अमरीकी डालर के व्यापार

India’s Trade Deficit : डबल से भी ज्यादा हुआ भारत का व्यापार घाटा, निर्यात में मामूली इजाफा
अगस्त के महीने में भारत का व्यापार घाटा 27.98 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो साल 2021 के अगस्त महीने के मुकाबले में दोगुने से भी ज्यादा है
अप्रैल से अगस्त के बीच देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो चुका है
India’s trade deficit : केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने में देश का व्यापार घाटा डबल से भी ज्यादा रहा है. अगस्त के महीने में भारत का व्यापार घाटा 27.98 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो साल 2021 के अगस्त महीने के मुकाबले में दोगुने से भी ज्यादा है. पिछले साल अगस्त में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर दर्ज किया गया था. आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के बीच देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो चुका है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 53.78 अरब डॉलर था. अगस्त महीने में देश के इम्पोर्ट 37.28 फीसदी की बढ़त के साथ 61.9 अरब डॉलर पहुंच गया है.
कच्चे तेल के इम्पोर्ट में 87.44 फीसदी का इजाफा
भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है, जिसकी वजह से उसका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के मुकाबले बहुत ज्यादा हो जाता है. अगस्त के महीने में कच्चे तेल का आयात 87.44 प्रतिशत के इजाफे के साथ बढ़कर 17.7 अरब डॉलर दर्ज किया गया. हालांकि, गोल्ड इम्पोर्ट में 47 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, अगस्त में गोल्ड इम्पोर्ट घटकर 3.57 अरब अमरीकी डालर के व्यापार डॉलर रहा, जबकि सिल्वर का आयात बढ़कर 684.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर करीब पहुंच गया, जो पिछले साल अगस्त में 15.49 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
मेजर कमोडिटी प्रोडेक्ट्स के इम्पोर्ट में भी हुआ खासा इजाफा
अगस्त में मेजर कमोडिटी प्रोडेक्ट्स के इम्पोर्ट खासा इजाफा देखा गया. कोयला, कोक और ब्रिकेट्स का इम्पोर्ट 133.64 फीसदी के इजाफे के साथ 4.5 बिलियन अमरीकी डालर पर पहुंच गया, केमिकल इम्पोर्ट 43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3 बिलियन अमरीकी डालर पर रहा, वनस्पति तेल में 41.55 प्रतिशत के इजाफे के साथ 2 बिलियन अमरीकी डालर के करीब पहुंच गया. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल, चाय, कॉफी और केमिकल्स के इम्पोर्ट में इजाफा देखा गया. वहीं पेट्रोलियम उत्पादों का एक्सपोर्ट 22.76 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 5.71 अरब डॉलर हो गया. इसी तरह केमिकल्स और फार्मा से जुड़ी शिपमेंट में 13.47 प्रतिशत और 6.76 प्रतिशत बढ़कर 2.53 बिलियन अमरीकी डालर और 2.14 बिलियन अमरीकी डालर हो गए.
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एक्सपोर्ट में मामूली बढ़त
अगस्त महीने में देश का एक्सपोर्ट 1.62 फीसदी इजाफे के साथ 33.92 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है. मौजूदा फाइनेंशल ईयर के अप्रैल से अगस्त के बीच देश के एक्सपोर्ट 17.68 फीसदी की बढ़त के साथ 193.51 बिलियन अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया. जबकि इस दौरान देश का इम्पोर्ट 45.74 प्रतिशत इजाफे के साथ 318 अरब डॉलर हो गया है.
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जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर को पार; चीनी सीमा शुल्क प्राधिकरण
भारत को चीन का निर्यात 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 89.66 बिलियन अमरीकी डालर के व्यापार अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया जबकि पिछले नौ महीनों में भारत का निर्यात 36.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करते हुए 13.97 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा।
परिणामस्वरूप, कुल व्यापार घाटा 75.69 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है ।
2021 के व्यापार आंकड़े
2021 में लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 125 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक था।
पिछले साल, भारत को चीन का निर्यात 97.52 बिलियन अमरीकी डॉलर था , जबकि चीन को भारत का निर्यात 28.14 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2021 में 69.38 अरब अमेरिकी डॉलर था।
2021-22 में भारत सरकार के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन को पीछे छोड़ते हुए , भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया था ।
भारत सरकार के आंकड़े चीनी सरकार के आंकड़े से अलग हैं क्योंकि भारत में लेखा अवधि अप्रैल-मार्च है और भारत और चीन द्वारा माल के निर्यात और आयात की गणना करने के तरीके भी अलग हैं।
अमरीकी डालर के व्यापार
भारत-अमेरिका व्यापार: दोनों देशों ने 2021-22 में 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया
- Post author: धन महोत्सव
- Post category: बिजनेस
- Reading time: 1 mins read
भारत-अमेरिका व्यापार (India-US Trade) : भारतीय तकनीकी उद्योग ने 1.6 मिलियन नौकरियों का योगदान देकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 198 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के तहत, दोनों देशों ने 2021 में 100 अरब डॉलर के व्यापार का आंकड़ा पार किया, जिससे यह भारत-अमेरिका आर्थिक इतिहास में माल व्यापार (goods trade) की सबसे बड़ी मात्रा बन गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नई दिल्ली में इंडिया-यूएस बिजनेस एंड इकोनॉमिक अपॉर्चुनिटीज इवेंट में कहा कि कैसे भारतीय तकनीकी उद्योग ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
दोनों अर्थव्यवस्थाएं ने मिलकर भारत में चल रहे वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत-अमेरिकी व्यापार और आर्थिक अवसर कार्यक्रम में एक साथ आकर कई पहल की हैं।
इंडिया यूएस बिजनेस एंड इकोनॉमिक अपॉर्चुनिटीज इवेंट में सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, “भारतीय तकनीकी उद्योग ने सीधे और अमेरिकी ग्राहक आधार का समर्थन करके, लगभग 1.6 मिलियन नौकरियों का समर्थन किया है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 198 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों ने दोनों देशों के व्यापार में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
इसके साथ ही पिछले एक दशक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। रक्षा व्यापार या माल व्यापार के मामले में, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के माध्यम से घातीय वृद्धि देखी है।
सीतारमण ने कहा, “हमारे गहरे होते आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों का एक प्रमाण अमरीकी डालर के व्यापार यह है कि दोनों देशों के बीच माल में द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया, जिससे यह भारत-अमेरिका आर्थिक इतिहास में माल व्यापार की सबसे बड़ी मात्रा बन गया।”
वित्त मंत्री ने भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह में अमेरिका के योगदान को भी स्वीकार किया।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में डेटा जारी किया है, जिससे पता चलता है कि 2021-22 में अमेरिका ने चीन को झटका देकर भारत को शीर्ष व्यापारिक भागीदार बना दिया है।
अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 80.51 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 119.42 बिलियन अमरीकी डालर (2021-2022) तक पहुँच गया।
अमेरिका को निर्यात भी पिछले वित्त वर्ष में 51.62 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2021-22 में 76.11 बिलियन अमरीकी डालर हो गया, जबकि आयात 2020-21 में लगभग 29 बिलियन अमरीकी डालर की तुलना में बढ़कर 43.31 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
भारत-ब्राजील ने 2022 तक 15 अमरीकी डालर के व्यापार बिलियन अमरीकी डालर का व्यापार लक्ष्य रखा
नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ब्राजील के राष्ट्रपति, जायर बोलसोनारो की यात्रा, भारत के बढ़ते महत्व का संकेत है। श्री गोयल कल नयी दिल्ली में आयोजित भारत-ब्राजील व्यापार मंच के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि चूंकि ब्राजील (लैटिन अमेरिका और कैरिबियन) क्षेत्र में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक है, दोनों देशों के बीच 2022 तक द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 15 अरब अमरीकी डालर तक पहुंच जाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि श्री बोलसोनारो की यात्रा के दौरान 15 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया जाना भारत के लोकतंत्र,जनसंख्या सरंचना,नेतृत्व और देश के बाजारों में उपलब्ध कुशल मानव संसाधन का सबूत है। यह देश के करोड़ों लोगों की एक बेहतर भविष्य की आशाओं और उम्मीदों का भी प्रतीक है। निवेश, व्यापार सुगमता, सामाजिक सुरक्षा, कृषि, रक्षा और दोहरे कराधान जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए श्री बोलसोनारो की यात्रा के दौरान सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया जाना उनकी यात्रा का सबसे सफल पक्ष रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत और ब्राजील के बीच स्वच्छ ऊर्जा, स्टार्टअप और रेलवे के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा जहां एक देश में वस्तुओं की आंशिक एसेंबली होगी और दूसरे देश में उन्हें पूरी तरह से तैयार किया जाएगा। पीयूष गोयल ने बताया कि अमरीकी डालर के व्यापार संपूर्ण भारतीय रेलवे का 2024 तक पूरी तरह से विद्युतीकरण कर दिया जाएगा और 2030 तक भारत में रेलवे नेटवर्क पूरी तरह से शून्य उत्सर्जन के साथ स्वच्छ ऊर्जा पर चलेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने दोनों देशों के बीच वीजा मुक्त यात्रा के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान की गई घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच व्यापार और पर्यटन के लिए आने वाले लोगों को इससे बहुत लाभ होगा।
श्री गोयल ने भारत – ब्राजील बिजनेस लीडर फोरम को सक्रिय और पुनर्गठित करने का आग्रह किया ताकि दोनों देशों के व्यवसायों के लिए इसे अधिक प्रासंगिक और समकालीन बनाया जा सके।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने आशा व्यक्त की कि योग और आयुर्वेद जैसे आरोग्य वाले क्षेत्रों में भारत की सेवाएं और बढ़ेंगी क्योंकि ब्राजील योग और आयुर्वेद चिकित्सका के क्षेत्र में काफी आगे है। ब्राज़ील में आयुर्वेद का एक संघ (ABRA) है, जो ब्राज़ील के 9 राज्यों में अपने कार्यालयों के साथ एक गैर-लाभकारी संघ की तरह काम करता है। ब्राज़ील में आयुर्वेद पर तीसरी अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस रियो डी जेनेरियो में 12 से 15 मार्च 2018 तक आयोजित की गई थी। अमरीकी डालर के व्यापार सम्मेलन में 4000 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गई जिसमें भारत के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या अमरीकी डालर के व्यापार में शामिल थे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत और ब्राजील द्विपक्षीय स्तर के साथ ही ब्रिक्स, बेसिक, जी -20, आईबीएसए और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे बड़े बहुपक्षीय मंचों और संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को तथा डब्ल्यूआईपीओ में जैसे बड़े बहुपक्षीय निकायों में घनिष्ठ संबंध साझा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच एक दशक पुरानी द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और दोनों देशों के लोगों के कल्याण के लिए सामाजिक समावेश के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर आधारित है।