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खरीदें और रखें

खरीदें और रखें
सुबह आंख खुलते ही भूल से भी ना देखें ये चीजें, बिगड़ जाएंगे बनते काम (जनसत्ता)

कार खरीदने से पहले इन 6 बातों का ध्यान रखें

कब है बेस्ट टाइमः अपने यहां कार खरीदने का सबसे अच्छा समय अक्तूबर से दिसंबर के बीच होता है, क्योंकि इन दिनों कार डीलर्स अपना स्टॉक क्लीयर करना चाहते हैं और इसके लिए कस्टमर्स के लिए बेहतरीन ऑफर्स भी ले कर आते हैं। वे अपनी एनुअल सेल बढ़ाने के लिए बढि़या डिस्काउंट के साथ-साथ तरह-तरह के आकर्षक पैकेजेज पेश करते हैं।

कौन सी कार खरीदेंः कार खरीदने का सपना देखना और बात है और उसे सच करना दूसरी बात। कार खरीदने से पहले आपको अपना बजट, फैमिली साइज, इस्तेमाल करने की फ्रीक्वेंसी वगैरह पर जरूर सोचना चाहिए। कार डाउन पेमेंट पर लेनी है या ईएमआई पर, यह अपनी बचत और इनकम के मुताबिक तय कर लें। एक मोटे अनुमान के आधार पर अगर आपकी एनुअल सैलरी 10 लाख रुपए है, तो आपको 5 लाख की कार खरीदनी चाहिए। हैचबैक या सीडान कार 4 लोगों की फैमिली के लिए फिट है। अगर आप कभीकभार कार चलाएंगे, तो बेहतर है पेट्रोल वाली कार लें। रोज चलना है, तो कंपनी फिटेड सीएनजी वाली, डीजल या इलेक्ट्रिक वर्जन कार बेहतर रहेगी। अगर आप लॉन्ग ड्राइव पर जाने के शौकीन हैं, तो एसयूवी कार आपके लिए फिट होगी।पेट्रोल इंजन वाले कार के मुकाबले सीएनजी, डीजल या इलेक्ट्रिक कार महंगी पड़ती है, लेकिन इन पर रोज के फ्यूल का खर्च काफी कम पड़ता है। इलेक्ट्रिक कारें अभी काफी महंगी हैं, इसीलिए इनकी खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए और वातावरण को पॉल्यूशन फ्री रखने के लिए अलग-अलग राज्यों में इन वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है।कार एक ऐसी चीज है, जिसकी कीमत समय के साथ घटती जाती है और कुछ दिनों के बाद उसे बदलने की जरूरत होती है। कार को कभी भी इन्वेस्टमेंट के तौर नहीं खरीदना चाहिए। ऐसे में वैसी कार को प्राथमिकता दें, जिसकी रीसेल वेल्यू अच्छी हो।

कार नयी या पुरानीः अगर बजट इजाजत दे, तो नयी कार खरीदना बेहतर होगा। इसकी मेंटेनेंस कम होगी, कंफर्ट ज्यादा होगा और वॉरंटी भी मिलेगी। वहीं अगर आप पैसे बचाना चाहते हैं, तो यूज्ड कार का ऑप्शन भी बुरा नहीं है। आजकल कई एजेंसीज यूज्ड कार को नया रूप दे कर, उसे फिट करके वॉरंटी के साथ बेचती हैं। आजकल सरकारी नियमों के अनुसार पेट्रोल वर्जन 15 सालों में और डीजल कारें 10 साल में इस्तेमाल के योग्य नहीं रह जातीं, यूज्ड कार खरीदते समय उसकी लाइफ भी देख लें। ऐसा ना हो कि साल-दो साल में कार बेकार हो जाए।

सेफ्टी फीचर्स जरूरीः कार में एबीएस एंटी लॉकिंग ब्रेक सिस्टम, एअरबैग्स जरूर होने चाहिए। चाहे नयी कार खरीदें या पुरानी, इन सेफ्टी फीचर्स से कभी समझौता ना करें। आजकल मार्केट में लॉन्च करने से पहले कार मैन्यूफेक्चरर्स को अपने प्रोडक्ट का क्रैश टेस्ट भी करके देखते हैं। आपको इंटरनेट पर सर्च करने पर पता चल जाएगा कि किस कार में कितना दम है। कार खरीदने से पहले एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर कर लें, ताकि उसके फीचर्स के बारे में पता लग सके।

कार इंश्योरेंस ना भूलेंः रोड पर चलने वाले हर वाहन का मोटर इंश्योरेंस होना अनिवार्य है। आज दर्जनों इंश्योरेंस कंपनियां आकर्षक दरों पर मोटर बीमा करती हैं। चाहे थोड़े पैसे अधिक लगें, बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेना ही बेहतर रहेगा। इंटरनेट पर सर्च करके बेस्ट इंश्योरेंस पॉलिसी का पता करें और लें। आप जो भी माेटर इंश्योरेंस पॉलिसी लें, वह कॉम्प्रीहेंसिव पलिसी हो यानी उसमें डैमेज या चोरी से सुरक्षा, पर्सनल एक्सीडेंट कवर, थर्ड पार्टी कवर, नो क्लेम बोनस आदि होने के साथ क्लेस प्रोसेस आसान हो।

फाइनेंस या डाउन पेमेंटः एकमुश्त पूरी रकम जमा करके कार खरीदना आसान नहीं, आखिर दूसरे जरूरी खर्चें भी इग्नोर नहीं किए जा सकते। ऐसे में कार को फाइनेंस कराएं। ज्यादातर डीलर्स ही अलग-अलग बैंकों या फाइनेंसिशल संस्थाओं से फाइनेंस मुहैया करा देंगे, या आप भी बैंक में चेक कर सकते हैं। फाइनेंस स्कीम के तहत भी आपको कार की कुल ऑन रोड कीमत का 20 प्रतिशत बतौर डाउन पेमेंट जमा कराना होगा, बाकी की रकम ईएमआई में जमा करानी होगी। आप अलग-अलग बैंकों के इंटरेस्ट रेट पता करें और जो सबसे कम हो, उसी से फाइनेंस कराएं। फाइनेंस स्कीम नयी और पुरानी दोनों तरह की कारों के लिए उपलब्ध है।

Vastu Tips: घर खरीदने से पहले वास्तु अनुसार इन बातों का रखें ध्यान, मां लक्ष्मी रहेंगी हमेशा मेहरबान

घर का बाहर का वास्तु दोष भी घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन में परेशानियां ला सकता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं घर बनवाते समय वास्तु अनुसार किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Vastu Tips: घर खरीदने से पहले वास्तु अनुसार इन बातों का रखें ध्यान, मां लक्ष्मी रहेंगी हमेशा मेहरबान

सुबह आंख खुलते ही भूल से भी ना देखें ये चीजें, बिगड़ जाएंगे बनते काम (जनसत्ता)

वास्तु का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। अगर हमारा घर वास्तु के अनुसार बना हो तो हमारे घर में सुख- शांति बनी रहती है। वहीं अगर घर वास्तु के मुताबिक नहीं बना हो तो घर में क्लेश और सुख-शांति का अभाव रहता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं जब भी आप घर खरीदें तो वास्तु के अनुसार किन बातों का ध्यान रखें जिससे घर के सदस्यों पर मां लक्ष्मी कृपा सदा बनी रहे।

अगर घर के पास हो कोई धार्मिक स्थान:

अगर घर के पास कोई धार्मिक स्थान या मंदिर है तो वास्तु अनुसार यह शुभ संकेत माना जाता है। क्योंकि मंदिर एक सकारात्मक स्थान माना जाता है। इसलिए मंदिर से निकलने वाली ऊर्जा का प्रभाव आस- पास रहने वाले लोगों पर भी पड़ता है। इसलिए जिन लोगों का घर मंदिर के आस- पास होता है। वह शुभ माना जाता है।

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घर के पास हो कोई पेड़ या खंभा:

वास्तु के मुताबिक घर के पास कोई खंभा या पेड़ का होना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा होने से घर के सदस्यों को आर्थिक परेशानियों खरीदें और रखें का सामना करना पड़ता है। साथ ही ऐसे लोगों का स्वास्थ्य भी खराब रहता है।

घर के पास हो कोई अस्पताल:

वास्तु के अनुसार घर के पास कोई अस्पताल नहीं होना चाहिए। क्योंकि जो लोग इलाज कराने आते हैं उनका ओरा बहुत कमजोर होता है। इसलिए अस्वस्थ लोगों के कारण वहां नकारत्मकता का चरम स्तर होता है। जिसका असर आस- पास के लोगों पर भी पड़ता है। इसलिए घर के पास कोई अस्पताल नहीं होना चाहिए।

T पॉइंट पर न हो घर:

घर कभी भी टी पॉइंट पर नहीं होना चाहिए। यानि कि जहां तीन गली या तीन सड़क आने पर मिलती हो, ऐसी जगह घर नहीं होना चाहिए। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों को कभी भी अच्छे फल नहीं मिलते।

घर के पास न हो बंद इमारत:

वास्तु अनुसार घर के पास बंद इमारत नहीं होनी चाहिए। आपने देखा होगा कि राजाओं के पुराने महल कई शहरों में बंद पड़े हैं। इन बंद पड़े महलों में नेगेटिविटी का भंडार होता है। इसलिए इन महलों के पास अपने घर को नहीं बनवाना चाहिए।

चश्मा खरीदें तो रखें इन बातों का ध्यान

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वैसे तो चश्मों का फैशन बहुत पुराना है। बॉलिवुड सितारों से लेकर स्पोर्ट्स पर्सन तक सभी अलग अलग गोगल्स लगाए नजर आते हैं। आज के दौर में खरीदें और रखें चश्में एक फैशन सिंबल बन चुके हैं। जरूरत हो या नहीं लोग अक्सर कूल दिखने के लिए चश्मों का प्रयोग करते हैं बॉयज हो या गर्ल्स सभी आज कल चश्मों को लगाना बेहतर समझते हैं लगभग सभी एज ग्रुप के लोग किसी ना किसी तरह के चश्मों का प्रयोग करते हैं।

अपने फेसकट के हिसाब से चुने अपने चश्में का फ्रेम
आज के प्रदुषण भरे वातावरण में चश्मों की जरूरत होती है, वैसे तो बाजार में कई तरह के चश्में उपलब्ध होते हैं। लेकिन हम अपने चहरे के हिसाब से विभिन्न तरह के फ्रेम बनवा सकते हैं। हम अपने फेसकट के हिसाब से सही फ्रेम का चुनाव कर सकते हैं, बाजार में इन दिनों गोल फ्रेम,चौकोर फ्रेम और एविएटर शेप की ज्यादा डिमांड बढ़ रही है। जो लोग अधिकतर फॉर्मल्स लुक में रहते हैं उनको रेगुलर फ्रेम गोल्ड,सिल्वर,फाइन ब्लैक,आदि फ्रेम का ही यूज करना चाहिए। कूल लुक्स के हिसाब से हम दूसरे कलर्स के फ्रेम का स्तेमाल भी कर सकते हैं।


नकली सनग्लासेज की खरीददारी से बचें
हमें चश्मा लेने से पहले अपने आई एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। क्योंकी बाजारों में कई तरह से लोकल चश्में भी मिलते हैं जो आंखों को प्रोटेक्ट करने की जगह उनको नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में जरूरी है की डॉक्टर की सलाह के बाद ही सन ग्लासेज बनवाए जाएं ताकि आंखों की सुरक्षा सही तौर से हो सके।

सस्ते व फुटपाथी चश्में, सनग्लासेज खरीददने से आंखों को विभिन्न तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसमें सिर दर्द, आंख दर्द आदि कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में सही यह है कि आई स्पेस्लिस्ट से संपर्क करने के बाद ही चश्मों का लेंस बनवाया जाए। गर्मियों में विशेषतौर पर चश्मों की बिक्री तेजी से बढ़ जाती है ऐसे में जरूरी यह है कि हम सही सनग्लासेज का चयन करें जो हमारी आंखों को प्रोटेक्ट करें और नकली सनग्लासेज की खरीददारी से बचें।

तीन महीने में 8500 रुपये तक बढ़ी EMI, जानें नया घर अभी खरीदें या नहीं, कैसे किस्त का बोझ रखें कम

Home Loan Rate : 1 करोड़ के लोन पर मई तक 6.50 फीसदी लोन रेट था तो अब वो 7.9 फीसदी हो गया है. इससे लोन की ईएमआई पर 2500 रुपये से 8500 रुपये प्रति माह तक का इजाफा हुआ है.

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होम लोन (Home Loan) पर रेपो रेट( Repo Rate) बढ़ोतरी का असर

आरबीआई (RBI) द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) में एक बार फिर 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है और इस तरह से तीन माह में कुल 1.40 फीसदी का इजाफा नीतिगत ब्याज दर में हुआ है. इस तरह से तीन माह में ईएमआई में करीब 11.35 फीसदी की वृ्द्धि हुई है. नो ब्रोकर के CEO और सह संस्थापक अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से 11 से 15 हजार रुपये का बोझ पड़ा है. उनका कहना है कि 1 करोड़ के लोन पर मई तक 6.50 फीसदी लोन रेट था तो अब वो 7.9 फीसदी हो गया है. इससे लोन की ईएमआई पर 2500 रुपये से 8500 रुपये प्रति माह तक का इजाफा हुआ है. हालांकि अगर आप नया घर लेने की सोच रहे हैं या मौजूदा होम लोन धारक हैं तो इन बातों पर गौर जरूर करें.

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लोन राशि-EMI(पहले)-EMI अब-वृद्धि
1 करोड़ रुपये-74500-83000-8500 रुपये
30 लाख रुपये -22, 367- 24, 906 -2539 रुपये
50 लाख रुपये 37,278- 41,500 -4222 रुपये

Flat खरीदने की सोच रहे हैं तो क्या करें

अग्रवाल का कहना है कि शार्ट टर्म में यह झटका भले ही हो, अगर आप घर खरीदने की सोच रहे थे और आपको रेपो रेट में लगातार इजाफे से ऐसा लग सकता है कि आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी, लेकिन लंबी अवधि में देखें तो आज जो 5.4 फीसदी की REPO Rate है, जो पिछले 20 साल की औसत नीतिगत ब्याज 6-8 फीसदी रही है. ऐसे में अगर आप मकान खरीदने की सोच रहे हैं तो सिर्फ ईएमआई के 1000-1500 के बढ़ने के आधार पर फैसला न बदलें.

लंबी अवधि की सोच कर निर्णय़ करें

जब आप एक लोन लेते हैं तो 20 साल के अंतराल में हमने ईएमआई में गिरावट भी देखी है और आप बढ़ोतरी का देख रहे हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह नुकसानदेह होगा. अभी भी ब्याज दर अफोर्डेबल रेंज में हैं. पिछले 6 से 8 माह में किराया बढ़ रहा है. ऐसे में अगर आप मकान लेने की बजाय किराये पर रह रहे हैं तो शायद 1-2 हजार रुपये किराया बढ़ गया होता.

मकानों की कीमत अभी भी किफायती स्तर पर
अगर हम हैदराबाद को छोड़ दें तो अन्य शहरों में महानगरों में अभी भी मकान अफोर्डेबल रेंज में हैं. ऐसे में अगर आप रहने के लिए मकान देख रहे हैं तो यह अभी भी अच्छा अवसर है. लेकिन अगर निवेश के लिए प्रापर्टी खरीद रहे हैं तो अभी वैसा उछाल नहीं है कि प्रापर्टी बुकिंग या खरीद के 1-2 साल में उसके दाम बढ़ने के साथ उसे बड़े मुनाफे के साथ बेचा जा सके. वैसे भी नवरात्रि और दीपावली के दौरान मकानों की डिमांड बढ़ने के साथ रेट भी कुछ बढ़ जाते हैं, ऐसे में अभी 1-2 महीने के भीतर भी मकान खरीदते हैं तो यह फैसला गलत नहीं होगा.

ईएमआई पर मकान या किराये पर रहना बेहतर
घर लेना लोगों का सपना होता है और अगर ऐसी ख्वाहिश है तो लेना ही बेहतर है, लेकिन अगर आप ये सोच रहे हैं कि अगर मैं अपनी कमाई का 3-5 प्रतिशत किराये पर खर्च कर रहा हूं तो 8 फीसदी ईएमआई पर खर्च क्यों करूं, तो वो गणित अलग है. अभी सालाना 5 फीसदी की दर से कीमतों में वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन यह चीज उन लोगों के लिए अवसर भी है, जो अभी तक घर खरीद नहीं पाए हैं. मकानों की कीमत अभी फेयर प्राइसिंग भी है.

ईएमआई का बोझ कैसे हल्का करें?
अगर आप अभी ज्यादा ईएमआई का बोझ नहीं सह सकते हैं तो लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं. दूसरा विकल्प यह भी है कि अगर आपका लोन किसी ऐसे बैंक या एनबीएफसी (NBFC)से चल रहा है, जहां ब्याज दर दूसरों के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं तो आप लोन ट्रांसफर (Loan Trasfer)का विकल्प भी चुन सकते हैं. बैंकों के बीच आजकल इसको लेकर होड़ भी चल रही है. तीसरा यह भी है कि अगर आपके पास कुछ अतिरिक्त धन है, तो प्री पोन पेमेंट (Preponement) यानी समय से पहले कुछ मूलधन चुका दें. इससे भी आपकी ईएमआई का बोझ औऱ लोन की अवधि घट जाती है.

लोन फिक्स्ड रखें या फ्लोटिंग
फिक्स्ड की बजाय फ्लोटिंग ही बेहतर है. अभी फिक्स्ड बेहतर नहीं है. लंबी अवधि में कर्ज की दरों में उतार-चढ़ाव रहता खरीदें और रखें है. मौजूदा हालात में ऊंची ब्याज दरों को देखें तो फ्लोटिंग ही ज्यादा बेहतर है.

महंगाई उछली तो क्या अभी औऱ बढ़ेगी ईएमआई?
अगर रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) खत्म हो जाता है, तो थोड़ी राहत हो सकती है. अमेरिका में भी तीन बार ब्याज दर बढ़ाने के बजाय रुख नरम है. भारत में त्योहारों के दौरान महंगाई में उछाल का रुख रहता है. लेकिन दीपावली-नए साल की बजाय जियो पोलिटिकल कारणों पर ज्यादा निर्भर करेगा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर आगे भी जारी रहेगा या नहीं.

क्या लोहा-स्टील, सीमेंट के रेट बढ़ने से भी घर महंगे हुए?
अग्रवाल ने कहा कि यह सही है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और सप्लाई चेन में रुकावट के कारण पिछले कुछ महीनों में निर्माण सामग्री से जुड़े सभी तरह के कच्चे माल के दाम तेजी से बढ़े हैं. इसमें करीब 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है, पिछले 8-10 सालों की लंबी अवधि में भी कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है. लेकिन पिछले कुछ सालों में नोटबंदी, रेरा और जीएसटी जैसे कानूनों का असर रियल एस्टेट सेक्टर पर देखा गया है.

बिल्डर ज्यादा रेट इन वर्षों में बढ़ा नहीं पाए हैं. कोविड काल में भी बिल्डर मंदी से उबरने और लंबे समय से अटकी पड़ी अनसोल्ड इनवेंट्रीज को बेचने औऱ कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बढ़ा नहीं पाए हैं. वो अपना मार्जिन घटाकर भी पुराने प्रोजेक्ट्स को खत्म करने की होड़ में हैं, ताकि नए प्रोजेक्ट्स के लिए पूंजी का जुगाड़ किया जा सके. जबकि बिल्डर के लिए रिप्लेसमेंट वैल्यू बढ़ती जा रही है.

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