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प्रसार कम है

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देहरा में कम वेतनमान को लेकर कृषि प्रसार अधिकारियों ने जताया रोष, पढ़िये पूरी खबर

कृषि प्रसार अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उनको चार वर्ष के डिग्री कोर्स के बावजूद फारेस्ट गार्ड और बस कंडक्टर से भी कम वेतनमान प्रदान किया जा रहा है। कृषि प्रसार अधिकारियों को वर्तमान में दो वर्षों के सेवाकाल के बाद भी 5910-20200-2400 का वेतनमान दिया जा रहा है।

देहरा, संवाद सहयोगी। कृषि प्रसार अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उनको चार वर्ष के डिग्री कोर्स के बावजूद फारेस्ट गार्ड और बस कंडक्टर से भी कम वेतनमान प्रदान किया जा रहा है। जिसको लेकर उनमें रोष व्याप्त है। कृषि प्रसार अधिकारियों का कहना है कि कृषि प्रसार अधिकारियों को वर्तमान में दो वर्षों के सेवाकाल के बाद भी 5910-20200-2400 का वेतनमान दिया जा रहा है। जबकि इस पद के लिए उनकी योग्यता बीएससी एग्रीक्लचर चार वर्षीय डिग्री के साथ मान्यता प्राप्त कृषि विश्वविद्यालयों से पूरी हुई है।

कृषि प्रसार अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक कंवर ने देहरा में बताया कि कृषि विभाग में 95 प्रतिशत कृषि प्रसार अधिकारी वर्तमान में बीएससी चार वर्षीय डिग्री धारक सेवाएं दे रहे हैं। जबकि जमा दो योग्यता वाले क्लर्क, बस कंडक्टर और फॉरेस्ट गार्ड से भी अन्य विभागों में वर्तमान में दो वर्षों की सेवाओं के बाद 10300-34800 व 3200 का पे स्केल प्राप्त कर रहे हैं। उनकी प्रदेश सरकार से मांग की है कि जब सभी डिग्रीधारक एईओ को दो वर्षों की नियमित सेवाकाल के बाद बागवानी विभाग के जूनियर इंजीनियर व मार्केटिंग सुपरवाइजर की तर्ज पर बढ़ा हुआ वेतनमान दिया जाए।

उनका कहना है कि प्रदेश सरकार की कृषि योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में कृषि प्रसार अधिकारियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। लिहाजा उनकी जायज मांग को पूरा किया जाए। संघ के मुख्य सलाहकार डा सचिन धीमान, मनु नाग, नरेंद्र कुमार, कुशल देव, रामकुमार, स्वाति, मनोज, कमल किशोर, राजा राम, सोमराज, भूपेंद्र, नरेंद्र, मुनि लाल, अनिल सांख्यान सहित दर्जनों अधिकारियों ने सरकार से कृषि प्रसार अधिकारियों के वेतनमान को बढ़ाने का आग्रह किया है।

भारत के अनोखे, उपयुक्त लेकिन कम जाने जाने वाले उत्सवों/मेलों/संस्कृति के संरक्षण के लिए नवीन कदम तथा उपाय प्रसार कम है और वैश्विक स्तर पर उनके प्रसार के तरीके

भारत के अनोखे, उपयुक्त लेकिन कम जाने जाने वाले उत्सवों/मेलों/संस्कृति के संरक्षण के लिए नवीन कदम तथा उपाय और वैश्विक स्तर पर उनके प्रसार के तरीके

“देश के उत्सव”पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के सहयोग से आपके .

“देश के उत्सव”पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के सहयोग से आपके लिए शुरू किया गया एक अभियान है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा विकसित और शुरू की गई डिजिटल पहल उत्सव पोर्टल वेबसाइट का लक्ष्य दुनिया भर में देश के विभिन्न क्षेत्रों और लोकप्रिय पर्यटक गंतव्यों के संवर्धन के लिए पूरे भारत में होने वाले समारोहों, उत्सवों और लाइव दर्शनों का प्रदर्शन है। यह पोर्टल उत्सवों, समारोहों और ऑनलाइन पूजा/आरती के बारे में माह-वार तथा राज्य-वार कैलेंडर विषय वस्तु दर्शाता है।

पर्यटन मंत्रालय भारतीय नागरिकों से ऐसे नवीन तरीकों के बारे में सुझाव आमंत्रित करता है जिनसे हम विलुप्त होते अपने उत्सवों/संस्कृति को बचा सकें और दुनिया भर में उनका प्रचार कर सकें।

पर्यटन मंत्रालय सभी यूजर्स को उत्सव प्लेटफॉर्म/वेबसाइट पर जाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जहां माईगव साथी देश भर में हो रहे विभिन्न आयोजन, त्योहारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एवं कहीं से भी उक्त कार्यक्रम को लाइव देख सकते हैं। https://utsav.gov.in/

मंत्रालय द्वारा नागारियों से प्राप्त सर्वोत्कृष्ट प्रविष्टियाँ चुनकर उन्हें MyGov पेज पर दर्शाया जाएगा।

जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 है|

(contd) this will serve as both refreshment and education. Some posts/videos about these can be made on social media platforms and even YouTube.
All these can help in raising awareness about the rich, but lost Indian culture.
Thank you.

Hardly people taking about such kind of festival is just because many of are not aware about this festival and the benefits come with it.
To avoid is we have to start from schools, college and university. If somehow we can change the education system and tell them to spread abou this festival it will impact a lot upon upcoming generation.

It is of utmost प्रसार कम है importance for a nation to preserve its endangered culture. The primary way of doing this is by making the future generations aware of such things.
1) With the uprising in the no of OTT platforms, some videos /documentary about our lost cultures can be posted on Netflix or Amazon prime. This will make the genY aware.
2) The lost cultures must be displayed on the Incredible India website along with the respective State tourism site. This will make people visit some unknown place/see any unique lost cultural entity.
3) A separate subject on Art and culture (including the lost ones) must be introduced in all curriculum irrespective of any Board of education.
4) A प्रसार कम है national Paleontology Institute must be established to preserve the fossils, tools of Stone age. These are also a part प्रसार कम है of the lost Indian culture that once existed MYA.
5) A short movie/documentary about our lost cultures can be shown, 6 monthly or yearly, in all the schools across India.

Honorable PM sir,
Jaisa ki hum sb jante hn ki hmre mahan desh bharat me kayi trh ke festivals manaye jate jaise holi,diwali,onam,makar sankranti.
Iske alawa bhi hmre desh me chhote chhote bhot sare festivals manye jate hn khash kr gaon me.
GAON me aise kayi trh ke festivals manye jate hn jisme se hume bhot pta bhi nhi hoga. jaise ki ekadashi ke vrat ke liye log pooja rkhte hn aur govaddhan poojan ke din phle gudiya piti jati h aur sawan me sawan ka jhula jhulna aur bhi aise bhot sari chize hn jo gaon me dekhne ko milti h.

Honorable PM Sir,
As we know,Under your dynamic leadership India has taken over the presidency of G20India summit,this will led whole world eyes on India,Because of G20 summit alot of foreign delegates will arrive from all around the world.This will attract foreign tourist as well & gives us a great opportunity to present our Unknown history of temples,tribes, culture & festival to our foreign delegates.
Your Excellency, as we know indian festivals are biggest asset for India which starts from 2january i.e Tailang swami Jayanti, so your Excellency i request you, Honourable minister of culture and Honourable Minister of Tribal Affairs to collaborate with indian corporate group to extend one day festival celebration into minimum 5 days celebration.Because I personally witnessed Dev Diwali in varanasi & Ayodhya Deepotsav and as a tourist I feel one day celebration is not sufficient for a foreign tourist to understand the reason behind the celebration & history of the festival.Thank you

Uttarakhand Coronavirus News: उत्‍तराखंड में कोरोना का प्रसार हुआ कुछ कम, आज मिले सिर्फ 64 नए मामले

Uttarakhand Coronavirus News उत्‍तराखंड में अब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं। आज कोरोना के 64 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 163 कोरोना संक्रमित स्‍वस्‍थ भी हुए हैं। वहीं कोरोना संक्रमित एक व्‍यकि्त की मौत हुई।

जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Coronavirus News: कोरोना का प्रसार कुछ कम हुआ है। प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 64 नए मामले मिले हैं। जबकि 163 मरीज स्वस्थ हुए हैं।

कोरोना संक्रमित एक मरीज की हुई मौत

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत भी हुई है। वहीं कोरोना संक्रमण दर 4.73 प्रतिशत रही। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 703 है। देहरादून में सबसे अधिक 255 व नैनीताल में 231 सक्रिय मामले हैं।

Rishikesh Crime : पुलिस ने तीनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

1289 सैंपल की रिपोर्ट आई निगेटिव

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी व सरकारी लैब से 1353 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 1289 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक 26 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

चार जिलों में प्रसार कम है नहीं मिला कोई नया मामला

इसके अलावा नैनीताल में 22, हरिद्वार व उत्तरकाशी में चार-चार, पौड़ी, टिहरी व पिथौरागढ़ में दो-दो, ऊधमसिंहनगर व अल्मोड़ा में एक-एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला है। जबकि चार जिलों बागेश्वर, चमोली, चंपावत व रुद्रप्रयाग में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है।

Rishikesh News : चलती ट्रेन के आगे कूदा ग्रामीण, मौत

इस साल 319 मरीजों की हो चुकी मौत

इधर, विभिन्न जिलों से 1811 सैंपल कोरोना जांच को भेजे गए। बता दें, प्रदेश में इस साल कोरोना के 103044 मामले आए हैं। इनमें से 98305 (95.40 प्रतिशत) लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोरोना से इस साल 319 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

प्रदेश में 11 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि

डेंगू का डंक अब गहराता जा रहा है। प्रदेशभर में डेंगू की बीमारी फैलाने वाली एडीज मच्छर की सक्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। सोमवार को 11 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि हुई है। देहरादून जनपद में पांच, पौड़ी गढ़वाल में चार और टिहरी गढ़वाल में दो मामले आए हैैं। बता दें, प्रदेश में अब तक 64 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें पौड़ी गढ़वाल में 29, देहरादून में 27, हरिद्वार व नैनीताल में तीन-तीन और टिहरी गढ़वाल में दो मामले हैैं। राहत की बात यह है कि अभी तक आए मामले गंभीर प्रकृति के नहीं हैैं। ज्यादातर मरीज प्रसार कम है स्वस्थ भी हो चुके हैैं।

चेन्नई : कोयम्बेडु बाजार के अधिकारियों ने वायरस के प्रसार को कम करने के लिए सख्त कोविड -19 प्रोटोकॉल अपनाने की बनाई योजना

शहर में कोविड -19 मामलों में वृद्धि के बीच, कोयम्बेडु बाजार प्रबंधन समिति प्रसार कम है के अधिकारियों ने वायरस के प्रसार से बचने के लिए बाजार में सख्त कदम उठाए। कोयम्बेडु बाजार में बीमारी प्रसार कम है के लिए दो व्यापारियों सहित चार लोगों के सकारात्मक परीक्षण के बाद प्रबंधन निकाय ने कड़े उपायों को लागू प्रसार कम है करने की योजना बनाई है।

16 जून को, कोयम्बेडु में फूल बाजार का दौरा करने वाली एक महिला ने प्रसार कम है कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। उसके साथ आए एक अन्य व्यक्ति ने भी बाद में लक्षण विकसित किए। जब नगर निकाय के अधिकारियों ने उनसे उन स्थानों के बारे में पूछा जहां वह हाल ही में गई थीं, तो उन्होंने उन्हें कोयम्बेडु में फूल बाजार की अपनी यात्रा के बारे में बताया।

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) के प्रसार कम है अधिकारियों ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए फूल बाजार में व्यापारियों से 200 सैंपल लिए। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने दो दुकानों को बंद कर दिया और बाजार को कीटाणुरहित कर दिया। 200 नमूनों में से दो सकारात्मक थे। बाजार प्रबंधन समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एस शांति ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चार में से प्रसार कम है केवल एक अभी भी संगरोध में है, जबकि बाकी ठीक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि फल, सब्जी और फूलों के बाजारों में 1,100 से अधिक नमूने एकत्र किए गए और नमूना संग्रह कुछ और दिनों तक जारी रहेगा।

"आमतौर पर, फूल बाजार में भारी भीड़ होती है। हर रोज करीब 10,000 लोग इकट्ठा होते हैं। हमने शुरू में परीक्षण के बाद दुकानों को बंद कर दिया और परिणाम नकारात्मक आने के बाद उन्हें फिर से खोल दिया। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) के सहयोग से, हम विस्तृत तरीके से परीक्षण कर रहे हैं, "शांति ने कहा।

कुछ दिन पहले कोयम्बेडु थोक बाजार संघ ने व्यापारियों और अन्य श्रमिकों को मुफ्त मास्क वितरित किए। अधिकारियों ने कहा कि वक्ताओं पर बार-बार घोषणा करने के बावजूद, कई लोग अपने मुखौटे नहीं रखते।

"हमने बाजार में व्यापारियों और श्रमिकों को अपना टीकाकरण कराने और मास्क पहनने में काफी प्रगति की है, लेकिन बाजार में आने वाले अन्य लोग दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वालों को दंडित करने का आदेश पारित करने के साथ, हम नियमों को और अधिक कड़े तरीके से लागू करने जा रहे हैं, हम टोकन जारी करके बाजार में लोगों की भीड़ को सीमित करने के बारे में भी चर्चा कर रहे हैं क्योंकि अधिक से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं। सुबह 3 से 8 बजे के बीच," उसने कहा।

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