इक्विटी शेयर के प्रकार

5 दिसंबर तक खुला है ओपन ऑफर
आंकड़े के मुताबिक, शेयरों के ट्रांसफर से अदानी समूह को एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी का नियंत्रण मिल इक्विटी शेयर के प्रकार जाएगा. डायवर्सिफाइड समूह भी मीडिया फर्म में 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए एक ओपन ऑफर लाया है. 22 नवंबर को शुरू हुए ओपन ऑफर में शेयरधारकों ने अब तक 53 लाख शेयर या 1.67 करोड़ शेयरों के निर्गम आकार का 31.78 फीसदी हिस्सा देखा है. ओपन ऑफर 5 दिसंबर को बंद होगा.
प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने NDTV के बोर्ड से दिया इस्तीफा, कंपनी ने नए डायरेक्टर भी कर लिए नियुक्त
By: ABP Live | Updated at : 30 Nov 2022 09:39 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
प्रणय रॉय (फोटो-ट्विटर)
Prannoy Roy Resign from NDTV: नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) के फाउंडर और डायरेक्टर प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा एनडीटीवी के नए बोर्ड ने मंजूर भी कर लिया है. एनडीटीवी के इक्विटी शेयर के प्रकार नए बोर्ड ने मंगलवार को प्रणय रॉय और राधिका रॉय के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरआरपीआर) के डायरेक्टर पद से इस्तीफे को मंजूरी दे दी. एनडीटीवी लिमिटेड इक्विटी शेयर के प्रकार ने कल स्टॉक एक्सचेंज को ये जानकारी दे दी है. अडानी ग्रुप की एनडीटीवी के अधिग्रहण के लिए ओपन ऑफर के बीच ये खबर आई है. इस्तीफे के बाद प्रणय रॉय और राधिका रॉय दोनों एनडीटीवी के मौजूदा और लंबे समय से प्रमोटर और मैनेजमेंट कंपनी से बाहर हो गए हैं.
स्मॉल कैप म्युचुअल फंड की लंबी अवधि में उच्च रिटर्न देने की प्रवृत्ति
भारत ने अतीत में कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का रास्ता अपनाने के बाद अब भविष्य में विकास की संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं और यही इसकी उभरती हुई भारतीय उद्यमिता को भुनाने का सही अवसर है। भारत का नया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी आशावादी दिखता है। भारत में स्मॉल कैप कंपनियों के विकास के लिए कई फैक्टर्स में बहुत उम्मीद भरे दिखाई देते हैं। स्मॉल कैप म्युचुअल फंड लंबी अवधि में उच्च रिटर्न देने की प्रवृत्ति रखते हैं, क्योंकि वे उन कंपनियों को एक्सपोजर प्रदान करते है, जो अपने अपने उद्योगों में संभावित मार्केट लीडर हैं। जिनमें इक्विटी शेयर के प्रकार वे काम करते हैं और वे जैसे जैसे बड़े होते हैं उनमें भविष्य में मिडकैप बनने की संभावना होती है। उनके बारे में लोगों को कम जानकारी होती है और आम तौर पर कम स्वामित्व वाले होते हैं। इस प्रकार वे उचित मूल्यांकन पर स्टॉक चुनने का अवसर प्रदान करते हैं।
Mutual funds: वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी निवेश का बेहतर साधन है म्यूचुअल फंड, पढ़ें काम की खबर
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद इक्विटी शेयर के प्रकार हैं। इन्हीं में एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
विस्तार
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया इक्विटी शेयर के प्रकार जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
महंगाई के असर से बचाने में मददगार
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
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एक नज़र, एनडीटीवी के अधिग्रहण पर।
० आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय) होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, जो एनडीटीवी की प्रमोटर फर्म थी, अपनी इक्विटी पूंजी का 99.5% अडानी समूह को स्थानांतरित करती है।
० इसके बाद, प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने, जिसके पास न्यूज चैनल में 29.18% हिस्सेदारी है, आरआरपीआर के निदेशक पद से इस्तीफा दे देते हैं।
० अडानी समूह, 22 नवंबर 2022 से 5 दिसंबर 2022 के बीच, NDTV में 26% हिस्सेदारी के लिए एक खुला ऑफर देता है। बहुसंख्यक शेयर हासिल करने के लिए कॉर्पोरेट को इसमें से सिर्फ 21.82% शेयरों की आवश्यकता है।
Income Tax: शेयर बेचकर करते हैं कमाई तो इतना चुकाना होगा टैक्स, डिबेंचर का नियम भी समझ लीजिए
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Sep 28, 2021 | 7:00 PM
शेयर बेचकर कमाई करते हैं तो आपको इनकम टैक्स का रूल जान लेना चाहिए. आपको समझ लेना चाहिए कि कमाई पर किस दर से कितना टैक्स चुकाना होता है. इससे आप टैक्स डिपार्टमेंट के पचड़े से आसानी से बच जाएंगे. सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस से होने वाली कमाई पर लगने वाले टैक्स को लेकर अधिकांश लोग वाकिफ होते हैं, लेकिन क्या शेयर पर दिए जाने वाले टैक्स की जानकारी है? अगर नहीं तो यहां जान सकते हैं कि शेयर बिक्री से होने वााली कमाई पर कितना टैक्स चुकाना होगा.
क्या है कैपिटल गेन का नियम
अगर इक्विटी शेयर किसी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो और उसे खऱीद के 12 महीने के भीतर बेचा जाए तो निवेशक के हाथ में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. हो सकता है यह शॉर्ट टर्म कैपिलट लॉस भी हो क्योंकि बेचने पर नफा या नुकसान दोनों ऑप्शन होते हैं. अगर निवेशक इक्विटी शेयर को खरीद कर 12 महीने बाद बेचता है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या घाटा होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस का नियम लगेगा.
साल 2018 के पहले इक्विटी शेयर की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में कोई टैक्स नहीं लगता था. लेकिन 2018 के बाद नियम बदल गया. अगर इक्विटी शेयर की बिक्री पर 1 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन होता है तो इस नफा पर 10 परसेंट के हिसाह से टैक्स लगेगा. मान लें कि अमन ने 30 सितंबर 2017 को 100 रुपये के शेयर खरीदे और 31 दिसंबर 2018 को 120 रुपये में बेच दिए. 31 जनवरी 2018 को इस स्टॉक की कीमत 210 रुपये थी. इस हिसाब से अमन को 20 रुपये (120-100) का कैपिटल गेन हुआ जिसमें से 10 रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. बाकी के 10 रुपये पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का टैक्स लगेगा क्योंकि 12 महीने बाद उसे बेचा गया है. यह टैक्स 10 परसेंट के हिसाब से होगा.
शॉर्ट टर्म पर कितना टैक्स
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 परसेंट का टैक्स लगता है. आप भले ही 10, 20 या 30 परसेंट के स्लैब में आते हों, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर स्पेशल रेट 15 परसेंट रखा गया है. शॉर्ट टर्म गेन को हटाकर इक्विटी शेयर के प्रकार आपकी कुल टैक्सेबल इनकम अगर 2.5 लाख से नीचे है तो इस कमी को शॉर्ट टर्म गेन के साथ भरपाई कर सकते हैं. बाकी बचे शॉर्ट टर्म गेन पर 15 परसेंट प्लस 4 परसेंट सेस के हिसाब से टैक्स इक्विटी शेयर के प्रकार देना होगा.
अगर इक्विटी शेयर की बिक्री पर शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस होता है तो नियम के मुताबिक उसे किसी भी कैपिटल एसेट के लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के साथ सेटऑफ कर सकते हैं. अगर लॉस पूरी तरह से सेटऑफ नहीं हो रहा तो उसे कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं. लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस में हुए घाटे के कैरी फॉरवर्ड करने का नियम है.