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क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध
वित्त मंत्रालय पहले भी बिटक्वॉयन समेत तमाम वर्चुअल करेंसी के खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया. साथ ही इसे एक तरह का पोंजी स्कीम भी माना है जिसमें भारी मुनाफे केलालच में लोग पैसा लगाते हैं, लेकिन बाद में मूल के भी लाले पड़ जाते है. मंत्रालय का कहना है कि ना तो सरकार औऱ ना ही रिजर्व बैंक ने वर्चुअल करेंसीको लेनदेन के माध्यम के रुपमें किसी तरह की मान्यता दे रखी है. इसके प्रति सरकार का कोई ‘फिएट’ (रुपया-पैसा फिएट करेंसी है, यानी सरकार ने उसे कानूनी तौर पर लेन-देन के माध्यम के रुप में मान्यता देऱखी है) भी नही है.

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नेट बैंकिंग, कार्ड, ई वॉलेट से बिटक्वॉयन खरीदने पर लगी रोक, आरबीआई खुद जारी कर सकता है वर्चुअल करेंसी

By: ABP News Bureau | Updated at : 05 Apr 2018 09:11 PM (IST)

नई दिल्लीः अब आप अपने ई वॉलेट, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्स से बिटक्वॉयन जैसी क्रिप्टोकरेंसी नहीं खरीद सकेंगे. क्योंकि रिजर्व बैंको ने ऐसी किसी तरह की सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का ऐपान किया है. दूसरी ओर रिजर्व बैंक खुद ही डिजिटल करेंसी लागू करने के बारे में सुझाव देने के लिए एक कमेटी बनाने का ऐलान किया है.

केद्रीय बैंक ने बैंक और ऐसी तमाम संस्थाओं को निर्देश दिया है, जिसको वो नियमित करता है, कि वो ऐसी तमाम संस्थाओं और व्यक्तियों को कोई सुविधा मुहैया नहीं कराएंगे जो बिटक्वॉयन जैसे आभासी मुद्राओं में लेन-देन करते हैं या जुड़े सौदों को निबटारा करता है. चूंकि ई वॉलेट मुहैया कराने लिए रिजर्व बैंक से लाइसेंस लेना पड़ता है और नेट बैंकिंग, क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड बैंकिंग सेवाओं का हिस्सा है, ताजा निर्देश के बाद साफ है कि इन सब का इस्तेमाल बिटक्वॉयन की खरीद-फरोख्त में नहीं किया जा सकेगा.

क्रिप्टो में भारतीयों के लग चुके 6 लाख करोड़ से ज्यादा, फ्रॉड हुआ तो नहीं मिलेगा एक भी पैसा!

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टोकरेंसी में अब तक भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश हो चुके हैं। देश में कुल 4 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रही हैं लेकिन ज्यादातर निवेशकों को शायद ही इस बात का अंदाजा हो कि यदि कोई हेराफेरी होती है तो वे कानूनी क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध तौर पर कुछ भी नहीं कर पाएंगे। साइबर कानूनों के विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता कहते हैं- ‘अनरेगुलेटेड एक्सचेंज या क्रिप्टो के कारोबारी यदि फ्रॉड करके गायब हो जाएं तो निवेशकों की जमापूंजी डूबनी तय है। ऐसे में पीड़ित लोगों के पास सिर्फ दो विकल्प हाेंगे।

पहला- पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराना।
दूसरा- कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर करके एक्सचेंज या क्रिप्टो कारोबारी से हर्जाने की मांग करना लेकिन जिस मामले पर संसद अभी तक कोई कानून नहीं बना पाई है, उस पर एक पुलिस अफसर क्या ही कर लेगा, यह समझा जा सकता है।’

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Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।

दुनिया में प्रारंभ में कोई मुद्रा या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।

पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य

क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया जा सके।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।

भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

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युवाओं ने अब तक करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) के अनुसार, (ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल भी इस एसोसिएसन के पार्ट हैं) क्रिप्टो में निवेश करने वालों की भारी तादाद में अनुभवी निवेशकों के अलावा भारत के टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों के युवा भी शामिल हैं। टियर 1 के शहरों में तो इसके निवेशकों की काफी संख्‍या पहले से है। इस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के विभिन्‍न शहरों के युवाओं ने करीब छह लाख करोड़ रुपये तक क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध में निवेश कर रखें हैं।

ज्ञात हो कि क्रिप्टो उद्योग पिछले एक दशक में वर्चुअल करेंसी के डेवलपर्स के एक छोटे से समुदाय से एक ट्रिलियन-डॉलर की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित हुआ है, जिसमें परिष्कृत तकनीक, विभिन्न उपयोग के मामले और लाखों उपयोगकर्ता शामिल हैं। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से लेकर मेटावर्स, एनएफटी और डीएओ जैसी पूरी तरह से नई अर्थव्यवस्थाओं तक के महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। जिसका लाभ खासकर युवा भी उठा रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को यह भी आशंका है कि आगामी समय में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य में भारत में कैसा रहेगा।

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