शेयरों में निवेश करने से पहले

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Stock Market में P/E Ratio क्या है? शेयर खरीदने से पहले इसे जरूर जानें।
Stock Market में P/E Ratio क्या है?
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अच्छा शेयर कैसे चुनें? इसमें मैंने आपको बताया था कि अच्छे शेयर चुनने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
यदि आपको स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनना है तो आपको कई बातों पर ध्यान देना होगा। आप चाहे लंबी अवधि के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं या फिर Intraday Trading करते हैं।
हर परिस्थिति में अच्छी स्टॉक को चुनना आवश्यक है। आज मैं आपको एक ट्रिक बता रहा हूं जिसके द्वारा आप एक सेकंड में मालूम कर सकते हैं कि यह शेयर खरीदना चाहिए या नहीं।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
यदि आपके भी मन में भी यह आशंकाएं उत्पन्न हो रही है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं वह सस्ता है या महंगा। यह कैसे पता करें। तो आपके लिए बड़ा ही अच्छा नॉलेज शेयर कर रहा हूं जिसका नाम है P/E Ratio.
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ शेयरों में निवेश करने से पहले 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते शेयरों में निवेश करने से पहले हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। शेयरों में निवेश करने से पहले इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान उठा लेते हैं।
कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।
उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।
अगले वर्ष 50 घर भी नहीं बिका और वह हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए आप केवल P/E Ratio पर निर्भर ना रहे।
P/E Ratio और क्या बताता है?
P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।
मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।
भारतीय बाजार में मुख्य रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।
सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।
P/E Ratio बदलता रहता है
P/E Ratio हमेशा बदलता रहता है। यह नहीं कि आपने एक बार जो P/E Ratio देख लिया वह हमेशा के लिए रहेगा। मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio अभी 25 है।
कुछ दिनों बाद कंपनी ने शेयरों में निवेश करने से पहले अच्छा मुनाफा कमाया और उसके शेयर का दाम बढ़ गया। क्योंकि सभी लोग उसके शेयर को खरीदने लगे। हम उस कंपनी का P/E Ratio बढ़ जाएगा।
इसलिए आप जिस वक्त शेयर खरीदते हैं उस वक्त उस शेयर का भी P/E Ratio देख ले।
जाते जाते एक बात आपको बता कर जा रहा हूं शेयर बाजार जितना ही लाभदायक है उतना ही नुकसानदायक। इसमें हम 1 दिन में लाखों कमा भी सकते हैं और लाखों गंवा भी सकते हैं।
आप तभी इसमें निवेश करने की सोचे जब आप लाखों कमाने और गंवाने के लिए तैयार हो। किसी के भी कहने पर कहीं भी निवेश ना करें। सोच समझ कर फैसला ले। आपके मेहनत की कमाई पर पहला अधिकार आपका ही है।
किसी के कहने पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले। आप चाहे कितने बड़े खिलाड़ी हो लेकिन कर्ज लेकर कभी भी स्टॉक मार्केट में निवेश ना करें इससे आप ज्यादा कठिनाई में पड़ सकते हैं।
मल्टीबेगर शेयर के अलावा Penny Stocks जिसका मूल्य ₹10 से कम है आप चाहे तो उसमे निवेश कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन शेयर जो मार्केट में बिल्कुल नया है उसमें भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर कर ले।
इन 7 वजहों से आपको शेयरों में जरूर निवेश करना चाहिए
एक साल से दो साल की अवधि में आपके सालाना 15 फीसदी या ज्यादा रिटर्न हासिल करने की संभावना सिर्फ 50 फीसदी रहती है। सात साल के लिए निवेश करने पर यह संभावना बढ़कर 66 फीसदी हो जाती है। 15 साल की अवधि में यह बढ़कर 70 फीसदी हो जाती है
आप स्टॉक मार्केट के रिटर्न का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इंडियन इक्विटी मार्केट ने शुरुआत से अब तक सालाना करीब 16 फीसदी का कंपाउंडेड एवरेज रिटर्न दिया है।
कहा जाता है कि शेयरों का रिटर्न लंबी अवधि में दूसरे एसेट्स के मुकाबले ज्यादा होता है। लेकिन, हममें से कई लोग एक बड़ा सवाल पूछना भूल जाते हैं। यह सवाल है-पिछले सालों में शेयरों का जैसा रिटर्न रहा है क्या भविष्य में भी वैसा ही रहेगा?
इस सवाल का जवाब बहुत इंटरेस्टिंग है। इसकी वजह यह है कि यह जवाब आपको एक बेहतर इनवेस्टर बनने में मदद करेगा। फिर आप लंबी अवधि में शेयरों में निवेश से अच्छी संपत्ति बना सकेंगे। जब हम शेयर बाजार की बात करते हैं तो हम ऐसे बाजार की बात करते हैं, जिसमें छोटे-बड़े हर तरह के स्टॉक शामिल होते हैं।
ऊपर के सवाल का जवाब इन 7 चीजों में शामिल हैं:
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Inflation
जब कीमतें बढ़ रही होती हैं तब कंपनियों का प्रॉफिट और रेवेन्यू अच्छा रहता है। प्रॉफिट और रेवेन्यू बढ़ने पर कंपनी के शेयरों की कीमतें भी बढ़ती हैं। शेयरों की कीमतों में उछाल से इनफ्लेशन की वजह से करेंसी की वैल्यू में आई गिरावट की भरपाई हो जाती है।
Population Growth
आबादी बढ़ने के साथ कंपनियों के लिए अपने प्रोडक्ट्स के लिए बाजार भी बढ़ता है। जो कंपनियां आबादी के बड़े हिस्से के लिए प्रोडक्ट्स बनाती हैं, उनकी वैल्यूएशन समय के साथ बढ़ती रहती है।
Technology
आबादी बढ़ने के साथ ही मेधावी और इनवेंशन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती है। इनोवेशन और टेक्नोलॉजी हमारी तरक्की की रफ्तार तेज कर देती है। इसका फायदा उन कंपनियों को मिलता है, जो इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार होती हैं।
Natural Selection
स्टॉक मार्केट के इंडेक्स में सबसे अच्छी कंपनियां शामिल होती हैं। अगर एक कंपनी बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहती है तो उसकी जगह दूसरी कंपनी ले लेती है। इस तरह इनवेस्टर्स के सामने निवेश के लिए अच्छी कंपनियों का विकल्प मौजूद रहता है।
Risk pays in long term
छोटी अवधि में रिस्क लेने से आपको लॉस हो सकता है। लेकिन, लंबी अवधि में रिस्क का फायदा ज्यादा रिटर्न के रूप में मिलता है। रिस्क के बदले आपको प्रीमियम मिलता है, जिसे रिस्क प्रीमियम कहा जाता है। जब आप शेयर बाजार में यह रिस्क लेते हैं तो आपको इसका इनाम ज्यादा रिटर्न के रूप में मिलता है।
RBI Policy
जब महंगाई तेजी से बढ़ती है तो RBI इंटरेस्ट रेट बढ़ाता है। इससे लोग कम खर्च करते हैं। दूसरी तरह जब इकोनॉमी लड़खड़ा रही होती है शेयरों में निवेश करने से पहले शेयरों में निवेश करने से पहले शेयरों में निवेश करने से पहले और लोग खर्च नहीं करते हैं तो केंद्रीय बैंक आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए इंटरेस्ट रेट घटाता है। इससे सेविंग्स अकाउंट में रखे आपके पैसे पर मिलने वाला इंटरेस्ट घट जाता है। फिर, लोग शेयरों जैसे रिस्की एसेट्स में पैसे लगाते हैं।
Markets Bounce back after downturn
शेयर बाजार में बिकवाली और गिरावट जैसी चीजें हमेशा जारी नहीं रहती हैं। इसकी कई वजहे हैं। सरकार हालात बेहतर करने के लिए कई कदम उठाती हैं। जब-जब मार्केट में बड़ी समस्या आती है सरकार और RBI मिलकर कोशिश करते हैं। फिर, हालात बदलने लगते हैं। कंपनियों का प्रदर्शन सुधरने लगता है। इससे शेयरों की कीमतें चढ़ने लगती हैं।
आप स्टॉक मार्केट के रिटर्न का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इंडियन इक्विटी मार्केट ने शुरुआत से अब तक सालाना करीब 16 फीसदी का कंपाउंडेड एवरेज रिटर्न दिया है। सेंसेक्स का पिछले 33 साल का डेटा बताता है कि शेयर बाजार में आप जब भी इनवेस्ट करें आपको 15 फीसदी रिटर्न मिलने की संभावना हमेशा रहती है।
एक साल से दो साल की अवधि में आपके सालाना 15 फीसदी या ज्यादा रिटर्न हासिल करने की संभावना सिर्फ 50 फीसदी रहती है। सात साल के लिए निवेश करने पर यह संभावना बढ़कर 66 फीसदी हो जाती है। 15 साल की अवधि में यह बढ़कर 70 फीसदी हो जाती है।
MoneyControl News
Tags: # share markets
First Published: Oct 11, 2022 5:55 PM
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Indian Stock Market में निवेश करने से पहले beginners इन 5 टिप्स को जान लें, कभी भी उनके खरीदे शेयर डूबेंगे नहीं
Indian Stock Market: अगर आप beginners हैं और भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो आपका पैसा ना डूबे इसके लिए आप हमारे द्वारा बताए जा रहे पांच टिप्स को फॉलो करें।
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 20:24 IST
Photo:INDIA TV शेयर बाजार में निवेश करने से पहले beginners ये जान लें
Indian Stock Market: भारतीय युवा आज के समय में शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर काफी उत्साहित नजर आते हैं। नौकरी (Job) लगते के बाद ही कई बार ये युवा थोड़ी बहुत बची हुई सेविंग (Saving) को शेयर में निवेश कर देते हैं। कुछ के तो पूरे पैसे भी डूब जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी नए हैं और निवेश करने को लेकर सोच रहे हैं तो पैसा इन्वेस्ट करने से पहले हमारे द्वारा बताए जा रहे इन पांच बातो को जान लें।
1. एक ही एसेट क्लास में जरूरत से ज्यादा निवेश न करे
वॉरेन बफेट हमेशा कहते हैं कि सभी अंडों को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए। इसलिए हमेशा अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो अलग-अलग जगहों पर निवेश करके तैयार करें। शेयरों में निवेश करने से पहले इसे डाएवर्सिफिकेशन कहा जाता है। यह तब होता है जब अपने पैसों को एक से ज्यादा जगहों पर निवेश किया जाता है। जैसे कि अपने पोर्टफोलियो में इक्विटीज और डेट फंड का सही संतुलन होना चाहिए। कई भारतीयों के पास इक्विटीज को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। ध्यान रखें कि FD, रियल एस्टेट और गोल्ड में एक जैसे ही हैं और लंबे समय के निवेश के बाद ये तीनो मंहगाई को मात देने वाले रिटर्न्स देते हैं।
2. अपने निवेश के फैसले को अमल में लाएं
कुछ लोग निवेश को लेकर बहुत जल्दबाजी कर देते हैं। निवेश के लिए हमेशा सही समय का इंतजार करना चाहिए। और सही जानकारी मिलने पर अपनी सेविंग को निवेश के लिए इस्तेमाल कर लेना चाहिए। यह आपके सेविंग अकाउंट में रखे गए पैसे से अधिक रिटर्न दे सकते हैं। इस दौरान जब तक आपके पास कुछ पैसे निवेश के लिए नहीं हो जाते हैं तब तक आप एक बार खुद से कुछ शेयर को खरीदें(ये शेयर आपने खरीदा है ऐसा सिर्फ नोट कर लें) और फिर दो-तीन दिन बात एक बार देखें कि आपने जिस शेयर पर पैसा लगाने का सोचा था उस पर कितना का प्रॉफिट हुआ है? इससे आपको शेयर बाजार समझने में मदद मिलेगी।
3. हर वक्त कुछ नया ढूंढ़ने का प्रयास
आप एक नए निवेशक हैं तो आपको एक बार भारतीय शेयर बाजार के ग्राफ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। आप देखेंगे कि भारतीय शेयर बाजार ने 10 से 20 वर्षों में 14 फीसदी से लेकर 16 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी शेयरों में निवेश करने से पहले की है। किस तरह के शेयर उछाल पर रहे और किसकी जमानत जब्त हो गई। वो दौर कैसा था किसकी सरकार थी सरकार की कैसी योजनाएं लागू रही। कितने रिफॉर्म आए। ये सारी बातें आपको निवेश की दृष्टि से मजबूत बनाने का काम करेंगे। ताकि आप एक सही इक्विटी का चुनाव कर सकें।
4. पिरियोडिक रिव्यू
अपनी संपत्ति का विश्लेषण कर लेना चाहिए। कुछ लोग नहीं करते नतीजन पैसे गवां बैठते है। संपूर्ण रूप से देख लें कि कितने एसेट्स है और क्या कदम उठाने चाहिए अपने निवेश को और मजबूत बनाने के लिए। साल में एक बार विश्लेषण जरूर करें। ऐसा करने से आप पता लगा सकते हैं कि कौन से एसेट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कौन नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं।
5. जल्दी अमीर बनने के लिए न करें गलत निवेश
जल्दी अमीर बनने के चक्कर में अक्सर लोग पर्याप्त समय नहीं देते और जल्दबाजी में ट्रेडिंग कर नुकसान के शिकार हो जाते हैं। लोग मंहगे स्टॉक्स खरीद लेते हैं और जब गिरावट आती है तो पैसे खोने के डर से बेच देते हैं। ऐसा करने से पैसा बनाने के बजाए खो देते हैं। इस मामले में जो पहली बार निवेश कर रहा है वो अधिक प्रभावित हो जाते हैं। इसलिए निवेश के समय धैर्य बनाए रखना चाहिए।
ये हैं शेयरों में निवेश के 3 तरीके, जानिए इन्हें लेकर क्या हैं टैक्स नियम
शेयरों में निवेश करने से पहले कुछ चीजों पर ध्यान देना जरूरी है. इनमें कंपनी की पसंद, शेयर की कीमत, निवेश योग्य रकम इत्यादि शामिल हैं. इसके बाद आप नीचे बताए गए 3 तरीकों की मदद से शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
शेयरों में सीधे निवेश
इसके लिए आपको कंपनी के बारे में रिसर्च करने की जरूरत पड़ती है. आपको निवेश करने के लिए ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. बैंक अकाउंट और केवाईसी कंप्लायंस भी अनिवार्य है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए आपको केवाईसी की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. साथ ही फंड हाउस के एप्लीकेशन फॉर्म को भरना होगा जिसमें आप अपनी पसंद की स्कीम के बारे में बताते हैं. एप्लीकेशन स्वीकार होने के बाद आपको यूनिटें आवंटित हो जाती हैं. निवेश की पोर्टफोलियो वैल्यू दिन के अंत में निकाली जाती है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए एनएवी के साथ यूनिटों को गुणा किया जाता है.
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस
शेयर बाजार में बहुत ज्यादा पैसा (50 लाख रुपये से अधिक) लगाने की चाहत रखने वाले निवेशकों के पास पोर्टफोलियो मैनेजर्स की सेवाएं लेने का भी विकल्प है. इसके लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एग्रीमेंट किया जाता है. यह एग्रीमेंट निवेशक और पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच होता है. इसमें निवेश का मकसद, जोखिम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट चार्ज की शर्तों के साथ इस बात का भी उल्लेख किया जाता है कि पोर्टफोलियो मैनेजर किस तरह की प्रतिभूतियों में निवेश करेंगे. शेयरों का स्वामित्व निवेशक के पास उसके डीमैट खाते में रहता है. इस तरह निवेशक को अपने खाते में ही डिविडेंड/बोनस एलॉटमेंट का पैसा मिलता है.
किन बातों का रखें ध्यान
1-म्यूचुअल फंड पर कैपिटल गेंस टैक्स यूनिटों को भुनाने के वक्त ही लगता शेयरों में निवेश करने से पहले है. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के भीतर फंड मैनेजर प्रतिभूतियों में जो खरीद-फरोख्त करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
2- पोर्टफोलियो मैनेजर जिन शेयरों में निवेश करते हैं, उन पर ट्रांजेक्शन के वक्त कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. इस टैक्स को भरने की जिम्मेदारी निवेशक के पाले में आती है.
3- म्यूचुअल फंड स्कीम के मुकाबले पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस यानी पीएमएस में पोर्टफोलियो को कस्टमाइज करने का खर्च ज्यादा आता है. म्यूचुअल फंड में स्टैंडर्ड पोर्टफोलियो होता है. यह स्कीम के निवेश उद्देश्यों की तर्ज पर होता है.
Web Title : these are 3 ways to invest in stocks, know what are the tax rules regarding them
Hindi News from Economic Times, TIL Network
शेयर बाजार के नियम
चाहे आप ट्रेडर हो या निवेशक आपके लिए शेयर बाजार नाम अनसुना नहीं होगा लेकिन शेयर बाजार में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाने के लिए सिर्फ पैसो की ज़रुरत नहीं, ज़रूरी है की आपको शेयर बाजार के नियम की जानकारी हो?
शेयर बाजार के नियमो का अनुसरण कर आप जान पाएंगे की कब और कैसे शेयर बाजार में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, तो आइये आज इस लेख में जानते है शेयर मार्केट में निवेश करने से जुड़ी आवश्यक बातें ।
Share Market Rules in Hindi
स्टॉक मार्केट एक निवेशक को ज़्यादा पैसे और मुनाफा कमाने का मौका देते है, एक सही स्ट्रेटेजी और नियमो की जानकारी प्राप्त कर आप स्टॉक मार्केट में निवेश कर अपनी इनकम को कई गुना तक बढ़ा सकते है, लेकिन ये तभी मुमकिन है जब आप शेयर बाजार से सही तरह से वाकिफ हो ।
जैसे की अगर आपको डीमैट खाता खोलना हो तो उसके लिए ज़रूरी है की आप एक सही स्टॉकब्रोकर का चयन करे और उसके बाद मार्केट में सही समय में ट्रेड या निवेश करे ।
अब ये सब बातो को सही से जानने के लिए नीचे दिए गए स्टॉक मार्केट नियम को जाने और उसके अनुसार सही सोच और समझ के साथ निवेश करें ।
1. अनरेगिस्टर्ड स्टॉकब्रोकर से दूर रहे
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश करते समय, आपको ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ट्रेडिंग के लिए अकाउंट खोलने समय ब्रोकर के ब्रांड और बाजार में पकड़ की जांच करना चाहिए। आपको केवल प्रसिद्ध और भरोसेमंद ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खुलवाना चाहिए।
अब क्योंकि स्टॉक मार्केट में रिसर्च का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है और ये सब शुरू हो जाता है एक स्टॉकब्रोकर के चयन के साथ । मार्केट में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पहले स्टॉकब्रोकर के साथ कितने निवेशक जुड़े है वह जानकारी प्राप्त करे और उसके बाद ये भी देखे की उस स्टॉकब्रोकर के लिए NSE में कितनी शिकायते दर्ज़ है।
ये सब जानकारी प्राप्त करने के बाद आप एक सही स्टॉकब्रोकर को चुन अपनी ट्रेडिंग का सफर शुरु कर सकते है ।
2. गलत सूचना के आधार पर कोई निर्णय न ले
ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग का निर्णय मार्केट न्यूज़ के आधार पर लेते है लेकिन कई बार एक गलत न्यूज़ आपका लाखों का नुकसान करवा सकती है । इसलिए ज़रूरी है की आप किसी भी न्यूज़ की पूरी जानकारी प्राप्त कर ही उसमे ट्रेड या निवेश करने का निर्णय ले।
मार्केट न्यूज़ की वजह से स्टॉक काफी अस्थिर भी हो जाते है और अगर आप एक शुरूआती ट्रेडर है तो यहाँ पर आपको किसी भी तरह के ट्रेड से दूर रहना चाहिए।
3. लम्बे समय के लिए निवेश शेयरों में निवेश करने से पहले करें
अब बहुत लोग स्टॉक मार्केट के साथ कम समय में ज़्यादा मुनाफा कमाने की सोच के साथ ट्रेड करते है और कम समझ होने के कारण वह अपना नुकसान कर बैठते है ।
अगर आप स्टॉक मार्केट के साथ एक लम्बे समय तक जुड़ना चाहा रहे है तो उसके लिए ज़रूरी है कि आप पहले मार्केट को सही से परखे और उसके अनुसार अपना ट्रेडिंग निर्णय ले ।
यहाँ पर एक शुरूआती निवेशक के लिए मार्केट की गतिविधियों को जानना भी काफी चुनोतीपूर्ण होता है और इसलिए यहाँ पर और भी ज़रूरी हो जाता है कि आप स्टॉक में निवेश करने से पहले उसका सही से मौलिक विश्लेषण ( fundamental analysis in hindi ) करे ।
आप उस कंपनी पर पैसा लगा सकते हैं जो अच्छा रिटर्न देता है। आप उस विशेष कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले और जहां तक मुमकिन हो शार्ट टर्म ट्रेडिंग न कर लॉन्ग टर्म निवेश करने की योजना बनाये।
एक बेहतरीन रिटर्न प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह का निर्णय जल्दबाज़ी में न ले ।
4. जोखिमों का आंकलन कर पैसा लगाए
स्टॉक मार्केट निवेश जोखिमों से भरा है और इसलिए एक निवेशक और ट्रेडर के लिए ज़रूरी है कि वह अपने जोखिमों का आंकलन कर ही निवेश राशि का चयन करे और जोखिमों को कम करने के लिए समय, राशि और स्टॉप लॉस ( stop loss meaning in hindi ) ध्यान रखे ।
एक सही निवेश करने के लिए उतनी ही धनराशि का उपयोग करे जितने का नुक्सान आप ले सकते है । इसके साथ स्टॉप लॉस के लिए के लिए सही ट्रिगर प्राइस (trigger price meaning in hindi) होता है उसकी जानकारी ले और उसका इस्तेमाल कर स्टॉक मार्केट में निवेश करें।
5. सही समय में ट्रेड करे
अब वैसे तो शुरुआती ट्रेडर को इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए लेकिन अगर आप समय के साथ ट्रेड करने में रुचि रखते है तो वहां पर समय का ध्यान रखना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है ।
वैसे तो मार्केट सुबह 9:15 बजे खुल जाती और आप शाम 3:30 तक ट्रेड कर सकते है लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम के किस अवधि में किस समय में ट्रेड करना सबसे ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है, उसकी जानकारी होना काफी आवश्यक है ।
अब मार्केट बंद होने से लेकर खुलने तक काफी कुछ खबरों में आता है और इसी का प्रभाव मार्केट के खुलने के बाद दिखाई देता है जब मार्केट सबसे ज़्यादा अस्थिर होती है । अस्थिर मार्केट एक तरफ ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का मौका लेकर आती है लेकिन दूसरी तरफ एक शुरूआती ट्रेडर के लिए नुक्सान शेयरों में निवेश करने से पहले का कारण भी बन सकती है।
तो एक बार आप मार्केट की पूरी जानकारी प्राप्त कर ले उसके बाद आप मार्केट में सुबह 9:30-10:30 के बीच में ट्रेड कर प्रॉफिट कमाने के अवसर को बढ़ा सकते है ।
सेबी के नए मार्जिन नियम
वैसे स्टॉक मार्केट के नियम सभी सेगमेंट के लिए एक जैसे ही होते है लेकिन अगर हम डिलीवरी नियम (delivery trading rules in hindi) के अतिरिक्त इंट्राडे ट्रेडिंग के नियमो की बात करे तो सेबी कुछ नियम आया है जिससे रिटेल ट्रेडर डे ट्रेडिंग में किसी भी तरह के नुक्सान से बचे रहे । अब इसी तरह से 2020 दिसंबर मार्जिन के लिए एक नियम लेकर आया था जिसके अनुसार हर तिमाही मार्जिन में 25% की गिरावट आती रहेगी और सितम्बर 01, 2021 में ये नियम पूरी तरह से लागू हो जायेगा जिसमे ट्रेडर सिर्फ 5 गुना तक का मार्जिन ही प्राप्त कर पाएंगे।
इंट्राडे ट्रेडर हालांकि इस नियम से खुश नहीं थे क्योंकि पहले जहाँ वह कम राशि के साथ भी ज़्यादा ट्रेड कर पाते थे, इस नियम के बाद उन्हें कम मार्जिन का उपयोग कर हे ट्रेड करने का अवसर प्राप्त होगा ।
अलग-अलग निवेश की तुलना में शेयर बाजार में निवेश करके मुनाफा कमाना ज्यादा बेहतर है। लेकिन इसके भी दो पहलू हैं, शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के साथ जोखिम की संभावना भी जुड़ी होती है।
लेकिन नए ट्रेडर्स के लिए शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले शेयर बाजार के नियम के बारे में जानकारी होना आवश्यक है, और अगर आप शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बने की ओर देख रहे है तो यहाँ पर और भी ज़रूरी हो जाता है की आप मार्केट की बारीकियों को समझ कर और धैर्य रखकर ही निवेश करे।
इसके साथ ही आपको सही ब्रोकर चुनने, और मार्केट एनालिसिस कर सही स्टॉक चुनने और ट्रेडिंग के दौरान स्टॉप लॉस सेट करना शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के अवसर बढ़ जाते हैं।
इसके साथ ही आपको ट्रेडिंग के समय, इंट्राडे ट्रेडिंग का सेबी के नए मार्जिन नियम के बारे में जानने की आवश्यकता होती है। इन सभी नियमों और शेयर मार्केट के बारे में जानकारी पाकर आप शेयर मार्केट में आसानी से लाभ कमा सकते हैं।
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