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Trading क्या है?

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Investing in these three sectors of the stock market gives good returns

Share Market Tips: इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या है फर्क? कौन-सा रास्ता ज्यादा सही?

Share Market Tips इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो म्यूचुअल फंड्स बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड कर लेता है। ट्रेडिंग में लेनदेन काफी जल्दी-जल्दी होता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने वालों ने इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। कुछ लोग होते हैं, जो ट्रेडिंग (Trading) में विश्वास करते हैं और कुछ लोग लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Investing) करते हैं। आइए जानते हैं कि ये दोनों क्या हैं।

इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग वित्तीय बाजारों में मुनाफा कमाने को दो अलग-अलग तरीके हैं। दोनों में ही निवेशक बाजार में उतरकर मुनाफा बनाने की कोशिश करते हैं। इन्वेस्टिंग में निवेशक एसेट्स खरीदकर रख लेते हैं और लंबे समय में अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद करते हैं। वहीं, ट्रेडर्स बाजार की गिरावट और तेजी दोनों का फायदा उठाते हैं। वे काफी कम समय में एसेट्स खरीदते और बेचते रहते हैं। इससे उन्हें मुनाफा तो काफी कम मिलता है, लेकिन बहुत कम समय में मिल जाता है।

धीरे-धीरे बढ़ता है मुनाफा

इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो, म्यूचुअल फंड्स, बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड कर लेता है। इन्वेस्टमेंट छह महीने, साल भर, कई वर्षों, या दशकों लंबा भी हो सकता है। इस अवधि में निवेशकों को ब्याज, डिविडेंट और स्टॉक स्प्लिट आदि का फायदा भी मिलता रहता है।

Investing in these two sectors will be helpful to get good returns in a short time

लंबे समय में हमेशा बढ़ता है मार्केट

अगर हम शेयर बाजार की बात करें, तो यह काफी उतार-चढ़ावा वाला मार्केट है। वैश्विक रुख, सरकार और केंद्रीय बैंकों की नीतियों, आर्थिक परिदृश्यों या कोई बड़ी घटना घट जाने पर तुरंत बाजार पर असर देखने को मिलता है। लेकिन हर गिरावट के बाद तेजी भी आती है। मंदी के बाद रैली भी मार्केट में देखने को मिलती है। इतिहास हमें बताता है कि बाजार हर एक बड़ी मंदी से उबरा है। कई बार तो रिकवरी काफी शाॉर्प देखने को मिली है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि शेयर बाजार लंबे समय में हमेशा ऊपर जाता है। यही कारण है कि लंबे समय के लिए बाजार में पैसा लगाने वाले अधिकतर निवेशक अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

Stock Market Investment: Derivatives Market, Know all Details

Option Trading- ऑप्शन ट्रेडिंग

ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) एक कॉन्ट्रैक्ट है जो किसी विक्रेता द्वारा लिखा जाता है जो खरीदार को अधिकार देता है लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइस (स्ट्राइक प्राइस/एक्सरसाइज प्राइस) पर किसी विशेष एसेट को खरीदने (एक कॉल ऑप्शन के लिए) या बेचने (एक पुट ऑप्शन के लिए) का दायित्व नहीं देता। ऑप्शन की मंजूरी देने के बदले में विक्रेता, खरीदार से एक भुगतान (एक प्रीमियम के रूप में) संग्रहित करता है।

एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस की उपयोगिता
एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस, ऑप्शंस के एक महत्वपूर्ण वर्ग हैं जिनके मानकीकृत कॉन्ट्रैक्ट फीचर्स होते हैं और पब्लिक एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं जिससे निवेशकों को सुविधा होती है। ये इंस्ट्रूमेंट क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा गारंटीड निपटान प्रदान करते हैं जिससे काउंटरपार्टी जोखिम में कमी आती है। ऑप्शंस का उपयोग हेज के लिए, मार्केट के भविष्य की दिशा का अनुमान लगाने के लिए, आर्बिट्रेज के लिए या कार्यनीतियों को कार्यान्वित करने के लिए जिससे ट्रेडरों के लिए आय सृजित करने में मदद मिलती है, किया जा सकता है।

Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न Trading क्या है? और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

Option Trading- ऑप्शन ट्रेडिंग

ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन Trading क्या है? ट्रेडिंग (Option Trading) एक कॉन्ट्रैक्ट है जो किसी विक्रेता द्वारा लिखा जाता है जो खरीदार को अधिकार देता है लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइस (स्ट्राइक प्राइस/एक्सरसाइज प्राइस) पर किसी विशेष एसेट को खरीदने (एक कॉल ऑप्शन के लिए) या बेचने (एक पुट ऑप्शन के लिए) का दायित्व नहीं देता। ऑप्शन की मंजूरी देने के बदले में विक्रेता, खरीदार से एक भुगतान (एक प्रीमियम के रूप में) संग्रहित करता है।

एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस की उपयोगिता
एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस, ऑप्शंस के एक महत्वपूर्ण वर्ग हैं जिनके मानकीकृत कॉन्ट्रैक्ट फीचर्स होते हैं और पब्लिक एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं जिससे निवेशकों को सुविधा होती है। ये इंस्ट्रूमेंट क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा गारंटीड निपटान प्रदान करते हैं जिससे काउंटरपार्टी जोखिम में कमी आती है। ऑप्शंस का उपयोग हेज के लिए, मार्केट के भविष्य की दिशा का अनुमान लगाने के लिए, आर्बिट्रेज के लिए या कार्यनीतियों को कार्यान्वित करने के लिए जिससे ट्रेडरों के लिए आय सृजित करने में मदद मिलती है, किया जा सकता है।

Trading क्या होता है:-

जब Trading क्या है? भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।

Trading के प्रकार (Types of Trading):-

बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।

Investing क्या होता है:-

जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर Trading क्या है? में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है

क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-

जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।

अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।

आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

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