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बाजार और बाजार

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आखिरकार उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने ग्रामीण हाट यानी ग्रामीण इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार की उपयोगिता को स्वीकारा है। इसका सबूत है कि राज्य सरकार ने गुरुवार को राज्य का 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस मद में एक बड़ी धन राशि की व्यवस्था की है। डाउन टू अर्थ हिन्दी ने इस संबंध में कई बार अपने आलेखों हाट बाजार के महत्व को इंगित किया है। अब जाकर राज्य सरकार ने भी इस ओर एक सकारात्मक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लग रहे 500 हाट-पैठ के विकास के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इस संबंध में देशभर के हाट बाजार पर शोध करने वाली कोलकत्तास्थित भारतीय सांख्यकीय संस्थान की शोधार्थी अदिति सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार की यह अच्छी पहल है। हालांकि अब भी इसमें गुंजाइश है कि इस मद पर अधिकाधिक खर्च किया जाए। क्यों कि वे कहती हैं कि ग्रामीण हाट के कामकाज के तौर-तरीके उन्हें सबसे बड़ा लोकतांत्रिक बाजार बनाते हैं।

Share Market Update Today: बाजार और बाजार हल्की बढ़त पर खुला बाजार, सेंसेक्स 40 अंक उछला, निफ्टी 18334 पर

Share Market Update Today: सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त पर खुला है। हालांकि कुछ समय में बाजार में गिरावट आ गई और दोनों इंडेक्स लाल निशान पर आ गए।

Viren Singh

Share Market Update Today

Share Market Update Today (सोशल मीडिया)

Share Market बाजार और बाजार Update Today: ग्लोबल मार्केट से मिले जुले संकेतों का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई पड़ा रहा है। बाजार आज दबाव में है। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार फ्लैट पर खुला (हल्की बढ़त) है। यह दूसरा कारोबारी दिन है, जब बाजार मामूली बढ़त पर खुला है। बाजार के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर खुले। सुबह 9.30 बजे BSE का सेंसेक्स 40. 94 अंक या 0.07 फीसदी की बढ़त के साथ 61,665.09 के स्तर पर खुला, जबकि NSE का निफ्टी 5.45 अंक या 0.03 फीसद की उछाल के साथ 18,334.60 पर जाकर खुला।

हालांकि खबर लिखे जाने तक बाजार में गिरावट आ गई है। सेंसेक्स 147 अंक और निफ्टी 39 अंक लुढ़क गया है और दोनों इंडेक्स लाल निशान पर आ गए हैं।

ऑटो इंडेक्स में तेजी

सुबह के कारोबार में शेयरों की खरीदारी में मिला जुला असर दिखाई दे रहा है। निफ्टी के प्रमुख इंडेक्सों में सबसे अधिक तेजी ऑटो इंडेक्स में रही है और यह 0.67 फीसदी मजबूत हुए हैं। बैंक, फार्मा, फाइनेंशियल इंडेक्सों में भी बढ़त है। यह सभी आधे फीसदी से अधिक मजबूत हुई हैं,जबकि आईटी और एफएमसीजी इंडेक्स में गिरावट आई है। इसमें सबसे अधिक गिरावट 0.77 फीसदी आईटी इंडेक्स में आई है। उसके बाद एफएमसीजी इंडेक्स 0.34 फीसदी टूटे हैं। रियल्टी इंडेक्स भी टूटे हैं, जबकि मीडिया इंडेक्स हरे निशान पर हैं।

टॉप गेनर्स व लूजर्स

टॉप गेनर्स की लिस्ट में ONGC, Hero MotoCorp, UltraTech Cem., ICICI Bank, Dr. Reddys, SBI और Divis Labs हैं। वहीं, टॉप लूजर्स की लिस्ट में Coal India Ltd, ITC, Tech Mahindra, TCS, Grasim Inds., HDFC Life और Sun Pharma कंपनियां है।

प्रमुख एशियाई बाजारों में रौनक

घरेलू बाजार में जहां दबाव बना हुआ है तो वहीं आज प्रमुख एशियाई बाजारों में खरीदारी है। SGX Nifty 0.32 फीसदी, निक्‍केई 0.12 फीसदी, स्‍ट्रेट टाइम्‍स 0.70 फीसदी और हैंगसेंग 1.97 फीसदी की बढ़त पर हैं। इसके अलावा ताइवान वेटेड 1.57 फीसदी की तेजी आई है,जबकि कोस्‍पी 0.08 फीसदी कमजोर साबित हुए हैं। वहीं, शंघाई कंपोजिट में 0.44 फीसदी तेजी आई है।

अमेरिकी बाजार गिरकर बंद

वहीं, अमेरिकी बाजारों में गिरावट आई है। सोमवार को Dow Jones 211 अंक गिरकर बंद हुआ है। S&P 500 इंडेक्‍स में 35.68 फीसदी कमजोरी के साथ 3,957.25 पर बंद हुआ है। जबकि Nasdaq 1 फीसदी की गिरावट पर बंद हुआ है।

सोमवार को ऐसा था बाजार का हाल

बीते सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुआ था। सोमवार को सेंसेक्‍स 171 अंकों की गिरावट रही है और यह 61,624 के लेवल पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 21 अंक लुढ़कर 18329 के स्तर पर बंद हुआ था।

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Credit: Vikas Choudhary/CSE

आखिरकार उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने ग्रामीण हाट यानी ग्रामीण इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार की उपयोगिता को स्वीकारा है। इसका सबूत है कि राज्य सरकार ने गुरुवार को राज्य का 2019-20 का बजट पेश करते हुए इस मद में एक बड़ी धन राशि की व्यवस्था की है। डाउन टू अर्थ हिन्दी ने इस संबंध में कई बार अपने आलेखों हाट बाजार के महत्व को इंगित किया है। अब जाकर राज्य सरकार ने भी इस ओर एक सकारात्मक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लग रहे 500 हाट-पैठ बाजार और बाजार बाजार और बाजार के विकास के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इस संबंध में देशभर के हाट बाजार पर शोध करने वाली कोलकत्तास्थित भारतीय सांख्यकीय संस्थान की शोधार्थी अदिति सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार की यह अच्छी पहल है। हालांकि अब भी इसमें गुंजाइश है कि इस मद पर अधिकाधिक खर्च किया जाए। क्यों कि वे कहती हैं कि ग्रामीण हाट के कामकाज के तौर-तरीके उन्हें सबसे बड़ा लोकतांत्रिक बाजार बनाते हैं।

छोटे उत्पादक भारत के 6 लाख से अधिक गांवों में 25 लाख बार अपनी दुकानें लगाते हैं। इन 62 फीसदी गांवों में 1,000 से कम की आबादी निवास करती है। इन गांवों में एक निश्चित जगह पर खुदरा दुकानें नहीं हैं। इस तरह ग्रामीणों के लिए खरीद-बिक्री के लिए एक ही जगह होती है ग्रामीण हाट। एक गांव का हाट वास्तव में स्थानीय पारिस्थितिकी पर निर्भर करता है और वहां की मौसमी उपज के साथ तालमेल बिठाता है और काम करता है।

वहीं पिछले दो दशकों से पूर्वांचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में युवाओं के स्वावलंबन कार्य में जुटे कैथी बाजार और बाजार गांव (वाराणासी) के सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभ पांडे कहते हैं कि गांव के बाजार खत्म नहीं हो सकते। कायदे से देखा जाए तो राज्य सरकार ने देर से ही सही लेकिन सही कदम उठाया है। हालांकि वे कहते हैं कि इस मद में और धन राशि खर्च किए जाने की जरूरत है। वे कहते हैं कि इसके पीछे एक कारण है कि पिछले दस-बारह सालों में हाट बाजार का तेजी से विस्तार हुआ है। वे उदाहरण देते हुए बताते हैं कि गाजीपुर के पास मोमनाबाद और वाराणसी के पास बड़ा गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार। कहने के लिए तो यहां सभी सामान मिलते हैं लेकिन यह बाजार पिछले एक दशक के दौरान अपनी मिर्ची व खीरे के लिए मशहूर हुआ है। अब हालत यह है कि यहां की मिर्ची कोलकाता तक जाती है। युवाओं के स्वालंबन कार्य में लखनऊ से सत्तर किलोमीटर दूर लालपुर गांव में काम कर रहे दो युवा गुड्डु और नीलकमल कहते हैं कि ये हाट वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वावलंबन की दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। क्योंकि छोटी जोत वाले किसान के पास इतना संसाधन और समय नहीं होता कि वह अपने खेत में अनाज के बीच ही बोई गई मुट्ठी भर सब्जियों को बेचने के लिए शहर जाए। ऐसे हालात में उसके लिए यह मुनासिब होता है कि हफ्ते में लगने वाले बाजार में वह कम मात्रा की अपनी सब्जी को बेच कर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर लेता है। गांव के बाजार हमारी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं।

ध्यान रहे कि बीते दिसंबर,2018 में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के हाट को ग्रामीण कृषि बाजार के रूप से उत्क्रमित करने का निर्णय लिया गया था। इसके अलावा भारत सरकार के वित्तीय वर्ष 2018-19 में 22000ग्रामीण हाटों को ग्रामीण एग्रीकल्चर मार्केट में उत्क्रमित करने के लिए जिले में आने वाले मुख्य ग्रामीण हाटों की विस्तृत रिपोर्ट मांगीगई थी। भारत सरकार के इस पत्र पर राज्य सरकार के उप सचिव ने केंद्र सरकार के बाजार और बाजार डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर कॉपरेशन एंड फैमेली वेलफेयर द्वारा उपलब्ध कराए गए ग्रामीण हाटों की सूची भेजी बाजार और बाजार है। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने प्रत्येक जिले से दो प्रमुख ग्रामीण हाट जहां सरकारी व सामुदायिक भूमि उपलब्ध हो तथा जहां बाजार के लिए आधारभूत संरचना की आवश्यकता है, सर्वेक्षण कर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

ध्यान रहे कि नियमित हाट का इतिहास अत्यंत प्राचीन बाजार और बाजार है जहां किसान और स्थानीय लोग एकत्र होकर व्यापार विनिमय करते हैं। यह कारोबारी ही नहीं समाचारों के संकलन, विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक क्रियाओं में एक-दूसरे को शामिल करने का मंच भी है। ये स्थल वाणिज्यिक क्रियाओं के साथ ही त्योहारी, एकता और सशक्तिकरण के प्रतीक होते हैं। ये बाजार भारत में जमीनी स्तर के फुटकर व्यापारियों का नेटवर्क होता है जिसे “हाट” कहा जाता है। भारत के ग्रामीण परिवेश की सबसे जमीनी विपणन प्रणाली का हिस्सा हाट हैं।

दिसंबर, 2014 के इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग शोधपत्र में मिदनापुर जिले के 27 ग्रामीण बाजारों का विस्तृत अध्ययन प्रकाशित किया है। इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि देश में फिलहाल 7 हजार के करीब ही नियमित बाजार हैं, जबकि देशभर में 42 हजार बाजार की जरूरत है। ग्रामीण हाट खुदरा उपभोक्ता बाजार का एक बड़ा हिस्सा है और शहरी बाजार के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। हाट ग्रामीण उपभोक्ता और वाणिज्यिक बाजार के बीच संपर्क की पहली कड़ी हैं। कारपोरेट घराने भी अपने विस्तार के लिए ग्रामीण हाट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ऐसी संभावना है कि शीघ्र ही अधिग्रहण का डर ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल जाएगा। जबकि योजना आयोग के अनुसार 21,000 ग्रामीण बाजारों को पंचायत और कृषि समितियों जैसे कृषि उत्पादों की देखभाल करने वाली संस्थाओं से मदद नहीं मिलती है, इसलिए ग्रामीण साप्ताहिक बाजार किसी भी बुनियादी ढांचे के बिना काम करते हैं।

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