विश्व विदेशी मुद्रा

सरकार की योजना मौजूदा वित्त वर्ष में कैड को घटाकर 70 अरब डॉलर या जीडीपी का 3.7 प्रतिशत करने की है। यह 2012-13 में 88.2 अरब डॉलर या 4.8 प्रतिशत रही थी।
विश्व विदेशी मुद्रा
विश्व बैंक ने कहा है कि भारत को 2013-14 में चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार से धन निकालना पड़ सकता है। विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट (इंडिया डेवलपमेंट अपडेट) में यह अनुमान व्यक्त किया है।
इसके अनुसार, '2013-14 में अंतरराष्ट्रीय भंडार में कुछ कमी आ सकती है, फिर भी वह लगभग पांच महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त होगा।' आर्थिक मामलात सचिव अरविंद मायाराम ने इसी महीने कहा था कि भारत इस साल कैड का वित्त पोषण अपने मुद्रा भंडार को हाथ लगाए बिना ही कर लेगा।
वहीं प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा था कि कैड की भरपाई के लिए भारत को विदेशी मुद्रा भंडार से 9 अरब डॉलर निकालने पड़ सकते हैं। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कैड 21.8 अरब डॉलर या जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहा था।
विश्व विदेशी मुद्रा
बिज़नेस न्यूज डेस्क - वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया भर में तेजी से घट रहा है। इससे एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दुनिया के करेंसी रिजर्व में रिकॉर्ड 1 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आई है। विश्व मुद्रा भंडार लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर या 7.8% गिरकर 12 ट्रिलियन डॉलर हो गया। 2003 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। विश्व के मुद्रा भंडार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं का कमजोर होना है। हाल ही विश्व विदेशी मुद्रा में, यूरो और येन जैसी अन्य आरक्षित मुद्राओं के मुकाबले डॉलर दो दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इस समस्या का मुकाबला करने के लिए, भारत और चेक गणराज्य जैसे कई देशों के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्राओं का समर्थन करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। कई केंद्रीय बैंक अपनी मुद्राओं की गिरावट को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इन देशों को मुद्रा बाजार में अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है। जिससे इन देशों के खजाने दिन-ब-दिन खाली होते जा रहे हैं। मुद्राओं की रक्षा के लिए भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है। जब विदेशी पूंजी का प्रवाह होता है, तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा के विकास को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं। बुरे समय में, वे पूंजी की कमी को रोकने के लिए भंडार बढ़ाते हैं।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
24 जून, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.734 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 593.323 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।
विदेशी मुद्रा भंडार
- इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं।
- ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का विश्व विदेशी मुद्रा एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये विश्व विदेशी मुद्रा परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों, सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है।
- इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।
भारत की इकोनॉमी में आई उछाल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 634.965 अरब डॉलर
Highlights भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 अरब डॉलर से बढ़कर 634.965 अरब डॉलर हो गया है। रिजर्व बैंक ने बताया कि एफसीए 1.345 अरब डॉलर से बढ़कर 570.737 अरब डॉलर हो गया है। आईएमएफ के पास विशेष आहरण अधिकार भी बढ़ा है।
मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार विश्व विदेशी मुद्रा 14 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.229 अरब डॉलर बढ़कर 634.965 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को यह जानकारी दी है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 87.8 करोड़ डॉलर घटकर 632.736 विश्व विदेशी मुद्रा अरब डॉलर हो गया था। जबकि तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में यह रिकार्ड 642.453 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
रुपए पर अभी बना रहेगा दबाव
इधर डॉलर के मुकाबले रुपए के प्रदर्शन को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए के 82.10 से 82.6 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद विश्व विदेशी मुद्रा है.’’
बीते सप्ताह डॉलर इंडेक्स 113.31 के स्तर पर बंद हुआ. आखिरी कारोबारी सत्र में तेल में गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड बीते सप्ताह 91.63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड 85.61 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. इसके अलावा, बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 684 अंक या 1.20 फीसदी की मजबूती के साथ 57920 अंक पर पंहुचा गया तथा निफ्टी में भी 171.35 अंक की बढ़त रही.