FTX टोकन क्या है?

Crypto Crash: क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट की क्या है वजह? जानिए
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.
Crypto Crash Reason: अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था. वर्ष 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है.
सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आयीं. इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किये जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं.
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कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी. इससे घबराये ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है. इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है.
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.
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लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं. लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा.
बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा. इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिये. ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है.
एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह चार डॉलर से भी नीचे आ गया है. सावधानी का सबक सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के 'परिसंपत्तियों' में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है.
कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है. क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है. आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान FTX टोकन क्या है? किये गए लाभांश पर आधारित होता है. रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है, जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है.
एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है. यहां तक कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है. लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है. वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं, जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं.
क्रिप्टो पर प्रभाव इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है. इस नयी घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का 'मूल्य' तीन लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था. अब तो यह और भी नीचे गिर गया है.
जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेजन जैसी कुछ कंपनियां ही FTX टोकन क्या है? दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों.
मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है. लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो 'क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है.
('द कंवरसेशन' में प्रकाशित इस लेख को जॉन हॉकिंस ने लिखा है, जो कैनबरा यूनिवर्सिटी के कैनबरा स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स एंड सोसाइटी में वरिष्ठ व्याख्याता हैं.)
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Cryptocurrency: ये हैं टॉप 5 क्रिप्टो एक्सचेंज टोकन, जिनका मार्केट में है सबसे बड़ा नाम
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Crypto Price Today: बिटकॉइन आया 19 हजार डॉलर के नीचे; XRP, Ethereum, Solana 11 फीसदी तक टूटे
Crypto Price Today: बुधवार को XRP 11 फीसदी तक लुढ़क गया जबकि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथेरियम (Ethereum), Solana और Polkadot में सात-सात फीसदी की टूट देखने को मिली. इसी तरह Cardano और पॉलीगॉन (Polygon) में भी छह-छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है और यह गिरकर 911.80 अरब डॉलर के नीचे आ गया है. पिछले 24 घंटों में इसमें पांच फीसदी से ज्यादा की टूट देखने को मिली है. हालांकि, टोटल ट्रेडिंग वॉल्यूम 16 फीसदी बढ़कर 94.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय
Liminal के फाउंडर महीन गुप्ता ने कहा कि पॉपुलर अल्टकॉइन्स के वैल्यू में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है क्योंकि एशियाई मार्केट में भारी बिकवाली की वजह से क्रिप्टो एसेट्स पर बिकवाली का दबाव देखने को मिला.
उन्होंने कहा, "डॉलर में मजबूती से दुनियाभर की करेंसी पर दबाव देखने को मिल रहा है और इंवेस्टर्स अधिक जोखिम वाले एसेट्स से शिफ्ट करके अपने पैसे सुरक्षित इंस्ट्रुमेंट्स में लगा रहे हैं और अनुकूल वक्त आने का इंतजार कर रहे हैं."
मंगलवार को क्रिप्टो मार्केट में दिखी थी रौनक
इससे पहले मंगलवार को क्रिप्टो मार्केट में तेजी देखने को मिली थी. काफी लंबे समय बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में रौनक देखने को मिला था. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी 20 हजार डॉलर के पार पहुंच गई थी. अब आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्रिप्टो मार्केट में किस FTX टोकन क्या है? तरह का कारोबार होता है.
'Cryptocurrency'
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही FTX की बर्बादी सामने आई, कई निवेशकों और वैलिडेटर्स ने ब्लॉकचेन से अपने Solana एसेट्स को हटाना शुरू कर दिया और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे टोकन में कीमत में इस तरह की जबरदस्त गिरावट आई।
स्टडी में कहा गया है कि प्राइसेज के बढ़ने पर रिटेल इनवेस्टर्स की ओर से बिटकॉइन में खरीदारी की जा रही थी, जबकि इसके व्हेल्स जैसे बड़े होल्डर्स बिकवाली कर प्रॉफिट कमा रहे थे
इस सप्ताह की शुरुआत में बड़ी संख्या में कस्टमर्स के अपनी रकम निकालने के बाद बहामास के इस एक्सचेंज ने बैंकरप्सी के लिए फाइलिंग की थी। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance ने इसे खरीदने की पहल की थी लेकिन बाद में वह पीछे हट गया था
FTX co-founder Sam Bankman-Fried: एफटीएक्स बिकने की खबर आने से पहले सैम बैंकमैन-फ्रायड की कुल संपत्ति 15.2 अरब डॉलर थी. रातोंरात उनकी संपत्ति 14.6 में अरब डॉलर की कमी आ गई.
डॉजकॉइन की आज की कीमत की बात करें तो टोकन में 6% की वृद्धि हुई है। भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार यह 7.13 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
Crypto एक्सचेंज BitMEX के पूर्व सीईओ ऑर्थर हेयस (Arthur Hayes) ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर तक नीचे जा सकती है।
Bitcoin भी मार्केट कैप के हिसाब से पिछले 24 घंटे में 12.7 प्रतिशत गिरा है। Ethereum की मार्केट कैप में 22.3%, XRP की मार्केट कैप में 19.3% और Dogecoin की मार्केट कैप में 21.6% की गिरावट देखने को मिली है।
यदि आप क्रिप्टो निवेशक हैं, तो आपको यह पता ही होगा कि किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत उसकी मार्केट कैप और टोकन सप्लाई के गणित द्वारा निर्धारित की जा सकती है।
Ether में पिछले सप्ताह तेजी रही थी। इसका प्राइस पिछले एक दिन में बिटकॉइन की तरह लगभग 0.08 प्रतिशत घटा है। भारतीय एक्सचेंजों पर इसके प्राइस में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह लगभग 1,655 डॉलर पर था
crypto एक्सचेंज बिनांस के मालिक ने ऐसी शातिर चाल चली कि FTX दिवालिया हो गया!
पिछले कई महीनों से तेजी से नीचे आ रहा Crypto का ग्लोबल बाजार पिछले दो दिनों से फ्री फॉल का शिकार हो गया है। इन दो दिनों में ज्यादातर crypto टोकन औंधे मुंह नीचे आ चुके हैं और अभी भी यह गिरावट जारी ही है।
इसकी प्रमुख वजह दुनिया के सबसे बड़े crypto एक्सचेंज बिनांस के मालिक द्वारा दुनिया के तीसरे सबसे बड़े crypto एक्सचेंज FTX को जबरन खरीदने के लिए चली गई बेहद शातिर चाल को माना जा रहा है। बिनांस के मालिक ने कुछ रोज पहले FTX के अपने पास मौजूद सारे टोकन बेचने की धमकी दी, जिनकी कीमत दो बिलियन डॉलर से ज्यादा थी। इसके बाद FTX का टोकन ऐसे गिरा कि न सिर्फ कई बिलियन डॉलर स्वाहा हो बल्कि FTX भी दिवालिया हो गया।
इसका फायदा उठाकर बिनांस के मालिक ने FTX को खरीदने का ऐलान कर दिया। जाहिर है वह इस लड़ाई में जीत तो गए मगर इससे पूरा crypto बाजार तहस नहस हो गया। FTX की कंगाली से एक और बड़ा टोकन सोलाना भी बुरी तरह धराशाई होने लगा क्योंकि FTX के कई बिलियन डॉलर की हैसियत वाले मालिक सैम के पास सोलाना और कई crypto की अरबों डॉलर की होल्डिंग है।
चूंकि सैम FTX के कंगाल होते ही अब अपनी अरबों की दौलत कुछ ही घंटों में गंवा कर बिलिएनर से मिलियेनार रह गए हैं। संभव है कि जल्द ही वह अपनी बची खुची दौलत से भी हाथ धो बैठेंगे। उनके चलते सोलाना, बिटकॉइन और इथर आदि भी बुरी तरह से नीचे आ रहे हैं।
बहरहाल, चीन मूल के कनाडाई खरबपति चांग पेंग झाओ CZ ने crypto बाजार में जो गंदा खेल खेला है, उसने हाल ही में हुए कोरियाई मूल के kwan द्वारा अपने लूना टोकन से किए अरबों डॉलर के घोटाले की याद दिला दी है।
हाल- फिलहाल में crypto बाजार को मिले इन दो झटकों से यह बाजार ट्रिलियन डॉलर से नीचे आकर कई सौ अरब डॉलर की चपत दुनिया के लाखों- करोड़ों लोगों को लगा चुका है। अब देखना यह है कि इस झटके से यह बाजार अभी कितना नीचे और जाता है और कब तक इससे यह उबर पाता है…।