स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:
- स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
15% स्विंग ट्रेडिंग से हर महीने कमाए।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनते समय हमेशा ध्यान में रहे की उस शेयर में ये ३ चीजे हो.
याने के शेयर में एक अच्छी चाल हो ऊपर की तरफ या फिर निचे, जिसकी मदत से हम उस शेयर में ट्रेड कर सके।
याने के शेयर में buyers और sellers की संख्या ज्यादा हो, ताकि शेयर खरीदने में और बेचने में आसानी हो।
याने के जिस शेयर में आप स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हो उस कंपनी के fundamentals अच्छे हो।
3 Swing Trading Strategy In Hindi
यहाँ पर ३ स्ट्रेटेजी हैं जो की आप स्विंग ट्रडिंग करते समय स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है इनका उपयोग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी मूविंग एवरेज से।
- इस strategy में आप छाए तो Exponential Moving Average – EMA का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर Simple Moving स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है Average – SMA का।
- Moving Average प्राइस जो मूव करता हैं उसका एवरेज होता हैं जैसे की ९,२१,५०,१००,२०० दिनों का।
- Moving Average एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है हैं। जिससे हमें पता चलता हैं की मार्किट या शेयर की चाल क्या हैं।
- अगर शेयर बाजार Uptrend या Downtrend में हो तो ही आप इस Moving Average स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटर्जी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मूविंग एवरेज से स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप एक बार ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखे।
- ऊपर दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं की जो लाल रेखा हैं वो 50 Day moving average हैं और जो नीली रेखा हैं 21 day Moving Average हैं।
- जब 21 day Moving Average लाल रेखा के ऊपर जाती हैं तब हम शेयर को buy करते हैं और नीली रेखा 50 Day moving average के निचे जाती हैं तो हम शेयर Sell करते हैं।
- आप जो चाहे उस दिन की मूविंग एवरेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आशा हैं की आप को स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ? उसके फायदे, स्विंग ट्रेडिंग के कुछ स्ट्रेटेजी इत्यादि जान पाए होंगे।
Swing Trading की practice करने के लिए आप Tradingview.com पर जा सकते हैं।
अगर आप को यह जानकारी पसंद आयी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए और कमेंट करके हमें अपना Feedback दे।
Swing Trading Strategies PDF
आप ऊपर दिए गए Swing Trading Strategies का PDF हिंदी में download कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ?
अगर किसी शेयर को खरीद के उसे १ दिन से १ महीने तक हम ट्रेड करते हैं तो उसे हम swing trading कहते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए कोनसा time frame चुने ?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप ३० मिनट से लेके ४ घंटे time frame देख सकते हैं।
Swing trading में कितने return की अपेक्षा करे ?
५ % से १५ % आने के बाद आप अपना प्रॉफिट बुक कर ले।
स्विंग ट्रेडिंग शेयर कैसे चुने ?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर के Volatility, Liquidity, Fundamental अच्छे होने चाहिए।
What is Swing Trading in Hindi: जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? और क्या हैं इसके फायदे?
Swing Trading in Hindi: इस लेख स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है में, हम ऐसी एक स्ट्रेटेजी को कवर करेंगे जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। तो आइए जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है? (What is Swing Trading in Hindi) और स्विंग ट्रेडिंग के फायदें क्या है? (Benefits of Swing Trading in Hindi)
Swing Trading in Hindi: शेयर मार्केट में अपना पैसा निवेश करना सामान्य प्रकार के पैसिव इनकम में से एक है जिसके माध्यम से हम आपके धन को अधिकतम कर सकते हैं। अगर सही स्ट्रेटेजी और कार्यों के साथ किया जाए तो निवेश करना बहुत आसान हो सकता है। इस लेख में, हम ऐसी एक स्ट्रेटेजी को कवर करेंगे जिसे स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) कहा जाता है। तो आइए जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है? (What is Swing Trading स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है in Hindi), स्विंग ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है? (Types of Swing trading in hindi) और स्विंग ट्रेडिंग के फायदें क्या है? (Benefits of Swing Trading in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं: