जब शेयर मार्केट गिरता है

कैसे शेयर बाज़ार (stock market) में निवेश करें
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Ara Oghoorian, CPA. आरा ओघूरियन एक सर्टिफाइड फिनेंसिअल अकाउंटेंट (CFA), सर्टिफाइड फिनेंसिअल प्लानर (CFP), एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (CPA), और ACap Advisors & Accountants, जो एक बुटीक वेल्थ मैनेजमेंट और लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में फुल सर्विस एकाउंटिंग फर्म के संस्थापक हैं। वित्तीय उद्योग में 26 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, आरा ने 2009 में ACap Asset Management की स्थापना की। उन्होंने पहले फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ सैन फ्रांसिस्को, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी, और रिपब्लिक ऑफ़ आर्मेनिया में वित्त और अर्थव्यवस्था मंत्रालय के साथ काम किया है। सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से आरा ने एकाउंटिंग और फाइनेंस में BS की डिग्री प्राप्त की है, फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के माध्यम से एक कमीशन बैंक परीक्षक है, चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट डेसिग्नेशन पर कार्यरत है, एक प्रमाणित वित्तीय नियोजक™ प्रैक्टिशनर है, और एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट लाइसेंस रखती है, एक नामांकित एजेंट, और 65 लाइसेंस की सीरीज़ रखते हैं।
यहाँ पर 36 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
यह आर्टिकल १३,७९७ बार देखा गया है।
यह कोई संयोग नहीं है कि ज्यादातर अमीर लोग शेयर बाज़ार (stock market) में निवेश करते हैं। इसमें तकदीरें बनती और बिगड़ती भी है, लेकिन स्टॉक में निवेश आर्थिक सुरक्षा, स्वतंत्रता, तथा पीढ़ियों के लिए घर एकत्रित करने का सबसे बढ़िया तरीका है। चाहे आपने अभी-अभी बचत करना शुरू किया है या अपने रिटायरमेंट (retirement) के लिए पूंजी बचा कर रखी है, तो आपकी बचत, आपका पैसा आपके लिए बिलकुल वैसे ही कार्य करेगा जैसा आपने कार्य करके उसे कमाया है। इसमें कामयाबी के लिए, यह जरूरी है, कि आपकी स्टॉक मार्केट मतलब शेयर बाज़ार के बारे में जानकारी या समझ एकदम पक्की हो। यह लेख आपको निवेश संबंधी निर्णय की प्रक्रिया के बारे में बताएगा एवं कामयाब निवेशक बनने में मदद करेगा। यह लेख विशेष रूप से शेयरों में निवेश पर चर्चा करता है। शेयर में व्यापार के लिए, पढ़े कैसे शेयर बाज़ार में व्यापार करें। म्यूच्यूअल फंड्स के लिए, पढ़े कैसे निर्णय लें कि स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड्स (mutual funds) खरीदें या नहीं।
Bear Market Kya Hai? | What is Bear Market in Hindi | जानिए शेयर बाजार में बियर मार्केट क्या है?
Bear Market in Hindi: इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि शेयर बाजार में Bear Market Kya Hai? (What is Bear Market in Hindi), भालू बाजार कैसे काम करता है? (How does a Bear Market work?) और बियर बाजार में निवेश कैसे करें? (How to Invest in a Bear Market?) तो आइए जानते है Bear Market in Hindi
Bear Market in Hindi: आप चाहे स्टॉक, रियल एस्टेट, या किसी अन्य एसेट में इन्वेस्ट क्यों न जब शेयर मार्केट गिरता है करें, लेकिन आप अक्सर मार्केटिंग में दो तरह के ट्रेंड को देखते होंगे। पहला है बुल मार्केट (Bull Market) और दूसरा बियर मार्केट (Bear Market) है। सीधे शब्दों में कहें तो बुल मार्केट एक उभरता हुआ बाजार है, जबकि एक बियर बाजार एक गिरावट वाला बाजार है। आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि शेयर बाजार में Bear Market Kya Hai? (What is Bear Market in Hindi), भालू बाजार कैसे काम करता है? (How does a Bear Market work?) और बियर बाजार में निवेश कैसे करें? (How to Invest in a Bear Market?) तो आइए जानते है Bear Market in Hindi
Bear Market Kya Hai? | What is Bear Market in Hindi
Bear Market in Hindi: शेयर मार्केट में एक बियर एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है जब शेयरों की कीमतों में गिरावट आती है और लंबे समय तक ऐसा करना जारी रहता है। स्टॉक की कीमतें 20% या उससे अधिक गिर सकती हैं। एक Bear Market आम तौर पर स्टॉक मार्केट इंडेक्स जैसे निफ्टी, सेंसेक्स इत्यादि और उनके संयुक्त गिरावट से जुड़ा होता है। अगर ऐसा कोई सूचकांक गिरता है, तो इससे जुड़े शेयरों में भी गिरावट आती है, जिससे कीमतों में गिरावट के स्तर पर लंबे समय तक बने रहने जब शेयर मार्केट गिरता है पर यह एक Bear Market बन जाता है।
बियर मार्केट कैसे काम करता है? | How does a Bear Market work?
शेयर मार्केट किसी भी देश की डिमांड और सप्लाई चैन और अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। अगर शेयर मार्केट को बियर के रूप में संदर्भित किया जाता है तो यह धीमी आर्थिक वृद्धि, घटती जीडीपी, मंदी, महामारी, बेरोजगारी, उच्च ब्याज दर आदि जैसे कारकों के कारण हो सकता है। ऐसे जकारकों की वजह से इन्वेस्टर के मानसिकता में घबराहट पैदा करते हैं। जिस वजह से निवेशक तरलता के लिए अपने शेयरों को बेचना शुरू कर सकते हैं।
एक बार जब बड़ी संख्या में निवेशक स्टॉक जब शेयर मार्केट गिरता है बेचना शुरू करते हैं, तो शेयरों की आपूर्ति बढ़ जाती है जबकि उन्हें खरीदने की मांग नहीं होती है, जिससे स्टॉक की कीमत कम हो जाती है। अगर यह जारी रहता है, तो Bear Market की घटना को जोड़ते हुए, कीमत में गिरावट जारी है।
शेयरों में Bear Market कई हफ्तों, महीनों या वर्षों तक चल सकता है। यह ट्रिगरिंग कारक और इसके समाधान के लिए लगने वाले समय पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए अगर मलेरिया के प्रकोप के कारण शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली होती है, तो प्रकोप नियंत्रण में होने के बाद ही Bear Market वापस सामान्य हो सकता है। जब तक ऐसा नहीं होता है, Bear Market जारी रह सकता है, और कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
बियर मार्केट के चरण | Phases of Bear Market in Hindi
शेयर मार्केट में बियर के चार मुख्य चरण होते हैं, जो नीचे बताएं गए है -
1) उच्च निवेशक भावना - किसी भी Bear Market को इनिशियल बुल मार्केट द्वारा समर्थित किया जाता है जहां निवेशक भावना अधिक होती है। उच्च निवेशक भावना निवेशकों को अधिक शेयर खरीदने के लिए प्रेरित करती है क्योंकि आर्थिक दृष्टिकोण सकारात्मक है, और उनका मानना है कि कीमतें अधिक बढ़ सकती हैं। ऐसा बाजार उच्च स्टॉक कीमतों को देखता है जो उनके मूल्य में लगातार वृद्धि का गवाह बनते हैं।
2) कम निवेशक भाव - यह तब होता है जब आर्थिक कारक या कोई अन्य घटना निवेशकों की भावनाओं को गिरने के लिए प्रेरित करती है। कमजोर संकेतों के बीच, व्यापारिक गतिविधि, संभावित मुनाफा औसत से नीचे दिखता है, और निवेशक घबराने लगते हैं। फिर वे कीमतों में गिरावट और अपने मुनाफे के डर से शेयरों को बेचना शुरू कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी बिकवाली होती है। यहीं से Bear Market शुरू होता है और स्थिति को कैपिट्यूलेशन कहा जाता है।
3) सट्टा - तीसरा चरण वह है जहां सट्टेबाजों ने कीमतों में बढ़ोतरी से मुनाफा कमाने की उम्मीद में बाजार में प्रवेश किया। स्थिति ट्रेडिंग वॉल्यूम और स्टॉक की कीमतों में वृद्धि की ओर ले जाती है।
4) बियर मार्केट का अंत - अंतिम चरण में कीमतों में गिरावट देखी जाती है, लेकिन गिरावट की तीव्रता कम हो जाती है। बिकवाली को ट्रिगर करने वाली घटना का समाधान हो जाता है, और निवेशकों की भावना फिर से सकारात्मक हो जाती है। एक बार ऐसा करने के बाद, निवेशक फिर जब शेयर मार्केट गिरता है से स्टॉक खरीदना शुरू कर देते हैं और बाजार कीमतों के साथ चढ़ना शुरू कर देता है, जिससे एक बुल मार्केट बन जाता है।
बियर मार्केट में निवेश कैसे करें? | How to Invest in Bear Market?
Bear Market in Hindi: गिरते बाजार में आपके अधिकांश निवेशों के लिए एक कुशल ट्रेडिंग खाते से अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए धैर्य, शोध और सबसे महत्वपूर्ण बाजार ज्ञान की सही मात्रा की आवश्यकता होती है। गिरते बाजार के दौरान सही निवेश करने में आपकी सहायता करने के लिए, यहां कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए गए हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए-
अब जब आप जानते हैं कि जब शेयर मार्केट गिरता है Bear Market Kya Hai? तो बाजार में मंदी आने पर आप अपने निवेश को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं। अगर आपने गहन शोध के बाद अच्छे शेयरों में निवेश किया है, तो सबसे अच्छी बात यह है कि आप धैर्य रखें और भालू बाजार के खत्म होने का इंतजार करें।
पूरी तरह से शोध करें - जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उसके मूल सिद्धांतों पर शोध करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। लेकिन, जब बाजार विशेष रूप से मंदी की प्रवृत्ति में होता है, तो यह शोध सबसे जरूरी हो जाता है। एक बार जब आप अपनी पसंद की इक्विटी को सीमित कर लेते हैं, तो कंपनी के प्रबंधन, व्यावसायिक दृष्टिकोण और समग्र वित्तीय प्रदर्शन पर पर्याप्त समय और प्रयास खर्च करें।
बाय लो सेल हाइ - खरीद मूल्य गिरने पर शेयर खरीदने और कीमतों में वृद्धि होने पर उन्हें बेचने की क्लासिक सिफारिश गिरते बाजारों के लिए भी सही है। नियमित परिस्थितियों में किसी स्टॉक के लिए खरीद मूल्य गिरने का मतलब कई चीजें हो सकता है। कंपनी के फंडामेंटल में गिरावट हो सकती है, या बाजार की धारणा खराब हो सकती है। हालांकि गिरती बाजार स्थितियों के दौरान ऐसा नहीं हो सकता है। मंदी की प्रवृत्ति के दौरान निवेशक औसत खरीद मूल्य से नीचे अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों के साथ उच्च मूल्यांकन वाली कंपनियों को भी खरीद सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करने के अनूठे अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
सुरक्षा का मार्जिन - जो निवेशक अपने बाजार जोखिम को कम करने के लिए महत्व रखते हैं वे सुरक्षा के मार्जिन या MOS (Margin of Safety) की अवधारणा पर बहुत महत्व रखते हैं। सुरक्षा का मार्जिन अनिवार्य रूप से किसी शेयर के बाजार मूल्य और उसके वास्तविक, आंतरिक मूल्य के निवेशक के अनुमान के बीच का अंतर है। एक निवेशक के रूप में अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर, आप अपने अनुसार सुरक्षा का मार्जिन निर्धारित कर सकते हैं। यह गिरते बाजार के दौरान एक स्टॉक और दूसरे के बीच अंतर के बिंदु के रूप में काम कर सकता है।
धैर्य रखें - गिरते बाजार के दौरान जब चीजें अव्यवस्थित हो जाती हैं, तो बाजार में चल रहे किसी भी चलन के बैंडबाजे पर कूदने के लिए आकर्षक हो सकता है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आपके दोस्त और रिश्तेदार आपको बेचैन कर रहे हों और आपको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हों। हालांकि ध्यान रखें कि हर निवेश पोर्टफोलियो अलग होता है। इसके बजाय, धैर्य रखने की सलाह दी जाती है, अपने निवेश के मूल सिद्धांतों पर गहरी नजर रखें और केवल आवश्यकतानुसार कार्य करें। यदि आप अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रखने की योजना बनाते हैं, तो डाउनट्रेंड के कम होने तक उन पर पकड़ बनाए रखना अधिक विवेकपूर्ण हो सकता है।
Conclusion -
अब जब आप जानते हैं कि Bear Market Kya Hai? (What is Bear Market in Hindi) और बियर मार्केट में निवेश कैसे करें? (How to Invest in Bear Market?) तो अब आप निवेश की दुनिया में आगे बढ़ सकते हैं और समझदारी से शेयर ट्रेडिंग कर सकते है।
देश की अर्थव्यवस्था गिरने के बाद भी दौड़ रहा शेयर बाजार
नई दिल्ली। यह तथ्य पहेली से कम नहीं कि एक ओर देश की अर्थव्यवस्था धराशायी है, दूसरी तरफ शेयर बाजार आसमान छू रहा है और चुनींदा लोग बैठे-बैठे मोटी कमाई कर रहे हैं। पिछले साल जब हमारी जीडीपी 24 फीसदी नीचे चली गई थी, तब भी शेयर बाजार लहलहा रहा था और निवेशक ही नहीं, सटोरिये भी बड़े पैमाने पर पैसे लगा रहे थे। इस साल भी शेयर बाजार की छलांग जारी है, जबकि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और सिर्फ वैक्सीन की घोषणा हुई है।
यहां तक कि महामंदी के समय में भी जब अर्थव्यवस्था डूब गई थी, तो शेयर बाजार में तेजी आई थी। इस महामारी के काल में भी दुनिया के बड़े शेयर बाजारों में तेजी आ रही है। भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी आई और यह 48,000 को पार कर 50,000 की ओर जाता दिख रहा है, जबकि जीडीपी अब भी नकारात्मक है। इसका मतलब यह बात सच नहीं है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था का आईना है। इसके बजाय यह पैसा लगाने और कमाने का एक बढ़िया प्लेटफॉर्म है। धनी निवेशकों को इसने पैसे कमाने का एक विकल्प दिया है। अमेरिका की जीडीपी में 4.8 प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट आई, पर मध्य मार्च से मध्य जून तक धनवानों की संपत्ति में 584 अरब डॉलर का इजाफा हो गया था।
नए साल के पहले ही दिन शेयर बाजार में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। और जब सरकार ने एक साथ दो-दो टीके को अनुमति देने की घोषणा की, तो इसमें जैसे आग ही लग गई, हालांकि जब शेयर मार्केट गिरता है विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं -5.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेंगी। भारत की अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत का संकुचन होगा। कई सारी कंपनियों के शुरुआती परिणाम बता रहे हैं कि वे घाटे में चले गए। इसके बावजूद शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है। इस मामले में भारतीय शेयर बाजार अमेरिका का ही अनुसरण कर रहे हैं। पैसा जब आसानी से मिल जाता है, तो लोगों की जोखिम उठाने की क्षमता और इच्छा, दोनों बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि शेयर बाजार ने उन्हें इसका भरपूर मौका दिया।
बैंकों में तरलता की कमी नहीं है, रिजर्व बैंक ने ब्याज दर लगातार घटाई और इससे लगभग आठ लाख करोड़ रुपये की तरलता बाजार में आई। ऐसे में, लोग घर बैठे पैसे कमाने वालों को शेयर बाजार ने निराश नहीं किया। वर्ष 2020 की आखिरी ट्रेडिंग के दिन पर बीएसई सेंसेक्स 47,751 और निफ्टी 50,13,981 पर बंद हुआ। यानी पिछले कैलेंडर वर्ष में शेयर बाजार में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा की वृद्धि हुई। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में काफी पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें यहां से कमाई की काफी उम्मीद है। जब तक यहां कमाई की आस है, तब तक वे यहां पैसे लगाते रहेंगे।
दूसरी बात जो शेयर बाजार को आगे ले जा रही है, वह है दुनिया भर के बड़े शेयर बाजारों में आई तेजी। भारतीय शेयर बाजार परोक्ष रूप से अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार से जुड़े हुए हैं और उसके ट्रेंड का अनुकरण करते हैं। बहुत-सी भारतीय कंपनियों में विदेशी कंपनियों ने पैसा लगा रखा है और वे यहां निवेश करते रहते हैं। कई भारतीय कंपनियों ने यूरोप-अमेरिका में ऑफिस खोल रखे हैं और इस कारण विदेशी निवेशक उनकी ओर आकर्षित होते हैं। कई कंपनियों में विदेशी कंपनियां साझीदार भी हैं। फिर अमेरिका-यूरोप में सरकार ने अरबों डॉलर के पैकेज दिए हैं, जिससे बाजार में पैसा आया है।
भारत सरकार और रिजर्व बैंक ने महामारी काल में अब तक 30 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। हालांकि ज्यादातर पैकेज कर्ज के रूप में हैं, फिर भी वे विश्वास पैदा करते हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में है। इनका असर दिख रहा है और आने वाले समय में बजट एक बड़ा संबल साबित होगा। ऐसा समझा जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में उदार घोषणाएं करेंगी, जिनसे अर्थव्यवस्था को दलदल से निकालने में सहारा मिलेगा। अगर सरकार पर्याप्त प्रोत्साहन पैकेज लाती है, तो कोई वजह नहीं कि शेयर बाजार फिर से छलांग लगाए।
Stock Market Opening: शेयर बाजार में गिरावट पर लगा ब्रेक, हरे निशान पर Sensex और Nifty
Share Market Update: ग्लोबल और एशियाई मार्केट से मिल रहे मिले जुले ग्लेबल संकेत के बीच भारतीय घरेलू शेयर में पिछले दो दिनों से जारी गिरावट पर आज ब्रेक लग गया है। शेयर बाजार में आज तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। इस कारोबारी हफ्ते से पांचवें दिन आज शुक्रवार (19 November) को भी भारतीय घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों आज हरे निशान पर खुले हैं। सेंसेक्स में आज 26 अंक और निफ्टी में 2 अंकों की बढ़त देखने को मिली।
शुरुआती कारोबार में बंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 26 अंकों की गिरावट के साथ 61,777 के स्तर के पार खुला है। जबकि एनएसई का निफ्टी (NSE Nifty) 2 अंक गिरकर 18,346 के स्तर पर खुला।
बाजार का आज का हाल
बीएसई (BSE) में आज सुबह शुरुआत में कुल 2,037 कंपनियों में कारोबार की शुरुआत हुई। जिसमें करीब 1,295 शेयर तेजी तो 630 गिरावट के साथ खुलीं। जबकि 112 कंपनियों के शेयर के भाव स्थिर रहे। वहीं आज 61 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर तो 13 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
आज के चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
– आज के चढ़ने वाले शेयर्स की बात करें तो एशियन पेंट्स, टाटा कंज्यूमर, इनफोसिस, विप्रो, एक्सिस बैंक समेत कई कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी जा रही है।
– वहीं गिरने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, हीरो मोटोकार्प, मारुति सुजुकी, नेस्ले, आयशर मोटर्स समेत कई कंपनियों शेयर में गिरावट देखी जा रही है।
डॉलर के मुकाबले 7 पैसे मजबूती के साथ खुला रुपया
विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज मजबूती के साथ खुला। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज 7 पैसे की मजबूती के साथ 81.58 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे की कमजोरी के साथ 81.65 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
पिछले दिनों बाजार का ये रहा था हाल
गुरुवार (17 November): सेंसेक्स 230 अंकों की गिरवट के साथ 61,750 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 65 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 18,343 अंक पर बंद हुआ था।
बुधवार (16 November): सेंसेक्स 107 अंकों की बढ़त के साथ 61,980 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 6 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 18,409 अंक पर बंद हुआ था।
मंगलवार (15 November): सेंसेक्स 250 अंकों की बढ़त के साथ 61,872 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 50 अंक मजबूती के साथ 18,403 अंक पर बंद हुआ था।
सोमवार (14 November): सेंसेक्स 171 अंकों की गिरावट के साथ 61,624 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 21 अंक लुढ़ककर 18,329 अंक पर बंद हुआ था।
देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.
जब Share Market गिरता है तो आपके पैसे जाते कहां हैं? आसान भाषा में पूरा खेल जान लीजिये
Share Market Today: क्या आपने कभी सोचा है शेयर मार्केट में आप जो पैसा इन्वेस्ट करते हैं वो आखिर किसके पास जाता है और जब शेयर बढ़ता है तो प्रॉफिट कहां से आता है और जब लॉस होता है तो निवेश किए हुए पैसे कहां चले जाते हैं. आपका पैसा किसके पास चला जाता है?
शेयर मार्केट समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है इसे प्रेम से आसान शब्दों में बड़े आराम से समझा जा सकता है। वैसे आप जिस कंपनी के शेयर खरीदते हैं वो पैसा उस कंपनी के पास चला जाता है, कंपनी को फायदा होता है तो शेयर होल्डर को भी प्रॉफिट होता है और अगर कंपनी को घाटा होता है तो निवेशक को भी नुकसान झेलना पड़ता है. किसी भी कंपनी का शेयर लेने के बाद आप उसके पर्सेंटेज ऑफ़ प्रॉफिट के मालिक बन जाते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता कि अगर अपने रिलायंस के शेयर खरीदे हैं तो आप अगले दिन मुकेश अंबानी के बगल में कुर्सी लगा कर बैठ जाएं।
- Share Market डिमांड और सप्लाई के फार्मूले में काम करता है
- अगर कंपनी को फायदा होगा तो इन्वेस्टर भी मुनाफा कमाएगा
- युद्ध, चुनाव, विवाद, दंगा-फसाद, किसी बड़े बिज़नेसमैन की मौत होने से भी शेयर मार्केट में सीधा प्रभाव पड़ता है
डिमांड एंड सप्लाई में काम करता है मार्केट
अगर आपको थोड़ा सा भी इकोनॉमिक्स का ज्ञान है तो आप इसे आसानी से समझ लेंगे। और इसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं है तो शेयर मार्केट क्या है कैसे काम करता है ये जानने के लिए इस ब्लू लिंक में क्लिक कर के हमारा धांसू आर्टिकल पढ़ लीजिये। हां तो शेयरमार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले में काम करता है। डिमांड और सप्लाई के बढ़ने- घटने पर मार्केट में सीधा असर पड़ता है।
पैसे कहां जाते हैं
जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो अपने निवेश किए हुए पैसे कंपनी के पास चले जाते हैं, कोई भी कंपनी अपना शेयर इसी लिए जारी करती है क्योंकी उसे बिज़नेस करने या बिज़नेस बढ़ाने के लिए बाहरी इन्वेस्टर्स की जरूरत होती। आपके पैसों से कंपनी व्यापर करती है और फायदा होने पर आपको मुनाफा कमा कर देती है, अगर कंपनी की परफॉर्मेंस ख़राब होती है तो उसे नुकसान होता है और आपको भी लॉस होता है. और जिन पैसों को आपने निवेश किया था वो घाटे में चले जाते हैं। लेकिन आपके शेयर की संख्या में कोई बदलाव नहीं होता है जबतक आप उसे बेचें ना.
मान लीजिये आपने आज 50 हज़ार का सोना खरीदा कल इसकी कीमत 40 हज़ार रुपए हो गई तो आपको 10 हज़ार रुपए का लॉस हो गया लेकिन सोने का वजन और क्वालिटी उतनी ही रहेगी। और उसके बाद अगर सोने की कीमत 60 हज़ार हो गई तो आपको 10 हज़ार का प्रॉफिट हो जाएगा।