ब्रोकर कैसे चुनें

क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है

क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है

SBI विदेशी बाजारों से 15,430 करोड़ रुपये जुटाएगा, कहां करेगा फंड का इस्तेमाल ?

 सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक इस राशि का इस्तेमाल अपना विदेशी कारोबार बढ़ाने में करेगा.

सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक इस राशि का इस्तेमाल अपना विदेशी कारोबार बढ़ाने में करेगा.

एसबीआई के क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है निदेशक मंडल ने चालू वित्त वर्ष में विदेशी बाजारों से बांड के जरिये दो अरब डॉलर या 15,430 करोड़ रुपये जुटाने . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 10, 2022, 21:41 IST

नई दिल्ली . भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के निदेशक मंडल ने चालू वित्त वर्ष में विदेशी बाजारों से बांड के जरिये दो अरब डॉलर या 15,430 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है. सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक इस राशि का इस्तेमाल अपना विदेशी कारोबार बढ़ाने में करेगा. एसबीआई ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने एक या कई किस्तों में कोष जुटाने की मंजूरी दे दी है.

जनवरी 2021 में, इस बैंकिंग दिग्गज ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को दिए गए रिकॉर्ड लो कूपन पर 4600 करोड़ रुपए जुटाए थे. इसने साढ़े पांच साल की अवधि के बांड 1.8 प्रतिशत के कूपन पर बेचे, जो कथित तौर पर इस श्रेणी में किसी भी भारतीय उधारकर्ता द्वारा सबसे कम रेट था. इसने बांड बिक्री के लिए 2 अरब डॉलर की बोलियां प्राप्त की थी.

बॉन्ड क्या होता है ?
बॉन्ड कंपनी और सरकार के लिए पैसा जुटाने का एक माध्यम है. बॉन्ड से जुटाए गया पैसा कर्ज की श्रेणी में आता है. कंपनी अपने कारोबार के विस्तार के लिए समय-समय पर बॉन्ड से पैसा जुटाती है. सरकार भी आय और खर्च के अंतर को पूरा करने के लिए कर्ज लेती है. वह बॉन्ड के जरिए यह कर्ज लेती है. सरकार जो बॉन्ड जारी करती है, उसे गवर्नमेंट बॉन्ड कहते हैं.

अगर निवेशक के नजरिए से देखा जाए तो बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है. खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है. कारण यह है कि इनमें सरकार की गारंटी होती है. कंपनी का बॉन्ड क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है उसकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सुरक्षित होता है. इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति ठोस है तो उसका बॉन्ड भी सुरक्षित होगा. कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने पर उसके बॉन्ड को सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता है. कंपनी के बॉन्ड को कॉर्पोरेट बॉन्ड कहा जाता है.

एसबीआई ने आज ही बढ़ाई हैं जमा पर ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कई थोक सावधि जमाओं (FD) पर ब्याज में 0.4 से लेकर 0.9 प्रतिशत की वृद्धि की है. बैंक ने मंगलवार को कहा कि दो करोड़ रुपये और उससे अधिक की सावधि जमा पर संशोधित ब्याज दरें 10 मई से प्रभावी हैं.एसबीआई ने सात से 45 दिन की जमा पर ब्याज दरों को क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है तीन प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. वहीं 46 से 179 दिन की परिपक्वता अवधि की जमा पर अब तीन के बजाय 3.50 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

बॉन्ड के बारे में जानिए 4 बुनियादी बातें

बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है. खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है. कारण यह है कि इनमें सरकार की गारंटी होती है.

bond28

2. बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है. खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है. कारण यह है कि इनमें सरकार की गारंटी होती है. कंपनी का बॉन्ड उसकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सुरक्षित होता है. इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी की क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है वित्तीय स्थिति ठोस है तो उसका बॉन्ड भी सुरक्षित होगा.

3. बॉन्ड पर पहले से तय दर से ब्याज मिलता है. इसे कूपन कहा जाता है. चूंकि बॉन्ड की ब्याज दर पहले से तय होती है, इसलिए इसे फिक्स्ड रेट इंस्ट्रूमेंट भी कहा जाता है. बॉन्ड की अवधि भी तय होती है. इसे मैच्योरिटी पीरियड कहते हैं. बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि एक से 30 साल तक हो सकती है.बॉन्ड की ब्याज दर निश्चित होती है. इसमें बदलाव क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है नहीं होता है.

4. बॉन्ड से मिलने वाले रिटर्न को यील्ड कहा जाता है. बॉन्ड क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है की यील्ड और इसके मूल्य का आपस में उलटा संबंध होता है. इसका मतलब है कि बॉन्ड की कीमत घटने पर उसकी यील्ड बढ़ जाती है. बॉन्ड की कीमत बढ़ने पर उसकी यील्ड घट जाती है. इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है.

मान लीजिए एक बॉन्ड की कीमत 100 रुपये है. उसका कूपन रेट (ब्याज दर) 10 फीसदी है. चूंकि, क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है बॉन्ड की ट्रेडिंग होती है, जिसमें इसका मूल्य घटता-बढ़ता है. 10 फीसदी की दर से 100 रुपये के बॉन्ड पर 10 रुपये ब्याज एक साल में मिलेगा. अब मान लीजिए बाजार में बॉन्डी का मूल्य घटकर 90 रुपये रह जाता है. इस पर आपको 10 रुपये ब्याज (बॉन्ड का कूपन रेट नहीं बदलता है) मिलेगा. इस तरह आपको 90 रुपये निवेश पर 10 रुपये का ब्याज मिलेगा. इस तरह बॉन्ड का मूल्य घटने पर उसकी यील्ड बढ़ जाती है. ठीक इसके उलट बॉन्ड की कीमत बढ़ने पर यील्ड घट जाती है.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें

निवेश का अच्छा मौका, सरकार जल्द जारी कर सकती है सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड, 16,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी

यह दूसरी छमाही के लिए उधार कार्यक्रम का एक हिस्सा है.

यह दूसरी छमाही के लिए उधार कार्यक्रम का एक हिस्सा है.

बजट में ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा की गई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में घोषणा की थी क . अधिक पढ़ें

  • भाषा
  • Last Updated : November 09, 2022, 15:06 IST

हाइलाइट्स

सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में इन्हें जारी कर सकती है.
सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है.
इस राशि को सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार जल्द ही सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर सकती है. वित्त मंत्रालय ने ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी है. सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर से मार्च के बीच ग्रीन बांड जारी करके 16,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. यह दूसरी छमाही के लिए उधार कार्यक्रम का एक हिस्सा है.

सूत्रों ने कहा कि रूपरेखा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी. बजट में ऐसे बांड जारी करने की घोषणा की गई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने की खातिर सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने का प्रस्ताव रखती है. उन्होंने बजट 2022-23 में कहा था, ”इस राशि को सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जो अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद करती हैं.”

बजट में किया था ऐलान

सरकार की चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-मार्च अवधि के दौरान कुल 5.92 लाख करोड़ रुपये का उधार लेने की योजना है. 2022-23 के बजट में सरकार ने 14.31 क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार लोन का अनुमान लगाया था. इसमें से उन्होंने इस वित्त वर्ष के दौरान 14.21 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया है, जो बजट अनुमान से 10,000 करोड़ रुपये कम है.

विदेशी निवेशकों को लुभाना चाहती है सरकार

इस ग्रीन बॉन्ड के जरिए सरकार का मकसद विदेशी निवेशकों को लुभाने की है. अभी कई घरेलू निवेशक और विदेशी ऐसे हैं, जो बॉन्‍ड में पैसा लगाना चाहते हैं. ऐसे निवेशक खासतौर पर ग्रीन सिक्‍योरिटीज में पैसा लगाना चाहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने ग्रीन बॉन्ड जारी करने के लिए विश्व बैंक और दानिश फर्म CICERO Shades of Green के साथ मिलकर काम पूरा कर लिया है. इस बॉन्‍ड को लेकर निवेशक भी खासा उत्‍साहित नजर आ रहे हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Sovereign Gold Bond Scheme: सस्ती कीमत पर गोल्ड में निवेश का मौका, 20 जून से कर सकेंगे खरीदारी

डिजिटल माध्यम से बॉन्ड के लिये आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिये निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। निवेशकों को निर्धारित मूल्य पर सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज छमाही आधार पर दिया जाएगा।

Sovereign Gold Bond Scheme: सस्ती कीमत पर गोल्ड में निवेश का मौका, 20 जून से कर सकेंगे खरीदारी

निवेश के लिए सस्ता गोल्ड खरीदना चाहते हैं तो 20 जून से आपको एक खास मौका मिलने वाला है। दरअसल, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना 2022-23 की पहली सीरीज खरीद के लिए 20 जून से पांच दिनों के लिए खुलेगी। वहीं, योजना की दूसरी सीरीज में आवेदन के लिए 22 से 26 अगस्त तक मौका रहेगा।

योजना की डिटेल: इस योजना के तहत सरकार बॉन्ड क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है जारी करती है। ये बॉन्ड निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। इसके तहत आप कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व मैच्योर किया जा सकता है।

अगर आप डिजिटल माध्यम से बॉन्ड के लिये आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिये निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। निवेशकों को निर्धारित मूल्य पर सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज छमाही आधार पर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 12,991 करोड़ रुपये मूल्य के 10 किस्तों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना जारी किए गए थे। इस​​को बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), क्यों सरकार विदेशी बॉन्ड जारी करती है डाकघरों और दो स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) के माध्यम से खरीदा या बेचा जा सकता है।

रेटिंग: 4.72
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 654
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *