स्टॉक मार्केट क्या होता है

सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।
शेयर मार्केट को कौन रेगुलेट करता है Stock Market Regulator in Hindi
नमस्ते, दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको (Securities and Exchange Board of India- SEBI) के बारे में समझाया है की SEBI क्या है और यह stock market में क्या कार्य करता है. स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्या होता है? स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्यों जरुरी है? यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको अन्य किसी वेबसाइट या यूटूबे विडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी..
दोस्तों यदि अप शेयर मार्किट के बारे में थोड़ा भी जानते है तो आपको पता होगा की कंपनी में इन्वेस्ट करने का ऐसा आप्शन है जहाँ महंगाई की कीमत से ज्यादा कंपनी return देने की छमता रखती है. अब सवाल ये उठता है की share market में इन्वेस्ट कैसे करे? लेकिन इसे भी ज्यादा जरुरी यह है की इक्विटी/कंपनी में इन्वेस्ट कौन-कौन से लोग करते है? यह सारा सिस्टम किस तरह से कार्य करता है?
भारत के मुख्य stock exchange कौन से है?
भारत के सबसे मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है- (Bombay Stock Exchange) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – BSE, (National Stock Exchange) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज- NSE इसके अलावा कई स्टॉक एक्सचेंज है जैसे- बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज, मद्रास स्टॉक एक्सचेंज, क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर अब ना के बराबर लोग हिस्सा लेते हैं.
शेयर मार्किट में एक व्यक्ति से लेकर बहुत सी कंपनी भी इन्वेस्ट करती है जो भी मार्किट में share को बेचता/खरीदता है उसे market participants कहा जाता है. इनको कई केटेगरी में बाँट दिया है. उनमे से कुछ केटेगरी को सरल भाषा में समझाया गया है. stock market regulator in hindi
- DomesticRitailParticipants– भारत में रहने बाले जैसे की आप और हम.
- NRIऔरOCI– जो लोग दूसरे देश में रहते है.
- DomesticInstitutions– इसमें काफी बड़ी-बड़ी कंपनी आती है जैसे की LIC (Life Insurance Company of India)
- AssetManagementCompanies– इसमें SBI, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इन्वेस्टमेंट्स HDFC, AMC आदि घरेलु म्यूचुअल फंड कंपनी होती है.
- Foreign Institutional Investers- इसमें विदेश की कंपनिया और विदेश एसेट मैनेजमेंट कंपनिया, हेज फंड आदि.
Share market में रेगुलेटर क्या होता है?
भारत में शेयर मार्किट की सिक्योरिटीज के लिए SEBI (The Securities and Exchange Board of India) रेगुलेटर है.
जिसको हम सब सेबी के नाम से भी जानते है इसका मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे investers की सुरक्षा करना है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो, ऐसे कई बड़े इन्वेस्टर/कंपनी बाले होते है जो अधिक मुनाफे के चक्कर में कोई बड़ा खेल खेल जाते है ऐसे में नय इन्वेस्टर और छोटी कंपनी वालों को पैसे कमाने का स्टॉक मार्केट क्या होता है स्टॉक मार्केट क्या होता है अबसर ख़त्म ना हो जाये.
स्टॉक मार्केट क्या होता है
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जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध
यदि आपने हर्षद स्टॉक मार्केट क्या होता है मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।