करेंसी का विनियमन

केंद्रीय बैंक की बुकलेट में कहा गया है कि बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्राओं ने हाल के वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है. भारत में रेगुलेटरों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया करेंसी का विनियमन है और इससे उत्पन्न जोखिमों के बारे में आशंकित हैं. फिर भी, आरबीआई इनकी संभावना के बारे में पता लगा रहा है। नोट में इस बात का भी जिक्र किया गया है यदि देश में करेंसी के डिजिटल वर्जन की जरूरत है तो इसे कैसे चालू किया जा सकता है? गौरतलब है कि 2018 में जारी क्रिप्टोक्यूरेंसी से जुड़े भुगतानों के लिए बैंक चैनलों के उपयोग पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी के विनियमन पर सवाल खड़ा कर दिया था.
Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत में मिलेगा बढ़ावा! जानिए करेंसी का विनियमन डिजिटल करेंसी पर क्या है सरकार की योजना
नई दिल्ली। देश-दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज काफी बढ़ता जा रहा है। हालांकि बाजार में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। दुनियाभर के में जहां क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस करेंसी को लेकर भारत में माहौल गर्माया हुआ है। क्रिप्टो जैसे अनियमित बाजार में लगातार बढ़ते निवेश और निवेशकों की सुरक्षा को देखते हुए विनियमन को लेकर फैसला किया गया है। कहा जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही सरकार संसद में भी बिल पेश कर सकती है। हालांकि सरकार ने पहले ही क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। दरअसल शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने संसद में यह ऐलान कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को भारत में बढ़ावा देने की किसी तरह की कोई करेंसी का विनियमन योजना नहीं है।
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन, अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में सरकार
- News18Hindi
- Last Updated : January 30, 2021, 11:54 IST
नई दिल्ली. डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) के रूप में करेंसी का विनियमन करेंसी का विनियमन पूरी दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) की धूम है. लेकिन केंद्र सरकार देश में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध से संबंधित एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है, यानी सरकार इसी सत्र में करेंसी का विनियमन इस विधेयक को पारित कर हमेशा के लिए बिटकाॅइन को प्रतिबंधित कर देगी. वहीं सरकार रुपए की डिजिटल करेंसी भी लाने की तैयारी कर रही है.
कुछ समय से समाचारों में क्रिप्टो करेंसी के बारे में तेजी से सुनाई पड़ रहा है। हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री करेंसी का विनियमन ने सिडनी डायलॉग में सभी लोकतंत्रों से क्रिप्टो के करेंसी का विनियमन लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की है, ताकि वे गलत हाथों में पड़कर हमारे युवाओं को बर्बाद न करे। आरबीआई गवर्नर ने मैक्रोइकॉनॉमी और वित्तीय स्थिरता के लिए क्रिप्टो को संशय की दृष्टि से देखा है।
यदि सरकार के नजरिए से देखें, तो बिना किसी विनियमन के चलने वाली क्रिप्टो मुद्रा; मनी लॉड्रिंग, ड्रग तस्करी तथा आतंकवाद की फंडिंग जैसी अवैध गतिविधियों का माध्यम बन सकती है। दूसरी ओर, क्रिप्टो को मान्यता देने और विनियमन के द्वारा इसे एसेट वर्ग में लाकर ट्रेडिंग गतिविधि की मॉनिटरिंग, निवेशकों के लाभ पर कर लगाने, और पारदर्शिता के सिद्धांत लागू करने में सफल हो सकती है।
आरबीआई की संभावित आशंकाएं-
- आरबीआई में शामिल केंद्रीय बैंकों को सबसे अधिक डर यह है कि क्रिप्टो, उनकी मौद्रिक संप्रभुता को नष्ट कर सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध करेंसी का विनियमन लगाने जा रही है भारत सरकार (Cryptocurrency Ban in India)
भारत सरकार देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है। सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए एक विधेयक पेश करने जा रही है।
मुख्य बिंदु
मंगलवार को जारी एक लोकसभा बुलेटिन में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 (Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा।
RBI ने जुलाई में कहा था कि वह अपनी डिजिटल करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहा है। इसके बाद सरकार अपनी आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी/डिजिटल करेंसी लांच कर सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी के साथ चुनौतियां
- IMF के अनुसार, तेजी से विकास और क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बढ़ती लोकप्रियता से वित्तीय स्थिरता चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- ऐसी विकेन्द्रीकृत मुद्राएं अस्थिरता पैदा कर सकती हैं क्योंकि वे अत्यंत अस्थिर हैं। वे इक्विटी या कमोडिटी या विनिमय दरों की तुलना में बहुत अधिक अस्थिर हैं।
- डिजिटल मुद्रा की तुलना में इसकी लेनदेन लागत काफी महंगी है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के लेनदेन से पूंजी प्रवाह अस्थिर हो जाता है। यह क्रिप्टो संपत्ति के प्रावधान से कई परिचालन और वित्तीय अखंडता जोखिम भी पैदा करता है।
यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।
Cryptocurrencies bill: क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा, शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने की उम्मीद, नकेल कसने की तैयारी
Highlights सरकार के विधायी एजेंडे में कुल 29 विधेयकों में से एक है। आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है। कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं।
नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं, क्रिप्टोकरेंसी पर और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला विधेयक भी शामिल है।