छी परफॉर्मेस के पीछे फंड मैनेजर का हाथ होता हैं। इसलिए फंड मैनेजर को ट्रैक करना आपके लिए जरूरी हो जाता हैं।
अगर पिछले कुछ समय से आपकी म्यूच्यूअल फंड बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और अचानक से उसके रिटर्ंस में गिरावट आती हैं तो आप चेक कीजिए कि कहीं फंड का फंड मैनेजर तो नहीं बदल गया हैं।
अगर ऐसा होता है तो आप नए फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड को चेक कीजिए कि उस फंड मैनेजर ने कौन-कौन से फंड मैनेज किये हैं और उनका प्रदर्शन कैसा रहा हैं।
आप कुछ समय उस फंड मैनेजर को दीजिए फिर भी अगर आपकी म्यूच्यूअल फंड स्कीम की परफॉर्मेंस में इजाफा नहीं होता हैं तो आप उस स्कीम से ऑप्ट आउट सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के समय में हम म्यूचुअल फंड के माध्यम से अपने लंबे लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं। अगर ये म्यूच्यूअल फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो हम अपने गोल्स को प्राप्त करने से वंचित रह सकते हैं।
इसलिए समय-समय पर अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यू करना बहुत आवश्यक हो जाता हैं। अगर आप म्यूच्यूअल फंड के अच्छे जानकार भी नहीं है तो ऊपर दिए गए पांच पॉइंट्स की मदद से आसानी से अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को रिव्यु कर सकते हैं।
आज आपने इस आर्टिकल में समझा कि अपने म्यूच्यूअल फंड पोर्टफोलियो को कैसे रिव्यू करें।
दोस्तों, अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल है तो मुझे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।