मौलिक विश्लेषण क्या है

2 विषय प्रोग्राम्स में वित्तीय विश्लेषण में इज़्रेल 2023
जो वित्तीय विश्लेषण अध्ययन छात्रों व्यवहार्यता, स्थिरता और एक व्यापार, परियोजना या उद्यम के मुनाफे की जांच। सूचना वित्तीय वक्तव्यों और अन्य प्रमुख रिपोर्टों एक कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को मापने के लिए से हुई है।
इसराइल, इजरायल की आधिकारिक तौर पर राज्य, भूमध्य सागर के दक्षिण पूर्वी तट पर, मध्य पूर्व में एक संसदीय लोकतंत्र है. कब्जे वाले पूर्वी जेरूसलम शामिल है अगर सबसे अधिक आबादी वाला शहर मौलिक विश्लेषण क्या है मौलिक विश्लेषण क्या है इसराइल 'यरूशलेम देश है जबकि वित्तीय केंद्र, तेल अवीव है'.
यूरोप, अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, और यहाँ अधिकांश अन्य देशों में शीर्ष स्तर पर मान्यता प्राप्त है और किसी रैंक कॉलेजों, व्यावसायिक स्कूलों, स्नातक डिग्री के लिए विश्वविद्यालयों, मौलिक विश्लेषण क्या है का पता लगाएं! समय बचाने के लिए!
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तकनीकी विश्लेषण क्या है?
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण: मूल रूप से, वहाँ दो तरीकों से एक एक शेयर बाजार में विश्लेषण और कीमत के घटनाक्रम की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। जैसा कि इसके नाम इंगित करता है, मौलिक विधि मौलिक जानकारी भविष्य में आर्थिक विकास है, जो तब की उम्मीद कीमत विकास गणना करने के लिए प्रयोग किया जाता है भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग करता है। तकनीकी विधि केवल एक शेयर की कीमत और व्यापार की मात्रा का उपयोग करता है मूल्य के पूर्वानुमान को विकसित करने के। इसकी कार्यप्रणाली की वजह से, तकनीकी विश्लेषण खाते में सभी कारक है कि एक शेयर की कीमत को प्रभावित, क्योंकि ये हमेशा मूल्यों में शामिल हैं लेता है। यह इस प्रकार है कि तकनीकी विश्लेषक कोई परेशानी नहीं चुनने और मूल्यांकन जो कारकों एक शेयर के भविष्य के मूल्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं होना चाहिए। एक शेयर के मूल्य आर्थिक नीति से निर्धारित होता है या नहीं, व्यापार चक्र, कंपनी के कारोबार और लाभ इतिहास, भविष्य प्रतिस्पर्धी स्थिति, या कंपनी या उद्योग की दिशा में बाजार के मनोविज्ञान थोड़ा असर के सभी कर रहे हैं। मूल्य विकास की सही व्याख्या: तकनीकी विश्लेषक इन सभी कारकों के बारे में भूल जाते हैं और एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यह नहीं मौलिक विश्लेषण क्या है है, तथापि, संकेत करता है कि तकनीकी विश्लेषण एक आसान काम है।
यह क्यों काम करता है?
कारण यह तकनीकी विश्लेषण मॉडल बनाने के लिए संभव है कि बाजार एक तरह से जो पैटर्न बनाता है में स्वयं को दोहराता मौलिक विश्लेषण क्या है है। निवेशकों को मानसिक रूप से प्रभावित किया और पर एक ही गलती करते हैं कर रहे हैं। ये पैटर्न की पहचान की जा सकता है और systemised, या तो विशुद्ध दृश्य तरीकों या गणितीय और सांख्यिकीय मॉडल से।
तकनीकी विश्लेषण पर स्थापित सिद्धांत, 1993 के बाद से तकनीकी विश्लेषण के साथ लेखक का अनुभव के साथ संयुक्त, पता चलता है कि कुछ इस तरह के मॉडल जो दूसरों की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ता है और जो व्यावहारिक शेयर ट्रेडिंग में उपयोग करने के लिए आसान कर रहे हैं कि। इन चार मॉडल जैसा कि ऊपर उल्लेख कर रहे हैं, और हम उन्हें इस ऐप्लिकेशन में शेष लेख में फिर से मिलना होगा।
स्टॉक चुनने का सही तरीका क्या है?
इसके संदर्भ में, हम महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में समझतें हैं:
१. टॉप डाउन दृष्टिकोण
२. बॉटम-अप दृष्टिकोण
टॉप डाउन दृष्टिकोण
- निवेश की इस पद्धति में, निवेशक देखकर विश्लेषण शुरू करता है
- व्यक्तिगत स्टॉक पर काम करने से पहले आर्थिक नीति जैसे इन्फ्लेशन, अर्थशास्रीय विकास, आर्थिक विकास, जैसी व्यापक घटनाएं।
निवेशक बाजार में प्रचलित कारणों, घटनाओं की तलाश करता है और उस अवसर को समझने की कोशिश करता है जो उससे प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, द इलेक्शन इन इंडिया सबसे ज्यादा चर्चित घटना है। इसलिए, चुनाव वह घटना / विषय है जिसे निवेशक इस दृष्टिकोण से प्रभावित निवेश के अवसर को पकड़ने के लिए देखेंगे ।
अधिकांश टॉप-डाउन निवेशक मैक्रोइकॉनॉमिक निवेशक हैं, जो व्यक्तिगत इक्विटी मार्किट के बजाय बड़े चक्रीय रुझानों को भुनाने पर केंद्रित होते हैं।
इसका मतलब यह है कि उनकी रणनीति किसी भी प्रकार के मूल्य-आधारित निवेश की दृष्टिकोण की तुलना में अल्पकालिक लाभ को कमाने के लिए है, ना कि मुल्यवान कंपनियों को खोजने के लिए है।
बॉटम-अप दृष्टिकोण
निवेश की इस पद्धति में, निवेशक:
- व्यक्तिगत कंपनियों को देखकर और फिर उनकी खूबी और विशेषताओं के आधार पर एक पोर्टफोलियो का निर्माण करके उनका विश्लेषण शुरू करते है ।
- निवेशक इस तरीके के निवेश में सूक्ष्म आर्थिक कारणों पर ध्यान केंद्रित करता है।
- वे अपने स्टॉक चयन मापदंडो के आधार पर अपने शेयरों का चयन करते हैं जैसे कीमत से आय कई गुना, इक्विटी अनुपात में ऋण कम, नकद प्रवाह, प्रबंधन की गुणवत्ता आदि।
- निवेश निर्णय लेने से पहले उन स्टॉक पर उपलब्ध विश्लेषण रिपोर्टों और अन्य शोध पत्रों का मूल्यांकन करता है ।
- क्यूंकि व्यक्तिगत निवेशक अपना काफी समय निवेश के ऊपर शोध करने में मौलिक विश्लेषण क्या है व्यतीत करते है इसलिए वे अपने निवेश को लम्बे समय तक खरीद कर रखने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके निवेश को लाभ देने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन संकट प्रबंधन में अधिक प्रभावी हो सकता है और अंततः निवेश से होने वाले संकट की तुलना में ये बुनियादी शोधपूर्ण होने के कारण इसमें इतना खतरा नहीं होता ।
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निष्कर्ष
- सभी निवेशकों के लिए कोई एक दृष्टिकोण नहीं होता है
- टॉप-डाउन या बॉटम-अप निवेश के बीच का निर्णय काफी हद तक व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
- इन तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग करने की कुंजी सही मापदंडो की पहचान करना और व्यापक संदर्भ में स्टॉक का विश्लेषण करना है। यह आप StockEdge App की मदद से भी कर सकते है
- टॉप-डाउन निवेश मापदंड, मैक्रोज़ के चारों ओर घूमता है इसलिए इस बात को ध्यान में रखता है कि कौन सा क्षेत्र कौन से समय की अवधि में रिटर्न देगा। उदाहरण के लिए, फार्म सेक्टर के स्टॉक चक्रीय प्रकृति के होने के कारण मॉनसून के दौरान ही रिटर्न देते हैं।
- बॉटम-अप निवेश, किसी भी स्टॉक के सूक्ष्म अनुपात या वित्तीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं और इसलिए किसी भी मैक्रोज़ से प्रभावित नहीं होते हैं।
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5 मिनट में बनिए Market Expert, इस तरीके से आप खुद खोजें बेहतरीन शेयर. कमाएं पैसे!
रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 22 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 22 सितंबर 2022, 1:10 PM IST)
देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.
उन्हें कोई कह देता है कि ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस मौलिक विश्लेषण क्या है कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?
कैसे करें Stock Selection?
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दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर पाना है.
इसलिए दूसरे के कहने पर निवेश (Invest) करने से पहले आप खुद आसानी से अच्छे स्टॉक (Best Stock) का चयन कर सकते हैं. अच्छे स्टॉक में निवेश करने से भले ही शॉर्ट टर्म (Short Term) में बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर थोड़ा नीचे चला जाए और आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में नुकसान दिखे. लेकिन Long Term में हमेशा अच्छे स्टॉक में रिटर्न देने की क्षमता होती है.
खुद 5 मिनट में खंगाल सकते हैं खाता-बही
अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
आइए जानते हैं, एक स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के कारोबार में क्या देखें, ताकि आप तय कर पाएं कि इसमें निवेश करना है या नहीं. आप आसानी से कंपनी के कारोबार का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) कर सकते हैं. कंपनी छोटी है या बड़ी, आप चंद मिनट में उस कंपनी के खाता-बही को खंगाल सकते हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों में निवेश से जोखिम (Risk) कम होते हैं. कैसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स.
स्टेप-1: सबसे पहले कंपनी के रेवेन्यू को खंगालिए. देखें कि कंपनी सालाना कितना रेवेन्यू (Revenue) जेनरेट करती है. अगर साल-दर-साल कंपनी के कुल राजस्व (Total Revenue) में इजाफा हो रहा है तो फिर तो मान के चलिए कंपनी का कारोबार फल-फूल रहा है. अभी कंपनी एक पैमाने पर कंपनी खरी उतरी है.
स्टेप-2: अब इसके बाद कंपनी की Net Income पर नजर डालिए. अगर लगातार कंपनी की Net Income बढ़ रही है तो फिर इससे पता चल जाएगा कि कंपनी अपने सभी खर्चे को काटकर मुनाफे में चल रही है. अगर मोटा रेवेन्यू के बाद भी कंपनी की आमदनी नहीं बढ़ रही है तो फिर ऐसी कंपनी में निवेश से बचें.
स्टेप-3: उसके बाद जिस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की संपत्ति (Assets) को भी जरूर चेक करें. अगर साल-दर-साल कंपनी की संपत्ति (Total Assets) में इजाफा हो रहा है तो, इससे साफ है कि कंपनी अपने कारोबार को विस्तार दे रही है. इसके मौलिक विश्लेषण क्या है बाद देखें कि कंपनी पर कुल कितनी देनदारी (Total Liabilities) है.
अगर Total Assets से Total Liabilities कम है मौलिक विश्लेषण क्या है तो फिर ये कह सकते हैं कि संकट में कंपनी अपने असेट्स बेचकर निवेशकों को पैसा लौट सकती है. इसलिए हमेशा Liabilities से Assets अधिक होना चाहिए. कर्ज में डूबी कंपनी में कतई निवेश न करें. (Photo: Getty Images)