ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai

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Trading Account क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे ओपन करें?
शेयर मार्केट (Stock Market) की दुनिया में कई ऐसे शब्द होते हैं जो हमारी समझ से परे होते हैं. आमतौर पर वे लोग जो शेयर मार्केट की दुनिया में नए होते हैं उन्हें ये शब्द कम ही समझ आते हैं. इन्हीं शब्दों में से एक है ‘ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) ’. आपमे से कई लोगों ने इस ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में सुना जरूर होगा. लेकिन ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि ट्रेडिग अकाउंट क्या होता है? ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाया जाता है? ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? What is a Trading Account?
ट्रेडिंग अकाउंट को समझने के लिए सबसे पहले ये समझिए कि Share Market में होता क्या है? शेयर मार्केट में लोग कंपनियों के शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं. अगर शेयर के दाम ऊपर जाते हैं तो जिनके पास पहले से वो शेयर हैं उन्हें फायदा होता है. अगर शेयर के दाम कम होते हैं तो जिनके पास पहले से शेयर हैं उन्हें नुकसान होता है.
मुख्य तौर पर शेयर मार्केट में यही काम होता है. शेयर मार्केट में मुख्य तौर पर तीन लेयर काम करती हैं. पहली होती है कंपनी जिसके शेयर होते हैं. दूसरी लेयर होती है निवेशकों की जो शेयर खरीदते हैं. और तीसरी लेयर होती है ब्रोकर की जो शेयर को खरीदने और बेचने में निवेशकों तथा कंपनी मालिकों की सहायता करते हैं. ब्रोकर इन दोनों के बीच की एक कड़ी का काम करते हैं.
अब आप शेयर मार्केट में Investment करना चाहते हैं तो आप सीधे तौर पर कंपनी से तो शेयर खरीद नहीं सकते. इसलिए आपको शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर से संपर्क करना होता है. शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए ‘Trading Account’ को ओपन किया जाता है. ट्रेडिंग अकाउंट का मुख्य काम ये होता है कि आप इसकी मदद से किसी शेयर को खरीद सकते है और किसी शेयर को बेच सकते हैं. मतलब शेयर के लेन-देन का काम पूरी तरह ‘ट्रेडिंग अकाउंट’ का होता है. अब आप समझ गए होंगे कि Share Market में ट्रेडिंग अकाउंट कितना महत्वपूर्ण अकाउंट है.
Trading Account कैसे काम करता है?
ट्रेडिंग अकाउंट बहुत ही सिंपल तरीके से काम करता है. जब आप इस अकाउंट को खुलवा लेते हैं तो आपको ये परमिशन मिल जाती है कि आप किसी शेयर को खरीद सकें और बेच सकें. दरअसल इस अकाउंट को खुलवाने के बाद आपको जब लगता है कि मुझे कोई शेयर खरीदना है तो आप इस अकाउंट के माध्यम से उस शेयर को खरीदने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. इसके बाद वो Request Stock Exchange में जाती है और फिर उस शेयर को आपके अकाउंट में जोड़ दिया जाता है. ठीक इसी तरह जब आप किसी शेयर को बेचना चाहते हैं तो आपको बेचने की रिक्वेस्ट डालनी पड़ती है और फिर स्टॉक एक्स्चेंज उसे बेचने के लिए प्रोसैस करता है. ये सारा काम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से होता है.
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में क्या अंतर होता है?
What is The Difference Between a Trading Account & Demat Account? आपने शेयर मार्केट में डीमैट अकाउंट का नाम भी सुना होगा और आपने बहुत कुछ उसके बारे में जाना भी होगा. आप सोच रहे होंगे कि जब ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai ये काम करता है तो Trading Account और Demat Account के बीच अंतर क्या रहा? तो इनके बीच बहुत बड़ा अंतर है. दरअसल जो ट्रेडिंग अकाउंट होता है वो शेयर की खरीद और बिक्री करने के काम आता है जबकि डीमैट अकाउंट जो होता है वो आपके खरीदे गए शेयर को रखने के लिए काम में आता है. मतलब Demat Account एक ऐसी जगह बन जाती है जहां पर आप अपने खरीदे गए शेयर डिजिटल रूप से रख सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज़
Documents Required to open a Trading Account अगर आप शेयर मार्केट की दुनिया में जाना चाह रहे हैं और तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों खुलवाना पड़ेगा. लेकिन यहाँ हम आपको कुछ ऐसे जरूरी दस्तावेज़ के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान पत्र देना होता है जिसमें आप पैन कार्ड या आधार कार्ड दे सकते हैं. इसके अलावा आपको निवास प्रमाण देना होता है जिसमें आप वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स आदि में से किसी एक को दे सकते हैं. इसके अलावा आपको इनकम प्रूफ भी देना होता है जिसमें आप अपनी सैलरी से फॉर्म 16 को सबमिट कर सकते हैं, बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं, ITR दे सकते हैं. इन सभी चीजों के साथ आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाएं? How to Open a Trading Account?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है और इसे खुलवाने के लिए किन दस्तावेज़ की जरूरत होती है इस बारे में तो आप जान ही गए हैं. चलिये अब बात करते हैं कि आप कैसे ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट आप ऑनलाइन किसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे Upstox, Zerodha आदि के माध्यम से खुलवा सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन पर भरोसा नहीं करते हैं तो आप ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai सीधे अपने आसपास किसी शेयर मार्केट ब्रोकर से अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं. लेकिन ब्रोकर ऐसा होना चाहिए जो सही टाइम पर आपकी बात सुने, आपके कॉल अटेण्ड करे और आपको सही जानकारी दे. ऐसा ब्रोकर होना चाहिए जिस पर आप भरोसा कर सकें.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कई ब्रोकर चार्ज लेते हैं तो कई इसे फ्री में खोलते हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि जब आपका ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाएगा तो प्रत्येक शेयर को खरीदने बेचने पर ट्रेडिंग कंपनी या ब्रोकिंग कंपनी आपसे चार्ज लेगी.
ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे – Benefits Of Trading Account
ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में आप कई सारी बातें जान ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai गए हैं. चलिये अब बात करते हैं कि ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे होते हैं.
– ट्रेडिंग अकाउंट को आप कहीं से भी कम्प्युटर या स्मार्टफोन के माध्यम से उपयोग कर सकते हैं.
– ट्रेडिंग अकाउंट में ऑनलाइन अपने इनवेस्टमेंट को ट्रैक करना भी काफी आसान होता है.
– ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये आप किसी भी एक्सचेंज में एक्सेस कर सकते हैं. जैसे एनएसई, बीएसई, एनसीडीईएक्स, एमसीएक्स आदि.
– ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन होने की वजह से आपको पल-पल की खबर आपके मोबाइल पर मिलती रहती है. इसके लिए कंपनियाँ आपको नोटिफ़िकेशन भी भेजती हैं.
दरअसल ट्रेडिंग अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसके बिना आप शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बिक्री नहीं कर सकते. अगर आपको शेयर मार्केट में शेयर खरीदना बेचना है तो आपलो सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट खुलवाना ही पड़ेगा. अगर आप सोचें कि मैं बिना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाए शेयर मार्केट में ट्रेड करने लग जाऊ तो ऐसा नहीं होगा. ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में उम्मीद करते हैं कि आप काफी कुछ जान गए होंगे. अगर आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने जा रहे हैं तो इसे किसी अच्छे ब्रोकर या Online Trading Platform के माध्यम से ही खुलवाए.
अलर्ट! KYC नहीं कराया है तो बंद हो सकता है Demat-ट्रेडिंग अकाउंट, जानिए अब क्या करें
Demat Trading Account: अगर आप शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करते हैं तो यह खबर सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही है. दरअसल, डीमैट (Demat) और ट्रेडिंग (Trading) अकाउंट (Account) को लेकर एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. ताजा मामला यह है कि अगर अकाउंट में KYC से जुड़ी जानकारियां अपडेट नहीं हैं तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है. आपको बता दें कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में अगर नाम, पता, पैन नंबर (PAN), इनकम रेंज (Income Range), वैलिड मोबाइल नबर (Mobile Number), ईमेल आईडी (Email ID) अपडेट नहीं किया हुआ है तो उसे 31 जुलाई यानी शनिवार तक अपडेट करा लीजिए. ऐसा नहीं करने पर आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को डि-एक्टिवेट (Deactivate) कर दिया जाएगा.
KYC प्रक्रिया के तहत इन 6 जानकारियों को देना जरूरी
NSDL से मिली जानकारी के मुताबिक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखने वाले निवेशकों को नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया के तहत 6 जानकारियों को देना जरूरी होता है. इन जानकारियों में नाम, पता, ई-मेल आईडी, पैन डिटेल, मोबाइल नंबर और सालाना इनकम शामिल है. एक जून 2021 के बाद खुलने वाले सभी अकाउंट के लिए इन 6 जानकारियों को देना अनिवार्य कर दिया गया है. निवेशकों को KYC अपडेट कराने के लिए 31 जुलाई तक समय दिया गया है. इन जानकारियों को अपडेट नहीं कराने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा और उसके बाद जानकारियों को फिर से अपडेट कराने के बाद दोबारा एक्टिवेट किया जाएगा.
आपको बता दें कि कोरोना काल में निवेशकों का रुझान शेयर बाजार में काफी तेजी से बढ़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NSE के ताजा आंकड़ों से इसकी पुष्टि भी होती है. NSE से मिली जानकारी के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों से भी कम समय में NSE के प्लेटफॉर्म पर 50 लाख से अधिक नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन देखने को मिला है और अगर सालाना आधार पर नए रजिस्ट्रेशन को देखें तो इस अवधि में नए रजिस्ट्रेशन में ढाई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
शेयरों की खरीद-बिक्री में डीमैट की भूमिका
बता दें कि टेडर्स जो भी शेयर्स (Share) या बॉन्ड (Bomd) खरीदते हैं उसे ही डीमैट में जमा किया जाता है. डीमैट अकाउंट में शेयर्स जमा रहने की वजह से निवेशक इनकी खरीद-बिक्री तेजी से कर सकते हैं. गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले डीमैट की सुविधा नहीं थी, उस समय शेयर पेपर फॉर्म में निवेशकों के घर पर पहुंचाए जाते थे. डीमैट के आने के बाद शेयर को डीमैट में ट्रांसफर होने में 1 दिन समय लगता है. इस तरह से Demat Account आपके शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड का हिसाब रखता है. शेयर्स की खरीद-बिक्री में डीमैट अकाउंट की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. किसी शेयर की खरीद होने के बाद शेयर का हिसाब एक डीमैट अकाउंट से हटाकर दूसरे डीमैट अकाउंट में जोड़ दिया जाता है. हालांकि बैंक अकाउंट के मुकाबले डीमैट अकाउंट की कार्यप्रणाली थोड़ी कठिन है. हर किसी को इस प्रक्रिया को समझने में दिक्कत होती है. बता दें कि शेयर्स की हैंडलिंग (Handling) और स्टोरेज (Storage) का हिसाब-किताब डिपॉजिटरी (Depository) करती है.
शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।
अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।
डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।
डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।
कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai
Opening an account with us is a seamless process, involving only a few steps. First, we'll get you started with a real or demo account before you begin to trade. We'll also cover other factors that you should be aware of before trading.
To open a trading account, please, follow the step-by-step instruction:
1. Press the Open Account button.
The Open Account button is located at the top right corner of the webpage. If you're having trouble locating it, you can access the registration form using the signup page link.
2. Fill in your details.
After pressing the Open Account button, you'll come across a registration form asking you to fill in your details. After filling in your details, press the Open Account button below the form. If you've selected to sign up with Facebook or Google, fill in the missing information and press Continue.
3. Verify your email address.
After providing your details and submitting the form, you'll be sent a confirmation email. After locating and opening the email, press Confirm.
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Following confirming your email, you'll be redirected to our website to fill in your personal details. The information provided must be accurate, relevant, up-to-date, and subject to KYC standards and verification. Please notice that you need to be of a legal age to trade Forex.
5. Select a trading platform.
Next, you'll need to choose which trading platform you want to use. Be prompted to select between either a real or a demo account.
To understand which account is best for you, you should check our detailed comparison of Forex accounts and their types and compare trading platform features from OctaFX. Most clients typically choose the MT4 platform.
Once you've selected your desired platform, you'll need to choose whether you want to open a real or a free demo account. A real account uses real money, while a demo account allows you to use virtual currency with no risks.
While you cannot withdraw funds from the demo account, you will be able to practice strategies and become acquainted with the platform without a hassle.
6. Complete account choice.
- After choosing a platform, press Continue to finalise your account creation
- You will see a summary of your account, including:
- Account number
- Account type (demo or real)
- Currency of your account (EUR or USD)
- Leverage (you can always change it in your account later)
- Current balance.
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You can then make your first deposit, or you can first complete the verification process.
Please notice that, according to our AML and KYC policies, our clients must verify their accounts by providing the required documents. We request only one document from our Indonesian clients. You need to take a photo of your KTP or SIM and submit it. This way validates you are a sole holder of a trading account and ensures no unauthorized access.
Following the steps above allows you to create a trading account on OctaFX. To start trading, you need to initiate the deposit process. Read how to deposit at OctaFX.
Before opening an account, it’s important to familiarise yourself with this information:
Please read the Customer Agreement thoroughly before you open an account.
Forex margin trading involves substantial risks. Before entering the Forex market, you need to be aware of the risks involved.
AML and KYC policies are in place to protect accounts from unauthorized access. To secure transactions, we require documents verification.